भारतीय बचत नहीं करते

भारतीय बचत नहीं करते


एक सर्वेक्षण के अनुसार ज्यादातर भारतीयों में धन की बचत करने की प्रवृत्ति नहीं होती। अपनी इस आदत के कारण आय के स्त्रोत समाप्त होने की स्थिति में उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो जाता है। 
नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकनोमिक रिसर्च के इस सर्वेक्षण ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि भारतीय विशेषकर गुजराती समुदाय पैसों की बचत करने वाले होते हैं।

मैक्स न्यूयार्क लाइफ (एमएनवाईएल) के अनुसार देशभर में 63000 लोगों के बीच किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि पैसा बचाने की प्रवृत्ति नहीं होने के कारण कारण अधिकतर भारतीय उस समय संकट की स्थिति में फंस जाते हैं जब उनके मुख्य आय के स्त्रोत समाप्त हो जाते हैं। 

एमएनवाईएल के सहयोग से किए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 96 प्रतिशत लोगों का कहना है यदि उनकी आय के प्रमुख स्त्रोत बंद हो जाएं तो वे अपनी बचत के सहारे एक साल से अधिक समय तक जीवन-यापन नहीं कर सकते हैं। 

गुजरात के बारे में सूद ने बताया कि राज्य में 96 प्रतिशत और अहमदाबाद में 98 प्रतिशत लोगों के समक्ष आय के स्त्रोत बंद होने की स्थिति में तत्काल आर्थिक संकट पैदा होने का खतरा है।

वैसे यह सर्वेक्षण पुरानी मान्यताओं को तोड़ता हुआ दिख रहा है। अभी तक को भारतीय अपनी आय में से कुछ न कुछ बचाने की कोशिश करते थे, खास कर व्यवसायी वर्ग तो बचत के लिये मशहूर हैं।

कड़ी : नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकनोमिक रिसर्च की वेबसाइट

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