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अच्छा सफल ब्लॉगर कैसा होता है? कैसे बनें?


Good and Successful Blogger अच्छा सफल ब्लॉगर


ब्लॉगिंग (Blogging) के बारे में बहुत कुछ लिखा जाता है। ब्लॉगिंग कैसे करें इसको लेकर बहुत सारे ब्लॉग पोस्ट और यूट्यूब वीडियो (YouTube Videos) इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। पर ब्लॉगिंग करने वाले ब्लॉगर (चिट्ठाकार) में क्या खूबियां होनी चाहिये या फिर एक अच्छा ब्लॉगर (चिट्ठाकार) कैसा होना चाहिये या फिर एक अच्छा और सफल ब्लॉगर (चिट्ठाकार) कैसा होता है (Ek Achcha Safal Blogger Kaisa hota hai aur kaun hota hai), इस पर बहुत कम लिखा गया है।
How to become Good and Successful Blogg in Hindi?

देखें - ब्लॉगर पर लिखे गये अन्य ब्लॉग पोस्ट

तो हम लोग यहां पर अपने पिछले कई सालों के अनुभव के आधार पर देखते हैं कि एक ब्लॉगर (चिट्ठाकार) के क्या गुण होने चाहिये और उसकी कौन कौन सी खूबियां और कमियां होती हैं। यदि आप भी एक सफल ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो यहां पर लिखे गये बिन्दुओं को जानकर एक सफल ब्लॉगर (चिट्ठाकार) बन सकते हैं।



अच्छे ब्लॉगर के गुण और खूबियां


1. अच्छा पाठक होना


एक अच्छे ब्लॉगर को सबसे पहले तो एक अच्छा पाठक होना चाहिये। उसमें ज्ञान की भूख होनी चाहिये और इसके लिये वो अच्छे समाचार पत्र, किताबें और विभिन्न प्रकार के ब्लॉगों को नियमित रूप से पढ़ता है। बाद में यही ज्ञान अच्छा ब्लॉगर अपने पाठकों को संशोधित और परिवर्तित रूप में दे पाता है। अच्छे पाठक होने की वजह से ही अच्छे ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर नियमित रूप से कुछ न कुछ उपयोगी और नया दे पाते हैं।


2. अपनी भाषा पर अच्छी पकड़


अच्छे ब्लॉगर की अपने ब्लॉग की भाषा (अंग्रेजी या हिंदी) पर अच्छी पकड़ होती है। क्योंकि अच्छा ब्लॉगर खूब पढ़ने वाला होता है इसलिये वो कई प्रकार के ब्लॉग लेखों की भाषाओं के तरीकों को जान पाता है। वो स्वतः ही जान जाता है कि अच्छी भाषा कैसे लिखी जाती है, कैसे पाठकों को अपने लिखने के तरीके से बांधा जाता है?

अच्छे ब्लॉगर आपको अपनी पहली लाईन की भाषा से ही अपनी ओर खींच लेते हैं। अच्छे ब्लॉगर अपनी भाषा के जानकार होते हैं, उनकी भाषा स्पष्ट और सीधी तथा व्याकरण सधा हुआ होता है।

अपनी भाषा से ही वे समझदारी की झलक देते हैं। अच्छे चिट्ठाकार के पास हमेशा आपको कुछ कहने के लिये होगा और यही आपको पढ़ने पर मजबूर कर देगा। सफल ब्लॉगर का लिखने का अपना खुद का अंदाज (स्टाइल) होता है।

3. पाठकों के साथ संवाद रखना


अच्छा सफल ब्लॉगर हमेशा अपने पाठकों से संवाद बनाये रखने की कोशिश करता है। ब्लॉगिंग है ही दो तरफा संवाद का माध्यम। अच्छे ब्लॉगर अपने पाठकों की इज्जत करते हैं। वे आपकी टिप्पणियों का जवाब देते हैं। वो आपकी कई प्रकार से सहायता करने की भी कोशिश करते हैं। कई ब्लॉगर सोशल मीडिया वेबसाइटों पर समान विचारधारा के पाठकों का समूह (Group) बना लेते हैं और विचारों का आदान प्रदान करते हैं।


4. अच्छा ब्लॉगर हमेशा सीखता रहता है


अच्छे ब्लॉगर हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहते हैं। जैसा कि हम उपर बता चुके हैं कि सफल ब्लॉगर दूसरों के ब्लॉग पढ़ते रहते हैं हैं और उनसे कुछ न कुछ सीखते हैं। वे नयी और अच्छी पुस्तकें पढ़ते हैं। वे नया सीखने और नया करने को हमेशा तत्पर रहते हैं।

उनके अपने ब्लाॉगिग के क्षेत्र में जो भी गतिविधि होती है उसके बारे में हमेशा जानने की कोशिश करते रहते हैं। उदाहरण के लिये अगर किसी चिठ्ठाकार का ब्लॉग इंटरनेट पर पैसा कमाने के बारे में है तो वो ब्लॉगर हमेशा इस क्षेत्र में जो कुछ भी नया होता रहता है उसके बारे में जानकारी रखेगा।

Good and Successful Blogger


5. अपने ब्लॉग के प्रति जूनून और समर्पण


जैसा कि हम पहले भी बचा चुके हैं कि एक अच्छा ब्लॉग उसको उसको चलाने वाले ब्लॉगर के जुनून और जज्बे से चलता है। दरअसल आप अपने विषय को लेकर ब्लॉग इसीलिये बनाते हैं क्योंकि आप चाहते हैं कि आप के पास जो भी उस क्षेत्र की जो कुछ जानकारी है वो आप सभी लोगों के साथ साझा करना चाहते हैं।

