www.HindiDiary.com

बचपन की ये लाइन्स याद कीजिये


Bachpan ki Lines बचपन कि ये लाइन्स

बचपन की ये लाइन्स.
जिन्हे हम दिल से गाते
गुनगुनाते थे...
और खेल खेलते थे ..!!
तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!


▶  मछली जल की रानी है,
       जीवन उसका पानी है।
       हाथ लगाओ डर जायेगी
       बाहर निकालो मर जायेगी।

**********
▶  पोशम्पा भाई पोशम्पा,
       सौ रुपये की घडी चुराई।
       अब तो जेल मे जाना पडेगा,
       जेल की रोटी खानी पडेगी,
       जेल का पानी पीना पडेगा।
**********
▶  आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
       बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
       बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
       मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।
************
▶  आज सोमवार है,
       चूहे को बुखार है।
       चूहा गया डाक्टर के पास,
       डाक्टर ने लगायी सुई,
       चूहा बोला उईईईईई।
**********
▶  झूठ बोलना पाप है,
       नदी किनारे सांप है।
       काली माई आयेगी,
       तुमको उठा ले जायेगी।
**********
▶  चन्दा मामा दूर के,
       पूए पकाये भूर के।
       आप खाएं थाली मे,
       मुन्ने को दे प्याली में।
**********
▶  तितली उड़ी,
       बस मे चढी।
       सीट ना मिली,
       तो रोने लगी।
       ड्राईवर बोला,
       आजा मेरे पास,
       तितली बोली ” हट बदमाश “।
****************
▶  मोटू सेठ,
       पलंग पर लेट ,
       गाडी आई,
       फट गया पेट
******************

Manisha शनिवार, 28 मई 2016

लू लगने से मृत्यु क्यों होती है?


log-loo-lagne-se-mar-rahe-hain
देश में इन गर्मियों में तापमान औसत रुप से 45 डिग्री के आस पास पहुंच गया है और कई हिस्सों में में तो 47 से 51 डिग्री तक तापमान है। रोजाना तापमान के उच्चतम रिकार्ड बन रहे हैं।  

जोधपुर के फलोदी में तापमान 51 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि देश में 1951 के बाद सबसे ज्यादा है।  

इस भयंकर गर्मी में जबर्दस्त लू चल रही है और दिल्ली से आंध्रप्रदेश तक सैकड़ो लोग लू लगने से मर रहे हैं। 

मौसम विभाग ने लोगों को सचेत करते हुये ऑरेंज एलर्ट जारी किया है और सुबह 11 बजे से दोपहर के बाद 3 बजे तक बाहर धूप में बहुत जरुरी होने पर ही बाहर सावधानी से निकलने की सलाह दी है।

हम सभी धूप में घूमते हैं फिर कुछ लोगो की ही धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है? 

आइये देखें
  • हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है।
  • पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है।
  • पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है।( बंद कर देता है )
  • जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है।
  • शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है I( जैसे उबलते पानी में अंडा पकता है )
  • स्नायु कड़क होने लगते है इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं।
  • शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन ) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
  • व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक- एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु हो जाती है।


लू से बचने के लिये क्या करें? 


  • गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोडा थोडा पानी पीते रहना चाहिए, और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए।
  • कृपया 12 से 3 बजे के बीच ज्यादा से ज्यादा घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें।
  • कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें।
  • किसी भी अवस्था मे कम से कम 3 ली. पानी जरूर पियें। किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 ली. पानी जरूर लें।
  • जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें। किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है।
  • ठंडे पानी से नहाएं।
  • मांस का प्रयोग छोड़ें |
  • फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें।
  • एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थिति है।
  • शयन कक्ष और अन्य कमरों मे 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है।
  • अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें।

हीट वेव (लू) कोई मजाक नही है। बचाव में ही सावधानी है। कुछ दिन धूप में बाहर न निकलें।

Manisha शुक्रवार, 20 मई 2016

अपने बैंक से परेशान होने पर बैंकिंग लोकपाल योजना में शिकायत कीजिये


बैंकिंग  लोकपाल योजना
आम तौर पर हम भारतीयों की सरकार और सरकारी संस्थाओं से कोई खास उम्मीद नहीं होती है। 

