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नये वर्ष में रुपये पैसे के नये नियम


नये वर्ष शुरु हो गया है और यह अपने साथ बहुत सारे ऐसे वित्तीय परिवर्तन लाया है जिससे कि आपके रुपये पैसे को यानी की आपको आर्थिक रूप से कुछ घाटा और कुछ लाभ होगा। रुपये पैसे के नये नियम बनाये गये हैं जिससे आपको कई सेवाओं के लिये अधिक मूल्य चुकाना पड़ सकता, वहीं कुछ सेवाओं पर आपको आर्थिक लाभ हो सकता है।

Manisha रविवार, 9 जनवरी 2022

एक सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बने?


लेखक किसी भी समाज का वह प्रतिभाशाली व्यक्ति होता है। जो अपनी लेखनी के माध्यम से अपने भावों भावनाओं को सबके सामने प्रस्तुत करता है। दूसरे शब्दों में, जिस प्रकार से कोई कलाकार मंच पर अपने पात्र को बखूबी निभाता है, ठीक उसी प्रकार से, एक लेखक भी अपनी कहानी के समस्त पात्रों का किरदार स्वयं ही निभाता है।

ऐसे में लेखक की यह नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह जो भी लिखें, वह आधार पूर्ण हो। जिसके लिए उसे लेखन में पारंगत होने की आवश्यकता होती है।

अच्छा लेखक श्रेष्ठ वो है जिसको पाठक पढ़ना चाहें। पढ़ने के बाद उसे लोग भूल ना पायें। उसे् लोग बार बार पढ़ना चाहें। अच्छा लेखक वो होता है जिसे पढ़ने के बाद पाठकों के अंदर से आवाज आए कि वाह ! क्या लिखा है।

इसलिए आज हम आपके लिए एक अच्छा सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बनें? उपरोक्त विषय पर उपयोगी लेख लेकर आए हैं।

उम्मीद है कि इसे पढ़कर आप अवश्य ही अपनी लेखन क्षमता को विकसित करके एक प्रभावी लेखक बन पाएंगे। चूंकि एक ब्लॉगर भी वास्तव में एक लेखक ही होता है अतः यहां पर लिखी हुई बातें एक सफल और अच्छा ब्लॉगर बनने के लिये भी काम आ सकती हैं।

Manisha गुरुवार, 3 जून 2021
Communist Labour Demonstration Slogans

भारत में वर्ष 1925 में कम्यूनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई थी। इसकी स्थापना के बाद से भारत में मजदूरों के बेहतर कामकाजी स्थिति के लिये बहुत सारे धरने-प्रदर्शन किये गये और संघर्ष किये गये। गरीब किसान और खेत मजदूरों को शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें संगठित करने में बहुत से आंदोलन किये गये।

धरने-प्रदर्शन, हड़तालों, आन्दोलनों और जलुसों में बहुत से जोशीले नारे लगाये जाते रहे । हम ने बचपन से बड़े होने तक देश में तमाम तरह के ऐसे नारे सुने हैं जो कि कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोग लगाया करते हैं। कुछ नारे तो ऐसे हैं कि अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता भी लगा देते हैं।

जोशीले नारे गढ़ने में वाम दलों को महारत हासिल रही है। इनके नारों की आक्रामकता को दूसरे दलों ने भी स्वीकारा और उन्होंने भी इसी तर्ज को अपनाया। यूं तो ये नारे अंग्रेजी समेत भारत की तमाम भाषाओं में रहे हैं पर हम यहां पर हिंदी भाषा में लगाये जाने वाले नारों की ही बात करेंगे।

यहां पर हम ऐसे ही कुछ मजदुरी हड़ताल या फिर अन्य प्रकार के धरने-प्रदर्शनों में लगने वालो नारों के देखेंगे।

मजदूरों के संघर्ष में लगाये जाने वाले जोशीले सदाबहार नारे


  1. जनता जिन्दाबाद - आमतौर पर प्रयोग होने वाला नारा या कथन जिससे ये अहसास होता है कि जनता ही सर्वोच्च है। लोकतंत्र में तो वैसे भी जनता का फैसला ही माना जाता है। लेकिन इन नारों के द्वारा ये संदेश भी दिया जाता है कि जनता तो हमारे (आन्दोलन वालों के) साथ है।
  2. यह आजादी झूठी है, देश की जनता भूखी है - ये नारा कम्यूनिस्टों द्वारा भारत की आजादी के तुरंत बाद लगाया जाता था और आन्दोलन भी किया गया लेकिन इससे जनता इस पार्टी से दूर हो गई और इस नारे की वजह से नुकसान ही हुआ।
  3. इंकलाब जिंदाबाद - ये नारा समाजवादी, कम्यूनिस्ट विचारधारा का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली नारा है। क्योंकि इस नारे को भगत सिहं इत्यादि क्रांतिकारियों ने भी प्रयोग किया था इसलिये जनता में भी ये बहुत मान्य है।
  4. हर जोर-जुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है -  यह एक सबसे ज्यादा प्रचलित नारों में से एक है। लोग कहते हैं कि अगर यह नारा न होता तो दुनिया के आधे संघर्ष शुरू होते ही खतम हो जाते। इस नारे को लगाते समय लोग उनके हर काम को संघर्ष की तरह लेते हैं। विरोध प्रदर्शनों का ये एक आमतौर पर सुनाई देने वाला नारा है।
  5. दुनिया के मजदूरों एक हो - ये कम्यूनिस्टों का पूरी दुनिया में लगाया जाने वाला नारा है।
  6. मजदूर एकता, जिन्दाबाद - एक आम नारा जो हर प्रबंधन विरोधी प्रदर्शन में मजदूर लगाते हैं।
  7. चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगे पूरी हों - हर प्रदर्शन में लगने वाला नारा जिमसें हर हाल में अपनी मांग पूरी करने पर जोर दिया जाता है।
  8. सिहासन खाली करो कि जनता आती है -  ये नारा एक राजनैतिक नारा है जिसमें सत्ता के सिंहासन पर बैठा व्यक्ति निरंकुश और अत्याचारी है और वामपंथियों के नेतृत्व में जनता अपना शासन चाहती है। वैसे जनता के नाम पर जहां भी एक बार वामपंथी या कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोग अगर शासन में आ जाते हैं वहां पर जनता फिर किसी दूसरे शासन को नहीं देख पाती है, ये हमेशा के लिये सत्ता पर बैठ जाते हैं। ये रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियाँ हैं।
  9. तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी - मजदूरों और आम विरोध प्रदर्शनों का नारा
  10. आवाज दो हम एक हैं - आंदोलनकारियों में एकता बनाये रखने के लिये लगने वाला नारा
  11. हल्ला बोल, हल्ला बोल - विरोध प्रदर्शनों का ये एक आमतौर पर सुनाई देने वाला नारा है। 
  12. अभी तो अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है  - विरोध प्रदर्शनों का ये एक आमतौर पर सुनाई देने वाला नारा है। इस नारे के माध्यम से आंदोलनकारियों को अपना मनोबल बनाये रखने का आव्हान रहता है।


  13. XXXX मुर्दाबाद, मुर्दाबाद - किसी कपंनी के प्रबंधन या फिर किसी राजनैतिक पद वाले व्यक्ति के खिलाफ नारेबाजी
  14. जो हम से टकरायेगा, चूर चूर हो जायेगा - किसी कपंनी के प्रबंधन या फिर किसी राजनैतिक पद वाले व्यक्ति के खिलाफ नारेबाजी
  15. बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे - हाल के दिनों में वाम समर्थित प्रदर्शनों में पोस्टरों पर लिखा जाने वाला नारा
  16. हमें चाहिये आजादी -  ये भी हाल के दिनों में वाम समर्थित प्रदर्शनों में पोस्टरों पर लिखा जाने वाला बहुत ही विवादास्पद नारा है। विरोधी इसको विघटनकारी मानते हैं और समर्थक इसको अन्याय के खिलाफ नारा।

इसके अलावा भी कई अलग-अलग तरह के नारे हैं जो कि तमाम विरोध प्रदर्शनों में लगाये जाते हैं। यदि आपको भी कोई  ऐसा ही रोचक नारा याद आ रहा हो तो नीचे के टिप्पणी कक्ष (कमेंट बॉक्स) में बतायें।

Manisha रविवार, 4 अक्तूबर 2020

हिंदी कहानी - समस्या का समाधान

अतिथि ब्लॉग पोस्ट
Hindi story Kahani samasya ka samadhan

यह कहानी एक गुरु जी और उनके शिष्य की जोड़ी की है। यह साधु महात्मा एक शहर से दूसरे शहर घुमा करते थे।
और गुरु जी जो थे वह बहुत सारे लोगों के कष्टों का निवारण करते थे। अब शिष्य जो था उनके साथ उनकी सेवा करता और गुरु जी के साथ हमेशा उनकी सहायता और मदद करता था।

अब यह साधु और शिष्य की जोड़ी यह दोनों एक शहर पहुंचे वहां पर यह साधु जी का 2 दिन का सत्संग कार्यक्रम था और उन्हें वह शहर पर वहां रुकना था जब वहां पर 2 दिन का सत्संग खत्म हो गया तो अगली सुबह दुसरे शहर के लिए रवाना होना था।

परंतु ना ही उस शहर में वे किसी को जानते थे ना ही किसी को पहचानते थे। तो उस शहर पर उन्हें वहां पर खाने और रुकने की एक समस्या थी। तभी शिष्य ने अपने गुरु जी से कहा, "गुरु जी आज की रात या तो मंदिर की सीढ़ियों पर बितानी होगी" या किसी बगीचे या रास्ते में पर ही आज की रात बितानी होगी।

इस बात पर साधु ने शिष्य से कहा, ऐसा बिल्कुल नहीं होगा अच्छे काम के लिए निकले हैं तो ऊपरवाला ध्यान जरूर रखेगा। उन्होंने अपने शिष्य सेे कहा की आज आराम से खाना खाने को भी मिलेगा और आराम से रहने के लिए एक अच्छी जगह भी मिलेगा।



फिर साधु जिस रास्ते पर से पैदल जा रहे थे उसी रास्ते के किनारे एक बगीचा था वहां पर जाकर वो ध्यान मुद्रा में बैठ गए और कुछ देर बाद उठे और चलने लगे। और शिष्य भी उनके पीछे हो लिया।

कुछ देर बाद साधु महात्मा एक होटल के पास जाकर रुके और देखा तो वहां पर सूट में एकदम तैयार होटल का मैनेजर खड़ा हुआ था। मानो जैसे कि होटल का मैनेजर दोनों का स्वागत करने के लिए होटल के सामने खड़े हुए हैं

तब मैनेजर ने साधु महात्मा जी से कहा, ऐसा लगता है कि आप सफर करके आए हैं और इस शहर में किसी को जानते तक नहीं आप जैसे महापुरुषों के लिए आपके सत्कार के लिए एक विशेष व्यवस्था हमारे होटल में रहती है।

कृपया करके यदि आपकी इच्छा हो तो आप हमारे होटल में रुक सकते हैं, तो वह साधु और शिष्य उस होटल में रुक गए। और वहां के मैनेजर ने साधु महात्मा जी से कहा कि आप सबसे पहले भोजन कर लें। तो यह सब कुछ देखकर और सुनकर शिष्य चौंक जाता है।

उसे विश्वास नहीं हो रहा था उसे लगा कि मेरे गुरु जी को यह सब कैसे पता। अगली सुबह जब वे जिस स्थान पर पहुंचने वाले थे वह वहां पर पहुंच गए। और वहा पर पांच दिवसीय सत्संग था जिसके लिए बहुत सारे लोग भी आए थे। और वह सत्संग शुरू हो गया।



साधु महात्मा जी को प्रवचन सुनते और लोगों के कष्टों को दूर करते हुए 2 दिन समाप्त हो गए। तीसरे दिन सुबह एक महिला यह गुरुजी के पास आ पहुंची उसने कहा कि गुरु जी आप के प्रवचन सुनने से मुझे बहुत बल मिलता है लेकिन मैं यह शिविर छोड़ रही हूं।

मैं यहां शिविर में कल से नहीं आऊंगी। साधु ने ध्यान से उसकी बातों को सुना और फिर कहा, उसका कारण क्या है कि तुम आगे का प्रवचन सुनना नहीं चाहती हो?