अपने ब्लॉग विषय क्षेत्र (Blog niche) के लिये सफल ब्लॉगर का जूनून उसके चिठ्ठे के पाठक को नयी नयी और उच्च कोटि की जानकारी पाने का जरिया बन जाता है। अपने चिठ्ठे के लिये समर्पण और जनून के कारण अच्छा सफल ब्लॉगर अपने ब्लॉग को अपने विषय क्षेत्र का सबसे बड़ा ब्लॉग बना देता है।

6. अच्छा मददगार इंसान होना


एक अच्छा इंसान ही सकारात्मक सोच रख सकता है। सफल ब्लॉगर के गुण में उसका अच्छा इंसान होना भी है। एक अच्छा इंसान ही तो अपने ब्लॉग के जरिये लोगों की सहायता करना चाहता है। अच्छे ब्लॉगर खुले दिल के होते हैं। वे जानते हैं कि हर चिट्ठे का अपना एक स्थान है। जो चिट्ठे उन्हे अच्छे लगते हैं वे उनका लिंक अपने चिट्ठे पर देते हैं, बिना यह देखे कि दूसरा चिट्ठा उनसे छोटा है या बड़ा। नया या पुराना।

अच्छा सफल ब्लॉगर अपनी बात से ही समझदारी की झलक देते हैं। वे इस समूह में दूसरों की मदद करते हैं, नये लोगों का स्वागत करते हैं, उनका उत्साह बढ़ाते हैं तथा उनकी सहायता करते हैं। हम ने हिंदी चिठ्ठाकारी के शुरुआत के दिनों में देखा है कि किस तरह हिंदी चिठ्ठाकार एक परिवार की तरह काम करते रहे हैं।


7. अपनी SEO and Technical जानकारी को बढ़ाना


एक अच्छा सफल ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिखने के साथ ही साथ ब्लॉग से संबंधित सभी प्रकार की SEO और तकनीकी जानकारी को भी बढ़ाता रहता है। जब तक गूगल की खोज में ब्लॉग पोस्ट रैंक नही होगा तो ब्लॉग पर कोई पाठक नही आएगा और जब पाठक नही आएगा तो ब्लॉग को कौन पढ़ेगा? और फिर ब्लॉगर पैसे कैसे कमाएंगे?

इसके अलावा अन्य तकनाकी पक्षों की जानकारी भी एक ब्लॉगर को होनी चाहिये ताकि आने वाले पाठकों को किसी प्रकार की कोई तकनीकी परेशानी न हो। उदाहरण के लिये ब्लॉग का Responsive न होना या फिर ब्लॉग की लोड होने की गति तेज न होना (blog load speed) इत्यादि।



8. लगातार लिखना


अच्छे सफल ब्लॉगर बिना दिग्भ्रमित हुये अपने ध्येय पर ध्यान देते हुये और अपने पाठकों को नई नई जानकारी देने के लिये लगातार दैनिक रूप से या कम से कम सप्ताह में एक बार तो लिखते ही हैं।

इससे ब्लॉग के पाठकों की रूचि भी बनी रहती है और सर्च इंजन वेबसाइटें (खोजक वेबसाइटें) जैसे कि गूगल, बिंग इत्यादि भी लगातार ब्लॉग पोस्ट प्रकाशन को पसंद करते हैं और ब्लॉग की कोटि (रैंक) बढ़ाते हैं।



9. पैसे के लिये नहीं विषय के लिये लेखन


हालाकि सभी लोग पैसा कमाना चाहते हैं बल्कि खूब कमाना चाहते हैं और ब्लॉगर भी कोई अपवाद नहीं हैं। वो भी पैसे कमाना चाहते हैं और किसी ब्लॉगर की ब्लॉगिंग करने का कारण काफी हद तक पैसा कमाना भी होता है। पर अच्छा सफल ब्लॉगर केवल पैसे के लिये नहीं लिखता।

खाली कीवर्ड खोज कर लिखना तो एक तरह से व्यवसायिक लेखन होता है।

ब्लॉगर कई बार अपने मन की बात लिखने के लिये भी लिखता है या फिर कई बार अपने पाठकों की रूचि के लिये भी लिखता है। जरूरी नहीं है कि हर बात गूगल या बिंग में लोग खोजें ही और केवल खोजने वाले कीवर्ड पर ही लिखा जाये।

अच्छा सफल ब्लॉगर अपने शौक, जुनून और उत्साह के लिये भी लिखता है। लेखन के हर विषय को केवल पैसे कमाने के लिये नही छोड़ जा सकता। और क्या पता, जो बात एक ब्लॉगर आज लिख रहा है कल को वो नहीं खोजी जायेगी? अगर सब कुछ केवल पैसे के लिये होगा तो कला खत्म हो जायेगी खासकर ब्लॉगिंग और लेखन कला।

हिंदी भाषा के अधिकांश ब्लॉगर ज्यादा पैसा न कमा पाने के बावजूद केवल अपने हिंदी भाषा की सेवा करने या अपने जूनून के लिये लिख रहे है। हिंदी ब्लॉगर तो पैसे कमाकर आजीविका चलाने की सोच भी नहीं सकते हैं

अंतिम बात (निष्कर्ष)


तो यदि आप भी एक सफल और अच्छे ब्लॉगर (Good and Successcul Blogger) बनना चाहते हैं तो उपर लिखे गये गुणों मे से कुछ को अपनाने का प्रयास कीजिये, मेहनत कीजिये और देखिये कैसै आप बहुत बड़े और अच्छे ब्लॉगर बन जायेंगे।

Manisha मंगलवार, 1 सितंबर 2020

सोशल मीडिया पर हिंदी के नये शब्द बन रहे हैं


सोशल मीडिया जो कि खुद भी एक नया हिंदी का शब्द बन गया है क्योंकि हिंदी में इसे ही अपना लिया लगता है। इंटरनेट पर हिंदी की विषय सामग्री वैसे ही कम है, अब हिंदी के अधिकांश ब्लॉगर और लिखने वाले फेसबुक और ट्विटर पर चले गये हैं क्योंकि वहां पर तुरंत पढ़ने वाले मिलते हैं।  

