ट्रैवलिंग यात्रा सफर पर्यटन सफर शेर-शायरी मुहावरे गाने और वाक्य
यूं आजकल
पर्यटन ट्रैवलिंग का शौक काफी बढ़ गया है। हर किसी को दुनिया घूमने का शौक़ नहीं होता, पर जिन्हें होता है वो ही जानते हैं कि जगह जगह घूमना क्या होता है। घमुक्कड़ ही पर्यटन के लिये यात्रा की असली क़ीमत समझते हैं। घूमने-फिरने से हमें जो भी मिलता है वो पढ़ने लिखने या फिर क़िताबें पढ़ कर नहीं पा सकते।
चाहे धार्मिक कारण हो, चाहे ज्ञान की उत्कंठा हो, व्यापार के लिये हो या फिर पर्यटन के लिये ही यात्रा हो, अनंत काल से मनुष्य यात्रा कर ही रहा है।
अलग अलग भाषाओं में पर्यटन के कारण जन मानस में कुछ बाते, वाक्य, मुहावरे, कवितायें, गाने, शेर-शायरी लोगों के दिलो दिमाग में बैठ गई हैं।
इसी घुमक्कड़ी, पर्यटन, ट्रैवलिंग और सफर पर आधारित कुछ बातें, वाक्य, शेर-ओ-शायरी, फिल्म गाने और संवाद इत्यादि का
हिंदी भाषा में संकलन हम यहां आपके लिए लेकर आएं है जो आपको काफी पसंद आएगा, ऐसी उम्मीद है। Travelling Tourism Sher Shayari Status Quotes Songs in Hindi. आप अपनी टिप्पणी के माध्यम से पर्यटन के अपने पसंद की ऐसी ही लाइनें, गाने वगैरह साझा कर सकते हैं।
ट्रैवलिंग और टूरिज्म से संबंधित शेर-शायरी, मुहावरे, कहावतें, गाने, वाक्य, Status and Quotes का ये संकलन अपने आप में पूर्ण संकलन नहीं है। जैसे जैसे नई बाते पता लगती जायेंगी यहां पर समय समय पर अद्यतन (Update) किया जाता रहेगा।
देखें -
पर्यटन और घूमने फिरने पर आधारित और ब्लॉग पोस्ट
पर्यटन से संबंधित शब्द/Words
- यात्रा (Yatra) – To Travel
- यात्री (Yatri) – Traveller
- पर्यटक (ParyaTaka) – Tourist
- पर्यटन ( ParyaTan) – Tourism
- पथिक (Pathik) – That on the road
- प्रवासी (Pravasi) – Living in another country
- सफर (Safar) - यात्रा To Travel
- मुसाफिर (MusaFir) - यात्री Traveller
- घूमना (GhumNa) – यात्रा To Travel
- फिरना (FirNa) – To Travel
- घुमक्कड़ (Ghumakkar) - मुसाफिर/यात्री Traveller
- घुमक्कड़ी (Ghumakkari) - यात्रा To Travel
- भ्रमण (Bhramarh) - यात्रा To Travel
देखें -
भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनेंTravelling and Tourism Status in Hindiपर्यटन/यात्रा/सफर की हिंदी कहावतें/वाक्य/विचार
- किसी जगह के बारे में ज़िन्दगी भर सुनने से अच्छा है कि एक बार उसे जाकर खुद देख लो।
- बहुत हो गया काम काज, चल यार कहीं घूम के आते हैं।
- दुनिया एक किताब है, और जो यात्रा नही करते है वे केवल एक पन्ना पढ़ते है।
- जिन्दगी जीने का असली मजा यात्रा में ही हैं।
- हजारों मील की यात्रा भी एक कदम से शुरू होती है।
- सत्य से पराजित होने के पूर्व झूठ आधी दुनिया की यात्रा कर लेता है।
- आपकी यात्रा सफल और सुखद हो।
- वही सबसे तेज चलता है, जो अकेला चलता है।
- समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।
- जिंदगी, जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या ख़ाक जिया करते हैं।
- धीरे चलोगे तो बार बार मिलेंगे, नहीं तो हरिद्वार में मिलेंगे।
- कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी।
- मियाँ की दौड़ मस्जिद तक।
- सफलता एक निरंतर यात्रा है न की एक मंजिल।
- ख़ुशी एक सफर है, ना कि मंजिल।
- हजार मील का सफर भी एक कदम से ही आरंभ होता है।