इसी लिये सरकारी क्षेत्र के बैंकों में आम भारतीय अपना खाता खोल ले ये ही बड़ी बात होती थी और है, बाकि अच्छी सेवा उसे मिले और उसके भी कुछ अधिकार हैं, इसके बारे में कोई उम्मीद कोई नहीं रखता था।  

पिछली सदी के 90 के दशक के आरम्भ में भारतीय बैंको को प्रतियोगित्मक बनाया गया और भरत में कई विदेशी और निजी बैंकों ने अपनी सेवा  आरम्भ की। इन बैंकों ने अपनी विभिन्न नई प्रकार की सेवाओं और उत्पादों से ग्राहकों को तेजी से अपनी ओर खींचा।  

सरकारी क्षेत्र के बैंक अभी भी नहीं चेते और उनकी सेवाओं की हालत अभी भी खस्ता ही है, पर कुछ सुधार शुरू हुआ है।

ऐसे में ग्राहकों को बैंको द्वारा अच्छी सेवा न दी जाने की स्थिति में कोई शिकायत होने पर ग्राहक कहां जाये? क्या करे?   ये एक बड़ा सवाल था।   

बैक ग्राहकों को शिकायत  के लिये एक मंच देने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग  लोकपाल योजना लागू की है। 

इस योजना मे अगर आपको अपने बैंक में बैंकिंग  लेन-देन और कारोबार के बारे  में कोई शिकायत है या आप बैंकिंग सेवाओं में कोई कमी महसूस करते हैं, जैसे कि
  • लिखित आश्वासनो को पूरा न करना
  • वित्तीय उत्पादों/सेवाओं के विक्रय के समय बैंक द्वारा प्रमुख शर्तों को उजागर न करना
  • बैंकिंग सेवाओं और अन्य वित्तीय उत्पादों से संबंधित प्रभारों और शर्तों को स्पष्ट रुप से न बताना
  • भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों का पालन ल करना
  • ग्राहकों के प्रति बैं की प्रतिबद्धता संबंधी संहिता, जैसे कि भारतीय बैंकिंग संहिता और मानक बोर्ड द्वारा जारी की गई है, का पालन न करना
तो कृपया अपनी शिकायत के निवारण के लिये पहले अपनें बैंक से सम्पर्क करें, यदि एक महीने में आपकी शिकायत का निवारण नहीं होता या आप बैंक से प्राप्त जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप अपने बैंक के लिये भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त किये गये बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं। वे आपकी शिकायत के निवारण में सहायता करेंगे।  


बैंकिंग लोकपाल को  आप डाक/फैक्स द्वारा लिखित शिकायत करें। बैंकिंग लोकपाल को शिकायत करने में कुछ भी खर्चा नहीं करना पड़ता है।

ध्यान रहे कि बैंकिंग लोकपाल को शिकायत करते समय अपनी शिकायत से संबंधित ये बातें अवश्य बतायें - 

  1. नाम, पता, मोबाइल ऩंबर और ईमेल आईडी
  2. जिस बैंक के बारे में शिकायत है उसकी शाखा /  कार्यालय का नाम और पता
  3. पूरी शिकायत का विवरण
  4. इसके कारण हुये नुकसान का स्वरूप और इसकी मात्रा।

बैंकिंग लोकपाल के बारे में और जानने के लिये http://www.bankingombudsman.rbi.org.in पर अंग्रेजी  में जानकारी के लिये और https://www.rbi.org.in/commonman/Hindi/scripts/againstbank.aspx पर हिंदी में जानकारी के लिये जायें और अगर किसी बैक से कोई शिकायत हो तो इस पर जा कर अपनी शिकायत इलेक्ट्रानिक रुप से दर्ज कर सकते हैं।

Manisha सोमवार, 9 मई 2016

एक दिन में छह पैग शराब से जा सकती है जान


Sharab ke Peg
पहले भी हमने कई बार यहां इस ब्लॉग पर लिखा है कि कैसे भारत में  शराब का जबर्दस्त प्रभाव चल रहा है।  

