नकारात्मक होना इतनी भी बुरी बात नहीं
सभी लोग कहते हैं कि जीवन में आदमी को सकारात्मक होना चाहिये और उसकी सोच भी सकारात्मक होनी
चाहिये। बात बिलकुल सही है सही सोच से ही जिन्दगी आगे बढ़ती है।
लेकिन कई बार मुझे लगता है कि हालांकि नकारात्मक होना सही नहीं है लेकिन हर बात में ये इतना भी बुरा नहीं है।
अगर किसी बात को लेकर हम नकारात्मक हैं तो क्या हम वास्तविकता के ज्यादा करीब होते हैं? पता नहीं। पर मैं एक बात के माध्यम से अपनी बात कहती हूं।
पिछले हफ्ते हमने अपने दुसरे बच्चे के लिये एक नामी स्कूल में दखिले के लिये आवेदन किया था और सब प्रकार से ऐसा लग रहा था कि वहां पर हमारे बच्चे की प्रवेश हो जायेगा, बच्चा ठीक-ठीक था, स्कूल घर के पास था, स्कूल वाले हमें जानते थे इत्यादि इत्यादि।
पिछले हफ्ते हमने अपने दुसरे बच्चे के लिये एक नामी स्कूल में दखिले के लिये आवेदन किया था और सब प्रकार से ऐसा लग रहा था कि वहां पर हमारे बच्चे की प्रवेश हो जायेगा, बच्चा ठीक-ठीक था, स्कूल घर के पास था, स्कूल वाले हमें जानते थे इत्यादि इत्यादि।
हमने ये समझ कर कि इस स्कूल में एडमिशन तो हो ही जायेगा, अन्य दो-तीन विद्यालयों का फार्म भी नहीं भरा। लेकिन हमारी सोच के उस दिन बड़ी झटका लगा जबकि उस विद्यालय की सफल बच्चों की सूची में हमारे बच्चे का नाम गायब था।
यानी कि अब हमें अन्य स्कूलों में जाकर फार्म भरने हैं और जिनका हमने फार्म नहीं भरा, वहां पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब अगर हमने सकारात्मक होने के बजाय थोड़ा नकारात्मक होकर सोचा होता तो हम हर किसी स्कूल के लिये फार्म भरते न।
यानी कि अब हमें अन्य स्कूलों में जाकर फार्म भरने हैं और जिनका हमने फार्म नहीं भरा, वहां पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब अगर हमने सकारात्मक होने के बजाय थोड़ा नकारात्मक होकर सोचा होता तो हम हर किसी स्कूल के लिये फार्म भरते न।
तो मेरे विचारो में अब परिवर्तन आ गया है और मुझे लगता है कि
- नकारात्मक होकर व्यक्ति अपनी क्षमताओं का सही आंकलन कर पाता है।
- नकारात्मक होकर हम अति भरोसा (ओवर-कोन्फिडेंस) में न रह कर वास्तविक धरातल पर रखता है।
- आपके अप्रत्याशित परिणामों के लिये तैयार रखता है।
- अन्य विकल्पों के लिये तैयार रखता है।
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सकारात्मकता के साथ एक सीमा तक नकारात्मकता वाकई बुरी बात नही है.
जवाब देंहटाएंअरे वाह, नकारात्मकता में भी सकारात्मकता। वैसे ये आपके सकारात्मक दृष्टिकोण का ही फल है।
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?
नकारात्मक होने का मतलब पीछे हटना नही होता , बल्कि नकारात्मक होने से सम्भावनाये बढ जाती है. और एक नये शब्द "यदि" का जन्म होता है जो हमारे लिए नये रास्तो को खोलता है.
जवाब देंहटाएंaap ne pessimistic ko bahut hi ache dhang se pesh kiya hai....
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