- यात्रा के अंत तक पहुंचना अच्छा है, लेकिन अंत में वो यात्रा ही है जो मायने रखती है।
- आओ संग में एक कहानी बनाते हैं, चलो कहीं घूम के आते हैं।
- एक किताब पढ़ने से जितना सीखते हैं, उससे हजार गुना यात्रा करने से सीखते हैं।
- इंसान के यात्रा करने के जुनून ने ही उसे चांद तक पहुंचा दिया।
- आप खुशी को नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन यात्रा के लिये हवाई जहाज का टिकट खरीद सकते हैं, ये खुशी खरीदने के बराबर है।
- सबसे अच्छी यात्रायें सबसे अच्छे प्यार की तरह होती हैं, जिसका वास्तव में अंत नहीं है।
- सही मार्ग पर चलना यात्रा है और बिना लक्ष्य के गलत राह पर चलना भटकना है।
- यात्रा हर कोई करता है पर कुछ लोग पूरी दुनिया की यात्रा करते हैं और कुछ लोग सिर्फ घर से ऑफिस तक ही यात्रा करते हैं।
- हर किसी को दुनिया घूमने का शौक़ नहीं होता, पर जिन्हें होता है वो इसकी असली क़ीमत समझते हैं।
- पहुंचने से अधिक जरूरी ठीक से या्त्रा करना है -- गौतम बुद्ध
- यात्रा करने पर हम सबसे ज्यादा सीखते हैं।
- सफ़र सिर्फ मंजिलों तक पहुंचने के लिए नहीं होते बल्कि उन तमाम जगहों से गुजरने के लिए भी होते हैं जो मंजिल के रास्ते में पड़ती हैं..! - ममता शर्मा
- चरैवेति चरैवेति॥ (चलते रहो, चलते रहो) - एक संस्कृत वाक्य/विचार
पर्यटन पर हिंदी मुहावरे
- नौ सौ चूहे खाके बिल्ली हज को चली
- जैसा देश वैसा भेष
- अधर में लटकना या झूलना
- गधे के सिर से सींग की तरह गायब होना
- छूमंतर होना।
- उड़न छू होना
- कभी नाव गाडी पर, कभी गाडी नाव पर
- परमश्वर की माया, कहीं धूप, कहीं छाया
- बहती गंगा में हाथ धोना
- रफ़ू-चक्कर होना
- नौ दो ग्यारह हो जाना
- चम्पत होना
- ठहर-ठहर के चलिए, जब हो दूर पडाव
- देर आयद ,दुरुस्त आयद
- हरी झंडी दिखाना
- दूर के ढोल सुहावने (होते/लगते हैं)
- हवा से बातें करना
- आसमान पर चड़ना
- गंगा नहाना
- घाट घाट का पानी पीना
- लौट के बुद्धू घर को आये
बोलचाल के पर्यटन यात्रा शब्द
भारत के जनमानस में कुछ शब्द और बोल यात्रा से संबंधित इस तरह के बन गये हैं कि वो रोजाना की बोलचाल में बहुत ही ज्यादा प्रयोग होते हैं। इन सब बोल शब्दों को वाक्यों मे प्रयोग करके बोला जाता है और इन सबके मतलब को सब समझते है। जब आप यात्रा करते हुये भारत की जनता से घुले मिलेंगे तो आप को ये सब सुनाई देंगे। आइये देखें ऐसे ही 10 बोल -
- मछली बाजार - सब अस्त व्यस्त होना (Unorganized)
- भेड़ चाल - बिना सोचे किसी की बात के मानना (Herd Mentality)
- कछुआ चाल - बहुत ही धीरे धीरे काम करना (Slow Motion)
- घोड़े की तरह भागना - बहुत तेज दौड़ना (Walk like a Horse)
- चंपत होना - भाग जाना या गायब हो जाना (To hide)
- पतली गली से निकल - चुपचाप निकल जाना (Exit Silently)
पर्यटन पर संस्कृत विचार/वाक्य
- चरैवेति चरैवेति॥ - चलते रहो, चलते रहो
- पर्यटन् पृथिवीं सर्वां, गुणान्वेषणतत्परः। - जो गुणों की खोज में तत्पर है,वे लोग सारी पृथिवी घुमते है।
- हदये सुखसम्पत्तिः पदे पर्यटनं फलम्। - उनके मन में सुख, संपत्ती और पैरों में पर्यटन होता है।
- यस्मिन्प्रचीर्णे च पुनश्चरन्ति; स वै श्रेष्ठो गच्छत यत्र कामः। - जो लोग सामनेआए हुए (मार्ग) पर चलते है, वह श्रेष्ठ होते है और उनको अभीष्ट प्राप्त होता है।
- चरन्ति वसुधां कृत्स्नां वावदूका बहुश्रुताः। - बुद्धीमान् और वाक्-कुशल लोग, सारी पृथ्वी घुमते है।