गली गली में शराब की दुकानें और मयखाने खुल गये हैं। 


लेकिन क्या मजाल कि कोई शराब के दुष्प्रभाव के बारे ंमें कुछ बोले, इस पर चर्चा करे। अब तो हालत ये है कि शराब पीने में महिलायें भी पुरूषों की बराबरी कर रही हैं।  


बेचारे गांधीजी और कांग्रेस ने आजादी के आन्दोलन के समय शराब के खिलाफ कितना प्रचार किया, लोगों ने उसको माना भी और शराब छोड़ी भी। लेकिन अफसोस कि आजादी के बाद भारत में शराब का प्रचार और प्रसार बढ़ता ही जा रहा है। 

लोग शराब पीना शान की बात समझते हैं। शादी ब्याह पार्टी बिना शराब के पार्टी नहीं मानी जाती है। सरकार भी शराबियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखती है

खैर जब अब शराब की अति हो गई है, तो कुछ लोगों को ध्यान आया और अब चार राज्यों - गुजरात, केरल, बिहार और नागालैंड में शराबबंदी की गई है।  

और अब तो एक नया अध्ययन जो कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स द्वारा किया गया में सामने आया है जिसमें बताया गया है कि अगर आप रोजाना 6 पैग शराब पीते हैं तो आपकी जान भी जा सकती है। 

इसमें यह बात निकलकर सामने आई कि यह धारणा बिल्कुल गलत है कि कम मात्रा में शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

इसे एम्स के डॉक्टरों ने सिरे से खारिज कर दिया और बताया है कि शराब के सेवन से 200 तरह की बीमारियां होती हैं। जिन्हें पीने की लत हो उनके लिए तो शराब खतरनाक है ही, लेकिन जिन्हें पीने की लत नहीं है और किसी के बहकावे में आकर कभी-कभार इसका सेवन करते हैं उनके लिए ज्यादा घातक है। 

ऐसे लोग यदि साल में कभी एक बार शराब पीएं और एक ही दिन छह पैग या उससे ज्यादा ले लें तो मौके पर ही मौत हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं और ऐसे कई मामले देखे भी गए हैं।

एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके खंडेलवाल ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि पहले के मुकाबले अब कम उम्र में शराब पीने की लगत बढ़ रही है। अब शहरों में 13 से 14 साल की उम्र में बच्चे शराब पीना शुरू कर देते हैं। सड़कों पर जीवन गुजारने वाले बच्चे 11-12 साल की अवस्था में शराब पीने लगते हैं। 

यूरोपीय देशों में इसका सेवन घट रहा है जबकि भारत में शराब का सेवन बढ़ रहा है। यह चिंताजनक स्थिति है क्योंकि शराब मस्तिष्क से लेकर शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है। इसके सेवन से 200 तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। इससे मस्तिष्क की सोचने समझने की शक्ति प्रभावित होती है और याददाश्त कमजोर होती है। 

एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके आचार्या ने कहा कि लिवर की बीमारियों से पीड़ित करीब 50 फीसद मरीज शराब के सेवन के चलते बीमार पड़ते हैं।

Manisha सोमवार, 2 मई 2016

नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को केंद्र सरकार पूरी तरह से ऑनलाइन करेगी


हाल के दिनों में मोदी सरकार ने  रोजगार से संबंधित खास कर सरकारी नौकरियों से संबंधित कई फैसले लिये हैं।
Online Government Recruitment
   
पहले लिये गये एक आदेश के अनुसार विकलांगों के लिये केन्द्र सरकार के सभी विभागों और उपक्रमों में विेशेष भर्ती अभियान चलाया गया, इसके बाद सरकार ने निश्चय किया कि अधिकारी स्तर की नौकरियों को छोड़कर बाकी सभी पदों की भर्ती के लिये कोई साक्षात्कार (इंटरव्यूह) नहीं लिया जायेगा, केवल परीक्षा परिणाम से ही भर्ती होगी।   


