सवाल ये है कि आप क्या कर लेंगे?

सवाल ये है कि आप क्या कर लेंगे?

अमेरिका की एफबीआई ने बीते दिनों पाकिस्तान मूल के अमरीकी डेविड हेडली और पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई नागरिक टी. हुसैन राणा को आतंकी साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। दोनों लश्कर के इशारे पर भारत और डेनमार्क में हमलों की साजिश रच रहे थे। 

इस सिलसिले में भारत के गृहमंत्री चिदम्बरम जी ने कहा कि इसमें पाकिस्तान का हाथ साफ है। इससे पहले पिछले साल जुलाई और इस साल अक्टूबर में काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर भी हमले किये गये थे जिन में भारत ने पाकिस्तान और उसकी आईएसआई व तालीबान का नाम लिया था और सबूत पेश किये थे। 

आतंकवाद से लड़ाई

मुंबई में 26/11 के भीषण हमले में भी भारत ने पाकिस्तान का नाम लिया था। मेरा सवाल भारत सरकार से ये है कि जब इन सबके पीछे आईसएसआई और पाकिस्तान है ये बात सब जानते हैं लेकिन आप ने ये सब जानने के बाद क्या किया ये कोई नहीं जानता। 

आप तो  पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देते हैं, कभी पाकिस्तान को आतंकवाद का शिकार बताते हैं, कभी शर्म अल शेख में उससे समझौता कर लेते हैं, कभी उसको वार्ता के लिये आमन्त्रण देते हैं। तो फिर किसी भी घटना होने पर केवल पाकिस्तान का नाम लेने से क्या होगा? 

कुछ कर के भी तो दिखाइये। आईएसआई और पाकिस्तान बार-बार घटनाये करते जाते हैं और आप बस उनका नाम ले लेते हैं। मैं कहती हूं कि आईएसआई का हाथ है तो आप उसका क्या कर लोगे?


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5 टिप्‍पणियां

  1. बात बिल्कुल खरी है ..सिर्फ़ तमाशबीन बने हुए हैं सब ...

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  2. मनीषा जी मुझे लगता है हम सही लोगों को चुन के सत्ता में नहीं भेज रहे हैं..बस यही वजह है..

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  3. aap ne bilkul sahi kaha ... pakistan ka kuch to karna hi padega ... magar ye kar kuch nahi rahe!!!!!! yeh hamare liye sharm ki bat hai ki ... 26/11 ka mujrim abhi tak fansi ke fande par nahi latka...

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  4. problem mari samajh me nahi aati....aajadi k baad se jitni bhi sarkaren hamare desh me hui hain unhone kisi na kisi tarah pakistan,china jaise deshon se har tarike ki compromise karti aayi hain.pakistan se jiti hui ladayi ke baad Indira Gandhi ne,ya Nehru Ji ne.ab aatankwad ke mudde pe bhi sarkar kuch nahi kar pati.to iska matlab ki hamari sarkar kamjor hai ya aatankwadi majboot.aur fir har ek durghatna k baad sarkar bolti hai ki hum aatankwad ke sath sakhti se niptenge.ye sare statement kya hume aaram se sulane k liye sunaye jate hain??mera manana ye hai ki kisi neta kisi sarkar ke andar wo jajba hi nahi hai ki hame koi bhi problem solve karni hai.lagbhag sare politicians madhu koda jaise hi hain aur aane wale young politicians bhi madhu koda jaisi firaq me hain ki kab unhe mauka mile aur kab wo apni jholi bhar len.desh aur desh ki janta jaye bhad me. ye politicians hamari aankho me dhool jhonkte hain hamare samne hame bewkuf banate hain.

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