सोशल मीडिया का प्रयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और बढ़ते जा रहे हैं उस पर हिंदी में लिखने वाले। 

ये नये हिंदी वाले अधिकांश भावना प्रधान होते हैं, और भावना में ही वो अपनी बात भावनाओं में बह कर ही करते हैं। 

इसी कारण से अपनी बात कहने के लिये नये नये शब्दों को बना रहे हैं।  

वैसे भी किसी भाषा का विकास नये नये शब़्दों के निरंतर सृजन से ही होता है।


New Words in Hindi on Social Media सोशल मीडिया पर हिॆदी के नये शब्द बन रहे हैं


इधर जब से देश में मोदी और केजरीवाल का प्रभाव बढ़ा है तब से उनके समर्थक और विरोधी  सोशल मीडिया  पर कुछ ज्यादा ही  सक्रिय होकर अजीब अजीब से नये शब्द बना कर लिख रहे हैं।  

वामी, कांगी, आपिया, अपोला, आपटर्ड, भक्त, अंधभक्त, शांतिदूत, शांतिप्रिय, सूतिया, चादरमोद, लकड़बग्घा, शर्मनिरपेक्ष, अंडोला, अंडभक्त, लिबरांडू इत्यादि कुछ शब्द हैं जो कि सोशल मीडिया पर ईजाद किये गये हैं। 

इधर कुछ राजनीतिक और प्रसिद्ध लोगों के लिये भी सोशल माडिया पर कुछ नाम बन गये हैं, लगभग हर वो व्यक्ति जो कि सोशल माडिया पर है वो इन शब्दों को पढ़ कर उससे संबंधित राजनैतिक व्यक्ति को समझ लेगा।

दिल्ली का घूंघरु सेठ, घूंघरु सेठ, फेंकू, पप्पू, पिंकी, भूरी काकी, छोटा पेंग्यूइन इस तरह की उपाधियों के कुछ उदाहरण हैं।

इसके अलावा भी कुछ अन्य शब्द हैं जो नये बने हैं। आप भी इन शब्दों का सोशल मीडिया पर आनन्द लीजिये।

Manisha सोमवार, 2 अक्तूबर 2017

हिंदी ब्लॉगिंग दिवस की शुभकामना 


जून 2006 में जब यह हिंदी ब्लॉगिंग के लिये जब यह ब्लॉग (हिंदी ब्लागरों ने ब्लॉग को चिठ्ठा नाम दिया है, जो कि अच्छा है) शुरू किया था तब नाम के ही कुछ हिन्दी ब्लॉग थे, पर हिन्दी चिठ्ठाकारी जारी रही और फली फूली भी पर फेसबुक के आने के बाद हिंदी ब्लॉगिंग  के अधिकांश चिठ्ठाकार और साथ ही साथ नये ब्लॉगर भी फेसबुक पर स्थानांतरित हो गये। फेसबुक पर आज हिंदी ब्लॉगिंग न केवल जीवित है बल्कि बहुत फल फूल रही है।

Hindi Blogging हिंदी ब्लॉगिंग


बहरहाल फेसबुक के अलावा स्वतंत्र रुप से हिंदी के स्थापित चिठ्ठे अब कम ही रह गये हैं और जो बच गये हैं और चल रहे है वो भी  बस चल रहे हें, ऐसे में  आज के अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स डे पर सभी हिंदी ब्लॉगरों को शुभकामनायें।

देखें - हिंदी के ऊपर हमारे बहुत सारे ब्लॉग पोस्ट

#हिंदी_ब्लॉगिंग

Manisha शनिवार, 1 जुलाई 2017

हिंदीडायरी पर ब्लॉग लेखक आमंत्रित हैं


आप में से जो लोग भी इस ब्लॉग (www.HindiDiary.com) पर अपने लेख और किसी भी विषय पर अगर लिखना चाहते हैं तो आप आमंत्रित हैं।

आप के नाम के साथ साथ आप के अपने ब्लॉग के लिंक भी लेख के साथ दिया जायेगा।

जो लोग पहले से ही अपने हिंदी में ब्लॉग चला रहे हैं, उनके लिये ये एक अच्छा मौका है।

और उदीयमान ब्लॉग लेखक भी यहां ब्लॉग लिख कर अपनी ब्लॉगिंग को  तराश सकते हैं। आप अपना ब्लॉग लेख manisha2106AToutlook.com पर ईमेल से भेज सकते हैं।

हिंदीडायरी पर ब्लॉग लेखक आमंत्रित हैं

Manisha रविवार, 26 जून 2016

हिंदी ब्लॉगरों के लिये डॉट कॉम लाइफ स्टाइल अभी संभव नहीं


हिंदी ब्लॉगिंग अभी भी शैशव अवस्था में ही है। 2006-2009 के दौरान हिंदी में काफी ब्लॉग शुरू किये गये थे और हिंदी ब्लॉगिंग ने एक आंदोलन का रुप ले लिया था। ब्लॉग के लिये हिंदी में चिठ्ठा शब्द ईजाद किया गया जो कि अपने आप में काफी प्रचलित हुआ।

इसी दौरान अंग्रेजी में भी कई भारतीय और विदेशी ब्लॉगरों ने अलग अलग विषयों पर ब्लॉग बना कर ब्लॉगिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इन लोगों ने ब्लॉगिंग की इस विधा को पूर्ण समय के लिये अपनाया और कइयों ने तो अपनी अच्छी खासी नौकरियां छोड़ कर ब्लॉगिंग को अपनाया और ब्लॉगिंग ने भी इनके निराश नहीं किया और इन सभी ब्लॉगरों को अच्छा खासा नाम और मिला और लाखों रुपये की मासिक आमदनी भी मिली।

