www.HindiDiary.com: जंगल
Results for " जंगल "

भारत में बढ़ रहा है जंगल

ऐसे समय जब भारत में पर्यावरण को लेकर चिंताये जताई जा रही हैं, प्रदूषण से भारत के तमाम शहरों खास कर दिल्ली  इत्यादी में बुरा हाल है,  सरकार से लेकर आदालतों तक प्रदूषण कम करने के अनेक उपाय किये जा रहें हैं  तब एक ऐसी खबर आई है जो कि एक सुखद ठंडी हवा का झोंका लेकर आयी है और वो ये है कि भारत में वन क्षेत्र बढ़ रहा है।


समाचार के अनुसार नासा ने अंतरिक्ष से फोटो खींचकर जो अध्ययन किया उसके अनुसार भारत में  पहले से ज्यादा वन क्षेत्र हैं और भारत तथा चीन दो देश मिलकर दुनिया में वन क्षेत्र बढ़ाने में अग्रणी भुमिका  अदा कर रहे हैं और 20 साल पहले  की तुलना में दुनिया ज्यादा रही भरी हुई है।  


India Forest Increasing



Manisha रविवार, 17 फ़रवरी 2019

तेंदुए के साथ रहना सीखना होगा


पिछले कुछ समय से भारत के तमाम शहरों, कस्बों और गांवो से तेंदुए के घरों में या लोगों की बस्तियों में घुस आने की खबरें आती रहती हैं। कुछ समय पहले बैंगलुरु के एक स्कूल में  तेंदुए के घुसने की खबर सुर्खी बनी थी। इससे पहले आगरा, मुम्बई, लखनऊ, देहरादून इत्यादि तमाम शहरों से  तेंदुए के लोगों के घरों और बस्तियों में घुस आने के समाचार रह रह कर आते रहते हैं। 

दरअसल रिहायशी इलाके लगातार बढ़ रहे हैं साथ ही साथ आधुनिक विकास ले लिये भी तमाम जमीन घेर ली जा रही है और जंगल क्षेत्र लगातार घट रहे हैं। इस वजह से छोटे जंगली जानवर भी कम होते जा रहे हैं और इन पर निर्भर बड़े जंगली जानवरों को अपनी भूख मिटाने के लिये बचे खुचे छोटे जंगली जानवर कम पड़ रहे हैं।

वनस्पतियों के कम होने से अन्य जानवर भी मानव बस्तियों में धावा बोलने लगे हैं। बंदर इसका एक उदाहरण है जो कि खाने की तलाश में मानव बस्तियों पर निर्भर हो गये हैं और तमाम शहर और कस्बे इन बंदरों से परेशान हैं।


बैंगलुरू के स्कूल में तेंदुआ


तो  तेंदुए भी खाने की तलाश में और सुरक्षित पनाहघर ढूंढने के लिये मानव बस्तियों की और आ रहे हैं और रोजाना हमको ये  तेंदुए के घरों में घुसने का समाचार मिलता है।

तेंदुए के साथ साथ रहना सीखना होगा (Living with Leopards -  लिविंग विद लियोपार्डस) 


तो समस्या ये है कि अब क्या किया जाये?  एक तो ये कर सकते हैं कि जैसे चल रहा है वैसे ही चलने दें और कोशिश की जाये कि तेंदुए मानव बस्तियों में ना आ पायें, दूसरा ये हो सकता है कि हम उनकी स्थिति को समझें और तेंदुओं के साथ सामन्जस्य बैठाया जाये। 

लोगों को तेंदुओं के खतरे को कम करने की व्यावहारिक सलाह दी जानी चाहिये । यह व्यावहारिक सलाह  उन सभी लोगों के लिये मुफीद रहेगी जो कि ऐसे इलाकों में रहते हैं जो तेंदुआ बहुल हैं और जहां से तेंदुओं के लोगों के घरों में घुसने के समाचार आते रहते हैं।  यहां लोगों के घरों में आए दिन तेंदुओं के घुसने के मामले सामने आते रहते हैं।

तेंदुओं के साथ रहते हुए खतरे को कम करने के व्यावहारिक उपाय

  • यह समझें कि तेंदुए इस इलाके स्वाभाविक निवासी हैं, और सिर्फ इनका दिखना खतरा नहीं है
  • तेंदुए हमारी बनाई हुई बाड़, वन क्षेत्र और कॉलोनियों को नहीं समझते।
  • यह सुनिश्चित करें कि अंधेरा होने के बाद बच्चे बड़ों की निगरानी में रहें। 
  • अंधेरा होने के बाद अकेले न निकलें। अगर जरूरी हो मोबाइल हो तो इस पर संगीत बजाएं। तेंदुओं को यह लगना चाहिए कि आसपास लोग हैं। तेंदुएं लोगों को संपर्क में आने से बचते हैं।
  • अगर कोई तेंदुआ दिख जाता है तो उसे चुपचाप वहां से जाने दें।
  • अगर कोई तेंदुआ दिख जाए तो उसके चारों ओर भीड़ न लगाएं। भीड़ लगने से वह डर जाएगा और भागने के क्रम में किसी को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • कूड़ा निपटान की सही व्यवस्था सुनिश्चित करें और कुत्तों को घर के अंदर रखें।
  • तेंदुओं से निपटने का एक मात्र अधिकार वन विभाग को है। किसी भी आपात स्थिति में कंट्रोल रूम को फोन करें।

Manisha शुक्रवार, 10 जून 2016