- चरन्मार्गान्विजानाति । - पथिक व्यक्ति को मार्ग पता चलता है।
- आस्ते भग आसीनस्य, ऊध्वर्स्तिष्ठति तिष्ठतः। शेते निपद्यमानस्य, चराति चरतो भगः। - बैठे हुए मनुष्य का सौभाग्य बैठा रहता है, उठ कर खडे होने वाले व्यक्ति का सौभाग्य भी उठ कर खड़ा हो जाता है,लेटे हुए मनुष्य का सौभाग्य सोया रहता है, और चलने वाले व्यक्ति का सौभाग्य उसके साथ- साथ चल पड़ता है।
- चरन् वै मधु विन्दति, चरन् स्वादुमुदुम्बरम्। सूयर्स्य पश्य श्रेमाणं, यो न तन्द्रयते चरन्। - जो सदा श्रमशील, गतिशील हैं, वो सदा मधुपान (शहद/ अमृत / परिश्रम का सुफल) करते हैं, कर्मयोगी को सदा श्रेष्ठ कर्म का श्रेष्ठ परिणाम मिलता है। देखो, सूर्य कितना, कर्मशील और सृजन शील है, पल भर भी जो दूसरों के कल्याण के लिये अपने श्रम से कभी विमुख नही हैं ।
- अन्योन्यवीर्यनिकषाः पुरुषा भ्रमन्ति। - एक दुसरे की पहचान जो वीरता से करते है, वे लोग घुमते है।
- दुःखं हन्तुं सुखं प्राप्तुं ते भ्रमन्ति मुधाम्बरे। - वे आकाश में मुग्ध रूप से, दुःख भुलने के लिये और सुख के प्राप्ति के लिये घूमते (उडते) है (हमारी तरह)।
- हृदि श्रीर्मस्तके राज्य पादे पर्यटनं फलम्। - उनके मन में संपत्ति, सिर के उपर राज्य (का दायित्व) और पैरों में पर्यटन होता है।
- योजनानां सहस्त्रं तु शनैर्गच्छेत् पिपीलिका। - शनैः शनैः ही सही, सतत चलते रहने पर, चींटी जैसी छोटी सी जीव भी सहस्रों योजन की यात्रा पूरी कर लेती है।
- यस्तु संचरते देशान् यस्तु सेवेत पण्डितान् ।
- तस्य विस्तारिता बुद्धिस्तैलबिन्दुरिवाम्भसि ॥ - भिन्न देशों में यात्रा करने वाले और विद्वानों के साथ संबंध रखने वाले व्यक्ति की बुद्धि उसी तरह बढ़ती है, जैसे तेल की एक बूंद पानी में फैलती है।
ट्रैवलिंग पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म गाने
- ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना (फिल्म अंदाज - सुने/देखें)
- जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर कोई समझा नही कोई जाना नही (फिल्म सफर - सुने/देखें)
- मुसाफिर हूँ यारों, ना घर है ना ठिकाना, मुझे चलते जाना (फिल्म परिचय सुने/देखें)
- यूं ही चला चल राही, कितनी हसीन है ये दुनिया (फिल्म स्वदेस - देखें/सुनें)
- सुहाना सफर और ये मौसम हसीं (फिल्म मधुमती - देखें/सुनें)
- दुनिया की सैर कर लो (फिल्म Around the World एराउंड द वर्ल्ड - देखें/सुनें)
- चला जाता हूँ किसी की धुन में धड़कते दिल के तराने लिए (फिल्म मेरे जीवन साथी - देखें/सुनें)
- वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहां, दम ले ले घड़ी भर (फिल्म गाइड - देखें/सुनें)
- हम हैं राही प्यार के... जो भी प्यार से हम उसी के हो लिये (फिल्म नौ दो ग्यारह - देखें/सुनें)
- क्या मौसम है, चल कहीं दूर निकल जायें (फिल्म दूसरा आदमी देखें/सुनें)
- चल सैर गुलशन की तुझको कराऊं (फिल्म चरणों की सौगन्ध देखें/सुनें)
- उड़ें, खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे (फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दुबारा देखें/सुनें)
- चलो ना, ढूंढे शहर नया, जहां मुस्कराहटे हैं बिखरी... (फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दुबारा देखें/सुनें)
- हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते (फिल्म जब वी मेट देखें/सुनें)
- किसी मंजर पर में रूका नहीं, कभी खुद से भी मैं मिला नहीं.. फिर से उड़ चला (फिल्म रॉकस्टार देखें/सुनें)
