शराब रुपी अमृत पीकर मरते लोग
आज गुजरात के अहमदाबाद में जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। प्रशासन ने अब तक 86 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। लेकिन, यह आंकड़ा 100 के पार पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले कुछ दिन पूर्व में ये किस्सा दिल्ली में हुआ था।
मैं तो बचपन से अखबारों में इस तरह के समाचार रह रह कर पढ़ती आ रही हूं। हर बार यही होता है कुछ लोग शराब पीकर मर जाते हैं, हल्ला मचता है, कुछ गिरफ्तारियां होती हैं, कोई जांच आयोग बैठता है, मामला ठंडा पड़ जाता है और फिर किसी अन्य राज्य में इस तरह की घटना की खबर आ जाती है।
दरअसल इस तरह की घटनायें सरकारों द्वारा नहीं रोकी जा सकती हैं, न ही रोकी जा रही हैं। सरकारें, नेता और अधिकारी तो अवैध शराब के खेल में शामिल हैं। इसको केवल समाज ही रोक सकता है, लोग खुद रोक सकते हैं।
शराब सरकारों के लिये सोने की खान है। लोग शराब पीते है, सरकारें राजस्व कमाती हैं। इसलिय शराब ज्यादा बिके इसके लिये प्रयास किये जाते हैं।
शराब का महिमांडन किया जा रहा है। शराब पार्टियों मे अनिवार्य है ऐसा माहौल बन चुका है।
अब शराब न पीने वाले अल्पसंख्यक हो चुके हैं। शराब न पीने वालों का मजाक उड़ाया जाता है। शराब अमृत मान ली गई जिसको पीना अनिवार्य है।
शराब की खराबियों को बताने वाला कोई नहीं है। शराब हर प्रकार के माहौल के लिये हैं। कोई भी घटना हो इसके पीछे शराब है, लेकिन ये बात न बताकर घटना के बारे में ही बात की जाती है।
ऐसे में लोग अगर खुद ही संयम रख कर शराब से बचें तो ठीक वर्ना इस शराब रुपी अमृत से बचना मुश्किल है और लोगों के इसी तरह अलग-अलग राज्यों से मरने की खबरें आती रहेंगी। आज शराब अमृत मानी जाती है, जिसे सब पीना चाहते हैं।
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बहुत अफसोसजनक रहा!
जवाब देंहटाएंओह ! ये कैसा विषैला अमृत है !
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