और फिर नया समाचार आया कि नौसेना में अब महिलाओंं स्थायी कमीशन दिया जायेगा तथा महिलाओं को भी नौसेना के लड़ाकू पोतों पर तैनात किया जायेगा।

सबसे सुखद समाचार यह था कि आने वाले दो वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार करीब दो लाख नये सरकारी पद सृजित करेगी

अब नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को केंद्र सरकार पूरी तरह से ऑनलाइन करने की योजना पर विचार कर रही है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया प्रोग्राम पर आधारित है। पहले हमने बताया था कि  सरकारी नौकरियों में  ऑनलाईन फार्म भरने शुरु हुये हैं, और बहुत कुछ होना बाकि है तभी उम्मीदवारों को वास्तविक फायदा होगा।

इस योजना के अनुसार सरकारी वैकेंसी को एक ही पोर्टल पर रखा जाएगा और वहीं से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। 

इसको क्रियान्वित होने के बाद सरकारी नोकरियों के आवेदकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने और जल्दी वेरिफिकेशन कराने के लिये रिश्वत देने के लिये बाध्य नहीं होना पड़ेगा साथ ही साथ बेवजह भटकना नहीं पड़ेगा। उम्मीदवारों को नौकरी के लिए आवेदन करने से लेकर ज्वॉइनिंग करने तक किसी सरकारी अधिकारी की जरूरत नहीं होगी.

आवेदन पत्र पर उम्मीदवारों को प्रत्यक्ष हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे ई-साइन (e-sign) की मदद से अपना हस्ताक्षर कर सकेंगे। वहीं सरकारी पेमेंट पोर्टल की मदद से परीक्षा शुल्क का ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे।

हां, उम्मीदवारों के अनिवार्य रुप से आधार नंबर और कार्ड लेना पड़ेगा, उसी की मदद से सरकार उम्मीदवारो की पहचान कर पायेगी और कई प्रकार के पहचान के झंझटो को दूर किया जा सकेगा।

दरअसल पिछले साल भारत सरकार ने कई विषयों पर नये सुझावों व उन्हें कारगार रुप से लागू करने के लिये विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के कई समूह बनाये थे जिसमें से एक समूह रोजगार से संबंधित था। इसी समूह ने भर्ती प्रक्रिया को ऑनलाईन करने की सिफारिश की है जिस पर सरकार विचार कर रही है।

इसके अलावा उम्मीदवारो को इसमें प्रमाणपत्रों की मूल या फोटोकॉपी भी देने की जरुरत नहीं रह जायेगी। वे अपने सर्टिफिकेट डिजिटल लॉकर में अपलोड कर सकेंगे जहां से जरूरत पड़ने पर सरकार को ये दस्तावेज ऑनलाईन मिल जायेंगे। इससे सारी प्रक्रिया स्वचालित हो जायेगी।

सबसे आखिर में पुलिस सत्यापन का काम होता है जिसके लिये अधिकांश उम्मीदवारों को पुलिस कर्मियों को घूस खिलानी पड़ती है। इससे बचने के लिये उम्मीदवारो को स्वघोषित शपथ पत्र देना पड़ेगा।

इसमे उम्मीदवारों को बताना होगा कि उनका कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है। इससे उनको तात्कालिक रुप से ज्वाइनिंग मिल जायेगी और उसे स्थायी तभी किया जायेगा जब पुलिस सत्यापन हो जायेगा।

Manisha रविवार, 1 मई 2016

टैक्स हैवेन बनाम टैक्स नर्क देश


हाल के दिनों में दुनिया के कई समाचार पत्रों द्वारा खोज कर निकाले गये रहस्योदघाटन के द्वारा पनामा में दुनिया के
टैक्स हैवेन बनाम टैक्स नर्क देश
कई लोगों द्वारा खोली गई और खरीदी गई कंपनियों के नामों के उजागर होने के बाद से एक शब्द 'टैक्स हैवेन (Tax Heaven) यानी की कर का स्वर्ग (ऐसा देश जहां कर कम है या बिलकुल नहीं लगता)' का बहुत प्रयोग होने लगा है। 

हालांकि अब इस शब्द के इस्तेमाल पर कई देशों की आपत्तियों को देखते हुये भारत सरकार अब अधिकारिक रुप से इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगी। 


तो ऐसा क्यों है कि दुनिया के कई देशों को हम टैक्स हैवेन कहते है? आखिर हम क्यों नहीं करों को कम कर सकते। हमारे देश को अगर देखा जाये तो इसे टैक्स नर्क कह सकते हैं। जब टैक्स हैवेन (टैक्स स्वर्ग) है तो टैक्स नर्क (टैक्स हैल) क्यों नहीं हो सकता?