- धुआं छंटा खुला गगन मेरा, नयी डगर नया सफर मेरा...रूबरू (फिल्म रंग दे बसंती देखें/सुनें)
- धीरे चलना है मुश्किल जो जल्दी ही सही.. हम चले बहार में.. गुनगुनाती राहो में (फिल्म पीकू देखें/सुनें)
- आंखो मे सपने लिये, घर से हम चल तो दिये, जाने अब ये राहें ले जायेंगी कहां... तन्हा दिल.. (गायक शान देखें/सुनें)
- सफर.. कैसा है ये सफर, मंजिलों की न है कोई खबर (गायक भुवन बाम देखें/सुनें)
- ये हसीं वादियां ये खुला आसमां.. आ गये हम कहां... (फिल्म रोजा देखें/सुनें)
- यूं ही कट जाएगा सफर साथ चलने से,के मंजिल आयेगी नजर साथ चलने से (फिल्म हम हैं राही प्यार के देखें/सुनें)
- जरा होले होले चलो मोरे साजना, हम भी पीछे हैं तुम्हारे (फिल्म सावन की घटा देखें/सुनें)
- मैं निकला गड्डी लेके, एक मोड़ आया (फिल्म गदर देखें/सुनें)
- घूमें बंजारे घूमें गलियां ये बेचारे (फिल्म फगली देखें/सुनें)
- ओ बन्देया, ढूंढ़े है क्या? राहें तेरी, हैं घर तेरा। चलना वहां खुद तक कहीं पहुंचे जहां (फिल्म नोटबुक देखें/सुनें)
- रूक जाना नहीं तू कहीं हार के,
कांटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के। ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही।। (फिल्म इम्तिहान देखें/सुनें)
- चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला
हज़ारों मील लम्बे रास्ते तुझको बुलाते
यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलाते
है कौन सा वो इंसान यहाँ पे जिस ने दुख ना झेला
चल अकेला ...
- (फिल्म संबंध देखें/सुनें)
- निकले थे कहां जाने के लिये, पहुंचेंगे कहां, मालूम नहीं। अब अपने कदमों को, मंजिल का निशां मालूम नहीं।। (फिल्म बहू-बेगम देखें/सुनें)
और देखें -
कुछ प्रसिद्ध हिंदी फिल्म सीनपर्यटन पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म संवाद/वाक्य
- रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जायेगी - फिल्म वंस अपोन ए टाइम इन मुंबई
- 22 तक पढाई 25 तक नौकरी 26 पे छोकरी 30 पे बच्चे 60 पे रिटायरमेंट और फिर मौत का इंतज़ार… ऐसी घिसी-पिटी ज़िन्दगी थोड़े ही जीना चाहता हूँ - फिल्म ये जवानी है दीवानी
- मैं उड़ना चाहता हूं, दौड़ना चाहता हूं, गिरना भी चाहता हूं, बस रुकना नहीं चाहता - फिल्म ये जवानी है दीवानी
- एक ही शहर एक ही घर एक ही कमरे में, तू अपनी सारी लाइफ काट देगी? सोच कर डर नहीं लगता - फिल्म ये जवानी है दीवानी
- मुझे पहाड़ो में जाना है, फिर से हिमालय देखना है, बाइक राइड, सनराइज, बोनफायर जलाना है - फिल्म ये जवानी है दीवानी - फिल्म रॉकस्टार
- जहां से तुम मुझे लाये हो, मैं वहां वापस नहीं जाना चाहती, पर ये रास्ता बहुत अच्छा है, मैं चाहती हूं कि ये रास्ता कभी खतम न हो - फिल्म हाईवे
- शादी के बाद न, हम पहाड़ों में रहेंगे, मुझे पहाड़ बहुत पसंद हैं। रियली! - फिल्म जब वी मेट
- हम लोगों को हर साल एक ना एक बार गोवा जरूर आना चाहिये - फिल्म दिल चाहता है
- पिघले नीलम से बहता हुआ ये सामान, नीली नीली सी खामोशियां, ना कहीं है जमीन ना कहीं आसमां, सरसराती हुई टहनियां, पट्टियां कह रही हैं कि बस एक तुम हो यहां - फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दोबारा
- दिन का पूरा फायदा उठाओ, मेरे दोस्त पहले इस दिन को पूरी तरह जियो फिर 40 के बारे में सोचना - फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दोबारा
