मई 2016

स्मार्ट ट्रैवलर कैसे बनें?


गर्मियों का मौसम है और बच्चों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। 
स्मार्ट ट्रैवलर कैसे बनें?

जब से भारत में औसत आय में बढ़ोतरी हुई है और
विभिन्न वेबसाइटों द्वारा ऑनलाइन होटल और रेल या हवाई यात्रा बुक करने की सुविधा हुई है, भारत में पर्यटन को जबर्दस्त बढ़ावा मिला है। 

भारतीय अब अधिक यात्रायें करने लगे हैंं। ऐसे में स्वाभाविक है कि गर्मियों की इन छुट्टियों में लोग कहीं न कहीं घूमने का कार्यक्रम बना ही रहे होंगे। 

लेकिन घूमनें का कार्यक्रम बनाने के लिये कई बातों का ध्यान रख कर आप  स्मार्ट ट्रैवलर बन सकते हैं।  


स्मार्ट ट्रैवलर बनने के लिये प्रमुख रूप से इन बातों का  ध्यान रखें : 
  • पहले से ही रेल या हवाई यात्रा और होटल को बुक करें -  पहले से आरक्षण कराने से आपको पैसे की भी बचत होगी और यात्रा में किसी प्रकार की परेशानी भी नहीं होगी। 
  • कम सामान पैक करें -  अगर आप ज्यादा समान ले जा सकते हैं तो ठीक है, पर कम सामान ही ले जाना बेहतर है। आपको कोशिश ये करनी चाहिये कि सामान आधा और धन दुगना लेकर यात्रा करें। दूसरी जगह पर कुछ सामान खरीद पर कुछ नया किया जा सकता है। आजकल शॉपिंग भी यात्राओं का जरुरी भाग है।    
  • स्लीप मास्क और ईयर प्लग रखें -  ये खास तौर पर हवाई जहाज, रेल या आपके होटल के कमरे में काम आ सकते हैं।  
  • सूटकेस का आदर्श उपयोग करें -  कपड़ों को को तह करके रखने के बजाय लपेट कर रखें। मोजे और अंडरवियर इत्यादि को जूतों के अंदर रखा जा सकता है। कोई भी जगह खाली न छोड़ें।  
  • एक शॉल रखें -  यह हवाई जहाज, रेल या फिर शाम को घूमते समय में आपको हल्की ठंड से बचाने में काम आ सकता है। सामान में रखने में भी हल्का होता है और कम जगह घेरता है।  
  • बैग रखें - किचन में सेैडविच रखने वाल छोटा लिफाफा और अन्य प्रकार के कई छोटे छोटे बैगआपकी यात्रा का कुछ सामान रखने में काम आ सकते हैं। इनको किसी भी बैग में रखा जा सकता है। जूते और गंदे कपड़े इत्यादि भी इन्हीं प्रकार के बैगों में रखे जा सकते हैं।   
  • हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से खाने का समान न खरीदकर अपना खाने का सामान लेकर जायें -  आप अपने पैसे को इस प्रकार बचा सकते हैं और साथ ही साथ अगर रेल या हवाई जहाज के देर से चलने की स्थिति में ये खाना का सामान आपके काम आ सकता है।
  • सामान को अलग अलग पैक में रखें - अगर आप यात्रा में एक से अधिक शहरों में जा रहे हों तो सामान को अलग अलग इस प्रकार पैक करें कि आप को अलग अलग शहरों में सामान एक ही पैक में मिल जाये और आप को सारा सामान ऊपर नीचे न करना पड़े और कई बार पैकिंग न करनी पड़े।  साथ ही अगर आप दो या अधिक लोग जा रहे हैं तो सामान को एक दूसरे के सामान के साथ साझा कर सकते हैं इससे अगर कोई बैंग खो जाये तो आपका कुछ सामान दूसरे के बैग में मिल जायेगा।    
  • कई पोर्ट वाला एक्सटेंन्शन यूएसबी और बिजली का बोर्ड लेकर चलें अपने मोबाइल, टैबलेट और कैमरा के लिये कई पोर्ट वाला एक्सटेंन्शन य़ूएसबी और बिजली का बोर्ड लेकर चलें। ये तो आजकल के डिजिटल जीवन में तो सबसे आवश्यक है। इसके अलावा अगर हो सके तो अतिरिक्त बैटरी और डाटा कार्ड भी रखें।   
  • घर छोड़ने से पहले अपने कागजातों की फोटोकॉपी करें - अगर आप विदेश में जा रहें हैं तो अपने पासपोर्ट की दो फोटोकॉपी  करके रख लें। इसमें से एक कॉपी हमेशा अपने पास रखें।
  • पुराना सामान वहीं छोड़े - अपने पुराने टी-शर्ट, अंडरवीयर, मोजे और इसी तरह की छोड़ने लायक पुरानी वस्तुओं को पहनने के बाद उसी जगह पर अगर आप छोड़ कर आयेंगे तो एक तो पुराने पहनने वाले कपड़ों से छुटकारा पायेंगे साथ ही साथ आपके बैग का वजन भी कम हो जायेगा। 
तो सोचना क्या? ऊपर लिखी बातों पर अमल करें और अपनी यात्री की तैयारी करें और स्मार्ट ट्रैवलर बनें।

