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सरकारी भर्ती परीक्षाओं के अंको को निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जायेगा


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के
सरकारी भर्ती परीक्षाओॆ के अंको को निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जायेगा
नंबरों को निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जायेगा ताकि वह भी अपनी पसंद के लोगो की भर्ती कर सकें। 

श्री मोदी ने कहा "सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करते हैं। अभी तक इन परीक्षाओं में प्राप्तांकों को सरकार अपने पास रखती आई है। 

अब से हम इन परीक्षाओं के अंको को सभी नयोक्ताओं को उपलब्ध करायेंगे लेकिन यह काम केवल उन्हीं उम्मीदवारों के मामले में होगा जहां उनकी सहमति होगी। इससे सकारात्मक बाहरी वातावरण बनेगा।"

मेरे विचार में ये एक बहुत ही अच्छा कदम है जिससे सभी प्रकार के नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की योग्यता का पैमाना समान हो जायेगा और निजी क्षेत्र को भी उम्मीदवारों को छाटनें में आसानी रहेगी।

प्रधान मंत्री का पूरा भाषण  आप यहां पढ़ सकते हैं।

Manisha मंगलवार, 29 मार्च 2016

सरकारी नौकरियों में अब ठीक से ऑनलाईन फार्म भरने शुरु हुये हैं


सरकारी नौकरियों के बारे में जानकारी देने वाले अपने ब्लॉग को चलाने के पिछले कई वर्षों के दौरान मैंने देखा कि
Online Government Jobs Forms
अधिकांश सरकारी संस्थानों द्वारा नौकरी के लिये ऑनलाईन फार्म भरने की कोई सुविधा उम्मीदवारों को नहीं दी जाती है। 

कई सरकारी संस्थानों का तो अपनी वेबसाइट भी नहीं थी और कई की तो अभी तक नहीं है। ऐसे में कुछ सरकारी संस्थानों द्वारा  उम्मीदवारों को ऑनलाईन फार्म भरवा कर सुविधा देना संभव ही नहीं था। 

सबसे पहले कुछ सरकारी उपक्रमों (Public Sector Units) और सरकारी बैंकों द्वारा अपनी नौकरियों में इस तरह की सुविधा देने की कोशिश की गई थी। इस प्रक्रिया में उमीदवार को अपना फार्म को ऑनलाईन ही भरना होता था लेकिन उसके बाद उसको प्रिंट करके और मांगे गये परीक्षा शुल्क का बैंक ड्राफ्ट बनवाकर निर्धारित पते पर डाक द्वारा भेजना होता था। 

ये प्रकिया कहने को तो ऑनलाईन थी लेकिन उम्मीदवार को वो सारे काम करने पड़ते थे जो कि डाक द्वारा ऑफलाईन तरीके से फार्म भरने में करना पड़ता था साथ ही साथ किसी साइबर कैफे में जा कर ऑनलाईन फार्म भर कर उसे प्रिंट करने और अपना समय व पैसा खर्च करने का झंझट और रहता है।

कुछ सरकारी बैंको ने इसमें कुछ सुधार किया और कहा कि ऑनलाईन फार्म भरकर भेजने के साथ पैसा भेजने कि
  आवश्यकता नहीं है बल्कि संबंधित बैंक की किसी भी शाखा में जाकर जमा करा सकते हो और बस उसका रसीद नंबर, दिनांक और रकम को ऑनलाईन फार्म में भर दो और भेज दो। 

बैंकों ने अब कुछ समय के बाद और सुधार करते ये कहना शुरु कर दिया है कि उम्मीदवार को अपना ऑनलाईन फार्म भर कर भेजने की जरुरत नही हैं, बस उसको प्रिंट करके अपने पास रख लो और परीक्षा या साक्षात्कार के समय जमा कराना या दिखाना पड़ेगा। 

इससे उमीदवारों का कम से कम डाक से फार्म भेजने की परेशानी तो खत्म हो गई। लेकिन इसमें अभी भी ऑनलाईन तरीके से नेट बैंकिग या क्रेडिट कार्ड द्वारा पैसे लेने की को सुविधा के बारे में नहीं सोचा गया था।

इसके बाद हालांकि अब अब अलग बैंकों द्वारा अपनी चयन प्रकिया के लिये अपने अपने आवेदन मंगाने के झंझट से बचाने के लिये IBPS (The Institute of Banking Personnel Selection) द्वारा केंद्रीय चयन प्रक्रिया हो रही है। हालांकि स्टेट बैंक अभी भी अपनी अलग चयन प्रक्रिया का आवेदन मंगाता है।

आखिरकार सरकारी नौकरियों के असली वाहक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) , कर्मचारी चयन आयोग (SSC) व कुछ राज्यों के लोक सेवा आयोगों (Public Service Commission) ने भी ऑनलाईन परीक्षा फार्म भरवाने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी है। 