- मुझे यहाँ से कही दूर ले चल हार्दिक मुझे एक ब्रेक चाहिए, हमें एक ब्रेक चाहिए - फिल्म गो गोवा गौन
और देखें -
सदाबहार हिंदी फिल्म डॉयलागसफर ट्रैवलिंग शेर-ओ-शायरी
ज़िदगी किसी के लिये एक सुहाना और किसी के लिये मुश्किल सफ़र है। हम ताउम्र जीवन के अंजाने रास्ते पर चलते रहते हैं। शायरों और कवियों/गीतकारों ने जिंदगी रे सफ़र को अपने ढंग से समझा है और अपनी शायरी व कविताओं में ढाला है। पेश है 'सफ़र' पर मशहूर शायरों के कुछ चुनिंदा शेर -
सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहाँ?
ज़िंदगी गर कुछ रही तो, नौजवानी फिर कहां?- राहुल सांकृत्यायन
दुनिया-दुनिया सैर सफर थी शौक की राह तमाम हुई,इस बस्ती में सुबह हुई थी, इस बस्ती में शाम हुई।।- सज्जाद बाकर रिज्वी
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया- मजरूह सुल्तानपुरी
जिनमें अकेले चलने के हौसले होते हैं
एक दिन उन्हीं के पीछे काफिले होते हैं
भीड़ का हिस्सा बनूं ये फितरत नहीं है मेरी
मुझे आदत है अपने काफिले खुद बनाने कीमशहूर हो जाते हैं वो जिनकी हस्ती बदनाम होती है
कट जाती है जिंदगी सफ़र में अक्सर जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैंकिसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
-अहमद फ़राज़
न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है
तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है-निदा फ़ाज़ली
ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चल
कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल
- शाहीन ग़ाज़ीपुरी
मुझे ख़बर थी मेरा इन्तजार घर में रहा
ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा-साक़ी फ़ारुक़ी
गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त,
हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त -
जहांगीर ने
कश्मीर के बारे में फारसी में कहा था - अर्थात
अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं पर है और सिर्फ यहीं पर हैसफर हो शाह का या काफिला फकीरों का
शजर मिजाज समझते हैं राहगीरों काउम्र को हराना है तो शौक जिंदा रखिये,
घुटने चलें या न चलें मन उड़ता परिंदा रखिये
जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
काफिला साथ और सफर तन्हा - गुलजार
काफिले इस राह पर आते रहे जाते रहेराहबर सब को मसाफत का सिला देता रहा - कतील शिफाई
मजरूह काफिले की मिरे दास्तां ये है
रहबर ने मिल के लूट लिया राहजन का साथ
- मजरूह सुल्तानपुर
आंख रहजन नहीं तो फिर क्या हैलूट लेती है काफिला दिल का - जलील मानिकपुरी
हुजूम ऐसा कि राहें नजर नहीं आतीं
नसीब ऐसा कि अब तक तो काफिला न हुआ
- अहमद फराज
किन मंजिलों लुटे हैं मोहब्बत के काफिले
इंसां जमीं पे आज गरीब-उल-वतन सा है
मैं खुद भी शामिल नहीं सफर में
पर लोग कहते हैं, काफिला हूं मैं- वसीम बरेवली
मुझ को चलने दो, अकेला है अभी मेरा सफर
रास्ता रोका गया तो काफिला हो जाउँगा
- वसीम बरेवली
खुशबू का काफिला ये बहारों का सिलसिला
पहुंचा है शहर तक तो मेरे घर भी आयेगा- मंसूर उस्मानी
तुम्हारा क्या तुम्हें आसां बहुत रास्ते बदलना है
हमें हर एक मौसम काफिले के साथ चलना है
- जलील आली
आप इक और नींद ले लीजिये
काफिला कूच कर गया कब का- जौन एलिया
मंजिलों से कह दो किसी और की हो जायें