Manisha मंगलवार, 31 मई 2016

बचपन की ये लाइन्स याद कीजिये


Bachpan ki Lines बचपन कि ये लाइन्स

बचपन की ये लाइन्स.
जिन्हे हम दिल से गाते
गुनगुनाते थे...
और खेल खेलते थे ..!!
तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!


▶  मछली जल की रानी है,
       जीवन उसका पानी है।
       हाथ लगाओ डर जायेगी
       बाहर निकालो मर जायेगी।

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▶  पोशम्पा भाई पोशम्पा,
       सौ रुपये की घडी चुराई।
       अब तो जेल मे जाना पडेगा,
       जेल की रोटी खानी पडेगी,
       जेल का पानी पीना पडेगा।
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▶  आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
       बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
       बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
       मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।
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▶  आज सोमवार है,
       चूहे को बुखार है।
       चूहा गया डाक्टर के पास,
       डाक्टर ने लगायी सुई,
       चूहा बोला उईईईईई।
**********
▶  झूठ बोलना पाप है,
       नदी किनारे सांप है।
       काली माई आयेगी,
       तुमको उठा ले जायेगी।
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▶  चन्दा मामा दूर के,
       पूए पकाये भूर के।
       आप खाएं थाली मे,
       मुन्ने को दे प्याली में।
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▶  तितली उड़ी,
       बस मे चढी।
       सीट ना मिली,
       तो रोने लगी।
       ड्राईवर बोला,
       आजा मेरे पास,
       तितली बोली ” हट बदमाश “।
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▶  मोटू सेठ,
       पलंग पर लेट ,
       गाडी आई,
       फट गया पेट
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Manisha शनिवार, 28 मई 2016

लू लगने से मृत्यु क्यों होती है?


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देश में इन गर्मियों में तापमान औसत रुप से 45 डिग्री के आस पास पहुंच गया है और कई हिस्सों में में तो 47 से 51 डिग्री तक तापमान है। रोजाना तापमान के उच्चतम रिकार्ड बन रहे हैं।  

जोधपुर के फलोदी में तापमान 51 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि देश में 1951 के बाद सबसे ज्यादा है।  

इस भयंकर गर्मी में जबर्दस्त लू चल रही है और दिल्ली से आंध्रप्रदेश तक सैकड़ो लोग लू लगने से मर रहे हैं। 

मौसम विभाग ने लोगों को सचेत करते हुये ऑरेंज एलर्ट जारी किया है और सुबह 11 बजे से दोपहर के बाद 3 बजे तक बाहर धूप में बहुत जरुरी होने पर ही बाहर सावधानी से निकलने की सलाह दी है।

हम सभी धूप में घूमते हैं फिर कुछ लोगो की ही धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है? 

आइये देखें
  • हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है।
  • पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है।
  • पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है।( बंद कर देता है )
  • जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है।
  • शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है I( जैसे उबलते पानी में अंडा पकता है )
  • स्नायु कड़क होने लगते है इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं।
  • शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन ) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
  • व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक- एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु हो जाती है।


लू से बचने के लिये क्या करें? 


  • गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोडा थोडा पानी पीते रहना चाहिए, और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए।
  • कृपया 12 से 3 बजे के बीच ज्यादा से ज्यादा घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें।
  • कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें।
  • किसी भी अवस्था मे कम से कम 3 ली. पानी जरूर पियें। किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 ली. पानी जरूर लें।
  • जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें। किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है।
  • ठंडे पानी से नहाएं।
  • मांस का प्रयोग छोड़ें |
  • फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें।
  • एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थिति है।
  • शयन कक्ष और अन्य कमरों मे 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है।
  • अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें।

हीट वेव (लू) कोई मजाक नही है। बचाव में ही सावधानी है। कुछ दिन धूप में बाहर न निकलें।

Manisha शुक्रवार, 20 मई 2016

अपने बैंक से परेशान होने पर बैंकिंग लोकपाल योजना में शिकायत कीजिये


बैंकिंग  लोकपाल योजना
आम तौर पर हम भारतीयों की सरकार और सरकारी संस्थाओं से कोई खास उम्मीद नहीं होती है। 

इसी लिये सरकारी क्षेत्र के बैंकों में आम भारतीय अपना खाता खोल ले ये ही बड़ी बात होती थी और है, बाकि अच्छी सेवा उसे मिले और उसके भी कुछ अधिकार हैं, इसके बारे में कोई उम्मीद कोई नहीं रखता था।  

पिछली सदी के 90 के दशक के आरम्भ में भारतीय बैंको को प्रतियोगित्मक बनाया गया और भरत में कई विदेशी और निजी बैंकों ने अपनी सेवा  आरम्भ की। इन बैंकों ने अपनी विभिन्न नई प्रकार की सेवाओं और उत्पादों से ग्राहकों को तेजी से अपनी ओर खींचा।  

सरकारी क्षेत्र के बैंक अभी भी नहीं चेते और उनकी सेवाओं की हालत अभी भी खस्ता ही है, पर कुछ सुधार शुरू हुआ है।

ऐसे में ग्राहकों को बैंको द्वारा अच्छी सेवा न दी जाने की स्थिति में कोई शिकायत होने पर ग्राहक कहां जाये? क्या करे?   ये एक बड़ा सवाल था।   

बैक ग्राहकों को शिकायत  के लिये एक मंच देने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग  लोकपाल योजना लागू की है। 

इस योजना मे अगर आपको अपने बैंक में बैंकिंग  लेन-देन और कारोबार के बारे  में कोई शिकायत है या आप बैंकिंग सेवाओं में कोई कमी महसूस करते हैं, जैसे कि
  • लिखित आश्वासनो को पूरा न करना
  • वित्तीय उत्पादों/सेवाओं के विक्रय के समय बैंक द्वारा प्रमुख शर्तों को उजागर न करना
  • बैंकिंग सेवाओं और अन्य वित्तीय उत्पादों से संबंधित प्रभारों और शर्तों को स्पष्ट रुप से न बताना
  • भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों का पालन ल करना
  • ग्राहकों के प्रति बैं की प्रतिबद्धता संबंधी संहिता, जैसे कि भारतीय बैंकिंग संहिता और मानक बोर्ड द्वारा जारी की गई है, का पालन न करना
तो कृपया अपनी शिकायत के निवारण के लिये पहले अपनें बैंक से सम्पर्क करें, यदि एक महीने में आपकी शिकायत का निवारण नहीं होता या आप बैंक से प्राप्त जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप अपने बैंक के लिये भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त किये गये बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं। वे आपकी शिकायत के निवारण में सहायता करेंगे।  


बैंकिंग लोकपाल को  आप डाक/फैक्स द्वारा लिखित शिकायत करें। बैंकिंग लोकपाल को शिकायत करने में कुछ भी खर्चा नहीं करना पड़ता है।

ध्यान रहे कि बैंकिंग लोकपाल को शिकायत करते समय अपनी शिकायत से संबंधित ये बातें अवश्य बतायें - 