ब्लॉगिंग के इस काम से ब्लॉगरों को कहीं भी कहीं भी काम करने की सुविधा मिली और अपने समय को वो लोग अपने परिवार और अपने शौक को दे पा रहे हैं। इसी से डॉट कॉम लाइफ स्टाइल शब्द ने जन्म लिया।

इस डॉट कॉम लाइफ स्टाइल में आदमी (ब्लॉगर) अपने समय का खुद मालिक है और अपने आराम करने और सोने के समय में भी पैसा कमा रहा है। अपने समय का अपने हिसाब से प्रयोग कर सकता है। हालांकि ऐसी स्थिति पाने के लिये अच्छी खासी मेहनत और किस्मत भी चाहिये।

Dot Com Lifestyle for Hindi Bloggers
Dot Com LifeStyle for Hindi Bloggers


पर हिंदी ब्लोगिंग वालो के लिये ये अभी बहुत दूर की कौड़ी है।

एक तो हिंदी ब्लॉगिंग में उच्च स्तरीय ब्लॉग नहीं हैं, वहीं ब्लॉग से पर्याप्त मात्रा में आय न हो पाना भी एक कारण है। दरअसल हिंदी ब्लगिंग की सबसे बड़ी समस्या अभी भी पाठकों की कम संख्या है।

कम ब्लॉग ट्रैफिक के कारण हिंदी ब्लॉगरों उतनी कमाई भी नहीं कर पाते है। साथ ही साथ हिंदी ब्लॉगरों ने पिछले 2-3 सालों में इन सब हालातों को देखते हुये सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक और ट्विटर पर अपने आपको स्थानान्तरित कर लिया है जहां पर तुरंत कमेंट और लाइक के द्वारा उनको पसंद किया जा रहा है ओर इस तरह हिदी ब्लॉगरों ने अपने आपको सोशल माडिया पर स्थापित कर लिया है।

अपने मोबाइल से हिंदी ब्लॉगर कहीं से भी अपनी बात लिख पा रहे हैं। इससे हिन्दी ब्लॉगरों को पाठक मिले हैं। लेकिन हिन्दी ब्लॉगिंग के विकास के लिये कोई ज्यादा अच्छी बात नहींं है। इस कारण हिंदी मे प्रोफेशनल या पेशेवराना ब्लॉगिंग का स्वतंत्र विकास नहीं हो पा रहा है। दरअसल सोशल मीडिया से पैसा कमाना तो अभी संभव नहीं है। भविष्य में शायद हो सकता है।

एक और अन्य बात ये है कि सोशल मीडिया में लिखे गये ब्लॉग को पेज खोजी इंजन जैसे कि गूगल और बिंग इत्यादि द्वारा नहीं सहेजा जाता है। जिसकी वजह से इंटरनेट संसार पर हिंदी के पेजों की संख्या अन्य भाषा के पेजों के मुकाबले में कम है। इसी वजह से विज्ञापन देने वाले संस्थान हिंदी के वेब पेजों पर अभी हिंदी में विज्ञापन नहीं दे रहे हैं। और इसी वजह से इंटरनेट पर विज्ञापनों का प्रबंधन करने वाली लगभग सभी कंपनियां हिंदी ब्लॉगरों को अपने विज्ञापन के लिये अयोग्य घोषित कर देती हैं।

हालंकि गूगल ऐडसेंस ने अब हिंदी के वेब पेजों के लिये अपना दरवाजा खोल दिया है। पर हिंदी विज्ञापन अभी भी न के बराबर हैं।

मार्च 2016 में गूगल ने गूगल ऐडसेंस के ऊपर एक कार्याशाला का आयोजन किया था, जिसमें मुझे भी जाने के लिये निमंत्रण मिला था। इस कार्यशाला में गूगल की एक प्रस्तुति हिंदी वेब पेजों के लिये थी। गूगल के अनुसार आने वाले समय में भारत में स्मार्ट फोन बढ़ने वाले हैं और ये बढ़ोत्तरी अधिकांशतया छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में होने वाली है, ऐसे समय में वो अपनी भाषा यानी कि मुख्य रुप से हिंदी में ही इंटरनेट पर रहना चाहेंगे।

गूगल का ये मानना है कि इन भाषाओं में कंटेट की जबर्दस्त मांग आने वाली है। गूगल ने अपनी तरफ से इसके लिये काफी तैयारी कर रखी है। गूगल ऐडसेंस को पहले ही हिंदी के लिये खोल दिया गया है, और गूगल ने अनुवादक और टाइपिंग टूल दिये हैं।

अब गूगल ने अपने सर्च इंजन में भी हिंदी, हिंगलिश, अंग्रेजी हिंदी मिश्रित भाषा, अंग्रेजी में लिखी गई हिंदी को समझ कर उससे हिंदी को जानने वाले कलन विधि (अलगोरिदम) का विकास कर लिया है। लेकिन गूगल के अनुसार हिंदी में इटरनेट पर अभी कथन (कंटेंट) कम है और ये काम तो केवल हिंदी वाले ही कर सकते हैं।

गूगल की इस बात को पहले से स्थापित अंग्रेजी के कई बड़े और नामी विषय आधारित वाले ब्लॉगरों ने समझ लिया है और वो अपनी विषय सामग्री को ब्लॉग के हिंदी संस्करणों को भी शुरु कर रहे हैं या करने वाले हैं।

ऐसे में जब तक हिंदी ब्लॉगर इंटरनेट पर हिंदी में कथन का विकास नहीं करते तब तक हिंदी ब्लॉगरों की कमाई बढ़ने वाली नहीं है और हिंदी ब्लॉगरों के लिये डॉट कॉम लाइफ स्टाइल तब तक संभव नहीं है।

पर आने वाले समय में तय है। इसलिये हम सब हिंदी ब्लॉगरों को इंटरनेट पर खूब लिखना चाहिये और हिंदी के प्रसार प्रचार में योगदान देना चाहिये।

