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लोकतांत्रिक देश में धरने प्रदर्शनों के लिये कोई जगह नहीं


हम लोग कई बार जब दिल्ली में घूमने के लिये निकलते समय अगर कनॉट-प्लेस के पास स्थित जंतर मंतर पर पहुंच जाते हैं तब वहां पर देखते हैं कि वहां पर सड़क के दोनो ओर कई प्रकार के धरने और प्रदर्शन चल रहे होते हैं, जिन कई व्यक्ति और संगठन अपनी विभिन्न मांगो को लेकर धरने में शामिल रहते हैं। 

कई बार शाम को वहां पर लोग मोमबत्तियां जला कर भी अपना विरोध किसी बात पर व्यक्त कर रहे होते हैं। इन लोगों को की वजह से जंतर मंतर पर काफी गहमा गहमी रहती है और पुलिस की भी व्यवस्था रहती है। 


कई मीडिया कर्मी भी वहां इन धरने प्रदर्शनों को कवर करने के लिये आते रहते हैं। इस के अलावा कई बड़े लोग जैसे कि खिलाड़ी, फिल्मी कलाकार और राजनेता इन धरने प्रदर्शनों को अपना समर्थन देने आते रहते हैं। 

एक लोकतांत्रिक देश में ये सब होते ही रहना चाहिये क्योंकि इसी से पता चलता है कि लोग अपनी आस्था लोकतंत्र में बनाये रखते हैं और इस विश्वास में रहते हैं कि उनकी बात सुनी जायेगी।


Delhi Dharna Place Jantar Mantar


इसी के पास संसद मार्ग पर संसद मार्ग थाने के सामने संसद का घेराव और कई बड़े राजनैतिक प्रदर्शनों के लिये आये दिन कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं जिन कई बार बड़े-बड़े राजनेता भी पहुंचते हैं।

लेकिन इस सब में लोगो कई प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। संसद मार्ग और उसके आस पास बहुत सारे सरकारी, गैर सरकारी व मीडिया के कार्यालय हैं जिनमें काम करने वाले कर्मचारियों को इस तरह के आये दिन होने वाले धरने-प्रदर्शनों की वजह से रास्ता परिवर्तन व भीड़-भाड़ होने से काफी परेशानी उठानी पड़ती है। 

अक्सर इनकी वजह से जबर्दस्त जाम लग जाते हैं जिसकी वजह से लोग इन धरने प्रदर्शन वालों और नेताओं को कोसने लगते हैं। इसके अलावा जो लोग जंतर मंतर पर पर धरने के लिये आते हैं उनके लिये भी किसी भी प्रकार के कोई इंतजाम नहीं होते हैं।

इसलिये मेरा मानना है कि दिल्ली में और हो सके तो सभी राज्यों की राजधानियों में जहां कि अक्सर किसी न किसी बात को लेकर धरने प्रदर्शन होते रहते हे वहां पर लोकतंत्र के इस जीवंत रुप के लिये स्थायी रुप से बड़ी जगह निर्धारित की जानी चाहिये जैसे कि इंगलैंड में लंदन में हाइड पार्क में किया गया है। साथ ही साथ पूरे क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा, पेयजल की व्यस्था, शौचालय की व्यवस्था, मेडिकल की सुविधा भी प्रदान की जानी चाहिये। 

धरने के बाद जाम न लगे इसके लिये भी तजाम किये जाने चाहिये। क्या ये अपने आप मे विचित्र नहीं लगता कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आजादी के 70 से ज्यादा वर्षों के  बाद भी धरने-प्रदर्शनों के लिये कोई जगह नहीं हैं?

Manisha शनिवार, 6 फ़रवरी 2016

चाउमीन भारतीय व्यंजन बन चुका है


ऐसा लगता है कि चाउमीन अब भारतीय व्यंजन बन चुका है। मैं जहां कहीं भी जाती हूं वहां पर चाउमीन  बिकता हुआ देखती हूं।  बड़े-बड़े रेस्तरां हों या  फिर पटरी बाजार चाउमीन सब जगह बिक रहा है। 

मैंने तो इसे गांव - देहातो के बाजारों में भी खूब धड़ल्ले से बिकते हुये देखा है। 5 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की वेज चाउमीन कहीं भी मिल जाती है। 