  1. नाम, पता, मोबाइल ऩंबर और ईमेल आईडी
  2. जिस बैंक के बारे में शिकायत है उसकी शाखा /  कार्यालय का नाम और पता
  3. पूरी शिकायत का विवरण
  4. इसके कारण हुये नुकसान का स्वरूप और इसकी मात्रा।

बैंकिंग लोकपाल के बारे में और जानने के लिये http://www.bankingombudsman.rbi.org.in पर अंग्रेजी  में जानकारी के लिये और https://www.rbi.org.in/commonman/Hindi/scripts/againstbank.aspx पर हिंदी में जानकारी के लिये जायें और अगर किसी बैक से कोई शिकायत हो तो इस पर जा कर अपनी शिकायत इलेक्ट्रानिक रुप से दर्ज कर सकते हैं।

Manisha सोमवार, 9 मई 2016

एक दिन में छह पैग शराब से जा सकती है जान


Sharab ke Peg
पहले भी हमने कई बार यहां इस ब्लॉग पर लिखा है कि कैसे भारत में  शराब का जबर्दस्त प्रभाव चल रहा है।  

गली गली में शराब की दुकानें और मयखाने खुल गये हैं। 


लेकिन क्या मजाल कि कोई शराब के दुष्प्रभाव के बारे ंमें कुछ बोले, इस पर चर्चा करे। अब तो हालत ये है कि शराब पीने में महिलायें भी पुरूषों की बराबरी कर रही हैं।  


बेचारे गांधीजी और कांग्रेस ने आजादी के आन्दोलन के समय शराब के खिलाफ कितना प्रचार किया, लोगों ने उसको माना भी और शराब छोड़ी भी। लेकिन अफसोस कि आजादी के बाद भारत में शराब का प्रचार और प्रसार बढ़ता ही जा रहा है। 

लोग शराब पीना शान की बात समझते हैं। शादी ब्याह पार्टी बिना शराब के पार्टी नहीं मानी जाती है। सरकार भी शराबियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखती है

खैर जब अब शराब की अति हो गई है, तो कुछ लोगों को ध्यान आया और अब चार राज्यों - गुजरात, केरल, बिहार और नागालैंड में शराबबंदी की गई है।  

और अब तो एक नया अध्ययन जो कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स द्वारा किया गया में सामने आया है जिसमें बताया गया है कि अगर आप रोजाना 6 पैग शराब पीते हैं तो आपकी जान भी जा सकती है। 

इसमें यह बात निकलकर सामने आई कि यह धारणा बिल्कुल गलत है कि कम मात्रा में शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

इसे एम्स के डॉक्टरों ने सिरे से खारिज कर दिया और बताया है कि शराब के सेवन से 200 तरह की बीमारियां होती हैं। जिन्हें पीने की लत हो उनके लिए तो शराब खतरनाक है ही, लेकिन जिन्हें पीने की लत नहीं है और किसी के बहकावे में आकर कभी-कभार इसका सेवन करते हैं उनके लिए ज्यादा घातक है। 

ऐसे लोग यदि साल में कभी एक बार शराब पीएं और एक ही दिन छह पैग या उससे ज्यादा ले लें तो मौके पर ही मौत हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं और ऐसे कई मामले देखे भी गए हैं।

एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके खंडेलवाल ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि पहले के मुकाबले अब कम उम्र में शराब पीने की लगत बढ़ रही है। अब शहरों में 13 से 14 साल की उम्र में बच्चे शराब पीना शुरू कर देते हैं। सड़कों पर जीवन गुजारने वाले बच्चे 11-12 साल की अवस्था में शराब पीने लगते हैं। 

यूरोपीय देशों में इसका सेवन घट रहा है जबकि भारत में शराब का सेवन बढ़ रहा है। यह चिंताजनक स्थिति है क्योंकि शराब मस्तिष्क से लेकर शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है। इसके सेवन से 200 तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। इससे मस्तिष्क की सोचने समझने की शक्ति प्रभावित होती है और याददाश्त कमजोर होती है। 

एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके आचार्या ने कहा कि लिवर की बीमारियों से पीड़ित करीब 50 फीसद मरीज शराब के सेवन के चलते बीमार पड़ते हैं।

Manisha सोमवार, 2 मई 2016

नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को केंद्र सरकार पूरी तरह से ऑनलाइन करेगी