के अब तुझे पाने की हसरत नहीं रही
मिलते गये हैं मोड़ हर मुकाम परबढ़ती गई हैं दूरियां मंजिल जगह जगह- सूफी तबस्सुम
राह में उस की चलना है ऐश करा दें कदमों को
चलते जायें चलते जायें यानी खातिर-ख्वाह चलें
- जौन एलिया
लीजिये क्यूं अहसान किसी काफिले कसफर में जब तन्हा ही जाना पड़ता हैकुछ मेरे बाद और भी आयेंगे काफिले
काटे ये रास्ते से हटा लूं तो चैन लूं
- तसव्वुर किरतपुरी
वो जीवन में क्या आये, बदल गयी जिंदगी हमारी,वरना सफ़र-ए-जिंदगी कट रही थी, धीरे-धीरेदिल से मांगी जाए तो, हर दुआ में असर होता है
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है
घूमना है मुझे सारा जहां, तुम्हें अपने साथ ले कें,बनानी हैं बहुत सी यादें, हाथों में तुम्हारा हाथ ले केमंजिल बड़ी हो तो, सफ़र में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो, सबका वहम टूट जाता है
सफ़र-ए- जिंदगी का तू अकेला ही मुसाफिर है,
बेगाने हैं ये सब जो अपनापन जताते हैं,
छोड़ जाएँगे ये साथ इक दिन तेरा राहों में,
वो जा आज खुद को तेरा हमसफ़र बताते हैं
इन अजनबी सी राहों में, जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,
बीत जाए पल भर में ये वक़्त, और हसीन सफ़र हो जायेबीत जाएगा ये सफ़र भी दर्द की राहों का,
मिलेगा साथ जब खुशियों की बाहों का,
बढ़ाते रहना कदम, मत रुकना कभी,
होगा रुतबा तेरा जैसे शहंशाहों का
रहेंगे दर्द जिंदगी में, तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा?निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को,न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा?
मशहूर हो जाते हैं वो,
जिनकी हस्ती बदनाम होती है,
कट जाती है जीवन सफ़र में अक्सर,
जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैं
मुकम्मल होगा सफ़र एक दिन,
बस दिल में ताजा जज़्बात रखना,
तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन,
अपने काबू में हर हालत रखनादिल से मांगी जाए तो,
हर दुआ में असर होता है,
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,
जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है
वो जीवन में क्या आये, बदल गयी जिंदगी हमारी,
वरना सफ़र-ए-जिंदगी कट रही थी, धीरे-धीरेसफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ...
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली
आओ संग में एक कहानी बनाते हैं,
चलो कहीं घूम के आते हैं!ज़ख्म कहां कहां से मिले हैं, छोड़ इन बातों को,
ज़िंदगी तू तो बता, सफर और कितना बाकी है
डर हम को भी लगता है रास्ते के सन्नाटे से
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा - जावेद अख़्तर
है कोई जो बताए शब के मुसाफ़िरों को
कितना सफ़र हुआ है कितना सफ़र रहा है
- शहरयार
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैंरुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं-निदा फ़ाज़ल
सफर का एक नया सिलसिला बनाना है
अब आसमान तलक रास्ता बनाना है
तलाशने हैं अभी हम-सफर भी खोए हुए
कि मंजिलों से उधर रास्ता बनाना है
- शहबाज ख्वाजा
मिरे शौक-ए-सैर-ओ-सफर को अब नए
इक जहां की नुमूद कर
तिरे बहर ओ बर को तो रख दिया है कभी का
मैं ने खंगाल कर- असलम महमूदन जाने कैसा रिश्ता है रहगुजर का कदमों से
थक के बैठ जाऊं तो रास्ता बुलाता है
- शकील आजमी