Manisha सोमवार, 13 जून 2016

ब्लॉगरों को सर्विस टैक्स देना होगा


अच्छे दिनों के इंतेजार में बैठे लोगों को कुछ मिला या नहीं पर भारत के छोटे छोटे चिट्ठाकारों ब्लॉगरों का लगता है कि मोदी सरकार ने परेशान करने की ठान Bloggers to pay service taxली है|

वित्त मंत्री अरुण जैतली द्वारा पेश किए गए बजट के अनुसार ऑनलाइन विज्ञापन के लिए अपनी वैबसाइट पर जगह उपलब्ध करने पर अब सर्विस टैक्स देना होगा |

भारत में हजारों लोग अपनी छोटी मोटी वैबसाइट गूगल एडसेंस को विज्ञापन के लिए उपलब्ध कराते हैं |

हिन्दी मैं तो वैसे चिट्ठाकार ज्यादा नहीं कमाते हैं पर अँग्रेजी भाषा में लोग काफी कमा लेते हैं। ऐसे ब्लोगरों को सर्विस टैक्स देना होगा जबकि इनकम टैक्स तो पहले से देना ही पड़ रहा है |

यानी अब ऑनलाइन घर पर मेहनत करके कमाने के दिन भी गये और अपनी आय का 45.36 प्रतिशत कर के रूप में भारत सरकार का दे कर उनके दिन अच्छे करिये, अपने अच्छे दिन तो पहले ही नहीं थे |

Manisha शनिवार, 12 जुलाई 2014

आपका ब्लॉग इस तरह हैक हो सकता है


आजकल हैकर विभिन्न वेबसाइटों को हैक करने के लिये कई तरीके अपनाते रहते हैं। किसी साइट को हैक करने का एक पुराना और अजमाया हुआ तरीका कदाचित पासवर्ड का पता लगाना होता है जिसके बाद पूरी साइट पर हैकर का कब्जा है जाता है।

आज मेरे जीमेल (Gmail)  खाते में एक ऐसी ईमेल आई जो देखने में तो लगती थी कि ब्लॉगर (Blogger) की तरफ से आई है और मैनें इस ईमेल में बताई गई साइट को खोल भी लिया था।

लेकिन मैं किसी भी ईमेल या साइट द्वारा पासवर्ड मांगे जाने पर उसे पहले शक की निगाह से देखती हूं और फिर उसकी जांच करती हूं, इसलिये मैंने इस साइट का सोर्स कोड (Source Code) देख लिया जो कि पता चला कि कि ये तो ब्लॉगर पर न ले जा कर किसी और साइट पर ले जा रहा है यानी कि अगर गलती से अपना पासवर्ड और साइट बता दी तो समझिये कि आपकी साइट हैक हो गई।

अगर चिठ्ठाकारों को इस तरह की ईमेल मिले तो कृपया सावधान रहें, आपका ब्लॉग हैक हो सकता है.

Inactive-blog-email


Inactive-blog-email 2


अगर आप इस साइट का सोर्स कोड देखेंगे तो आपको पता चल जायेगा कि किस तरह से हैकर किसी भी तरह आपके विभिन्न चिठ्ठों का पता व पासवर्ड जानने की कोशिश कर रहे हैं। सावधान रहें।

Manisha मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

प्रसिद्ध अंगेरेजी ब्लॉगर अमित अग्रवाल नें सबसे मशहूर भारतीय ब्लोगों की सूची के हिंदी भाग में अब इस चिठ्ठे को भी शामिल कर लिया है। इसी समय मेरे इस हिंदीबात चिठ्ठे के 400 से के ऊपर फीड ग्राहक भी हो गये हैं।

HindiBaat-in-IndiaBlogs

Manisha मंगलवार, 24 नवंबर 2009
आज सुबह से मैं जब से ब्लॉगर  की साईट पर जाने की कोशिश कर रही हूं तो ये चेतावनी आ रही है। पता नहीं ब्लॉगर में क्या परेशानी है?
Blogger Error

Manisha शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

ब्लॉग एक्शन दिवस पर भाग लीजिये


हालांकि ब्लाग एक्शन दिवस अमेरिका में हो रहा है लेकिन दुनिया भर के ब्लागरों और चिठ्ठाकारो के लिये खुला है। 
Blog Action Day


इसमें आप अपने चिठ्ठे को पंजीकृत करा कर ब्लाग एक्शन दिवस-2009 (Blog Action Day 2009) के लिये सहयोग कर सकते हैं। इसमें दरअसल करना ये है कि 15 अक्टूबर को दुनिया भर के ब्लॉगर एक साथ एक ही समय अपने ब्लॉगों पर महत्वपूर्ण विषयों पर लिखेंगे।

मुझे लगता है कि हम हिंदी चिठ्ठाकारों को भी इसमें भाग लेना चाहिये।

मैने अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है आप एक्शन दिवस 2009 की साईट पर विजिट करके पंजीकरण करि लीजिये और इस में भाग लीजिये।

Manisha शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

ब्लॉग चलता है जज्बे और लगन से


हाल ही में कुछ सरकारी वेबसाइटों पर किसी विशेष जानकारी पाने के लिये जाना हुआ, लेकिन ये पाया कि वहां ब्लॉग पर वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं है।

ऐसा कई बार हुआ है कि सरकारी विभाग अखबारों में तो विज्ञापन छपवा देते हैं लेकिन उसी विभाग की वेबसाइट पर उस विषय के बारे में कुछ नहीं मिलता। अगर मिलता भी है तो 7-8-10 दिन बाद जाकर।

ऐसा इसलिये होता है क्यों कि सरकारी विभागों में जनता को जानकारी देने का या विभागीय वेबसाइट को अपडेट करने का कोई जज्बा नहीं होता है, उनके लिये ये काम एक बोझा होती है जिसे उन्हें ढोना पड़ता है।