>तब महिला ने बताया कि आपके प्रवचन के बाद जो समय होता है उसमें ध्यान में बैठना होता है और मैं ध्यान में नहीं बैठ पाती, उस जगह में या तो कोई पैर पसार के बैठा होता है या फिर कोई अपने मोबाइल फोन में बतिया रहा होता है।

ऐसे में ध्यान में कैसे बैठा जाए? गुरुजी ने ध्यान से बातें सुनी और फिर उस महिला से गुरूजी ने कहा कोई बात नहीं कल से शिविर नहीं आना तुम। लेकिन तुम्हें एक क्रिया खत्म करके जाना होगा। और गुरुजी ने कहा उस महिला से कहा कि तुम्हें एक लोटे में बिल्कुल ऊपर तक भरा हुआ पानी लेना होगा और यह जो मंदिर है उसकी चारों ओर 5 चक्कर लगानी होगी।

लेकिन ध्यान इतना रहे कि लोटे में से एक बूंद भी पानी बाहर ना गिरे। जैसा गुरु जी ने कहा था बिल्कुल वैसा खत्म करके महिला गुरुजी के पास पहुंची। गुरुजी ने देखा कि लोटे में पानी हिला तक नहीं था तो गुरु जी ने महिला से पूछा, जब तुम मंदिर के चक्कर लगा रही थी। तो क्या तुम्हें कोई शोरगुल सुनाई दिया या फिर कोई मोबाइल फोन पर बतियाता रहा, या कोई पैर पसार कर बैठा हो, वह दिखाई पड़ा। तब महिला ने सर झुकाते हुए कहा, नहीं गुरु जी मुझे कुछ भी ऐसा ना दिखाई दिया ना ही सुनाई दिया।



तब गुरुजी ने कहा कि बेटी तुम्हारा सारा का सारा ध्यान इस एक लोटे के पानी पर केंद्रित था। वैसे ही तुम उस सत्संग के खत्म होने के बाद जब ध्यान के लिए बोला जाता है तो तुम बिल्कुल ऐसे ही लोटे के पानी की तरह ध्यान को केंद्रित किया करो।

अर्थात जैसा कि कहा जाता है आज की दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण जरूरी बात है जो यह है कि अगर सफल होना है तो समस्या पर नहीं समाधान पर ध्यान केंद्रित करिए।

>लेकिन आज कल की दुनिया में होता यह है कि ना ही किसी को सच्चाई की सलाह सुननी है और ना ही किसी को धोखे की तारीफ, परंतु हर कोई एक दूसरे को बस यही दोनों चीजें सुनाते रहते हैं और तारीफ के झूठे धोखे में लिपट कर अपने आप पर घमंड करके चारों ओर घूमते रहते हैं।

यह कहानी आपको कैसी लगी कृपया कर कमेंट में बताएं, और यदि आपको यह कहानी पसंद आई तो कृपया आप इसे अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ साझा करें और भी इसी तरह की बहुत सी अन्य short motivational story, मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें । धन्यवाद।

Manisha सोमवार, 28 सितंबर 2020
Company name full form in Hindi


Company Name Full Form in Hindi : भारत में कंपनियों के पंजीकरण के लिये कंपनी रजिस्ट्रार कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पंजीकृत करता है। कई कंपनिया अपने पूरे नाम से पंजीकरण करती हैं और बाद में उनका छोटा नाम (Acronym) जो कि पूरे नाम के पहले अक्षरों से मिलकर बना होता है, प्रसिद्ध हो जाता है।

कई बार कंपनियां अपने छोटे नाम की प्रसिद्धि के बाद छोटे Acronym वाले नाम से ही कंपनी का नाम बदल कर नवीन पंजीकरण करवा लेती हैं।

भारत में काम करने वाली ऐसी ही कुछ कंपनियों के प्रसिद्ध छोटे नामों के पीछे उनके पूरे नाम की सूची (list of Full Form of Company names) यहां पर हमने बनाई है। वैसे ये बताना जरूरी रहेगा कि भारत में पंजीकृत कंपनियां आमतौर पर अंग्रेजी भाषा में ही अपने नाम रखती हैं।


भारत की कंपनियों के प्रसिद्ध छोटे नामों पूरे नाम की सूची


  • AIASL - Air India Airport Services Limited एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड
  • ALIMCO - Artificial Limbs Manufacturing Corporation of India भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम
  • AMUL - Anand Milk Union Limited आनन्द मिल्क यूनियन लिमिटेड
  • APEPDCL - Eastern Power Distribution Company of Andhra Pradesh Limited ईस्टर्न पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ऑफ आन्ध्रा प्रदेश लिमिटेड
  • APPCL - Aravali Power Company Pvt. Ltd. अरावली पॉवर कंपनी लिमिटेड
  • APPCPL - Arunachal Pradesh Power Corporation Private Limited अरूणाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड
  • APPCL - Assam Power Production Company Limited आसाम पॉवर प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड
  • APSFC - Andhra Pradesh State Financial Corporation आंध्रा प्रदेश स्टेट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन
  • AYCL - Andrew Yule & Co. Ltd एण्ड्रू यूल एंड कंपनी लिमिटेड
  • BECIL - Broadcast Engineering Consultants India Limited प्रसारण इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड
  • BEL - Bharat Electronics Limited भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
  • BEML - Bharat Earth Movers Limited भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड बीईएमएल लिमिटेड
  • BFSL - BOB Financial Solutions Limited बॉब फाइनेंशियल सोल्यूशन्स लिमिटेड
  • BHEL - Bharat Heavy Electrical Limited भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
  • BMW - Bayerische Motoren Werke बायरिच मोटोरेन वर्क
  • BPL - British Physical Laboratories ब्रिटिश फिजीकल लैबोरेटरीज
  • BSNL - Bharat Sanchar Nigam Limited भारत संचार निगम लिमिटेड
  • CCL - Central Coalfields Limited सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड
  • CEAT - Cavi Elettrici  E Affini Torino कावि इलेटरिसी इ अफीनी टोरीनो
  • CIL - Coal India Limited कोल इण्डिया लिमिटेड
  • CIPLA - The Chemical, Industrial & Pharmaceutical Laboratories द केमिकल, इण्डस्ट्रियल एण्ड फार्मासियूटिकल लैबोरेटोरीज
  • CISCO - Computer Information System Company कंप्यूटर इन्फोरमेशन सिस्टम कंपनी
  • CNBC - Consumer News and Business Channel कंज्यूमर न्यूज एण्ड बिजनेस चैनल
  • COMPAQ - Compatibility and Quality कोम्पैटिबिल्टी एण्ड क्वालिटी
  • CPCL - Chennai Petroleum Corporation Limited सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड
  • CSL - Cochin Shipyard Limited (CSL) कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड



  • DABUR - Doctor Burman (Pronounce Daktar Burman) डॉक्टर बर्मन
  • DENA (Bank) - Devkaran Nanjee Bank देवकरन नन्जी बैंक
  • DFCCIL - Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड
  • DHBVN -Dakshin Haryana Bijli Vitran Nigam दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम
  • DHFL - Dewan Housing Finance Corporation Limited दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • DLF - Delhi Land & Finance देहली लैंड एंड फाइनेंस
  • DOCOMO - Do Communication Over Mobile Network डू कम्यूनिकेशन ओवर मोबाइल नेटवर्क
  • EBAY - Echo Boay इको बॉय
  • ECIL -Electronics Corporation of India Limited इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड
  • EIL - Engineers India Limited इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड
  • ETV - Eenadu Television ईनाडु टेलीविजन
  • EXIDE - Excellent Oxide एक्सीलेंट ऑक्साइड
  • EXIM - Export-Import Bank of India इंडिया एक्ज़िम बैंक
  • FACT - Fertilisers And Chemicals Travancore Ltd. दि फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स ट्रावनकोर लिमिटेड
  • GAIL - Gas Authority India Limited गैस अथारिटी इंडिया लिमिटेड
  • GIC - General Insurance Corporation of India भारतीय साधारण बीमा निगम
  • GMR - Grandhi Mallikarjuna Rao ग्रांधी मल्लीकार्जुन राव
  • GRASIM - Gwalior Rayon & Silk Mills ग्वालियर रेयान एंड सिल्क मिल्स
  • GRSE - Garden Reach Shipbuilders & Engineers Limited गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड
  • HAL - Hindustan Aeronautics Limited (HAL) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
  • HARTRON - Hartron Informatics Limited हरियाणा इन्फोर्मेटिक्स लिमिटेड
  • HCL - Hindustan Computer Limited हिन्दुस्तान कंप्यूटर लिमिटेड
  • HCL - Hindustan Copper Limited हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड
  • HDFC - Housing Development Finance Corporation हाउसिंग डवलपमेंट फाईनेंस कॉरपोरेशन
  • HDIL - Housing Development and Infrastructure Limited हाउसिंग डवलपमेंट एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  • HII - Huntington Ingalls Industries हंटिंगटन इंगाल्स इंडस्ट्रीज
  • HIL - Hindustan Insecticides Limited हिन्दुस्तान कीटनाशक लिमिटेड
  • HIL - Hyderabad Industries Limited हैदराबाद इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  • HMT - Hindustan Machine Tools हिंदुस्तान मशीन टूल्स
  • HP - Hewlett Packard हैलट पैकार्ड
  • HP - Hindustan Petroleum हिंदुस्तान पेट्रोलियम
  • HPCL - Hindustan Petroleum Corporation Limited हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • HRRL - HPCL Rajasthan Refinery Ltd. एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड
  • HSDIIC - Haryana State Industrial & Infrastructure Development Corporation Limited हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड
  • HSL - Hindustan Shipyard Limited हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड
  • HVPN -Haryana Vidhyut Prasaran Nigam Limited हरियाण विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड
  • IBN - Indian Broadcasting Network इंडियन ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क
  • ICICI - Industrial Credit and Investment Corporation of India इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
  • IDBI - Industrial Development Bank of India इंडस्ट्रियल डवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया
  • IFB - Indian Fine Blanks Limited इंडियन फाइन ब्लैंक्स लिमिटेड
  • IFFCO - Indian Farmers Fertiliser Cooperative Limited इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड
  • IIFCL - India Infrastructure Finance Company Limited इंडिया इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फाइनेंस लिमिटेड
  • IIFL - India Infoline Finance Limited इंडिया इन्फोलाइन फाइनेंस लिमिटेड
  • IL&FS - Infrastructure Leasing & Financial Services इंफ्रास्टक्चर लीजिंग एवं फाइनेंशियल सर्विसेज
  • INFOSYS - Information Systems इन्फोर्मेशन सिस्टम्स
  • IOCL - Indian Oil Corporation Limited (IOCL) इडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • IRCON - Indian Railway Construction Limited भारतीय रेलवे निर्माण निगम लिमिटेड
  • IRCTC - Indian Railway Catering and Tourism Corporation इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • ITC - Imperial Tobacco Company इम्पीरियल टोबैको कंपनी
  • ITDC - India Tourism Development Corporation Limited भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड
  • ITI - Indian Telephone Industries Limited इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  • JMRC - Jaipur Metro Rail Corporation Ltd. जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • JSW - Jindal South West Group जिंदल साउथ वेस्ट ग्रुप
  • KEI - Krishna Electrical Industries कृष्णा इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज
  • KRBL - Khushi Ram Behari Lal खुशी राम बिहारी लाल
  • L&T - Larsen & Toubro Limited लारसन एंड टुब्रो लिमिटेड
  • LG - Lucky Goldstar (Life's Good) लकी गोल्डस्टार
  • LIC - Life Insurance Corporation लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन
  • LIC - Life Insurance Corporation of India भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड
  • LML - Lohia Machines Limited लोहिया मशीन्स लिमिटेड
  • MDH - Mahashian Di Hatti महाशियां दी हट्टी
  • MDNL - Mishra Dhatu Nigam Ltd. मिश्र धातु निगम लिमिटेड
  • MECL - Mineral Exploration Corporation Limited मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड
  • MFL - Madras Fertilizers Limited मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड
  • MMRCL - Mumbai Metro Rail Corporation Limited मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • MOIL - Manganese Ore India Limited मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड
  • MRF - Madras Rubber Factory मद्रास रबड़ फैक्टरी
  • MRPL - Mangalore Refinery and Petrochemicals Limited मैगलौर रिफािनरी एंड पेटेरोकेमिकल्स लिमिटेड
  • MSPGCL - Maharashtra State Power Generation Company Limited  (MahaGenco) महाराष्ट्र राज्य पॉवर उत्पादन निगम लिमिटेड
  • MTNL - Mahanagar Telephone Nigam Limited महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड
  • NABARD - National Bank for Agriculture and Rural Development राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
  • NALCO - National Aluminium Company Limited नेशनल अल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड
  • NBCC  - National Buildings Construction Corporation Ltd. नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • NCL - Northern Coalfield Limited नोर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
  • NDTV - New Delhi Television न्यू देहली टेलीविजन
  • NFL - National Fertilizers Limited नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड
  • NHB - National Housing Bank नेशनल हाउसिंग बैंक
  • NHPC - National Hydroelectric Power Corporation Limited नेशनल हाईड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड
  • NIIT - National Institute of Information Technology नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलोजी
  • NLC - NLC India Limited (Formerly Neyveli Lignite Corporation) नेवेली लिगनाइट लिमिटेड
  • NMDC - National Mineral Development Corporation नेशनल मिनरल डेवेलपमेंट कारपोरेशन
  • NMRCL - Noida Metro Rail Corporation नोयडा मेट्रो रेल कारपोरेशन
  • NPCC - National Projects Construction Corporation Limited नेशनल प्रोजेक्ट्स कंसट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड
  • NSIL - NewSpace India Limited न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड
  • NTPC - National Thermal Power Corporation नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन
  • OMC - Odisha Mining Corporation Limited ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • ONGC - Oil and Natual Gas Corporation ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड
  • OPaL - ONGC Petro Additions Limited ओएनजीसी पेट्रो एडीशन्स लिमिटेड
  • OYO - On Your Own Rooms ऑन योअर ओन रूम्स
  • PayTM - Pay Thru Mobile पे थ्रू मोबाइल
  • PCJ - Padam Chand Jewellers पदम चंद ज्वैलर
  • PGCIL - Power Grid Corporation of India Limited पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
  • PNB - Punjab National Bank पंजाब नेशनल बैंक
  • PPCL - Pragati Power Corporation Limited प्रगति पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • PSPCL - Punjab State Power Corporation Limited पंजाब राज्य पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • PVR - Priya Village Roadshow Limited प्रिया विलेज रोड शो लिमिटेड
  • RANBAXY - Randhirsinh Gurubax रन्धीरसिंह गुरूबक्स
  • RBL (Bank) - Ratnakar Bank Limited रत्नाकर बैंक लिमिटेड
  • RCFL - Rashtriya Chemicals and Fertilizers Limited राष्ट्रीय केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड
  • RGPPL - Ratnagiri Gas and Power Private Limited रत्नागिरी गैस एण्ड पॉवर प्राइवेट लिमिटेड
  • RINL - Rashtriya Ispat Nigam Limited  राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
  • RITES Limited - Rail India Technical and Economic Service रेल इंडिया टेक्नीकल एण्ड इकोनोमिक सर्विस
  • RPG - Rama Prasad Goenka राम प्रसाद गोयनका
  • SAIL - Steel Authority of India Limited स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड



  • SBI - State Bank f India भारतीय स्टेट बैंक
  • SCIL - Shipping Corporation of India Limited भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड
  • SEBI - Security and Exchange Board भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
  • SIDBI - Small Industries Development Bank of India भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक
  • SJVN - Satluj Jal Vidyut Nigam Limited सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड
  • SPMCIL - Security Printing and Minting Corporation of India Limited भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड
  • SYSKA - Shree Sant Kripa Group श्री संत कृपा ग्रुप
  • TAFE - Tractors and Farm Equipment Limited ट्रैक्टर्स एण्ड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड
  • TCI - Transport Corporation of India ट्रांस्पोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
  • TCIL - Telecommunications Consultants India Ltd. टेलीकम्यूनिकेशन कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड
  • TCS - Tata Consultancy Service टाटा कंसल्टेंसी सर्विस
  • TELCO - Tata Engineering and Locomotive Company टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कंपनी
  • THDC - Tehri Hydro Development Corporation Limited टेहरी हाइड्रो डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • TISCO - Tata Iron and Steel Company टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी
  • TNPL - Tamil Nadu Newsprint and Paper Limited तमिलनाडु न्यूज प्रिंट एण्ड पेपर लिमिटेड
  • TOI - Times of India टॉइम्स ऑफ इंडिया
  • TSECL - Tripura State Electricity Corporation Limited त्रिपुरा राज्य इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • TSSPDCL -Southern Power Distribution Company of Telangana Limited साउदर्न पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ऑफ तेलंगाना लिमिटेड
  • TVS - Thirukkurungudi Vengaram Sundaram Iyengar थिरूक्कुरूंगुडी वेंगरम अयंगर
  • UCO (Bank) - United Comercial Bank Limited यूनाईटेड कोमर्शियल बैंक लिमिटेड
  • UHBVNL  -Uttar Haryana Bijli Vitran Nigam Limited
  • UPMRC - Uttar Pradesh Metro Rail Corporation Limited उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • UPMSCL - Uttar Pradesh Medical Supplies Corporation Ltd. उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • UPPCL - Uttar Pradesh Power Corporation Limited उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड
  • UPRVUNL - Uttar Pradesh (UP) Rajya Vidyut Utpadan Nigam Limited उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत निगम लिमिटेड
  • UUIC - United India Insurance Company Limited युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेन्स कंपनी लिमिटेड
  • WIPRO - Western India Palm Refined Oil Limited वेस्टर्न इंडिया पॉम रिफाइन्ड ऑयल लिमिटेड

Manisha मंगलवार, 22 सितंबर 2020
Door Step Banking


डोरस्टेप बैंकिंग क्या है? डोरस्टेप बैंकिंग में आप का बैेक आप के घर पर आकर आपको आपके द्वार पर ही बहुत सारी बैंकिंग सुविधायें प्रदान करता है। 


डोरस्टेप बैंकिंग क्या है?


देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 सितंबर, 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks - PSB) द्वारा डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का शुभारंभ किया है। इस सेवा का उद्देश्य ग्राहकों को उनके डोरस्टेप (द्वार) पर बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करना है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करके यह कहा है कि EASE (Enhanced Access and Service Excellence) रिफॉर्म्स के एक हिस्से के तौर पर, कॉल सेंटर, वेब पोर्टल या मोबाइल ऐप के सार्वभौमिक टच पॉइंट्स के माध्यम से ग्राहकों को उनके दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए इन डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं की परिकल्पना की गई है।

भारत के लगभग 100 शहरों में घर घर बैंकिंग की इस सुविधा के लिये डोरस्टेप बैंकिंग ऐजेन्ट आपको वित्तीय और गैर-वित्तीय सेवायें प्रदान करेंगे।

अगर आप निजी क्षेत्र के बैंकों के भी ग्राहक हैं तो आप जानते होंगे कि ये बैंक पहले से भी घर-घर बैंकिंग की सुविधायें दे रहे हैं। सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देर से ही सही पर अब नींद से जागे हैं तो हमें इसका स्वागत करना चाहिये।

देखने वाली बात सिर्फ ये ही होगी कि कितनी अच्छी और कब तक ये लोग ग्राहक को डोरस्टेप बैंकिंग की सेवाओं का लाभ दे पाते हैं। हम लोग सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के रवैये से परिचित तो हैं ही।

अच्छा होता यदि इस योजना का नामकरण हिंदी में किया जाता। खैर, भारत में अंग्रेजी में सोचने वालो नौकरशाहों से इतनी उम्मीद रखना ही बेमानी है।


डोरस्टेप बैंकिंग सेवा कौन देगा?