हमारे यहां इतनी तरह के टैक्स लगे हुये हैं कि इमानदारी से कमाने वाला व्यक्ति कर चुकानें में ही अपनी अधिकांश आय गंवा देता हैं। अपने देश को अगर सरकार टैक्स हैवेन नहीं बना सकती तो कम से कम टैक्स नरक तो न बनाये।

Manisha सोमवार, 18 अप्रैल 2016

भारत की सबसे तेज रेल गतिमान एक्सप्रेस 5 अप्रैल 2016 से शुरू


हाल के दिनों में भारतीय रेल से संचालन में कई नई बातें हुई हैं जैसे कि रेलो को समय पर चलाने का प्रयास, रेल में
गतिमान एक्सप्रेस का आरम्भ
खाने के लिये ऑनलाईन बुकिंग करना, चलती गाड़ी से ट्विटर द्वारा लोगों की शिकायतों व अनुरोधों को सुनना व उनका समाधान निकालना और भारत में बुलेट ट्रेन के संचालन के लिये प्रयास करना जिसकी अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।

इसी कड़ी में अब  रेलवे ंमंत्रालय ने भारत में सवारी गाड़ियों की गति को तेज करने का प्रयास शुरु किया है। 

5 अप्रैल 2016 से भारत की सबसे तेज रेल गाड़ी 'गतिमान एक्सप्रैस'  दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से ताजमहल के लिये प्रसिद्ध आगरा के आगरा कैन्ट स्टेशन के बीच चलाई जा रही है।  

इसकी गति प्रारम्भ में 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।  1 घंटा 40 मिनट यानी केवल 100 मिनट में यह ट्रेन आपको दिल्ली से आगरा पहुंचा देगी। 

दिल्ली से आगरा होकर भोपाल जाने वाली 'शताब्दी एक्सप्रेस' से  यह गाड़ी 17 मिनट शीघ्र (जल्दी) आगरा पहुंचेगी।  गतिमान एक्सप्रेस दिल्ली के हजरत निजामु्द्दीन स्टेशन से रोजाना सुबह 8.10 बजे चलेगी और आगरा कैन्ट स्टेशन से शाम 5.50 बजे चलेगी।  

रास्ते में इसका कोई ठहराव नहीं होगा। शुक्रवार को छोड़कर यह सप्ताह में छह दिन चलेगी।

हवाई यात्रा की तरह इस ट्रेन में परिचारिका (होस्टेस) की तैनाती होगी, जो यात्रियो को गुलाब देकर स्वागत करेंगी। देश में पहली बार किसी ट्रेन में ट्रेन होस्टेस सुविधा मिलेगी।

इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस से 25 फीसद ज्यादा किराया चुकाना होगा। हजरत निजामुद्दीन से आगरा तक चेयरकार का किराया 690 रुपये तथा एग्जिक्यूविट क्लास का 1365 रुपये देना होगा, जबकि भोपाल शताब्दी का किराया 540 और 1040 रु. है। 

भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम ने भी विशेष पैकेज तैयार किया है। इसमें यात्री को ट्रेन में सफर के साथ ही आगरा में वातानुकूलित वाहन में घूमने और पांच सितारा होटल में रुकने की सुविधा मिलेगी। ट्रेन में आठ चेयरकार और दो एक्जिक्यूटिव क्लास के कोच हैं, जिसमें कुल 715 यात्री यात्र कर सकेंगे। 5400 हॉर्स पावर का इलेक्टिक इंजन लगेगा।