यही बात ब्लॉग पर लागू होती है। कोई भी ब्लॉग तब चलता है जब उसको चलाने के पीछे जज्बा होता है। दुनिया की सभी बडी बेबसाइट और ब्लॉगों के पीछे ऐसे लोग हैं जिनको उसको चलाने का जज्बा है, जिसको चलाने में उन्हें आनन्द आता है। ब्लॉगिंग में अनेक रुकावटें आती हैं और साथ ही साथ अनेक प्रकार की ब्लॉगिंग की परेशानियां और खतरे भी हैं।

कितने ही ब्लॉग लोग दूसरों की देखा-देखी या फिर ब्लॉग से पैसा कमाया जा सकता है ये सोच कर अपना भी ब्लॉग शुरू कर देते हैं। कुछ दिनों तक तो मामला चल जाता है फिर समझ में नही आता कि क्या करें? ब्लॉग तो आप किसी ऐसे विषय पर होना चाहिये जिसकी आपको जानकारी हो, जिसको लेकर आप उत्साहित हों, जिसकी जानकारी को आप दुनिया को बांटना चाहते हों।

अगर आप बिना इन सब कारणों के ब्लॉग चलायेंगे तो फिर एक समय ऐसा आयेगा जब को समझ नहीं आयेगा कि अब क्या करें? कुछ लोग इधर इधर की साईट एवं ब्लॉगों से सामग्री चलाकर ब्लॉग चलाना चाहते हैं पर वो पढ़ने वालों को समझ में आने लगता है कि आपका माल दूसरों का है।

जब आप में किसी बात ता जज्बा होगा तो आप का ब्लॉग खूद ब खुद ताजा जानकारियों से भरा रहेगा और पाठकों का भी भरोसा बना रहेगा। अत: ब्लॉग ऐसे चलाये कि आप अपनी बात रख सकें, अपने विषय की बात कर सकें, जज्बे से लिखिये फिर देखिये कैसे आपका ब्लॉग हिट होता है।

Manisha बुधवार, 9 सितंबर 2009

ब्लॉगिंग में आने वाली रुकावटें


ब्लॉगिग से संबंधित अपनी पिछली पोस्ट में मैने बताया था कि कैसे ब्लॉगिंग से परेशानियां और खतरे
हैं। आज मैं बताना चाहती हूं कि ब्लॉगिंग में कैसा-कैसी रुकावटें आती हैं।

Manisha मंगलवार, 1 सितंबर 2009

ब्लॉगिंग से होने वाली परेशानियां और खतरे


पिछले जून महीने में मुझे ब्लॉगिंग की दुनिया में 3 साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान कई प्रकार के खट्टे मीठे अनुभव
Dangers in Blogging
हुये हैं, जिनको मैं श्रंखलाबद्ध तरीके से प्रस्तुत करूंगी। पहले मैं यह बता चुकी हूं कि ब्लॉगिंग में कैसा-कैसी रुकावटें आती हैं

जहां ब्लागिंग करने से कई फायदे हैं वहीं कुछ खतरे भी हैं।

अगर कोई कभी-कभार अपने ब्लॉग में कुछ लिखता है तब तो ठीक है लेकिन अगर कोई प्रोफेशनल ब्लॉगर है और कई घंटे दिन के इंटरनेट पर गुजारता है तो कई ऐसी बाते हैं जिनका सामना चिठ्ठाकार को करना पड़ता है और कई प्रकार के ऐसे खतरे और परेशानियं आती हैं -
  • इंटरनेट एडिक्शन – ये नये जमाने की बीमारी है जो कि अधिकांश ब्लॉगर को होती है, इसमें ब्लॉगर अपना अधिकांश समय इंटरनेट पर बिताता है। कभी मेल चेक करता है, कभी गूगल एडसेंस देखता है कभी अन्य ब्लॉग पढ़ता है और कभी टिप्पणियां करता है यानी अधिकांश समय इसी में चला जाता है।
  • सामाजिकता से नाता टूटना – जब दिन भर कम्प्यूटर की आभासी दुनिया में रहेंगे तो आस-पास की वास्तविक दुनिया से नाता कम होने लगता है। एक प्रोफेशनल ब्लॉगर का सामाजिक मिलना-जुलना कम हो जाता है।
  • वजन बढ़ना – कई घंटे बैठे रहने के कारण वजन बढ़ने लगता है। ऐसा मेरे साथ भी हुआ है।
  • बीमारियां – कई नामी ब्लॉगर इस बारे में पहले ही संकेत कर चुके हैं कि वजन बढ़ने से उच्च रक्तचाप और हार्ट अटैक की शिकायत कई अच्छे प्रसिद्ध प्रोफेशनल ब्लॉगरों को हो चुकी है और सभी नें इससे बचने की सलाह दी है। स्पोंडिलाईटिस, कमर के दर्द की परेशानी भी आम समस्या है।
  • अदालती और कानूनी झंझट – हिंदी ब्लागिंग मे तो यह अभी नहीं हुआ है लेकिन अन्य भाषाओं के चिठ्ठों मे ये हो चुका है। हालांकि हिंदी में भी पंगेबाज जी के साथ अदालती कार्यवाही की धमकी दी गई थी जिसके बाद उन्होंने अपना चिठ्ठा बंद कर दिया था। अत: इस प्रकार की परेशानियां भी आ सकती हैं।
  • लेख चोरी होना - इसके अलावा चिठ्ठों के लेखों को चुराकर अपने ब्लॉग पर लगाने की परेशानी तो लगभग हर ब्लॉगर को झेलनी पड़ती है जिससे मानसिक रिप से परेशान होना पड़ता है।