भारत के सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के गठबंधन और इसके साथ ही साथ भारत सरकार के डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा ये डोरस्टेप बैंकिंग की शुरुआत की गई है। इन बैंकों के नाम ये हैं -
  • बैंक ऑफ बड़ौदा
  • बैंक ऑफ इंडिया
  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र
  • केनरा बैंक
  • सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  • इंडियन बैंक
  • इंडियन ओवरसीज बैंक
  • पंजाब नेशनल बैंक
  • पंजाब और सिंध बैंक
  • भारतीय स्टेट बैंक
  • यूको बैंक
  • यूनियन बैंक
  • इसके अलावा - इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक


डोरस्टेप बैंकिंग से क्या सुविधायें मिलती हैं?


डोरस्टेप बैंकिंग में आप का बैंक आप के घर पर आकर आपको ये सारी सुविधायें अभी प्रदान कर रहे हैं। इस योजना के माध्यम से भारत के 100 शहरों में बैंकों के अधिकृत एजेन्ट आपको वित्तीय और गैर वित्तीय सेवायें देंगे। अक्दूबर 2020 माह से आपसे नकद रूपये लेकर बैंक में जमा करना या फिर बैंक से लाकर नकद देने की सुविधा भी शुरू कर दी गई है।

अभी दी जाने वाली गैर वित्तीय बैंकिंग सुविधायें ये हैं -
  • वर्तमान में ग्राहकों के लिए केवल जो सुविधायें उपलब्‍ध कराई गई हैं उनमें
    • नेगोशिएबल इंस्‍ट्रूमेंट्स (चेक/ डिमांड ड्राफ्ट/ पे ऑर्डर आदि) को उठाना
    • नई चेक बुक के लिए पर्ची हासिल करना
    • 15जी/ 15एच फॉर्म को उठाना
    • आईटी/ जीएसटी चालान को उठाना
    • स्‍टैंडिंग इंस्‍ट्रक्‍शन के लिए अनुरोध
    • खाता विवरण के लिए अनुरोध
    • गैर-व्यक्तिगत चेक बुक की डिलिवरी
    • डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर, टर्म डिपॉजिट रसीद, पावती आदि की डिलिवरी
    • जारी किए गए टीडीएस/ फॉर्म 16 सर्टिफिकेट की डिलिवरी
    • प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट/ गिफ्ट कार्ड की डिलिवरी आदि शामिल हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ग्राहक मामूली शुल्‍क पर इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

इन सेवाओं से सभी ग्राहकों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को लाभ होगा। उन्हें इन सेवाओं का लाभ उठाने में काफी आसानी होगी।


डोरस्टेप बैंकिंग के लिये कहां संपर्क करें?


यूं तो आमतौर पर डोरस्टेप बैंकिंग की सेवाओं का लाभ उठाने के लिये पर आपको अपने सरकारी बैंक की शाखा में ही संपर्क करना चाहिये।

पर डोरस्टेप बैंकिंग की और अधिक जानकारी के लिये आपको डोरस्टेप बैंकिंग की अधिकृत वेबसाइट पर जाना चाहिये, जहां पर आपको सब प्रकार की जानकारी मिलेगी और सहायता भी मिलेगी। इस वेबसाइट पर आपको सब प्रकार के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये हैं और आपके क्षेत्र में कौन कौन से डोरस्टेप बैंकिंग सेवा प्रदाता हैं ये भी मिलेगा।

तो देर किस बात की है? सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की इस नई पहल का स्वागत करिये और डोरस्टेप बैंकिंग की सेवा का लाभ भी उठाईये।

Manisha रविवार, 20 सितंबर 2020
Garibi ke karan गरीब कैसे बनें


आपने आज तक बहुत से लेख और ब्लॉग पोस्ट पढ़े होंगे कि गरीब से अमीर कैसै बनें? लेकिन कभी आपने ये नहीं पढ़ा होगा कि मध्यम वर्ग से या धनी वर्ग से गरीब कैसे बनें। किन कारणों से आप गरीब बन सकते हैं। जी हां आपने सही पढ़ा कि भारत में गरीब कैसे बनें इस के उपर कभी कोई चर्चा नहीं होती है।

लेकिन हम बहुत से ऐसे कारणों को जान गये हैं जिसकी वजह से गरीब लोग अत्यधिक गरीबी में चले जाते हैं, कम आय वर्ग और मध्यम वर्ग गरीबी में चला जाता है। आपने देखा होगा कि कई मध्यम वर्ग के परिवारों ने तो पूरे परिवार सहित आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लिये।

इसलिये जरूरी है कि हम सब उन कारणों को जाने जिससे भारत में गरीबी फैलती है, तभी हम उस के प्रति सचेत रह कर गरीबी के जाल से बाहर निकलने की कोशिश कर पायेंगे। इनमें से कई कारण गरीबों के खुद के हैं, कुछ अल्प आय और मध्यम वर्ग से संबंधित हैं।

यूं कहने को तो भारत में गरीबी को कम करने के लिये केन्द्रीय और राज्य सरकारों द्वारा ढेरों योजनायें चलाई जाती हैं जिससे गरीबी आंकड़ों में कम होती जाती है पर वास्तविक रूप से कम नहीं होती। इन योजनाओं द्वारा देश का बहुत पैसा खर्च होता है (कुछ भाग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है) और गरीबी के रेखा के नीचे के निर्धन उपर उठकर वास्तविक गरीबी में आ जाते हैं।


गरीबी क्या है?


एक बात ये है कि हम यहां पर गरीबी की सरकारी परिभाषा जिसमें शहरों में 33 रुपये और गांवों में 27 रुपये से कम कमाने वाले को गरीब माना जाता है, को न मान कर वास्तविक रूप से गरीबी को देखेंगे क्योंकि भारत में दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की जो कीमत है और इसके लिये जिस हिसाब से लोगों का खर्चा है और जिस प्रकार से लोगों की क्रय क्षमता है उसके हिसाब से तो कम से कम सरकारी तंत्र के चतुर्थ और तृतीय वर्ग के लोग भी गरीबी ही कहलायेंगे।

परिभाषा के अनुसारी तो गरीबी उस समस्या को कहते हैं जिसमें व्यक्ति अपने और अपने परिवार के जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ जैसे कि रोटी, कपड़ा और मकान को पूरा करने में असमर्थ होता है । अधिक दृष्टिकोण से उस व्यक्ति को गरीब या गरीबी रेखा के नीचे माना जाता है जिसमें आय का स्तर कम होने पर व्यक्ति अपनी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होता है ।


भारत में गरीब कैसे बनते हैं? गरीबी के कारण



1. उचित शिक्षा का अभाव


गरीब लोगों के लिये शिक्षा की व्यवस्था करने के लिये सरकारें अपने विभिन्न प्रकार के विद्यालय चलाती हैं। सभी लोग शिक्षा की इस सरकारी व्यवस्था के बारे में जानते हैं। इसी कारण से उचित प्रकार की शिक्षा गरीबों को मिल नहीं पाती है।

शिक्षा के अभाव में गरीब लोग जिन्दगी में मिलने वाले मौके नही भुना पाते हैं और न ही कोई नया मौका खुद बना पाते हैं। उनको ये पता ही नहीं चलता कि किस तरह से एक या दो पीढ़ी में गरीब अपनी गरीबी के कुचक्र को तोड़ सकते हैं।

कुछ गरीब शिक्षा को महत्वहीन मानते हैं। वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय उनसे काम करवा कर परिवार की आमदनी बढ़ाना पसंद करते हैं।

ये बात कुछ हद तक कम गरीब और निम्म मध्यम वर्ग के लोगों के लिये भी लागू होती है। ये लोग प्रारम्भिक और आगे की शिक्षा तो पा जाते हैं लेकिन विशेषज्ञता वाली शिक्षा जो कि या तो सरकारी सरकारी क्षेत्र में सीमित है या फिर बहुत ही मंहगी है। कई प्रकार के आगे बढ़ने के अवसर उचित शिक्षा के अभाव में लोगों के हाथ से निकल जाते हैं।

2. स्वास्थ्य में बहुत खर्च होना


अधिकांश गरीबों का रहन सहन ऐसी जगहों पर होता है जो कि बहुत स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छी नहीं होती हैं। ऐसे में आये दिन कुछ न कुछ बामारी लगी रहती है जिससे रोजाना की आय तो जाती ही जाती है बल्कि आय का बहुत बड़ा हिस्सा मेडिकल के खर्चे में चला जाता है।

अल्प आय वर्ग और मध्यम वर्ग भी स्वास्थ्य में बहुत होने वाले खर्चे की वजह से अस्पतालों के बिल चुकाते चुकाते कब गरीबी में बहुंच जाते हैं पता ही नहीं चलता है। इन वर्ग के लोगों को तो खास तौर पर अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये सतर्क रहना चाहिये।

हमने अपने जीवन में बहुत सारे मध्यम वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य समस्याओं में बहुत खर्चा होने का कारण लोन लेते हुये देखा है। जिससे फिर से रहन सहन का स्तर नीचे आ जाता है।

नये गरीब बनने में उचित दर पर अच्छी स्वास्थ्य सेवायें न मिलना और अपने स्वास्थ्य को लेकर लोगों की लपरवाही बहुत बड़ा कारण है।


3. शराब की लत


मैंने अपने जीवन में अब तक ऐसे बहुत सारे लोगों को देख लिया है जो कि शराब की लत के कारण अपना पैसा और स्वास्थ्य गंवा रहे हैं। बहुत सारे लोगों को शराब के कारण अल्प आयु में ही मौत के आगोश में जाते देखा है।

चाहे शराब पीकर कोई अपराध करना हो, कहीं कोई दुर्घटना में चोटिल होना हो या मौत हो जानी हो या फिर स्वयं शराब के कारण खराब स्वास्थ्य के कारण कोई ढंग का काम न करना या फिर लिवर की खराबी के कारण मौत होना हो, हर हाल में लोगों का बहुत सारा पैसा खर्च होता है।

जिस पैसे ले लोग अपना जीवन स्तर सुधार सकते हैं, उस पैसे को शराब के उपर खर्च करके लोग वापस वहीं वापस आ जाते हैं जहां से गरीबी के खिलाफ संघर्ष आरम्भ होता है। शराब को लेकर समाज अब आमतौर पर शराब के ही साथ है। कोई भी शराब के दुष्परिणामों पर बात नहीं करना चाहता है।

शराब अब लोगों के जीवन का हिस्सा बनकर उनकी आय और आयु दोनो को चाट रही है। अब तो महिलायें भी शराब पीने में पूरूषों का पूरी तरह साथ दे रही हैं

