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फियेट का मल्टीजेट इंजन देश का इंजन बन गया है


पिछले दिनों हमारे एक जानकार को नई कार खरीदनी थी उन्होंने कारों के बारे में थोड़ी जानकारी इकठ्ठी करनी शुरु 
Multijet-Fiat-Engine
की और इस मामले में हम लोगों से भी सलाह मांगी। 

हमारे परिचित को डीजल इंजन की कार खरीदनी थी। उनके हम से संपर्क करने के बाद हमने भी कारों से संबंधित वेबसाइट और ब्लॉगों को खंगालना शुरु किया। 

कई दिनों के बाद हम को कुछ समझ में आया कि कार खरीदने के लिये क्या क्या जानना चाहिये। लेकिन एक विशेष बात ये समझ में आई की इटली की फियेट कार कंपनी का  बनाया हुआ 1.3 लीटर की मल्टीजेट डीजल इंजन (1.3 Multijet) इतना अच्छा है कि उसको कई कारो में इस्तेमाल किया जा रहा है। 

कई कार ब्लॉगो पर इस डीजल इंजन को राष्ट्रीय इंजन लिखा जा रहा है। 

आप भी देखिये कि ये मल्टीजेट इंजन फियेट की पालियो, लीनिया, ग्रांदे पुंटो, मारुति सुजुकी की स्विफ्ट, स्विफ्ट डिजायर, रिट्ज वा टाटा की इंडिका विस्टा व इंडिगो मांजा के कई विकल्पों में इस्तेमाल किया जा रहा है। 
तो क्या वाकई ये हमारे देस का सबसे पसंदीदा इंजन है?   कारों की बिक्री के आंकड़े तो इसी की पुष्टि करते दिख रहे हैं। वैस हमारे परिचित ने टाटा की इंडिका विस्टा खरीद ली है।

Manisha शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

भारत में छोटी कारों के बाजार में घमासान


कल फोर्ड नें अपनी नई छोटी हैचबैक कार फिगो (Figo)  को पेश किया है जोकि अगले साल के शुरु से भारत में बिक्री के लिये अपलब्ध होगी। 
Ford Figo

अभी तक फोर्ड की भारत में कोई हैचबैक गाड़ी नहीं थी। दनिया भर में छाई मंदी के बीच कार कंपनियों को भारत और चीन ही एक बड़े बाजार के रुप में नजर आ रहे हैं। 

मंदी के दौर में भी भारत में छोटी गाड़ियों के बिक्री के आंकड़ो के अनुसार कारों के बिकने में बढ़ोतरी जारी है। सभी बड़ी कार कंपनियां छोटी गाड़ियों के या तो नये संस्करण जारी कर रही हैं या नये मॉडल उतार रही हैं। 

पिछले एक साल के अन्दर मारुति-सुजुकी ने रिट्ज (Ritz), एस्टिलो (Estilo), हुंडई (Hyundai)  नें आई20 (i20), टाटा मोटर्स ने इंडिका विस्टा (India Vista) तथा नैनो (Nano), फियेट ने ग्रांडे पुंटो (Fiat - Grande Punto), फोरड की फिगो इत्यादि लांच की गई हैं।

इसके अलावा पहले से ही बाजार में सुजुकी की मारुति-800, आल्टो, वैगन-आर, स्विफ्ट, जनरल मोटर्स की
Fiat-Punto
स्पार्क, यु-वा (U-VA), हुंडई की आई10 (i10), सैन्ट्रो, टाटा की इंडिका, फियेट की पालियो
इत्यादि उपलब्ध हैं। 

वोक्स-वैगन जनवरी-2010 में पोलो गाड़ी लांच कर ने वाली है। इन सब में अधिकांश गाड़ियों को कई – कई मॉडल हैं और अधाकांश के पैट्रोल व डीजल दोनों संस्करण हैं। कईयों के गैस व सीएनजी संस्करण भी उपलब्ध हैं।

भारत में बिकने वाली 70% गाड़ियां छोटी गाड़ी (हैचबेक) होती हैं, ऐसे में सभी कंपनियां इस बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती हैं। भारत का मध्यम-वर्ग बहुत बड़ा है और उसके पास खर्च करने लायक पैसा भी है। अब कार ग्राहकों के पास अच्छे विकल्प हो गये हैं, साथ ही परेशानी भी बढ़ गई है कि किसे खरीदें और किसे नहीं?

हमारे पास फिलहाल तो 10 साल पुरानी मारुती-800 है जिससे अच्छा काम चल रहा है। जब खरीदनी होगी तब कर अन्य छोटी गाड़ियां भी बाजार में आ चुकी होंगी। मुश्किल रहेगा कि कौन सी कार खरीदी जाये?

Manisha गुरुवार, 24 सितंबर 2009

कार कंपनियां ब्रांड ऐम्बेसडर क्यों बनाती हैं?


कल कार कंपनी फियेट (FIAT) ने अपनी नयी छोटी हैचबैक कार ग्रांडे पुंटो (Grande Punto) को बाजार में उतारा था और आज के समाचार पत्रों में उसने अपने विज्ञापन भी जारी किये हैं। 

Grande Punto


इस विज्ञापन को देखने से पता चल रहा है कि फियेट ने प्रचार के लिये क्रिकेटर युवराज सिंह को अपना ब्रांड ऐम्बेसडर नियुक्त किया है। 

युवराज सिंह में और ग्रांडे पुंटो में समानता तो फियेट ही जाने पर मेरा मानना है कि कारों के विज्ञापनों में किसी क्रिकेटर या फिल्मी कलाकार की कोई आवश्यकता नहीं है, कार कंपनियां खांम खां ही अपना पैसा इन पर बर्बाद करती हैं। 

 कार भारत में ऐसी चीज है जो कि जिन्दगी में एक या दो बार ही खरीदी जाती है और कार को खरीदने की प्रक्रिया में पूरा परिवार शामिल होता है। 


कार खरीदने में कई पहलुओं का ध्यान रखा जाता है मसलन कार की कीमत, एवरेज, कार की सामाजिक स्थिति वगैरह, ऐसे में लोग किसी फिल्मी कलाकार या किसी बड़े खिलाड़ी की बातों पर यकीन नहीं कर पाते हैं। 

और दूसरी बात ये है कि ये बड़े कलाकार या खिलाड़ी खुद तो करोड़ों रूपये वाली कारों मे चलते हैं और विज्ञापन आम आदमी की कार का करते हैं जो कि यकीन लायक नहीं होता हैं। 

फियेट की ही बात लीजिये तो उसकी पिछली कार पालियो (Palio) के विज्ञापन के लिये सचिन तेन्दुलकर को लिया गया था फिर भी वो कार नहीं चली। 

मारुती ने वरसा (Versa) के विज्ञापन के लिये अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन को लिया था फिर भी वो कार नहीं चली। 

टोयोटा की इन्नोवा (Innova) कार के लिये आमिर खान को लिया गया था जिसको ठीक-ठाक सफलता मिली। 

सबसे ज्यादा सफल शाहरुख खान द्वारा प्रचारित सैंट्रो (Santro) कार रही है। 

कार कंपनियां को अपने विज्ञपनों में अपनी कार की खूबियों को प्रचारित करना चाहिये और फिल्मी कलाकारों या खिलाडियों को ब्रांड ऐम्बेसडर बना कर उनको करोड़ों रुपये देने के बजाय अपने ग्राहकों को उन रुपयों के बदले कार की कीमत कम करके ग्राहकों को फायदा देना चाहिये।

Manisha गुरुवार, 18 जून 2009