मुसीबतें लाख आएंगी जिंदगी की राहों में,रखना तू सबर,मिल जाएगी तुझे मंजिल इक दिनबस जारी रखना तू सफ़र।उम्र बीत गयी लेकिन सफ़र ख़त्म न हुआ,
इन अजनबी सी राहों में जो खुद को ढूँढने निकला।
है नसीबों में सफ़र तो मैं कहीं भी, क्यूं रुकूं?छोड़ के आया किनारे, बह सकूं जितना बहूंदिन गुज़रते ही रहे, यूं ही बेमौसमरास्ते थम जाये पर रुक न पायें हम- फिल्म मलंग के गाने मलंग का एक मुखड़ा
कोई मंजिल नहीं बाकी है मुसाफिर के लिये
अब कहीं और नहीं जायेगा, घर जायेगा।
- असलम फारूखी
इस सफर में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई।- राही मासूम रजाघर से निकले हैं, हम सफर में हैं
कहिये मंजिल से इंतजार करे।
रास्ते कहां खत्म होते हैं, जिन्दगी के सफर में,
मंजिलें तो वही हैं जहां ख्वाहिशें थम जायें।हज़ारों उलझनें राहों में ,और कोशिशें बेहिसाब ।
उसी का नाम हैं ज़िंदगी ,चलते रहिए जनाब।
हम लोग जाने कैसे मसाफिर हैं वरना यारदो चार - ढोकरों में संभल जाना चाहिये। - शकील आजमीसफर में अब के अजब तजरबा निकल आया
भटक गया तो रास्ता निकल आया।
- राजेश रेड्डी
मंजिलें भी जिद्दी हैं, रास्ते भी जिद्दी हैं,
देखते हैं कल क्या हो, हौंसले भी जिद्दी हैं।निकले थे कहां जाने के लिये, पहुंचेंगे कहां, मालूम नहीं।
अब अपने कदमों को, मंजिल का निशां मालूम नहीं।
- साहिर लुधियानवी
अदम की जो हकीकत है वो पूछो अहल-ए-हस्ती से
मुसाफिर को तो मंजिल का पता मंजिल से मिलता है।।- दाग देहलवीये हम ही आ गये मुश्किले सफर मे,
बहुत आसां था मंजिल तक पहुंचना।
- संजू शब्दिता
हमने तमाम उम्र अकेले सफर किया
हम पर किसी खुदा की इनायत नहीं रही- दुष्यंत कुमारजुस्तुजू खोए हुओं की, उम्र भर करते रहे
चांद के हमराह हम, हर शब सफर करते रहे
- परवीन शाकिर
मकाम तक भी हम अपने पहुंच ही जायेंगे
खुदा तो दोस्त है दुश्मन हजार राह में हैं
थकें दो पांव तो चल सर के बल न ठहर 'आतिश'
गुल-ए-मुराद है मंजिल में खार राह में है- हैदर अली आतिश
मंजिल मिलेगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं
- मिर्जा गालिब
ये आरजू थी कि हम उम्र के साथ साथ चलें
मगर वो शख्स वो रास्ता बदलता जाता है- नोशी गिलानी
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूं मगर,
सफर सफर है मेरा इंतजार मत करना...
- साहिल सहरी नैनीताली
जिन्दगी दी है तो जीने का हुनर भी देना,
पांव बख्शे हैं तो तौफीक-ए-सफर भी देना- मेराज फैजाबादी
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो
यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो
- निदा फाजली
ये आंसू ढूँड़ता है तेरा दामन
मुसाफिर, अपनी मंजिल जानता है- असद भोपाली
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूं मगर,
सफर सफर है मेरा इंतजार मत करना...
- साहिल सहरी नैनीताली
सैर ओ सफर करें जरा, सिलसिला गुमां चले,
हम तो चले, कहां चले, बात ये है, कहां चले..???- जौन एलिया
सफर हया का पुर-लुफ्त है मगर ऐ दोस्त,
मुसीबतें भी उसी रहगुजर में रहती हैं... !!!
- मनीश शुक्ला
कभी दो चार कदमो का सफर तय नहीं हो पाता
कभी मालों से लम्बा फासला कुछ भी नहीं होता- तरुणा मिश्रा
न थके हैं पांव कभी, न ही हिम्मत हारी है
मैंने देखे हैं दौर कई और आज भी सफर जारी है...
इतना आसान था क्या उसका सफर से जाना,
मेंने सोचा ही नहीं साथ में चलते चलते।जिससे पैरों के निशां भी नहीं छोड़े पीछे
उस मुसाफिर का पता भी नहीं पूछा करते..