यह आवश्यक है कि सभी चिठ्ठाकार लोग व्यायाम को अत्यंत ही महत्वपूर्ण समझें और ब्लागिंग से होने वाली परेशानियो और खतरों से अपने आप को बचायें।

Manisha मंगलवार, 11 अगस्त 2009

कमेंट मोडरेशन अब जरुरी है


उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद कि किसी भी ब्लॉग पर किसी भी प्रकार कंटेंट के लिये वो ब्लोगर ही जिम्मेदार माना जायेगा, सभी चिठ्ठारों को सावधान रहने की जरुरत है। हम लोग अपने चिठ्ठे पर जो कुछ भी लिखते हैं उसके लिये जिम्मेदार माने जायें, ये बात तो ठीक है और इसके लिये  कोर्ट के निर्देश अभी तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आजादी को सीमित करते दिखते हैं, लेकिन फिर भी ठीक है। इसकी व्यापक व्याख्या तो कानूनविद पूर्ण रुप से करेंगे और यह जरुरी भी है कि जल्दी ही इस बारे में सारे संशय दुर हो जाने चाहिये।
 

लेकिन ये बात कि किसी भी ब्लॉग, साइट या फोरम पर होने वाले किसी भी कमेंट के लिये उस साइट, ब्लॉग को चलाने वाला जिम्मेदार माना जायेगा, बहुत ही खतरनाक है। इस तरह तो किसी भी चिठ्ठ् पर, वेबसाइट पर या फोरम साइट पर जो कुछ लोगो द्वारा लिख जा रहा है उसका जिम्मेदार उसको चलाने वाला माना जायेगा। अत:  अब ये जरुरी हो गया है कि सभी चिठ्ठाकर अब अपने चिठ्ठे पर कमेंट मोडरेशन को लागू करें व सभी प्रकार की टिप्पणियों पर नजर रखें। वर्ना कभी भी किसी को लगा कि उसकी भावनायें आहत हो रही हैं तो वो परेशान कर सकता है।

Manisha गुरुवार, 26 फ़रवरी 2009

चिठ्ठा जगत ब्लॉगिंग के यक्ष प्रश्न


अब हिंदी चिठ्ठा जगत ब्लॉगिंग के पांच (कईयों के मामले में और भी ज्यादा) यक्ष प्रश्नों से कोई चिठ्ठाकार नहीं बच सका, यहां तक नीलिमा जी ने अपने वाद-संवाद में टैग कर के बताया कि मुजरिम हाजिर है और फिर डॉन ने अपने गुर्गो में हमारा नाम देकर गैंगवार में नाम शामिल कर एनकाउंटर का खतरा बढ़ा दिया है।

डॉन को तो पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, लेकिन उसको गुर्गे तो पकड़े क्या एनकाउंटर में खलास भी हो जाते हैं।

तो एनकाउंटर से बचने के लिये जरूरी है कि जल्द से जल्द नीलिमा जी और डॉन के प्रश्नों के उत्तर दिये जायें।

चिठ्ठा जगत ब्लॉगिंग


बड़े बड़े नामी और वरिष्ठ चिठ्ठाकार भी इसकी चपेट में आ गये तो मुझ जैसी नई चिठ्ठाकार की बिसात ही क्या?

टैगियाने का यह बढ़ता हुआ छूत का रोग सबको गिरफ्त में लेता हुआ मेरे दरवाजे भी आ खड़ा हुआ।

पहले पहले मुजरिम बनने के कारण पूछे गये प्रश्न

प्रश्न : आपकी चिट्ठाकारी का भविष्य क्या है?
  • मेरे विचार में मेरे द्वारा की गई हिंदी चिठ्ठाकारी का भविष्य बहुत ही उज्जवल है, हालांकि यह बात अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली बात होगी परन्तु मेरा विचार तो यही है, क्योंकि हालांकि हिंदी चिठ्ठाकारी में नई ही हूं, फिर भी शुरुआत के दिनों और अबके दौर में बहुत फर्क आ गया है। आप सभी लोगों कि टिप्पणियां मेरे जैसे लोगों के लिये प्रोत्साहन का कार्य करती हैं, और अब आप सब के साथ मिल कर चिठ्ठाकारी करने में हिचक नहीं रही। अब जब भी कोई नई ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त होती है तो बस उसे सब लोगों के साथ बांटने बैठ जाती हूं। अब तो यह आलम है कि कहीं कोई समाचार, कोई आलेख, कोई घटना देख मन में यह ख्याल आता है कि अगर इसके ऊपर ब्लॉग पोस्ट बनाई जाये तो कैसा रहे? आप लोग भी अपनी टिप्पणियों द्वारा खूब प्रोत्साहित करते हैं तो आगे भी हिम्मत कर पाती हूं। हिंदी में लिखने के शुरूआता दौर में यही नहीम समझ में आता था कि क्या लिखूं? इसीलिये शुरुआती दौर में इधर-उधर से देखे शेर और दिल्ली की हमारा बदनाम ब्लू लाइन बसों में चिपके हुये ड्राइवरों के सड़कछाप शेर-डॉयलॉग इत्यादि लिख कर देखा कि हिंदी लिख भी सकते हैं कि नहीं। पर शुरुआती दिनों कि झिझक तो अब खैर नहीं रही बल्कि अब तो लगता है कि हिंदी चिठ्ठा जगत तो एक परिवार की तरह है । इसलिये मैं मानती हूं कि यदि हिंदी चिठ्ठा ग्रुप इसी तरह कार्यरत रहा तो हिंदी चिठ्ठाकारी का भविष्य बहुत ही उज्जवल रहेगा और अन्य नये लोग भी इन चिठ्ठों को पढ़कर प्रोत्साहित होंगे।
प्रश्न : आपके पसंदीदा टिप्पणीकार?
  • सारे ही लोग टिप्पणी करके प्रोत्साहित करते हैं तो किसी विशेष का नाम लेना उचित नहीं होगा।
प्रश्न : तीसरा सवाल वही है जो प्रत्यक्षा जी का तीसरा सवाल था यानि किसी एक चिट्ठाकार से उसकी कौन सी अंतरंग बात जानना चाहेंगे ?
  • दरअसल बात ये है कि आप सब लोग इस बात से परिचित होंगे कि हमारे किस्से कहानियों में और खास तौर से हिंदी फिल्मों में अक्सर दिखाया जाता है कि किसी प्रसिद्ध कहानीकार या शायर को चाहने वाली कई लड़कियां होती हैं, जो कई बार तो खाली शायर के नाम से ही प्यार करने लगती हैं। तो मैं अपने हिंदी जगत के प्रसिद्ध और पुराने या जो लोग आजकल जीत रहे हैं, उनसे पूछना चाहूंगी कि क्या उनकी कोई गुमनाम प्रशंसिकायें है जो कि चिठ्ठों पर टिप्पणी न करके सीधे ई-मेल भेजती हों?


