किसके पीछे किसका हाथ है?
रोजाना समाचार पत्रों में अनेक समाचार छपते रहते हैं और अनेक प्रकार की प्रतिक्रियायें मिलती रहती हैं जिनमें बताया जाता है कि फलां-फलां बात के पीछे फलां का हाथ है।
एक बानगी में यहां देना चाहती हूं। भारत कहता है कि आतंकवाद में पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तान में लगातार हो रहे बम विस्फोटों मे पाकिस्तान के नागरिकों और सरकार के अनुसार अमेरिका, इस्राइल और भारत मिल कर पाकिस्तान को और इस्लाम को बर्बाद करना चाहते हैं।
पाकिस्तान के अनुसार तालीबान के पीछे भारत का हाथ है। तालीबान पाकिस्तान के परमाणु बमों को हथियाना चाहता है, जिसको बनवाने के पीछे चीन का हाथ था।
चीन सोचता है कि तिब्बत की गड़बड़ियों के पीछे दलाई लामा का हाथ है और दलाई लामा के पीछे भारत का हाथ है और इसी लिये दलाई लामा ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा भी किया था। भारत का सोचना है कि अरुणाचल प्रदेश को चीन हथियाना चाहता है।
इस्राईल के अनुसार उसके यहां की समस्याओं के लिये पश्चिमी एशिया के देश जिम्म्दार हैं। हमास और अल फतह के अनुसार हिंसा के लिये इस्राइल जिम्मेदार है। इस्राइल के अनुसार इरान उसके उपर हमला कर सकता है।
अमेरिका के अनुसार ईरान के पास परमाणु बम हैं।
भारत में कुछ लोग मानते थे (हैं) कि हेमंत करकरे कि मृत्यु के पीछे हिंदूवादी संघटनों का हाथ है।
भारत में मंहगाई के लिये लोग कांग्रेस सरकार को दोषी मानते हैं। प्र
भारत में मंहगाई के लिये लोग कांग्रेस सरकार को दोषी मानते हैं। प्र
काश करात के अनुसार मंहगाई के लिये अमेरिका, पश्चिमी देश और पूंजीवादी व्यवस्था जिम्मेदार है।
मुलायम सिंह के अनुसार चुनावों में उनकी हार कल्याण सिंह और राहुल गांधी के कारण है।
राज ठाकरे के अनुसार मराठियों की दुर्दशा के लिये हिंदी जिम्मेदार है।
सेक्यूलरों के अनुसार भारत में मुस्लिमों की समस्त समस्याओं के पीछ नरेंद्र मोदी का हाथ है।
70 के दशक में भारत में हर घटना के पीछे सीआईए का हाथ होता था। आजकल भारत में हर घटना के पीछे आईएसआई का हाथ होता है।
इस प्रकार हम लोग रोजाना षणयंत्रकारी नई नई थ्योरी पाते रहते हैं जिनसे ये हमारा पूरा मनोरंजन होता है और ये भी पता चलता है किसके पीछे किसका हाथ है।
इस प्रकार हम लोग रोजाना षणयंत्रकारी नई नई थ्योरी पाते रहते हैं जिनसे ये हमारा पूरा मनोरंजन होता है और ये भी पता चलता है किसके पीछे किसका हाथ है।
आप भी अंदाजा लगाईये कि किसके पीछे कौन है?
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अब तो पता लगाना ही पड़ेगा की मनीषा जी नें जो लेख लिखा है उसके पीछे किसका हाथ है ?
जवाब देंहटाएं( सार्थक चिंता / सच्ची बात / सुन्दर लेख )
aapne bilkul sahi kha ki is duniya me her koi manta hai ki kisi na kisi ke piche koi jarur hota hai...
जवाब देंहटाएंdidig , me bhi aapke blog dwara kuch kehna chahta hu. agar aap ki aagya ho to?please
जवाब देंहटाएंfffffffffffff
जवाब देंहटाएंjis prakar anna ji ne lokpal ko lekar yeh jang ki hai waisi hi ek jang aarakhshan ko lekar bhi honi chahia aakhir hum kab tak is rajniti k sikar hote rahenge ek taraf leader hume milane ki baat krte hai dusri taraf aarakhan dekar padhai se lekar naukri tak naukri se lekar promosion tak hume kis kis tarah ki jyadtio se gujarna padta hai aarakhan cast pe na hoka uski financial standard k aadhar par hona chahia .
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