फ़रवरी 2011

विश्व कप शुरू – देश से मंहगाई और भ्रष्टाचार खत्म


भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका द्वारा मिल कर आयोजित किये जाने वाले क्रिकेट विश्व कप का उद्घाटन हो चुका है और आज भारत का मैच बांग्लादेश के साथ है। 

पिछले कुछ समय से समाचार पत्रों और टीवी समाचार चैनलों द्वारा क्रिकेट विश्व कप के लिये हवा बनाई जा रही है, हालांकि जनता में कुछ ज्यादा उत्साह इस विश्व कप को लेकर नहीं दिख रहा है। 

आम जनता तो इस समय जबर्दस्त मंहगाई और भ्रष्टाचार से पीडि़त है। 

ऐसे समय में क्रिकेट विश्व कप  और उसके तुरंत बाद होने वाला आईपीएल क्रिकेट कप सरकार के लिये कुछ राहत लेकर आयेगा क्योंकि अब अखबारों और टीवी समाचार चैनलों पर जबर्दस्ती क्रिकेट से संबंधित समाचार और बाते बताई व दिखाई जायेंगी और न चाहते हुये भी जनता भी विश्व कप क्रिकेट के रंग जायेगी और कुछ समय के लिये देश में मंहगाई और भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं रह जायेगा। 

सरकारों को बैठे बैठाये आराम मिलेगा।

Manisha शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

तालीबान और नक्सलियों में समानता है


उड़ीसा के मलकानगिरी जिले के जिला कलेक्टर और एक इंजीनियर के अपहरण के बाद ये बात फिर से जाहिर हो गई कि भारत आंतरिक सुरक्षा के बहुत बड़े खतरे का समना कर रहा है। 

कई बार पहले जब भी माओवादी नक्सलियो द्वारा जब भी कई बड़ी वारदाते की गई हैं, तब सरकार ने हमेशा कहा कि नक्सलियों को मुकाबला किया जायेगा लेकिन फिर भुला दिया जाता है।  

नक्सलियों की अपनी एक विचारधारा है जिसको लागू करने के लिये वो कुछ भी करने के लिये तैयार रहते हैं। उ

धर पाकिस्तान में नक्सलियों के ही समान अपनी विचारधारा को थोपने के लिये तालीबान तमाम तरह के अपराध कर रहा है। दोनो ही तरह के संगठनों मे कई प्रकार की समानताये हैं :- तालीबान और नक्सलियों में समानता है
  1. नक्सली और तालीबानी दोनो ही अपनी विचारधारा को सबसे बड़ा मानते हैं।
  2. अपनी बातों को मनवाने के लिये नक्सली और तालीबानी लोगों की जान ले लेते हैं, अपहरण करते हैं, विकास कार्यों को रुकवाते हैं, हमले करते हैं और विरोधियों को खत्म करने मं यकीन रखते हैं।
  3. दोनो का ही प्रभाव काफी बड़े इलाकों में फैल गया है।
  4. दोनों ही प्रकार के संगठन लोकतंत्र को खत्म करने वाले हैं, अगर ये सत्ता में आ गये तो एक ही तरह की बात मानी जाती है। लोकतंत्र हमेश के लिये खत्म।
  5. दोनों ही तरह के संगठनों को अपने अपने देशों के प्रभावशाली लोगों का समर्थन प्राप्त है जो इनके समर्थन में आवाज उठाते रहते हैं।
  6. भारत और पाकिस्तान दोनों ही तरफ की सरकारें इन को समाप्त करने और इनसे लड़ने की बातें तो करती हैं, पर कुछ करती नहीं हैं।
  7. बड़े-ब़ड़े नेताओं के इन संगठनो के साथ संबंध हैं।
  8. दोनो प्रकार के संगठन दहशत फैला कर अपना प्रभाव बढ़ाते हैं।
उचित यही होगा कि भारत के लोग और सरकार समय रहते चेत जायें और इस तरह के सशस्त्र संगठनो का दमन करें।

Manisha