  • प्रश्न : वह बहुत मामूली बात जो आपको बहुत परेशान किए देती है?

    • मेरे अपने जब किसी भी कारणवश परेशान होते हैं तो मैं बहुत ज्यादा परेशान हो जाती हूँ। उस समय लगता है कि कोई जादू की छड़ी होती सब सही कर देती, पर ऐसा कहां मुमकिन है। मेरे बच्चे, पति, रिश्तेदार, अड़ोस-पड़ोस इत्यादि में जब कोई परेशान होता है तो मैं परेशान हो जाती हूँ। यानी यदि कोई दूसरा परेशान होता है तो मैं भी परेशान हो जाती हूँ।


  • प्रश्न : आपकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत झूठ?
    • यूँ तो मैं भगवान की कृपा से झूठ नहीं बोलती हूँ। लेकिन ये भी नहीं मैं आजकल के जमाने में सत्यवादी हरिश्चंद्र हूँ। एक बार मजाक में बोला गया झूठ काफी मजेदार है। हुआ यूँ कि मैंनें अपनी बिटिया के लिये एक नई ड्रेस खरीदी थी। उसने जब उस ड्रेस को पहना तो वो बड़ी खुश हुई और मेरे से बार-बार पूछने लगी कि कहां से खरीदा है। टालने की गरज से और मजाक में मैंने कह दिया कि भीख में लाये हैं। उसने अड़ोस-पड़ोस सब जगह खुशी-खुशी बता दिया कि मेरी मम्मी ये ड्रेस भीख में लाई हैं। यह बात याद करके आज भी हंसी आ जाती है।

    और अब सीबीआई के वो प्रश्न जिनका जबाव देकर मैं क्वात्रोची की तरह बच जाउंगी।
    प्रश्न : हिन्दी चिट्ठाकारी ही क्यों?
    • हिंदी चिठ्ठाकारी इसलिये क्योंकि मैं हिंदी भाषी हूँ, हिंदी में ही सोचती हूँ और हिंदी की तरक्की चाहती हूँ।
    2.प्रश्न : जीवन में कब सबसे अधिक खुश हुए?
    • अपनी शादी पर। क्यों? कभी किसी पोस्ट में बताउंगी।
    3. प्रश्न : अगला जन्म मिले तो क्या नहीं बनना चाहोगे?
    • अ-भारतीय
    4. प्रश्न :कौन सा चिट्ठा सबसे अधिक पसन्द है, क्यों?
    • अपना (हिंदीबात).. हा. हा... (श्रीशजी की तरह - रावण वाली हंसी) , सभी अच्छे चिठ्टे हैं , किसी एक का नाम पूछकर गैगवार छिड़ने का खतरा है और मेरा एनकाउंटर पक्का है।
    5. प्रश्न : हिन्दी चिट्ठाजगत के प्रचार प्रसार में क्या योगदान दे सकते हैं?
    • अभी तो फिलहाल हिंदी चिठ्ठाकारी के माध्यम से ही कुछ सेवा हो सकती है, बाकि जैसा आदेश हिन्दी चिट्ठाजगत के 'भाई' लोगों का हो।
    मेरा ख्यांल है कि सभी चिठ्ठाकारों को टैगियाया जा चुका है इसलिये किसी को टैग नही करं रही हूँ। अगर कोई हैं, तो वो खुद को शिकार समझें और इन्हीं प्रश्नों का उत्तर दें।
  • Manisha मंगलवार, 27 फ़रवरी 2007

    लाइव राइटर से पोस्ट होने लगी

    जब से मैं अपने सभी चिठ्टों को नये ब्लॉगर पर ले गई थी, तभी एक परेशानी से मुझे दो-चार होना पड़ रहा था। मैं नये चिठ्टों को बनाने के लिये विंडोज लाइव राइटर का प्रयोग करती हूं। 

    लेकिन जब से नये ब्लोगर पर शिफ्ट किया था, तब से ही विंडोज लाइव राइटर से पोस्ट तो हो रहा था लेकिन ब्लॉगर पर पोस्ट नजर नहीं आती थी। हार कर खुद ही कॉपी करके पोस्ट करनी पड़ रही थी। 

    समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये? 

    हिंदी जगत के अन्य सक्रिय चिट्टाकारो से सहयोग मांगा गया। 

    पंडितजी के ब्लॉग पर मिश्राजी ने बताया कि मुझे विंडोज लाइव राइटर को अपडेट करना चाहिये। 

    इसलिये मैंने कल विंडोज लाइव राइटर को दुबारा डाउनलोड किया और पुराने संस्करण के उपर ही इंस्टाल कर दिया। 

    इसके बाद अब विंडोज लाइव राइटर ठीक तरह से पोस्ट कर रहा है। 

    सहयोग करने वालों को धन्यवाद।

    Manisha शनिवार, 3 फ़रवरी 2007