हाल के दिनों में मोदी सरकार ने  रोजगार से संबंधित खास कर सरकारी नौकरियों से संबंधित कई फैसले लिये हैं।
Online Government Recruitment
   
पहले लिये गये एक आदेश के अनुसार विकलांगों के लिये केन्द्र सरकार के सभी विभागों और उपक्रमों में विेशेष भर्ती अभियान चलाया गया, इसके बाद सरकार ने निश्चय किया कि अधिकारी स्तर की नौकरियों को छोड़कर बाकी सभी पदों की भर्ती के लिये कोई साक्षात्कार (इंटरव्यूह) नहीं लिया जायेगा, केवल परीक्षा परिणाम से ही भर्ती होगी।   


और फिर नया समाचार आया कि नौसेना में अब महिलाओंं स्थायी कमीशन दिया जायेगा तथा महिलाओं को भी नौसेना के लड़ाकू पोतों पर तैनात किया जायेगा।

सबसे सुखद समाचार यह था कि आने वाले दो वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार करीब दो लाख नये सरकारी पद सृजित करेगी

अब नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को केंद्र सरकार पूरी तरह से ऑनलाइन करने की योजना पर विचार कर रही है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया प्रोग्राम पर आधारित है। पहले हमने बताया था कि  सरकारी नौकरियों में  ऑनलाईन फार्म भरने शुरु हुये हैं, और बहुत कुछ होना बाकि है तभी उम्मीदवारों को वास्तविक फायदा होगा।

इस योजना के अनुसार सरकारी वैकेंसी को एक ही पोर्टल पर रखा जाएगा और वहीं से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। 

इसको क्रियान्वित होने के बाद सरकारी नोकरियों के आवेदकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने और जल्दी वेरिफिकेशन कराने के लिये रिश्वत देने के लिये बाध्य नहीं होना पड़ेगा साथ ही साथ बेवजह भटकना नहीं पड़ेगा। उम्मीदवारों को नौकरी के लिए आवेदन करने से लेकर ज्वॉइनिंग करने तक किसी सरकारी अधिकारी की जरूरत नहीं होगी.

आवेदन पत्र पर उम्मीदवारों को प्रत्यक्ष हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे ई-साइन (e-sign) की मदद से अपना हस्ताक्षर कर सकेंगे। वहीं सरकारी पेमेंट पोर्टल की मदद से परीक्षा शुल्क का ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे।

हां, उम्मीदवारों के अनिवार्य रुप से आधार नंबर और कार्ड लेना पड़ेगा, उसी की मदद से सरकार उम्मीदवारो की पहचान कर पायेगी और कई प्रकार के पहचान के झंझटो को दूर किया जा सकेगा।

दरअसल पिछले साल भारत सरकार ने कई विषयों पर नये सुझावों व उन्हें कारगार रुप से लागू करने के लिये विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के कई समूह बनाये थे जिसमें से एक समूह रोजगार से संबंधित था। इसी समूह ने भर्ती प्रक्रिया को ऑनलाईन करने की सिफारिश की है जिस पर सरकार विचार कर रही है।

इसके अलावा उम्मीदवारो को इसमें प्रमाणपत्रों की मूल या फोटोकॉपी भी देने की जरुरत नहीं रह जायेगी। वे अपने सर्टिफिकेट डिजिटल लॉकर में अपलोड कर सकेंगे जहां से जरूरत पड़ने पर सरकार को ये दस्तावेज ऑनलाईन मिल जायेंगे। इससे सारी प्रक्रिया स्वचालित हो जायेगी।

सबसे आखिर में पुलिस सत्यापन का काम होता है जिसके लिये अधिकांश उम्मीदवारों को पुलिस कर्मियों को घूस खिलानी पड़ती है। इससे बचने के लिये उम्मीदवारो को स्वघोषित शपथ पत्र देना पड़ेगा।

इसमे उम्मीदवारों को बताना होगा कि उनका कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है। इससे उनको तात्कालिक रुप से ज्वाइनिंग मिल जायेगी और उसे स्थायी तभी किया जायेगा जब पुलिस सत्यापन हो जायेगा।

Manisha रविवार, 1 मई 2016