4. सरकारी योजनायें भी लोगों को गरीब बना रही हैं


भारत की केन्द्रीय सरकार हो या फिर राज्यों की सरकारें, सब गरीबों के लिये दम भरते हैं और गरीबों के लिये कई कल्याणकारी योजनाओं को चलाते रहते हैं। इन सब योजनाओं से थोड़ा बहुत लाभ गरीबों का होता है और बहुत सारा फायदा बीच के दलालों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और नेताओं को होता है।

इन योजनाओ को चलाने के लिये अनेक कंपनियां, स्वयं सेवी संस्थायें और कर्मचारी लगते हैं और वे ही इसके वास्तविक लाभार्थी बनते हैं।

दूसरी तरफ गरीब लोगों के लिये जो ये कल्याणकारी योजनायें चलती हैं इनमें गरीबों को गरीब ही रहने का पुरस्कार मिलता है। अधिकांश सरकारी गरीबी को योजनाओं मे गरीब के किसी न किसी पैमाने के अन्दर होने के कारण लाभार्थियों को तरह तरह की राशन, घर, पढ़ाई इत्यादि की सुविधायें मिलती हैं।

अगर कोई गरीब अपनी मेहनत से गरीबी के पैमाने से ऊपर आ गया तो उसको मिलने वाली सारी सुविधायें बंद हो जाती हैं। गरीबी के पैमाने से उपर आने पर भी गरीब आदमी कोई अमीर व्यक्ति नहीं बन जाता है। लेकिन सरकार उसकी फ्री मिलने वाली सुविधायें बन्द कर देती है। इसलिये भी गरीब अपने आप को गरीब बनाये रखने में ठीक महसूस करता है।

दूसरी बात ये कि जब सब कुछ सरकार दे ही रही है तो गरीब लोग सोचते हैं फिर गरीबी से उपर उठ कर मेहनत कर के कमाने की व्यवस्था करने से क्या फायदा?

क्या आपने कोई ऐसी सरकारी योजना देखी है जो लोगों से कहती हो कि यदि आप अपनी मेहनत और सरकारी सहायता से अपनी गरीबी से निकल कर कम से कम अल्प आय वर्ग में आ जाओगे तो आपको कई प्रकार की विशेष सुविधायें मिलेंगी? नहीं न।

5. गलत सरकारी नीतियां


भारत की धरती जिस पर भगवान ने इतने प्राकृतिक संसाधन जिसमें लंबे मैदानी क्षेत्र, नदियां, जिनमें एक अच्छी जलवायु और ढेर सारे प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं, दिये हैं कि अगर ढंग से सरकारी नीतियां रहें तो ये देश वापस प्राचीन काल की तरह सोने की चिड़िया बन सकता है।

फिर भी सवाल यह है कि आज़ादी के 74 साल बाद भी भारत एक बेहद गरीब देश क्यों है? दरअसल भारत में मेहनत करके गरीबी से ऊपर आने को कभी प्रोत्साहित नहीं किया गया। लोगों को उत्पादकता के कामों में लगने के बजाय केवल नौकरी करने को ही रोजगार का माध्यम बना दिया।

सरकारों ने सोशलिस्ट समाजवादी नीतियां बना कर ऐसे श्रम कानून और नीतियां बनाईं कि लोगों के लिये मेहनत करके अपना काम करना मुश्किल हो गया।

इस दौरान अच्छे पढ़े लिखे लोग उचित अवसरों की तलाश में भारत से बाहर जाते रहे। मानव संपदा जो कि भारत को आगे लो जाती वो दूसरे देशों के विकास में काम आती रही।

भारत में अधिकांश लोगों खास कर व्यवसायीओं पर इतने प्रकार के टैक्स (कर) लगा दिये गये कि लोग कर बचाने के लिये बड़े पैमाने पर काला धन बनाने लगे। और इस प्रकार जो धन भारत में लगता और देश को आगे ले जाता वो विदेशी बैंकों में जमा होने लगा।

इस प्रकार भारत की सरकारी नीतियों के कारण भी लोग गरीब होते जाते हैं। हालांकि अब सरकारें नींद से जागी हैं और अपनी नीतियों में परिवर्तन कर रही हैं।

6. सामाजिक परिस्थितियां


भारत में गरीबी का बहुत बड़ा कारण सामजिक परिस्थितियां और सामाजिक रूप से विभेद भी है। सामाजिक विभेद को तो राजनैतिक रूप से भारत में विभिन्न स्वरूपों में के आरक्षण और गरीबी हटाओ योजनाओं के द्वारा दूर किया गया है। लेकिन सामाजिक स्थितियों पर अभी भी कुछ नहीं किया गया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल सामाजिक आधार आज तक भी पुरानी सामाजिक संस्थाएं तथा रूढ़ियां हैं। यह वर्तमान समय के अनुकूल नहीं है। ये संस्थाएं हैं - जातिप्रथा, संयुक्त परिवार प्रथा और उत्तराधिकार के नियम आदि। ये सभी भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से होने वाले परिवर्तनों में बाधा उपस्थित करते हैं।

चाहे तड़क भड़क भरी शादी में होने वाला खर्चा हो, शादी में दिये जाना वाला दहेज हो, मृत्यु भोज हो या फिर आये दिन आने वाले तीज-त्यौहार हों, सब पर समाज में अपना मुंह दिखाने और अपनी हैसियत बताने के नाम पर बहुत खर्चा होता है।

बहुत से लोगों को तो हमने इन सब खर्चों के लिये लोन लेते हुये देखा है। गरीबी का कुचक्र इसी प्रकार के खर्चों के कारण बना रहता है।

इन खर्चों में मध्यम आय वर्ग भी शामिल है। मध्यम आय वर्ग में तो आजकल अपनी सामाजिक हैसियत में दिखावा करने के लिये अपनी क्षमता से ज्यादा खर्च करके बच्चों को मंहगी शिक्षा, कार खरीदना, विदेश यात्रा करना इत्यादि भी शामिल हो गये हैं।

उधार चुकाते चकाते अपनी मेहनत की कमाई लोग ऐसे ही कामों मे लगा देते हैं और गरीबी में आ जाते हैं।


7. बढ़ती मंहगाई


बुनियादी वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतें भी गरीबी का एक प्रमुख कारण हैं। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले व्यक्ति के लिए जीवित रहना ही एक चुनौती है। भारत में गरीबी का एक अन्य कारण जाति व्यवस्था और आय के संसाधनों का असमान वितरण भी है।

इसके अलावा पूरे दिन मेहनत करने वाले अकुशल कारीगरों की आय भी बहुत कम है। असंगठित क्षेत्र की एक सबसे बड़ी समस्या है कि मालिकों को उनके मजदूरों की कम आय और खराब जीवन शैली की कोई परवाह नहीं है। उनकी चिंता सिर्फ लागत में कटौती और अधिक से अधिक लाभ कमाना है।

उपलब्ध नौकरियों की संख्या के मुकाबले नौकरी की तलाश करने वालों की संख्या अधिक होने के कारण अकुशल कारीगरों को कम पैसों में काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।

सरकार को इन अकुशल कारीगरों के लिए न्यूनतम मजदूरी के मानक बनाने चाहिये। इसके साथ ही सरकार को यह भी निश्चित करना चाहिये कि इनका पालन ठीक तरह से हो।

Poor गरीब


8. भारत की बढ़ती जनसंख्या


भारत में गरीबी का एक बड़ा कारण बढ़ती जनसंख्या है। इससे निरक्षरता, खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और वित्तीय संसाधानों की कमी भी बढ़ती जाती है। इसके अलावा उच्च जनसंख्या दर से प्रति व्यक्ति आय भी प्रभावित होती है और प्रति व्यक्ति आय घटती है।

एक अनुमान के अनुसार के भारत भारत पूरी दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की ओर अग्रसर है। भारत की आबादी जिस रफ्तार से बढ़ रही है उस रफ्तार से भारत की अर्थव्यवस्था नहीं बढ़ रही है। अब तो भारत की सड़कों पर बढ़ती हुई जनसंख्या महसूस होने लगी है।

भारत में जनसंख्या इस गति से बढ़ रही है कि कुल उत्पादन बढ़ने पर प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में अधिक धन नहीं हो पाता, जिससे जीवन-स्तर ऊंचा नहीं हो पाता। इसी वजह से बेराजगारी बढ़ती है।

बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिये कठोर कदम उठाने का समय आ गया है ताकि गरीबी को भी काबू में किया जा सके

9. प्राकृतिक आपदायें


भारत में गरीबी के अनेक कारणों में से एक भारत के विभिन्न भागों में किसी न किसी समय आने वाली प्राकृतिक आपदायें भी कहीं न कहीं दोषी हैं। कहीं अत्यधिक ठंड का मौसम रहता और वर्ष के अधिकांश समय बर्फ रहती है, कहीं ज्यादा बारिश से बाढ़ रहती है, कहीं सूखा रहता, कहीं जमीन रेगिस्तानी है, कहीं जंगल हैं। कभी कभी भूकम्प भी आ जाता है।

इन सब प्राकृतिक कारणों से बड़ी जनसंख्या प्रभावित होती है। जब काम करने का मौका प्राकृतिक आपदाओं की वजह से चला जाता है तो लोगों की आय भी गिर जाती हैं अतः गरीबी बनी रहती है।

10. प्रेरणा की कमी - गरीबी का महिमा मंडन


जैसा कि हमने ऊपर क्रम संख्या 4 में भी बताया था कि गरीबी उन्मूलन के फार्मूले में काम करने के प्रोत्साहन के अभाव की भी है। गरीब को सहज ही भोजन मिल जाए, तो श्रम करने की रुचि नहीं रह जाती है। लोगों को सरकारी योजनाओं की वजह से काफी वस्तुयें निशुल्क मिल रही हैं जिससे उनकी श्रम करने की चाहत समाप्त हो गई है।

यदि समाज का एक बड़ा वर्ग इस प्रकार निष्क्रिय हो जाएगा, तो फिर उनका उत्थान तो नहीं हो पायेगा।

इन कारणों से बढ़ती असमानता के साथ गरीबी उन्मूलन हो जाए, तो भी वह सफल नहीं होगा। हमारे सामने विकट समस्या उपलब्ध है, विकास की प्रक्रिया में असमानता में वृद्धि होती ही है।

इसके अलावा समाजवादी सोशलिस्ट सोच के कारणों से भारत के राजनैतिक दलों ने और साहित्यकारों, महात्माओं व फिल्मों ने भी गरीबी का महिमा मंडन ही किया है। लोगों को ये ही बताया गया कि पैसे वाले और उद्योगपति चोर और बेईमान होते हैं, वे गरीबों का खून चूस कर अमीर बने हैं, गरीब ईमानदार होते हैं इत्यादि ही बताया गया है।

किसी ने भी गरीबों का आव्हान नहीं किया कि गरीबी के चक्र को तोड़ो। इसलिये लोगों को कोई भी इच्छा नहीं होती है कि गरीबी से बाहर निकलें।


निष्कर्ष


ऊपर बताये गये कारणों के अलावा भी कई कारण हैं जिसकी वजह से न तो गरीबी कम होती है बल्कि बढ़ती भी जाती हैं। भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार, राजनीतिक दलों द्वारा गरीबों को वोट बैंक बनाये रखना, भारत की अर्थव्यवस्था की तेजी से न बढ़ना, जलवायु की वजह से लोगों की कार्यकुशलता में कमी होना, देश का चारों ओर से दुश्मनों से घिरा होना और इस कारण सुरक्षा पर बहुत ज्यादा खर्च करना इत्यादि कई अन्य कारण हैं जिनसे भी भारत में गरीबी दूर नहीं हो रही है।

भारत की गरीबी केवल एक व्यक्ति, परिवार, समाज की की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। गरीबी एक ऐसी मानवीय परिस्थिति है जो हमारे जीवन में निराशा, दुख और दर्द लाती है।

लोगों, अर्थव्यवस्था, समाज और देश के सतत और समावेशी विकास के लिए गरीबी का उन्मूलन आवश्यक है। यदि भारत के लोग ठान लें को कुछ किया जा सकता है।

Manisha सोमवार, 14 सितंबर 2020

अच्छा सफल ब्लॉगर कैसा होता है? कैसे बनें?