 उम्मीद की जाने चाहिये कि भारत का रेलवे अपना प्रबंधन ऐसे ही ठीक करता हुआ एक दिन दुनिया में अपना नाम करेगा।

Manisha रविवार, 3 अप्रैल 2016

सरकारी भर्ती परीक्षाओं के अंको को निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जायेगा


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के
सरकारी भर्ती परीक्षाओॆ के अंको को निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जायेगा
नंबरों को निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जायेगा ताकि वह भी अपनी पसंद के लोगो की भर्ती कर सकें। 

श्री मोदी ने कहा "सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करते हैं। अभी तक इन परीक्षाओं में प्राप्तांकों को सरकार अपने पास रखती आई है। 

अब से हम इन परीक्षाओं के अंको को सभी नयोक्ताओं को उपलब्ध करायेंगे लेकिन यह काम केवल उन्हीं उम्मीदवारों के मामले में होगा जहां उनकी सहमति होगी। इससे सकारात्मक बाहरी वातावरण बनेगा।"

मेरे विचार में ये एक बहुत ही अच्छा कदम है जिससे सभी प्रकार के नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की योग्यता का पैमाना समान हो जायेगा और निजी क्षेत्र को भी उम्मीदवारों को छाटनें में आसानी रहेगी।

प्रधान मंत्री का पूरा भाषण  आप यहां पढ़ सकते हैं।

Manisha मंगलवार, 29 मार्च 2016

फिर से छोटी डाकघर बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाई गईं


छोटी डाकघर बचत योजनायें
मार्च 2016 मे सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और डाकघर  द्वारा चलाये जाने वाली छोटी बचत योजनाओं में दी जाने वाली ब्याज दरों में कुछ कटौती की है। 

पीपीएफ की अभी तक की दर 8.7% थी जो कि अब घटाकर 8.1% कर दी गई है वहीं किसान विकास  पत्र की वर्तमान दर 8.7% से घटाकर 7.8% कर दी गई है।

इसके अलावा अन्य छोटी बचत योजनाओं में इस प्रकार की कटौती की गई है :

  • डाकघर की 1 साल की जमा राशि पर 8.4% से घटाकर 7.1%
  • डाकघर की 2 साल की जमा राशि पर 8.4% से घटाकर 7.2%
  • डाकघर की 3 साल की जमा राशि पर 8.4% से घटाकर 7.4%
  • डाकघर की 5 साल की जमा राशि पर 8.5% से घटाकर 7.9%
  • डाकघर की 5 साल की राष्ट्रीय बचत पत्र पर  पर  घटाकर 8.1%
  •  5 साल की वरिष्ठ बचत योजना पर 9.3% से घटाकर 8.6%
  • बालिका बचत योजना पर  9.2% से घटाकर 8.6% 


पिछली बार की बाजपेयी जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने भी छोटी बचत योजनाओं में कटौती की थी और जिसका खामियाजा उसको अगले आम चुनावों में हार कर भुगतना पड़ा था। 

आम लोग छोटी छोटी बचत करके उम्मीद करते हैं कि कुछ उनको इसका सही समय अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा। लेकिन सरकार के ब्याज दरों को घटाने से लोगों की उम्मीदों को झटका लगता है। 

कई सेवानिवृत लोग इन बचत से  प्राप्त होने वाली ब्याज को मासिक तौर पर प्राप्त  करके अपना घर चलाते हैं। 

सरकार का ये कदम शायद राजकोषीय  घाटा कम करने के लिये उठाया गया है लेकिन इससे आम लोगो को बहुत परेशानी होती है।

इस कदम को सरकार को वापस लेना चाहिये।  

हर महीने लोग जब अपनी ब्याज को देखते हैं तब उनको बहुत खराब लगता है और यह बार बार हर महीने उनको वापस याद दिलाता है जिसका राजनैतिक खामियाजा बहुत ज्यादा होता है, सरकार को यह ध्यान रखना चाहिये।

