हमें तो भूतों से शिकायत है
जी.के.अवधिया जी ने अपने ब्लॉग धान के देश में भूतो के उपर पूरा शोध पत्र पेश किया है। मुझे व्यक्तिगत तौर पर तो भूतों पर कोई विश्वास नहीं है लेकिन जितना भी भतों के बारे में जानकारी है वो सब राजकुमार कोहली, रामसे बंधुओं और रामगोपाल वर्मा और कुछ हॉलीवुड के फिल्मकारों के कारण ही है।
इन्हीं लोगों ने फिल्में बनाकर हमें जागरुक किया है कि भूत होते हैं, कैसे दिखते हैं, किस प्रकार लोगो के उपर आ जाते हैं, किस प्रकार वो अपने दुश्मनों से बदला लेते है आदि आदि।
अलावा सत्य कथा और मनोहर कहानियां भी इस प्रकार की बातों को प्रकाशित करते रहे हैं जिसमें बताया जाता रहा कि कैसे किसी के उपर भत आ गया और कैसे बहेड़ी के मौलवी साहब ने उसको काबू में किया इत्यादि इत्यादि।
मै तो तो इन्हीं फिल्मकारों और प्रकाशकों की रचनाओं को ही प्रमाणिक मानकर चलती हूं और इन्हे ही भूतों का विशेषज्ञ समझती हूं और उसी के आधार पर मेरी कुछ धारणायें हैं और भूतों से कुछ शिकायतें भी हैं ।
- भूत-प्रेत हमेशा गरीबों को ही परेशान करते हैं। देखिये फिल्मों मे भी या असल जिंदगी में (सत्य कथा और मनोहर कहानियां के आधार पर) किसी गांव के किसी आदमी या औरत के उपर भूत आ गया। क्या आपने कभी पढ़ा या सुना कि दिल्ली, मंबई के किसी टाटा, बिड़ला, अंबानी, बच्चन, कपूर, गांधी के घर में कोई भूत की प्रवेश करने की हिम्मत भी हुई हो? तो हम क्यों न माने की भूत का जोर भी बस गरीब पर ही है।
- भूत हमेशा अपने अपमान का बदला लेता है। अब हमने तो फिल्मों और कहानियों मे ये ही पढ़ा है। लेकिन असल जिन्दगी मैंने कभी नहीं पढ़ा कि किसी भूत ने अपनी मौत का बदला ओसामा बिन लादेन, वीरप्पन, प्रभाकरण, चंगेज खां, तालीबान इत्यादि से लिया हो। तो क्या भूत भी बड़े-बड़े आतंकवादियों और अपराधियों से डरते हैं?
- कुछ भूत अच्छे होते है । हो सकता है कि अच्छे होते हों लेकिन कभी भी बुरे आदमी को भूतों से परेशान होते नहीं सुना। कितनी ही आतंकी घटनायें जैसे कि 9/11, 7/7, 26/11 इत्यादि हईं, कितने ही जुल्मी लोग इतिहास में हुये लेकिन किसी को भी भूतों ने परेशान नहीं किया। क्या अच्छे भूतो को आतंकियो, डकैतों, जुल्मियों को परेशान नहीं करना चाहिये था?
- भूत सुनसान, उजाड़ जगह व जंगल वगैरह में रहते हैं। ऐसी ही जगहों पर आतंकवादी, डाकू, चोर, लुटेरे रहते हैं, लेकिन उनको कोई भूत नहीं दिखता लेकिन यदि कोई सीधा-सादा गांव वाला अगर उधर चला जाये तो उसे परेशान कर देते हैं। बहुत नाइंसाफी है ये।
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बहुत सटीक बातें की है आपने .. भूतों से ये शिकायत तो सबों को होनी चाहिए .. यदि भूत ब्लाग पढते होंगे .. तो हमारी शिकायत पर अवश्य ध्यान देंगे !!
जवाब देंहटाएंमुझे भी शिकायत है भूतो से कि वे भभूत से क्यो डरते है जबकि भभूत मे भूत है.
जवाब देंहटाएंबहुत सटी विश्लेषण किया है आपने। बधाई।
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और अब दो स्क्रीन वाले लैपटॉप।
एक आसान सी पहेली-बूझ सकें तो बूझें।
ji theek kaha ,is illogical desh mein koi to theek likhta hai
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
जवाब देंहटाएंBahut Sahi Kaha. Ye vastav me Samaaj virodhiyo Par Vyang hai.
जवाब देंहटाएंBhut hota hai dost maine dekha hai.
जवाब देंहटाएंpadh kar bahut achchha laga.
जवाब देंहटाएंkya baat hai sir g,, bhuto ka bada anubhav le rakha hai.. achha ek baat batao aapko kavi bhut ne pareshan kiya hai ya nahi.. kiya ho toh apne agle blog me use share jarur karna.......
जवाब देंहटाएंApne agle blog me bhuto ka apna anubhav shar karna sir g....
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