Good and Successful Blogger अच्छा सफल ब्लॉगर


ब्लॉगिंग (Blogging) के बारे में बहुत कुछ लिखा जाता है। ब्लॉगिंग कैसे करें इसको लेकर बहुत सारे ब्लॉग पोस्ट और यूट्यूब वीडियो (YouTube Videos) इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। पर ब्लॉगिंग करने वाले ब्लॉगर (चिट्ठाकार) में क्या खूबियां होनी चाहिये या फिर एक अच्छा ब्लॉगर (चिट्ठाकार) कैसा होना चाहिये या फिर एक अच्छा और सफल ब्लॉगर (चिट्ठाकार) कैसा होता है (Ek Achcha Safal Blogger Kaisa hota hai aur kaun hota hai), इस पर बहुत कम लिखा गया है।
How to become Good and Successful Blogg in Hindi?

देखें - ब्लॉगर पर लिखे गये अन्य ब्लॉग पोस्ट

तो हम लोग यहां पर अपने पिछले कई सालों के अनुभव के आधार पर देखते हैं कि एक ब्लॉगर (चिट्ठाकार) के क्या गुण होने चाहिये और उसकी कौन कौन सी खूबियां और कमियां होती हैं। यदि आप भी एक सफल ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो यहां पर लिखे गये बिन्दुओं को जानकर एक सफल ब्लॉगर (चिट्ठाकार) बन सकते हैं।



अच्छे ब्लॉगर के गुण और खूबियां


1. अच्छा पाठक होना


एक अच्छे ब्लॉगर को सबसे पहले तो एक अच्छा पाठक होना चाहिये। उसमें ज्ञान की भूख होनी चाहिये और इसके लिये वो अच्छे समाचार पत्र, किताबें और विभिन्न प्रकार के ब्लॉगों को नियमित रूप से पढ़ता है। बाद में यही ज्ञान अच्छा ब्लॉगर अपने पाठकों को संशोधित और परिवर्तित रूप में दे पाता है। अच्छे पाठक होने की वजह से ही अच्छे ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर नियमित रूप से कुछ न कुछ उपयोगी और नया दे पाते हैं।


2. अपनी भाषा पर अच्छी पकड़


अच्छे ब्लॉगर की अपने ब्लॉग की भाषा (अंग्रेजी या हिंदी) पर अच्छी पकड़ होती है। क्योंकि अच्छा ब्लॉगर खूब पढ़ने वाला होता है इसलिये वो कई प्रकार के ब्लॉग लेखों की भाषाओं के तरीकों को जान पाता है। वो स्वतः ही जान जाता है कि अच्छी भाषा कैसे लिखी जाती है, कैसे पाठकों को अपने लिखने के तरीके से बांधा जाता है?

अच्छे ब्लॉगर आपको अपनी पहली लाईन की भाषा से ही अपनी ओर खींच लेते हैं। अच्छे ब्लॉगर अपनी भाषा के जानकार होते हैं, उनकी भाषा स्पष्ट और सीधी तथा व्याकरण सधा हुआ होता है।

अपनी भाषा से ही वे समझदारी की झलक देते हैं। अच्छे चिट्ठाकार के पास हमेशा आपको कुछ कहने के लिये होगा और यही आपको पढ़ने पर मजबूर कर देगा। सफल ब्लॉगर का लिखने का अपना खुद का अंदाज (स्टाइल) होता है।

3. पाठकों के साथ संवाद रखना


अच्छा सफल ब्लॉगर हमेशा अपने पाठकों से संवाद बनाये रखने की कोशिश करता है। ब्लॉगिंग है ही दो तरफा संवाद का माध्यम। अच्छे ब्लॉगर अपने पाठकों की इज्जत करते हैं। वे आपकी टिप्पणियों का जवाब देते हैं। वो आपकी कई प्रकार से सहायता करने की भी कोशिश करते हैं। कई ब्लॉगर सोशल मीडिया वेबसाइटों पर समान विचारधारा के पाठकों का समूह (Group) बना लेते हैं और विचारों का आदान प्रदान करते हैं।


4. अच्छा ब्लॉगर हमेशा सीखता रहता है


अच्छे ब्लॉगर हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहते हैं। जैसा कि हम उपर बता चुके हैं कि सफल ब्लॉगर दूसरों के ब्लॉग पढ़ते रहते हैं हैं और उनसे कुछ न कुछ सीखते हैं। वे नयी और अच्छी पुस्तकें पढ़ते हैं। वे नया सीखने और नया करने को हमेशा तत्पर रहते हैं।

उनके अपने ब्लाॉगिग के क्षेत्र में जो भी गतिविधि होती है उसके बारे में हमेशा जानने की कोशिश करते रहते हैं। उदाहरण के लिये अगर किसी चिठ्ठाकार का ब्लॉग इंटरनेट पर पैसा कमाने के बारे में है तो वो ब्लॉगर हमेशा इस क्षेत्र में जो कुछ भी नया होता रहता है उसके बारे में जानकारी रखेगा।

Good and Successful Blogger


5. अपने ब्लॉग के प्रति जूनून और समर्पण


जैसा कि हम पहले भी बचा चुके हैं कि एक अच्छा ब्लॉग उसको उसको चलाने वाले ब्लॉगर के जुनून और जज्बे से चलता है। दरअसल आप अपने विषय को लेकर ब्लॉग इसीलिये बनाते हैं क्योंकि आप चाहते हैं कि आप के पास जो भी उस क्षेत्र की जो कुछ जानकारी है वो आप सभी लोगों के साथ साझा करना चाहते हैं।

अपने ब्लॉग विषय क्षेत्र (Blog niche) के लिये सफल ब्लॉगर का जूनून उसके चिठ्ठे के पाठक को नयी नयी और उच्च कोटि की जानकारी पाने का जरिया बन जाता है। अपने चिठ्ठे के लिये समर्पण और जनून के कारण अच्छा सफल ब्लॉगर अपने ब्लॉग को अपने विषय क्षेत्र का सबसे बड़ा ब्लॉग बना देता है।

6. अच्छा मददगार इंसान होना


एक अच्छा इंसान ही सकारात्मक सोच रख सकता है। सफल ब्लॉगर के गुण में उसका अच्छा इंसान होना भी है। एक अच्छा इंसान ही तो अपने ब्लॉग के जरिये लोगों की सहायता करना चाहता है। अच्छे ब्लॉगर खुले दिल के होते हैं। वे जानते हैं कि हर चिट्ठे का अपना एक स्थान है। जो चिट्ठे उन्हे अच्छे लगते हैं वे उनका लिंक अपने चिट्ठे पर देते हैं, बिना यह देखे कि दूसरा चिट्ठा उनसे छोटा है या बड़ा। नया या पुराना।

अच्छा सफल ब्लॉगर अपनी बात से ही समझदारी की झलक देते हैं। वे इस समूह में दूसरों की मदद करते हैं, नये लोगों का स्वागत करते हैं, उनका उत्साह बढ़ाते हैं तथा उनकी सहायता करते हैं। हम ने हिंदी चिठ्ठाकारी के शुरुआत के दिनों में देखा है कि किस तरह हिंदी चिठ्ठाकार एक परिवार की तरह काम करते रहे हैं।


7. अपनी SEO and Technical जानकारी को बढ़ाना


एक अच्छा सफल ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिखने के साथ ही साथ ब्लॉग से संबंधित सभी प्रकार की SEO और तकनीकी जानकारी को भी बढ़ाता रहता है। जब तक गूगल की खोज में ब्लॉग पोस्ट रैंक नही होगा तो ब्लॉग पर कोई पाठक नही आएगा और जब पाठक नही आएगा तो ब्लॉग को कौन पढ़ेगा? और फिर ब्लॉगर पैसे कैसे कमाएंगे?

इसके अलावा अन्य तकनाकी पक्षों की जानकारी भी एक ब्लॉगर को होनी चाहिये ताकि आने वाले पाठकों को किसी प्रकार की कोई तकनीकी परेशानी न हो। उदाहरण के लिये ब्लॉग का Responsive न होना या फिर ब्लॉग की लोड होने की गति तेज न होना (blog load speed) इत्यादि।



8. लगातार लिखना


अच्छे सफल ब्लॉगर बिना दिग्भ्रमित हुये अपने ध्येय पर ध्यान देते हुये और अपने पाठकों को नई नई जानकारी देने के लिये लगातार दैनिक रूप से या कम से कम सप्ताह में एक बार तो लिखते ही हैं।

इससे ब्लॉग के पाठकों की रूचि भी बनी रहती है और सर्च इंजन वेबसाइटें (खोजक वेबसाइटें) जैसे कि गूगल, बिंग इत्यादि भी लगातार ब्लॉग पोस्ट प्रकाशन को पसंद करते हैं और ब्लॉग की कोटि (रैंक) बढ़ाते हैं।



9. पैसे के लिये नहीं विषय के लिये लेखन


हालाकि सभी लोग पैसा कमाना चाहते हैं बल्कि खूब कमाना चाहते हैं और ब्लॉगर भी कोई अपवाद नहीं हैं। वो भी पैसे कमाना चाहते हैं और किसी ब्लॉगर की ब्लॉगिंग करने का कारण काफी हद तक पैसा कमाना भी होता है। पर अच्छा सफल ब्लॉगर केवल पैसे के लिये नहीं लिखता।

