पुराने पत्र और दीपावली के एसएमएस

पुराने पत्र और दीपावली के एसएमएस


कुछ दिन पहले दीपावली के लिये घर की सफाई करते समय एक ऐसा थैला मिला जिसमें पुराने पत्रों को 

संभालकर रखा गया था। आज कल शायद किसी को विश्वास न आये लेकिन कुछ वर्ष पहले तक लोग एक दूसरे को पत्र लिख कर आपने हाल चाल बताया करते थे और आने वाले पत्रों का इंतजार किया करते थे। 

चिठ्ठी-पत्री में लोग अपनी समस्त भावनाओं को उड़ेल दिया करते थे। बड़ों को सम्मान, छोटों को प्यार इत्यादि
Old Letters
अनेक मीठी मीठी बाते लिखी होती थीं, जिन्हें घर के सभी सदस्य  बार बार पढ़ा करते थे। 

पुराने पत्रों के संभाल कर रखा जाता था। कहने की बात नहीं कि मैनें भी जब पुराने पत्रों का थैला खोला तो कुछ पुराने पत्रों को पढ़ने से अपने को न रोक पायी। पुराने पत्रों से मां-बाप, भाई-बहन, पुरानी सहेलियों की खट्टी मीठी बातें और याद ताजा हो गई। 

इन पत्रों में हमारी शादी से पहले के कुछ ऐसे पत्र भी थे जो मुझे मेरे पतिदेव ने लिखे थे और कुछ मेरे अपने द्वारा
Diwali
लिखे गये पत्र थे। सारा काम छोड़कर पहले सारे पत्र पढ़े गये। सचमुच कुछ ऐसा ही जादु था हाथ से लिखी गई चिठ्ठियों में। 
नई पीढ़ी तो अब इससे वंचित ही है।

दुसरी  और अब इस बार दीपावली पर पचासों एसएमएस (SMS) चले आ रहे हैं जो कुछ दिन तक मोबाइल में रहते हैं फिर मिटा दिये जाते हैं। 

आजकल की पीढ़ी प्रेम तो कर रही है लेकिन शायद ही कोई प्रेमपत्र लिखता हो। 

जमाना जल्दी का है तो फटाफट फोन कर के और एसएमएस के द्वारा हालचाल ले लिया जाता है। 

हम ने भी एसएमएस भेजे हैं अपने सभी रिश्तेदारों और पहचान वालों को, लेकिन मन में लगता है कि कहीं से कोई लंबा सा पत्र आ जाता जिसे बार बार पढ़ते। 

अब निश्चय किया है कि चाहे कुछ भी हो समय निकाल कर पहचान में और रिश्तेदारी में चिठ्ठी जरुर लिखा करेंगे।

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4 टिप्‍पणियां

  1. aacha hai manisha ji ......chiithi toh likhni hai chayenh .....

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  2. aaj kal kisi ke pass itna time nahi hai, lagta hai hum par technology bhari pad gayi hai......main bhi yahi sochta hun.

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  3. realy purane din yaad aa gaye wo chitthi me likhe hue words ko feel karna smyle karna ya kabhi narazgi zahir karna.
    realy lagta hai ki chitthi likhna band na ho silsila jari rahe un khubsurat yado ka

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  4. manisha ji agar hume waqt k sath chalna chahiye agar hum ye ni karenge to bohot pichad jayenge agar hum un sab chijo ko aaj bhi use karenge to wo chije uniq kaise hongi.......hme aapki bhavnao ki kadr karta hu lekin mera maanna hai waqt ya technology k sath hume chang hona chaiye........thanxxx mainisha ji



    vaibhav jaiswal
    faizabad (UTTAT PRADESH)

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