अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रतिनिधित्व में आरक्षण
महिला होने के नाते मुझे खुशी है कि आखिरकार 14 वर्षों के बाद संसद और राज्यों की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिये बिल पेश हो जायेगा।
ये एक ऐतिहासिक क्षण है। इस प्रकार के आरक्षण के बाद बहुत कुछ बदलेगा।
हालांकि व्यक्तिगत आधार पर मैं किसी भी प्रकार के आरक्षण के विरूद्ध हूं क्योंकि ये लोगो का प्राकृतिक और वास्तविक विकास नहीं करता है बल्कि ये अन्य लोगों के साथ अन्याय करता है, लेकिन फिर भी महिलाओं के लिये संसद और विधानसभा में आरक्षण एक अच्छा कदम है।
इसके विरोधी महिलाओं को पिछड़े, दलित, धार्मिक आधार पर बांट कर विरोध कर रहे हैं लेकिन ये बिल अब पास हो कर रहेगा।
ये कोई पुरुषों और महिलाओं के बाच की लड़ाई नहीं है बल्कि महिलाओं के वास्तविक विकास की बात है।
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no resevation ---male or female me farke mat samjho sarkar inhe aarksan ke aadar par batne ki kosis kar rahi hai--- or es aarksan ki aag ko or badka rahi hai es liye aarkasan se jayda des ki mahgaye ko kam karna jaruri hai
जवाब देंहटाएंaap reservation ki virodhi hai aur ye manti hai ki isse logo ka prakratik aur vastvik vikas nahi hota hai to mahila aarkshan bhi sahi nahi hai. pahle neta jaatiyo me baata karte the ab male female me bhi baat diya.
जवाब देंहटाएंplease make one assembly in every family in our india
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