गरीब से गरीब आदमी भी बाजार में चाउमीन  खाता हुआ दिख जाता है। 

Manisha मंगलवार, 18 अगस्त 2015

भारत में पोर्न बन्द नहीं हो सकता


भारत सरकार मे 857 पोर्न वेब साईटों को बन्द करने का आदेश क्या दिया, भारत में तुफान खड़ा हो गया
No Indecent thing about Porn in India

सब लोग विरोध में लगे हें। भारत सरकार डर कर वापस अपना आदेश वापस ले रही है।

जिस  देश में पोर्न की अभिनेत्री को पूजा जा रहा हो, इंटरनेट पर सबसे ज्यादा खोजा जा रहा हो, वहां पर बन्द नहीं हो सकता है पोर्न।

ध्यान देने की बात है कि अब कोई अश्लील सामग्री नहीं है अब केवल पोर्न है या बोल्ड है।

कामुकता और अश्लीलता अब पुराने जमाने की बातें हैं।

Manisha गुरुवार, 6 अगस्त 2015
आज बाबा साहब अंबेडकर जी के 125वें जन्मदिवस के अवसर पर गूगल भी शेष भारत की तरह अपनी ओर से श्रद्धांजली दे रहा है।  आज गूगल अपने लोगो में अंबेडकर जी की तस्वीर दिखा रहा है।

Ambedkar on Google Logo


Manisha मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

ब्लॉगरों को सर्विस टैक्स देना होगा


अच्छे दिनों के इंतेजार में बैठे लोगों को कुछ मिला या नहीं पर भारत के छोटे छोटे चिट्ठाकारों ब्लॉगरों का लगता है कि मोदी सरकार ने परेशान करने की ठान Bloggers to pay service taxली है|

वित्त मंत्री अरुण जैतली द्वारा पेश किए गए बजट के अनुसार ऑनलाइन विज्ञापन के लिए अपनी वैबसाइट पर जगह उपलब्ध करने पर अब सर्विस टैक्स देना होगा |

भारत में हजारों लोग अपनी छोटी मोटी वैबसाइट गूगल एडसेंस को विज्ञापन के लिए उपलब्ध कराते हैं |

हिन्दी मैं तो वैसे चिट्ठाकार ज्यादा नहीं कमाते हैं पर अँग्रेजी भाषा में लोग काफी कमा लेते हैं। ऐसे ब्लोगरों को सर्विस टैक्स देना होगा जबकि इनकम टैक्स तो पहले से देना ही पड़ रहा है |

यानी अब ऑनलाइन घर पर मेहनत करके कमाने के दिन भी गये और अपनी आय का 45.36 प्रतिशत कर के रूप में भारत सरकार का दे कर उनके दिन अच्छे करिये, अपने अच्छे दिन तो पहले ही नहीं थे |

Manisha शनिवार, 12 जुलाई 2014

आखिर किस को वोट दें? किसी पार्टी में कोई गुण है और किसी में कोई ओर गुण। अरविन्द केजरी में सरलता और
आखिर किस को वोट दें? Whom to Vote
ईमानदारी है, मुलायम सिंह यादव में हिंदी प्रियता है, मायावती में कड़क प्रशासन है, कांग्रेस में ऐसी कश्मीर नीति है जिसमें किसी से बात न करना ही ठीक है, मोदी में अच्छी गवर्नेंस है तो ममता में नीचे तक के लोगों से संपर्क।  

क्या ये सारे गुण मिलाकर कोई नहीे हो सकता जिसको हम अपना वोट द सकें?

Manisha मंगलवार, 8 अप्रैल 2014
Yesterday, across Rwanda, thousands are gathering in stadiums, churches, and community centers to take part in Kwibuka - Remembrance. 20 years ago marked the start of 100 of the darkest days in human history. 1 million people were killed in the Rwandan Genocide. I  stand with the survivors and will not let the million lost be forgotten.  Let us pray for them.

I am with Rawanda


Manisha

इस ब्लॉग का पहले का डोमेन नाम मेरे से असावधानी वश कब अपनी मियाद पूरी करके खत्म हो गया कुछ पता
https://www.HindiDiary.com
ही नहीं चला। मैंने बहुत कोशिश की कि मुझे पहले वाला डोमेन नाम वापस मिल जाये परन्तु ऐसा न हो सका । अतः हारकर अब नया डोमेन नाम https://www.HindiDiary.com लिया है । उम्मीद है कि अब इस हिंदी ब्लॉग पर लेखन निरंतर बना रहेगा ।

Manisha रविवार, 13 जनवरी 2013