खाली कीवर्ड खोज कर लिखना तो एक तरह से व्यवसायिक लेखन होता है।

ब्लॉगर कई बार अपने मन की बात लिखने के लिये भी लिखता है या फिर कई बार अपने पाठकों की रूचि के लिये भी लिखता है। जरूरी नहीं है कि हर बात गूगल या बिंग में लोग खोजें ही और केवल खोजने वाले कीवर्ड पर ही लिखा जाये।

अच्छा सफल ब्लॉगर अपने शौक, जुनून और उत्साह के लिये भी लिखता है। लेखन के हर विषय को केवल पैसे कमाने के लिये नही छोड़ जा सकता। और क्या पता, जो बात एक ब्लॉगर आज लिख रहा है कल को वो नहीं खोजी जायेगी? अगर सब कुछ केवल पैसे के लिये होगा तो कला खत्म हो जायेगी खासकर ब्लॉगिंग और लेखन कला।

हिंदी भाषा के अधिकांश ब्लॉगर ज्यादा पैसा न कमा पाने के बावजूद केवल अपने हिंदी भाषा की सेवा करने या अपने जूनून के लिये लिख रहे है। हिंदी ब्लॉगर तो पैसे कमाकर आजीविका चलाने की सोच भी नहीं सकते हैं

अंतिम बात (निष्कर्ष)


तो यदि आप भी एक सफल और अच्छे ब्लॉगर (Good and Successcul Blogger) बनना चाहते हैं तो उपर लिखे गये गुणों मे से कुछ को अपनाने का प्रयास कीजिये, मेहनत कीजिये और देखिये कैसै आप बहुत बड़े और अच्छे ब्लॉगर बन जायेंगे।

Manisha मंगलवार, 1 सितंबर 2020

शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) आधारित फिल्में और वेब-सीरीज


Stock Share Market शेयर बाजार


शेयर बाजार किसी भी देश के आर्थिक जगत का बहुत बड़ा बैरोमीटर है जिससे उस देश कि अर्थव्यवस्था का कुछ कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है। विभिन्न कंपनियों के स्टाक्स को शेयर बाजार में खरीदा बेचा जाता है और उससे कंपनियों की पूंजी बढ़ती घटती रहती है।

 

करोड़ों लोग इन शेयर बाजारों में अपनी किस्मत आजमाते हैं। इसलिये इस विषय का असर बहुत व्यापक है।


हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में भी शेयर बाजार के ऊपर आधारित फिल्में, टीवी श्रंखलायें, वेब सीरीज और ढेर सारी डाक्यूमेंट्री (documentary) बने हैं। किसी किसी फिल्म में कथानक का मूल शेयर बाजार होता है वहीं कुछ में वो घटनाकृम में रहता है। 


यहां पर हम कुछ ऐसी ही हिंदी/अंग्रेजी फिल्में, वेब सीरीज की चर्चा करेंगे जो कि या तो शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ियों के ऊपर हे या फिर रोजाना काम करने वाले ट्रेडर्स के उपर बनी हैं।



शेयर बाजार पर बनी हिंदी फिल्में

शेयर बाजार को लेकर हिंदी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों का रुख कुछ नकारात्मक सा ही है। स्टॉक मार्केट को सट्टा की तरह पेश किया जाता है जहां पर लोग रातों रात धनी बन जाते हैं या फिर धनी व्यक्ति की कंपनी के शेयर इतने गिर जाते हैं कि उसका सब कुछ बिक जाता है और वो और उसका पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है।

यही कारण है कि हिंदी में शेयर बाजार को लेकर कुछ चंद फिल्में ही बनी हैं।  हमारी जानकारी में यहां नीचे बताई गई हिंदी फिल्में ही स्टॉक मार्केट पर बनी हैं।



  1. शेयर बाजार (Share Bazar) (1987) - ये हिंदी फिल्म शेयर बाजार के दो ट्रेडर भाइयों मनसुख और हंसमुख मेहता के उपर बनी है जो कि बांबे स्टॉक एक्सचेंज में उठापटक करते हैं। इस फिल्म में जैकी श्राफ और डिम्पल कपाड़िया ने लीड रोल में काम किया है।
  2. गफला (Gafla) (2006) - ये फिल्म बांबे स्टॉक मार्केट में हुये 1992 के बदनाम प्रतिभूति घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है। ये फिल्म यू-ट्यूब पर देखने के लिये उपलब्ध है।
  3. सास बहू और सेन्सेक्स (Saas Bahu aur Sensex) (2008)  ये एक हिंदी फिल्म है जो 2008 में आई थी। शोना ऊर्वशी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शेयर बाजार में पैसा लगाने का और वहां काम करने के बारे में कुछ कहने के साथ ही साथ अन्य मसाले डाल कर बनाई गई एक मसाला हिंदी फिल्म है। इस फिल्म में किरण खेर, तनुश्री दत्ता, अंकुर खन्ना, फारूख शेख इत्यादि ने काम किया है।  
  4. जो हम चाहें (Jo Hum Chahein) (2011) - नवोदित कलाकार हीरो सनी गिल, हीरोईन सिमरन मुंडी  और नवोदित निर्देशक पवन गिल सबकी ये पहली फिल्म थी जिसमें हीरो MBA करने के बाद बांबे स्टॉक मार्केट में ट्रेडर बन कर अपनी आजीविका चलाना शुरू करता है।  
  5. बाजार (Bazaar) (2018) - सैफ अली खान इस फिल्म के हीरो हैं जो कि किसी भी तरह से शेयर बाजार मे पैसा कमाने में विश्वास करता है। स्टॉक मार्केट के कई काली सफेद गतिविधयां इसमें दिखाई गई हैं जैसे कि इनसाइडर ट्रेडिंग इत्यादि।
  6. स्कैम 1992 - द हर्षद मेहता स्टोरी (Scam 1992 - the Harshad Mehta Story) (हिंदी) - सोनी लिव (SonyLiv) पर उपलब्ध हो गया है। जैसा कि नाम से जाहिर है ये फिल्म हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।
  7. द बिग बुल (The Big Bull) (हिंदी) (2020) - अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर 8 अप्रैल 2021 को उपलब्ध हो गई है। इसको अजय देवगन और कुकी गुलाटी ने बनाया है और इसके मुख्य कलाकार में अभिषेक बच्चन हैं। ये फिल्म भी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।

Scam 1992 Harshad Mehta Story on SonyLiv


शेयर बाजार आधारित हिंदी वेब सीरीज

भारत में अभी OTT आधारित प्लेटफार्म का विकास हो रहा है। ऐसे में में नये नये विषय के लिये हो सकता है कि कुछ वेब सीरीज शेयर बाजार पर भी बनें। 

फिलहाल तो हमें केवल शेयर बाजार आधारित हिंदी वेब सीरीज में एक ही सीरीज मिली है जो कि नीचे बताई है।
  • द बुल ऑफ दलाल स्ट्रीट (The Bull of Dalal Street) (हिंदी) - एसएक्स प्लेयर (MX Player) पर उपलब्ध 
  • शेयर बाजार पर इम्तियाज अली की लघु फिल्म (YouTube पर उपलब्ध)


स्टॉक मार्केट आधारित अंग्रेजी में बनी फिल्में

अंग्रेजी भाषा में फिल्म बनाने में अमेरिका का हॉलीवुड (Hollywood) सबसे बड़ा केन्द्र है। वहां पर हमेशा नये नये विषय पर फिल्में बनाने का काम चलता रहता है। 

जाहिर सी बात है कि अंग्रेजी में हॉलीवुड ने बहुत सारी शेयर बाजार आधारित फिल्में और वेब-सीरीज बनाई हैं। 

हमने यहां नाचे ऐसी अंग्रेजी फिल्मों कि सूची बनाई है जो शेयर बाजार पर आधारित हैं। इनमें से कई फिल्में आपको हिंदी भाषा में डब होकर भी देखने को मिल जायेंगी।  

अगर आप यूट्यूब, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, अमेजन प्राइम, जी5, सोनीलिव आदि OTT पर अगर खोजेंगे तो आपके ये फिल्में अंग्रेजी में या हिंदी में डब होकर मिल जायेंगी और आप इनको देख सकते हैं।



  1. ट्रेडिंग प्लेसेज - Trading Places (1983)  
  2. वॉल स्ट्रीट - Wall Street (1987)  
  3. अदर पीपुल्स मनी - Other People's Money (1991)
  4. बारबेरियंस एट द गेट - Barbarians at the Gate (1993)  
  5. रोग ट्रेडर - Rogue Trader (1999)  
  6. बॉयलर रूम - Boiler Room (2000)  
  7. वॉल स्ट्रीट वारियर्स - Wall Street Warriors (2006)  
  8. मिलियन डॉलर ट्रेडर्स - Million Dollar Traders (2009)  
  9. मार्जिन कॉल Margin Call (2011)  
  10. टू बिग टू फेल - Too Big to Fail (2011)  
  11. वॉल स्ट्रीट - मनी नेवर स्लीप्स - Wall Street – Money Never Sleeps (2011)  
  12. आर्बीट्रॉज - Arbitrage (2012)  
  13. द वोल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट - The Wolf of Wall Street (2013)  
  14. द बिग शॉर्ट - The Big Short (2015) 
  15. इक्विटी - Equity (2016)
  16. मनी मॉन्स्टर - Money Monster (2016)


स्टॉक मार्केट पर डाक्यूमेंटरी

  1. बूम डस्ट बूम - Boom Bust Boom -- Strengths & Weaknesses of US economy
  2. ट्रेडर - Trader -- Documentary on legendary trader Paul Tudor Jones
  3. बिकमिंग वारेन बफेट - Becoming Warren Buffett -- Documentary on Buffett's upbringing
  4. 25 मिलियन पाउन्ड - 25 Million Pounds -- Financial & Thriller documentary
  5. द चाइना हसल - The China Hustle (2018) – Finance & Trade Documentary 
  6. द कॉरपोरेशन - The Corporation (2003) -- Finance Documentary
  7. बिलियन डॉलर डे - Billion Dollar Day (1985) - Documentary
  8. द एसेन्ट ऑफ मनी - The Ascent of Money (2008) -- Finance Documentary
  9. केपिटलिज्म - ए लव स्टोरी - Capitalism: A Love Story (2009) -- Finance Documentary 
  10. फलोर्ड - Floored (2009) -- Stock Trading Documentary 
  11. इनसाइड जॉब - Inside Job (2011) – Financial Crisis 2008, Finance Movie 
  12. बेटिंग ऑन जीरो - Betting On Zero -- Big bet on short selling on one company
  13. हैंक: 5 ईयर्स फ्रोम द ब्रिंक - Hank: 5 Years from the Brink -- Bailout of the banking system in 2008
  14. चेजिंग मैडॉफ - Chasing Madoff (2011)
  15. मनी फॉर नथिंग - Money for Nothing (2013)

आखिरी बात


तो ये सब जो फिल्में जो शेयर बाजार पर आधारित हेैं, उनको आपको जरूर देखना चाहिये यदि आप स्टॉक मार्केट में थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी लेते हैं। 