- गुलजार
घर में बेचैनी हो तो अगले सफर की सोचना
फिर सफर नाकाम हो जाये तो घर की सोचना।- शुजा खावर
मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफर,
रास्ता रोका गया तो काफिला हो जाउँगा।
- वसीम बरेलवी
गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही
मुसाफिर की तरह,
यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं,
रुके रास्तों की तरह
हम-सफर चाहिये हुजूम नहीं,
इक मुसाफिर भी काफिला है मुझे
- अहमद फराज
दो चार रोज ही तो मैं मेरे शहर का था,
वरना तमाम उम्र तो मैं भी सफर का था।
जन्नत में भी कहां सुकून मिल सका मुझे,
ओहदे पे वहां भी कोई तेरे असर की था।मंजिल पे पहुँचने की तुझे लाख दुआएं,
आनंद बस पड़ाव तेरी रहगुजर का था।। - आनन्द कुमार द्विवेदी
सोचा था तुझ से दूर निकल जायेंगे कहीं,
देखा तो हर मकाम तिरी रह गुजर में है।
- अज्ञात
भला वो लोग क्या जानें सफर की लज्जतों को,
जिन्हें मंजिल मिली हो ठोकरें खाने से पहले।- अकील नोमानी
अन्दाज कुछ अलग ही मेरे सोचने का है,
मंजिल का सब को शौक मुझे रास्ते का है।
- जेबा_जौनपुरी
बाद में रास्ता मंजिल दोनो मिलते हैं,
पहले मीलों पैदल चलना होता है।- ज्योति आजाद
गुजर जायेंगे तेरी गलियों से मुसाफिर की तरह,
बंद दरवाजों पर दस्तक देने की आदत न रही।- नामालूम
गुफ्तुगू अच्छा लगी जौक-ए-नजर अच्छा लगा,
मुद्दतों के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा।
- अहमद फराज
जिन्दगी है इक सफर और जिंदगी की राह में,
जिन्दगी भी आए तो ठोकर लगानी चाहिये..।।- राहत इन्दौरी
खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा,
अभी और उड़ान बाकी है,
जमीन नहीं है मंजिल मेरी,
अभी पूरा आसमान बाकी है।
आए ठहरे और रवाना हो गए,
जिंदगी क्या है, सफर की बात है।
- हैदर अली जाफरी
मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी,
किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
- बशीर बद्र
एक ही राह पर दो तरह के सफर,
आपने सैर की, हम भटकते रहे।
- जुबैर अली ताबिश
मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।
- मजरुह सल्तानपुरी
छोड़ देता वो अधूरा ही सफर,
देख लेता जो मुझे बस इक नजर- सादिया सफदर सादी
सोचा था घर बनाकर बैठुंगा सुकून से,
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला मुझे।
मंजिल रही है सब की नजर में मगर यहां,
रस्ते हमेशा पाँव के नीचे दबे रहे।- जावेद अहमज जावेद
हकीकत से तसव्वुर तक सफर मुझ में किया उस ने,
मगर मुझ तक नहीं पहँचा वो इतनी दूर चल कर भी।
- इम्तियाज खान
रात तो वक्त की पाबंद है,
ढल जायेगी .......
देखना ये है कि
चरागों का सफर कितना है .. । दो चार रोज ही मै तेरे शहर का था,
वरना तमाम उम्र तो मैं भी सफर का था,
जन्नत में भी कहाँ सुकून मिल सका मुझे,
ओहदे पे वहां भी कोई तेरे असर का था,
मंजिल पे पहुँचने की तुझे लाख दुआएं,
'आनंद' बस पड़ाव तेरी रहगुजर का था।
- आनंद कुमार द्विवेदी
रास्ते भर ऊब में डूबे रहे,जब सफर में दिल लगा घर आ गया।- शारिक कैफी
वो अक्सर राह में मिलता था मुझको,
सो मैं यूंहीं मुसाफिर हो गया था।
- शादाब जावेद
इक मुसाफर का दिल दुखाया था,
अब मुसलसल (हमेशा) सफर में रहता हूं। - आदिल रशीद
हम से पहले भी मुसाफिर कई गुजरे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
- राहत इंदौरी
हैरत है यहाँ जिनका कोई घर है न दर है,
वो पूछते फिरते हैं अभी कितना सफर है।
- सलमान सईद
जिस दिन से चला हूँ, मेरी मंजिल पे नजर है,
आंखों नें कभी मील का पत्थर नहीं देखा।
- बशीर बद्र
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