इतने शातिर विचार कैसे दिमाग में आते हैं?
- एक तो आज ही की खबर है कि वह शातिर दिमाग के लोग अखबारों, टीवी चैनलों, बस स्टैंडों, रेलवे स्टेशनों व रेलगाड़ियों के टायलेट में गुमशुदा लोगों के लगे विज्ञापनों में छपे फोन नंबरों पर कॉल करके गुमशुदा लोगों के परिजनों से फिरौती की रकम ऐंठते थे। उनसे ये लोग कहते थे कि तुम्हारे गायब लोग हमारे कब्जे में हैं और फिर उनसे फिरौती की रकम लेकर फरार हो जाते थे। कल इनको पुलिस ने पकड़ा है।
- एक हमारे मिलने वाले उत्तर प्रदेश के एक विश्वविद्यालय में काम करते हैं, उन्होंने बताया कि वहां पर कुछ कर्मचारी बिना कुछ करे ही पैसा कमा लेते हैं। वो विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं जैसे कि बी.एड., कानून आदि के परीक्षार्थियों से पास कराने के नाम पर पैसा ले लेते हैं और फिर कुछ न करके चुपचाप बैठ जाते हैं। परीक्षा का परिणाम आने पर जिनका चयन हो जाता है उनसे कहते हैं कि उन्होंने करवाया है और जिनका चयन नहीं होता है उनके पैसे वापस कर देते है। पैसे वापस देने से साख भी बनी रहती है और बिना कुछ करे कमाई भी हो जाती है।
- हमारे साथ पढ़ा एक लड़का रेलवे में काम करता है, उसने बताया कि बड़े रेलवे स्टेशनों पर गाड़ी का प्लेट फार्म बदल कर भी कमाई की जाती है। मान लीजिये कि एक प्रमुख गाड़ी रोज प्लेट फार्म नम्बर एक पर आती है तो उसी प्लेट फार्म पर यात्री सामान या पानी इत्यादि खरीदने के लिये उतरते हैं, ऐसे में अन्य प्लेट फार्म को वेंडर भी कमाई करने के लिये स्टेशन व्यवस्थापकों को पैसे देकर किसी दिन गाड़ी को अपने दूसरे प्लेट फार्म पर भी रुकवा लेते हैं। स्टेशन व्यवस्थापक तकनीकी गड़बड़ी की बहाना लेकर प्लेट फार्म बदल देते हैं।
- सोना और रुपया दुगना करके ठगी करने की कई घटनायें रोजाना समाचार पत्रों में छपती रहती हैं।
- हाल ही में अशोक जडेजा और दिल्ली में कई ठगों के पकड़े जाने कि घटनायें सामने आई हैं।
- छोटे से इलाज के बहाने किडनी निकालने की भी कई घटनायें सामने आती रहती है।
- सत्यम कंप्यूटर्स के घोटाले कि जानकारी तो आप सब को पता है कि कैसे बैलेंस शीट में हेरा-फेरी करके अरबों रुपये इधर उधर किये गये।
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सही सोच से इस सार्थक पोस्ट का जन्म हुआ है।
जवाब देंहटाएंशातिरों के दिमाग भी शातिर होते है तभी तो इतने शातिर विचार आते हैं. बहुत सुन्दर आलेख
जवाब देंहटाएंसत्यम कंप्यूटर्स के घोटोले कि जानकारी तो आप सब को पता है कि कैसे बैलेंस शीट में हेरा-फेरी करके अरबों रुपये इधर उधर किये गये।
जवाब देंहटाएं-इसे भी भी़ड़ के साथ? उठाईगीरों और जेबकतरों के साथ लखना डकैत जैसे दिख रहा है.
ऊपर दिये गये उदाहरण तो कुछ भी नहीं है जी, हमारे उज्जैन में एक LIC एजेंट ने भिखारियों और बेघरबार लोगों के फ़र्जी बीमे कर दिये, फ़िर उन्हें कार से कुचलकर बीमे की रकम भी साथियों के साथ मिलकर हड़प ली…। समूचे विश्व में है कोई ऐसा दिग्गज :)
जवाब देंहटाएंजो पकडे जाते हें .. उन्हीं की चर्चा कर रहे हैं आप .. पर ऐसे बहुत शातिर लोग हैं .. जो इस ढंग से काम कर रहें हैं कि पकडे भी नहीं जाते .. और समाज को उसका बडा मूल्य चुकाना पड रहा है।
जवाब देंहटाएंसब कलियुग की माया है!!!!
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