हालीवुड की कुछ फिल्में तो वैसे भी बहुत प्रसिद्ध हैं, उनको तो बिना शेयर बाजार के केवल रोमांच और अच्छे अभिनय तथा कथानक के लिये देखा जा सकता है।

Manisha मंगलवार, 25 अगस्त 2020

नोबेल पुरस्कार और भारतीय 

Nobel Prize Winner Indians


पिछली 2 सदी पहले से (वर्ष 1901 से) जब से नोबेल पुरस्कार आरम्भ हुये हैं, भारत ने कुछ बहुत ही बुद्धिमान मेधा शक्ति वाले नोबेल पुरस्कार पाने वाले या नामांकित होने वाले लोगों की सूची में अपना योगदान दिया है।


भारत के निवासी या फिर भारतीय मू्ल के पूरी दुनिया भर में फैले लोगों का अर्थशास्त्र, साहित्य, विज्ञान, दवाई और शांति के क्षेत्र में वार्षिक नोबेल पुरस्कार के लिये नामांकन किया जाता रहा है।


हम यहाँ पर भारतीय मूल के ऐसे ही सभी लोगों के बारे में यहां पर जानेंगे जो किसी न किसी क्षेत्र में कभी नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया है।



1. महात्मा गांधी

Mahatma Gandhi महात्मा गांधी


महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार देने के नामांकन करने वाली समिति ने 5 बार 1930 से 1940 के बीच चयन किया पर किसी भी वर्ष में उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया। इस वजह से नोबेल पुरस्कार समिति की काफी आलोचना हुई और अभी तक होती है। 


सन 2006 में नोबेल पुरस्कार समिति के सचिव ने अपने एक बयान में महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार न देने के फ़ैसले को अपने उस समय तक के 106 वर्ष के इतिहास में सबसे खेदजनक बात बताया था।


महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने अंग्रेजों के ख़िलाफ़ भारत केस्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था। वो एक समाज सुधारक भी थे।



2. रवीन्द्रनाथ टैगोर 

Ravindranath Tagore रवीन्द्रनाथ टैगोर

रवीन्द्रनाथ टैगोर  भारत के एक कवि, लेखक, संगीतकार, कलाकार, शिक्षाविद और दार्शनिक थे। वो यूरोप से बाहर के पहले व्यक्ति और साथ ही साथ पहले भारतीय भी थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 


रवींद्रनाथ टैगोर को सन 1913 में साहित्य के क्षेत्र में में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 


रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय की स्थापना आज के पश्चिम। बंगाल स्थित शांति निकेतन नामक स्थान पर की थी। 


रवींद्रनाथ टैगोर के योगदान का संगीत और साहित्य में बहुत ही व्यापक असर देखा जा सकता है।


3. चन्द्रशेखर वेंकटरामन 

CV Raman चन्द्रशेखर वेंकटरामन

प्रसिद्ध वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकटरामन ने मद्रास (अब चेन्नई) के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक (ग्रेजुएशन) गोल्ड मैडल (स्वर्ण पदक) के साथ पास किया था। बाद में उन्होंने अपनी विज्ञान में परास्नातक M.Sc. डिग्री मद्रास विश्वविद्यालय से विशिष्टता (Distinction) के साथ पास की।


चन्द्रशेखर वेंकटरामन को विज्ञान में प्रकाश छितराव (light scattering) के क्षेत्र में उनकी विशेष शोध जिसे ‘रमन इफ़ेक्ट’ के नाम से जाना जाता है, के लिये वर्ष 1930 में भौतिकी (Physics) केक्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 



4. हर गोबिन्द खुराना 

Hargobind Khorana हर गोबिन्द खुराना

हर गोबिन्द खुराना जो कि एक प्रसिद्ध जीव रसायनज्ञ (Biochemist) थे, उनको दवाई (औषधि - Medicine) के क्षेत्र में वर्ष 1968 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।


हर गोबिन्द खुराना जी एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसमें वो ही पंजाब में रहने वाले अपने परिवार केअकेले पढ़ने लिखने वाले सदस्य थे। डाक्टर हर गोबिन्द खुराना ने अपनी B.Sc. और M.Sc. पंजाब विश्वविद्यालय से की थी और अपना क्षोध (Ph.D.) लिवरपूल विश्वविद्यालय से किया था। 


हर गोबिन्द खुराना के काम की वजह से वैज्ञानिकों को आनुवंशिक कोड की व्याख्या (decipher the genetic code) करने में सुविधा प्राप्त हुई। ये रिसर्च आणविक जीवविज्ञान (Molecular biology) के क्षेत्र में ये एक मील का पत्थर साबित हुई है।


5. मदर टेरेसा 

Mother Teresa मदर टेरेसा


मदर टेरेसा जो कि एक मानवतावादी थी और ईसाइयत में उनके को संत की उपाधि दी गई है, उनको शांति के लिये 1979 वर्ष में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।


मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन लोगों की ख़ासकर ग़रीबों की सेवा में लगा दिया।


मदर टेरेसा को 1980 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। 


6. सुब्रहमण्यम चन्द्रशेखर 

Subrahmanyan Chandrashekhar सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर

सुब्रहमण्यम चन्द्रशेखर ने खगोल शास्त्र (Astronomy) में बहुत काम किया है और भौतिकी और खगोल विज्ञान को मिलाकर उन्होंने विज्ञान की एक नई विधा को जन्म दिया है। 


सुब्रहमण्यम चन्द्रशेखर ने भौतिकी में अपनी B.Sc. डिग्री चेन्नई के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से ली और फिर M.Sc. और  Ph.D. डिग्री को उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त किया।


वर्ष 1983 में विज्ञान के भौतिकी क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया।


इनके सम्मान में अमेरिका के नासा संस्थान ने ब्रह्मांड में एक्स-रे अध्ययन के  लिये वेधशाला का नाम चन्द्र वेधशाला रख दिया है। 



7. दलाई लामा

Dalai Lama दलाई लामा

दलाई लामा कोई भारतीय नहीं हैं और न ही भारतीय मूल के है। लेकिन क्योंकि वो निर्वासन में लंबे समय से भारत में रह रहे हैं, वो एक तरह से भारत के नागरिक के तौर पर देखे जा सकते हैं। 


तिब्बती धार्मिक राजनैतिक परंपरा के 14वें दलाई लामा के रूप में तेंजिंग ग्यात्सो  को 1989 में शांति के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया।


8. विद्याधर सूरजप्रसाद नईपॉल

VS Naipaul नईपॉल

भारतीय मूल के विद्याधर सूरजप्रसाद नईपॉल का परिवार उन्नीसवीं सदी में भारत से दक्षिणी अमेरिका के कैरेबियन इलाके के देश त्रिनीडाड में आकर बस गया था।  


त्रिनीडाड और इसके पास के सूरीना और गयाना इत्यादि इलाकों में अंग्रेजों द्वारा बड़ी संख्या में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के के लोगों को खेती करने के लिये ला कर बसाया गया था।


नईपॉल ने उपनिवेशवाद (Colonisation) पर काफी कुछ लिखा है। भारत में अपनी पूर्वजों की जड़ों से वो काफी जुड़े हुये थे। अंग्रेजी सरकार ने उनको 'सर' की उपाधि से सम्मानित किया था। 


सर नईपॉल को साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान के लिये सन 2001 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।


9. वेंकटरमन रामाकृष्णन

V Rama Krishnan वेंकटरमन रामाकृष्णन

वेंकटरमन रामाकृष्णन जो कि एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी, आणविक जीव-विज्ञानी और रसायनज्ञ हैं, ने अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई बड़ौदा विश्वविद्यालय से और फिर भौतिकी में अपनी क्षोध पढ़ाई अमेरिका के ओहियो विश्वविद्यालय से की थी। 


पहले से ज्ञात एक्स-रे क्रिस्टल-विज्ञान से उन्होंने हजारों अणुओं से बने राइबोसोम को मानचित्रित कर दिया था। इससे एंटीबायोटिक के उत्पादन में बहुत सहायता मिली।


वर्ष 2009 में वेंकटरमन रामाकृष्णन को रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।



10. अमर्त्य सेन


Amartya Sen अमर्त्य सेन


अमर्त्य सेन ने कलकत्ता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से और कैम्ब्रिज के त्रिनिटी कॉलेज से अपनी पढ़ाई की है। 


अमर्त्य सेन को 1998 में कल्याणकारी अर्थशास्त्र (Welfare Economics) के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया था। वर्ष 1999 में उनको भारत रत्न की उपाधि भी दी गई थी।


11. कैलाश सत्यार्थी

Kailash Satyarthi कैलाश सत्यार्थी

कैलाश सत्यार्थी एक प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं।  कैलाश सत्यार्थी ने भोपाल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग से अपनी पढ़ाई की है। उन्होंने हजारों बाल-मजदूरों को गुलामों जैसी जिन्दगी से बाहर निकाला है।


कैलाश सत्यार्थी के प्रयासों से ही भारत सरकार ने बाल मजदूर अधिनियम बनाया था और बाल-श्रम को प्रतिबंधित किया गया है और बाल-श्रम कराने वालों को कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।


वर्ष 2014 में उनको पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ शांति के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया।



12. मलाला यूसुफजई 

Malala Yousufjay मलाला यूसुफजई

जी हां  मलाला यूसुफजई! आप कहेंगे कि मलाला यूसुफजई तो पाकिस्तानी है वो भारतीयों की सूची में शाामिल कैसे है? पर मेरा कहना है कि एक तो ऊपर के कई लोग जो लोग या तो नोबेल पुरस्कार के लिये नामांकित या दिया गया वो कौन से भारत के निवासी हैं, वो सब भारतीय मूल के हैं।


तो हमारे अनुसार पाकिस्तान और बंग्लादेश के लोग भारतीय मूल के हैं और वो लोग 1947 से पहले तो भारतीय ही थे न। अलग देश बनने से वो अपने मूल से तो नहीं कट जायेंगे, भले ही वो माने या नहीं।


 मलाला यूसुफजई ने तालीबान के विरोध के लिये अपने संघर्ष के लिये अपने प्राणों को दांव पर लगा दिया था। इसके लिये उसको 2014 का शांति के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया है।


13. अभिजीत बनर्जी

Abhijit Banerjee अभिजीत बनर्जी

अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में वर्ष 2019 का नोबेल पुरस्कार उनके साथी क्षोधकर्ता एस्थर दफलो और माइकल क्रेमर के साथ उनके गरीबी उन्मूलन  के लिये प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिये दिया गया है। 


अभिजीत बनर्जी ने अपनी पढ़ाई कलकत्ता विश्वविद्यालय, दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय से की है। 

Manisha मंगलवार, 18 अगस्त 2020