अब तो कुछ करो पत्रकारों
आज छत्तीसगढ़ के जिला राजनांदगांव के मदनवाड़ा इलाके मे नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर हमला करके 30 पुलिस वालों को मार डाला है और अभी प्राप्त समाचार के अनुसार एक और हमला करके 8 और पुलिस वालों को मार डाला है। इसमें एक एसपी भी हैं।
हर 15-20 दिन में इस प्रकार का समाचार मिलता है जिमसें हमें देश के पुलिस वालों की जान बड़ी संख्या में नक्सलियों द्वारा लिये जाने के समाचार प्राप्त होते रहते है।
नक्सली पुलिस वालों को शहीद किये जा रहे हैं और हमारा दिल्ली का राष्ट्रीय माडिया नक्सलियों तालीबान और गे – समलैंगिकों के समाचारो को अहमियत दे रहा है।
अरे पत्रकारों, तालीबान ने भी इतने पुलिस वालो की हत्या नहीं की होगी जितनी नक्सलियों ने की है। आखिर कब इन पुलिस वालों के उपर कार्यक्रम बनाओगे और अपनी जिम्मेदारी निभाओगे? छोड़ों तालीबान और समलैगिकों को।
लगातार खबरें दिखा कर सरकार पर दबाव डालो कि वो कुछ करे। क्या नक्सलवाद की समस्या समलैगिको की समस्या से ज्यादा बड़ी है? अब तो कुछ करो पत्रकारों!!!!
बहरहाल शहीद पुलिस वालों को मेरा सलाम और उनसे निवेदन की वो खुद ही कुछ करें यहां की सरकार और मीडिया आपकी चिन्ता करने वाले नहीं है।
बहरहाल शहीद पुलिस वालों को मेरा सलाम और उनसे निवेदन की वो खुद ही कुछ करें यहां की सरकार और मीडिया आपकी चिन्ता करने वाले नहीं है।
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सलाम आपको जो आपने छत्तीसगढ के बारे मे लिखा।रहा सवाल नेशनल मीडिया का तो वो राखी सावंत का स्वयंवर और समलैंगिकता पर ही बहस करे तो ज्यादा अच्छा है। वैसे समय आ गया है कि नक्सल्वाद को जड़ से उखाड फ़ेंकना चाहिये।
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