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अपने घर में दो महीने का राशन हर समय रखना चाहिये


हरियाणा राज्य में जाटों के आरक्षण के चलते लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है। कई सरकारी इमारतों और संपत्तियों को जला दिया गया हैं। शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और गांवो तक जाने के रास्ते भी बंद हो गये। इस हिंसा मे 12 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और सैकड़ो लोग घायल हुये हैं।

Unrest दंगा


हालांकि  अब सरकार ने जाट आंदोलनकारियों की मांगे मान ली हैं और हरियाणा के जाटों को आरक्षण मिलना अब तय है।

मेरा यहां पर ये सब बताने का उद्देश्य अलग हैं। मैं यह बताना चहती हुं कि भारत के किसी भी हिस्से में कहीं भी कभी भी ऐसा परिस्थिति आ सकती है जिसमें आप को कई दिनों तक घर में बंद रहना पड़े और आपको  सामान्य जीवन बिताने के लिये काम आने वाली वस्तुओं की किल्लत झेलनी पड़े। 

इसके लिये मेरे विचार में अपने घर में कम से कम दो महीने का राशन हर समय रखना चाहिये। पता नहीं कब किस कारण से सामान मिलना बंद हो जाये।

याद कीजिये इस से पहले चेन्नई में अचानक बाढ़ के कारण लोगों के कितनी परेशानी उठानी पड़ी थी। श्रीनगर (कश्मीर) और मुंबई में भी ऐसा हो चुका है।  

कब किस कारण से एकदम से कब बाजार से क्या गायब हो जाये कुछ कह नहीं सकते।

पहले जमाने में घर बड़े होते थे और सामान रखने के जगह होती थी, साथ ही साथ भारत का राजनीतिक वातावरण अस्थिर और अराजक था, इसलिये लोग घर में काफी सारा राशन इत्यादि घर में रखते थे कि पता नहीं कब परेशानी आ जाये। 

अब लोग छोटे घर और फ्लैटों में रहते हैं जिनमें ज्यादा सामान रखने की जगह नहीं होती है। 

इसके अलावा बाजार में पैकिंग मे सब सामान भी उपलब्ध रहता है इसलिये लोग बाग अपना घर में ज्यादा सामान नहीं रखते हैं। 

लेकिन अब जिस तरह का वातावरण हरियाण में बना और चेन्नई में हुआ उसको देखते हुये समझदारी इसी में है कि लोग अपने घर में लंबे समय के हिसाब से राशन रखें। कुछ नहीं तो दाल और चावल तो ज्यादा मात्रा में रखा ही जा सकता है।

संपादन - 1 (मई 2020)

अभी पूरे भारत में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन कर दिया गया है और इस की वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। गरीब लोगों को खाने के लाले पड़ गये हैं। 

ऐसे में मेरी पहले से ऊपर लिखी बात को बल मिलता है कि अगर सब कुछ छोड़ कर सबसे पहले अपने घर में खाने का राशन रखा हो तो तमाम विपरीत परिस्थितियां आराम से काटी जा सकती हैं।

Manisha सोमवार, 22 फ़रवरी 2016