Manisha शुक्रवार, 18 मार्च 2016

अपने घर में दो महीने का राशन हर समय रखना चाहिये


हरियाणा राज्य में जाटों के आरक्षण के चलते लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है। कई सरकारी इमारतों और संपत्तियों को जला दिया गया हैं। शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और गांवो तक जाने के रास्ते भी बंद हो गये। इस हिंसा मे 12 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और सैकड़ो लोग घायल हुये हैं।

Unrest दंगा


हालांकि  अब सरकार ने जाट आंदोलनकारियों की मांगे मान ली हैं और हरियाणा के जाटों को आरक्षण मिलना अब तय है।

मेरा यहां पर ये सब बताने का उद्देश्य अलग हैं। मैं यह बताना चहती हुं कि भारत के किसी भी हिस्से में कहीं भी कभी भी ऐसा परिस्थिति आ सकती है जिसमें आप को कई दिनों तक घर में बंद रहना पड़े और आपको  सामान्य जीवन बिताने के लिये काम आने वाली वस्तुओं की किल्लत झेलनी पड़े। 

इसके लिये मेरे विचार में अपने घर में कम से कम दो महीने का राशन हर समय रखना चाहिये। पता नहीं कब किस कारण से सामान मिलना बंद हो जाये।

याद कीजिये इस से पहले चेन्नई में अचानक बाढ़ के कारण लोगों के कितनी परेशानी उठानी पड़ी थी। श्रीनगर (कश्मीर) और मुंबई में भी ऐसा हो चुका है।  

कब किस कारण से एकदम से कब बाजार से क्या गायब हो जाये कुछ कह नहीं सकते।

पहले जमाने में घर बड़े होते थे और सामान रखने के जगह होती थी, साथ ही साथ भारत का राजनीतिक वातावरण अस्थिर और अराजक था, इसलिये लोग घर में काफी सारा राशन इत्यादि घर में रखते थे कि पता नहीं कब परेशानी आ जाये। 

अब लोग छोटे घर और फ्लैटों में रहते हैं जिनमें ज्यादा सामान रखने की जगह नहीं होती है। 

इसके अलावा बाजार में पैकिंग मे सब सामान भी उपलब्ध रहता है इसलिये लोग बाग अपना घर में ज्यादा सामान नहीं रखते हैं। 

लेकिन अब जिस तरह का वातावरण हरियाण में बना और चेन्नई में हुआ उसको देखते हुये समझदारी इसी में है कि लोग अपने घर में लंबे समय के हिसाब से राशन रखें। कुछ नहीं तो दाल और चावल तो ज्यादा मात्रा में रखा ही जा सकता है।

संपादन - 1 (मई 2020)

अभी पूरे भारत में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन कर दिया गया है और इस की वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। गरीब लोगों को खाने के लाले पड़ गये हैं। 

ऐसे में मेरी पहले से ऊपर लिखी बात को बल मिलता है कि अगर सब कुछ छोड़ कर सबसे पहले अपने घर में खाने का राशन रखा हो तो तमाम विपरीत परिस्थितियां आराम से काटी जा सकती हैं।

Manisha सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

ऐसा लगता है कि गोल्फ भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है


अगर आप ने पिछले कुछ सालो में भारत के प्रमुख शहरों में बिल्डरों द्वारा बनाये जा रहे रिहायशी परियोजनायों  के लिये दिये जा रहे विज्ञापनों को अगर ध्यान से देखा हो तो आपने देखा होगा कि अधिकांश परियोजनायों में  गोल्फ कोर्स को आधार बनाया गया है। 

यानी कि एक गोल्फ कोर्स विकसित किया जाता है और उसके चारों ओर बहुमंजिली बिल्डिंग और विला बनाये जातो हैं। बड़े बड़े रंगीन विज्ञापनों में लोगों को गोल्फ खेलते हुये दिखाया जाता है। 

लोग इन  गोल्फ आधारित रिहायशी परियोजनायों को पसन्द भी कर रहे हैं। हालांकि और कोई खेल जैसे कि क्रिकेट और हॉकी के लिये कोई बिल्डर मैदान नहीं छोड़ता है और न हीं लोग बाग इसकी मांग ही करते हैं। ऐसा लगता हे कि गोल्फ भारत का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया है।

Golf Course

Manisha गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016