इसमें उम्मीदवार परीक्षा शुल्क नेट बैंकिग, क्रेडिट कार्ड व किसी बैंक के द्वारा या निर्धारित डाकघर के द्वारा पैसा जाम करा सकते हैं और साथ ही साथ प्रिंट करके  करके फार्म भी नहीं भेजने हैं यानी की परीक्षा फार्म भरने की पूरी प्रक्रिया का ठीक से कंप्यटरीकरण शुरू कर दिया गया है। 

अब अगले चरण में शायद ऑनलाईन परीक्षा के बारे में सोचा जायेगा।

वैसे सबसे पहले तो सभी संस्थानों की अपनी वेबसाइट होनी चाहिये और साथ ही सरकारी संस्थानों को ऑनलाईन फार्म भरवाना आवश्य़क कर देना चाहिये और आने वाले समय में जब यूनिक आइडेंटिफिकेशन का काम सरकार द्वारा कर लिया जाये तब ये परीक्षा फार्म भरने का पुराना ढंग बदल दिया जाना चाहिये और उम्मीदवार से सिर्फ उसका पहचान नंबर लेना चाहिये क्योंकि सारी की सारी जानकारी  तो सरकार के डेटाबेस में होगी ही।

Manisha मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

कोचिंगों का जाल तो नहीं ही टूटा


पिछले कुछ दिनों से इंजीनियरिंग और मेडिकल के प्रवेश के लिये होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणामो को घोषित किये जाने का दौर जारी है। 

राष्ट्रीय स्तर की आईआईटी-जेईई, एआईईईई, सीपीएमटी परीक्षाओं के अलावा राज्य स्तरीय इसी प्रकार की विभिन्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम आ रहे हैं जिनमें जो लोग सफल हैं वो आगे की सोच रहे है कि किस कॉलेज और संस्थान में दाखिला लें और जिनका नहीं हुआ वो या तो दुबारा तैयारी करना चाहते हैं या फिर किसी अन्य कोर्स में दाखिला लेंगे। 

Coaching कोचिंग


इन  प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणामों के घोषित होते ही विभिन्न कोचिंग संस्थानों द्वारा समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन द्वारा ये बताने का दौर शुरु हो गया है जिसमें दावा किया जा रहा है कि उनके यहां से इतने बच्चों का चयन हो गया है इत्यादि इत्यादि। 

अब कि कुछ पहले आईआईटी की परीक्षा के लिये केवल दो बार की बाध्यता और 12वीं में कम से कम 60 प्रतिशत नबंरों को पास होने की शर्त ये कह कर लगाई गई थी कि इससे परीक्षार्थी 12वीं कक्षा पर ज्यादा ध्यान देंगे और कोचिंग पर लगाम लगेगी।

लेकिन लगता नहीं है कि कोचिंग का जाल टुट पाया है बल्कि और बढ़ गया है। 

ऐसे में सरकार को ध्यान देना चाहिये कि इन परीक्षायो को इस तरह से लिया जाये कि छात्र बिना कोचिंग के भी इन परीक्षायों को पास कर सकें।

Manisha गुरुवार, 10 जून 2010

परीक्षाओं के परिणामों में कई अच्छाईयां


आजकल विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों के जारी होने के दिन हैं। 

विभिन्न राज्य बोर्डों और इंजीनियरिंग, मेडिकल तथा कुछ प्रसिद्ध प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणामों के बारे में कई दिनों से समाचार पत्रों में कुछ न कुछ छप रहा है। 

इसमें दो तरह की खबरें खास तौर पर छप रही हैं, एक तो इस तरह की कि कौन से कौन से छात्र-छत्राओं और उम्मीदवारों ने इन परीक्षाओं में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है।

 वो क्या बनना चाहते हैं, किस तरह उन्होने तैयारी की, और वो आने वाले वर्षों के छात्र-छत्राओं और प्रतियोगियों के लिये क्या कहना चाहेंगे। 

लेकिन मेरे विचार में जो दूसरी तरह की खबरें इन परीक्षाओं के बारे में छप रही हैं, वो ज्याद महत्वपूर्ण हैं और ये वो समाचार हे जो ये बताते हैं कि किस तरह कुछ छात्र-छत्राओं और प्रतियोगियों ने विपरीत परिस्थितियों में परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है। 

कोई चाय वाले का बेटा है, कोई कामवाली बाई की बेटी है, कोई अत्यंत गरीब है, कोई 30 किलोमीटर रोज चलकर पढ़ने जाता था। किसी ने शानदार शैक्षिक परिस्थितियां न होने पर भी केवल लगन और मेहनत से परीक्षा पास की। इस तरह की खबरें मानवीय क्षमता का उच्चतम स्तर हैं। 

ये समाचार इन बातों को प्रदर्शित करते हैं कि किस तरह लोग अपने माहौल को दृढ़ निश्चय से बदलने को प्रयासरत हैं। ऐसे समाचारों को और प्रमुखता से प्रसारित करना चाहिये।

Manisha सोमवार, 1 जून 2009