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 केरल के वर्कला बीच की यात्रा 


Varkala Beach


पिछले साल के अंत में (दिसम्बर) हम लोग केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम और वहां से कन्याकुमारी की यात्रा पर गये थे। तिरुवनंतपुरम में हमने प्रसिद्ध पद्मनाभ मंदिर, मंदिर के पास का संग्रहालय, शहर के अन्य मंदिर और वहां पर स्थित समुद्र तटों की यात्रा की। तिरुवनंतपुरम या त्रिवेंद्रम में हम लोग शंगमुखम बीच, प्रसिद्ध कोवलम बीच और बहुत ही सुंदर वर्कला बीच गये। Trip to Varkala Beach in Kerala. 

यूं केरल की खूबसूरती के बारे में जितना कहा जाए उतना ही कम है, लेकिन जब हम वर्कला बीच की यात्रा (Keral ke Varkala Beach ki Yatra) कर के वहां पहुंचे तो हम लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वर्कला बीच हमारे द्वारा देखे गये आज तक के सभी समुद्र तटों में से सबसे ज्यादा खूबसूरत है। 

केरल के खूबसूरत बीचों की लिस्ट में सबसे पहले नाम वर्कला बीच का आता है। वर्कला उन लोगों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है, जो प्रकृति की गोद में आध्यात्मिक शांति की तलाश करते हैं। दक्षिणी केरल के इस छोटे से गांव में ऐसी शांति और सुकून है, जो और जगहों पर नहीं मिलती।

हमने भारत के बहुत से समुद्र तटों की यात्रा की है,  लेकिन हमारे अनुसार वर्कला बीच इन सब से ज्यादा सुंदर है।


वर्कला बीच की भौगोलिक स्थिति


वर्कला बीच, जिससे पापनासम बीच का नाम से भी जाना जाता है, तिरुवनंतपुरम के  उत्तर में करीब 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित समुंदर-तट है। यह अरब सागर और हिन्द महासागर का हिस्सा है। 'पापनासम' शब्द का अर्थ है 'पापों का विनाश'। ऐसा माना जाता है कि पापनासम बीच में स्नान करने से पापों का विनाश हो जाता है।

वर्कला अपने  2,000 वर्ष पुराने जनार्दन स्वामी मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है जो कि भगवान विष्णु का मंदिर है। वर्कला में एक अन्य प्रसिद्ध स्थल है समाज सुधारक श्री नारायण गुरु द्वारा स्थापित सिवगिरी मठ। पहाड़ी की चोटी पर स्थित श्री नारायण गुरु की समाधि केरल में सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है।

सर्दियों का मौसम इस जगह की यात्रा के लिए सबसे अच्‍छा समय होता है। वर्कला ही केरल में एकमात्र ऐसी जगह है जहां पहाड़ियां, समुद्र के निकट हैं।  यहां पर समुद्र बीच पर जाने के लिये नीचे जाना पड़ता है। 

समुद्र किनारे बसा और विदेशियों का पसंदीदा वर्कला बीच असल में समुद्र तल से खासी ऊंचाई पर है। वर्कला के आसपास पश्चिमी घाट की चट्टानें समुद्र से थोड़ी दूरी पर न होकर बिल्कुल किनारे पर हैं। इन्हीं में से दो चट्टानों पर बसा है वर्कला। इनमें से एक है नॉर्थ क्लिफ और दूसरी साउथ क्लिफ और तीखी ढलान वाली इन चट्टानों की तलहटी में हैं चमचमाती रेत वाले किनारे।


उपर चट्टानी टीले पर बहुत सी कपड़ों की और अन्य उपयोगी सामान की दुकानें हैं। इन दुकानों के पीछे बहुत सारे होटल और रेस्टोरेंट हैं। इन सब के बीच में जो बीच पर जाने का रास्ता है उसके बांयी तरफ नीचे खूबसूरत बीच और दांयी और दुकानें और होटल स्थित हैं। 

जब आप वर्कला पहुंचते हैं तो सबसे पहले पार्किंग से ही नीचे की सुंदर बीच दिखता है। पूरा नजारा ऐसा है कि यदि आप नीचे समुद्र को देखेंगे तो देखते ही रह जायेंगे। आप को ऐसा लगेगे कि काश समय थम जाये और आप जी भर के इस खूबसूरत नजारे को देखते रहें।


Varkala Beach Kerala वर्कला बीच

वर्कला समुद्र तट कैसे पहुंचे?


 वर्कला बीच तिरुवनंतपुरम (त्रिवेंद्रम) के उत्तर में करीब 40 किलोमीटर और कोल्‍लम शहर से 37 किमी. दूर दक्षिण - पश्चिम में स्थित है। दक्षिण भारत के सभी महत्‍वपूर्ण शहरों से वर्कला के लिए बस सेवाएं चलाई जाती हैं। वर्कला में रेलवे स्‍टेशन भी है और यहां का निकटतम हवाई अड्डा तिरूवंनतपुरम में है। 

हम लोगों ने त्रिवेंद्रम से वर्कला पहुंचने के लिये ओला टैक्सी की थी। 

वर्कला भारत के दक्षिण-पश्चिमी छोर पर स्थित है। यहाँ का मौसम उष्ण-कटिबंधीय है। मार्च और मई के बीच के महीनों में यहाँ का मौसम बहुत ही गर्म और आर्द्र रहता है, जिसके कारण इसकी एक अनुपयुक्त पर्यटन स्थल के रूप में गणना की जाती है। 

पर्यटक दिसंबर से लेकर मार्च के महीनों में यहाँ की यात्रा करना काफी पसंद करते हैं। इस समय यहाँ मौसम सुखद रहता है। हम लोग भी दिसंबर माह में ही वहां घूमने गये थे।

Varkala Beach View

वरकला बीच का वर्णन


त्रिवेंद्रम का वर्कला बीच एक लंबा साफ सुथरा ऐसा समुद्र तट है जिस पर समुद्र का पानी बहुत ही साफ हैं। भारत के अन्य समुद्र तटों से अलग यहां पानी बहुत ही साफ है और उसमें बालू बहुत ही कम मिश्रित है। किनारे की बालू भी एक दम साफ है और लगभग सफेद और सनहरे रंग की है। वरकला का बीच बहुत ही सुंदर करीब एक से ढेड़ किलोमीटर तक जहां तक कि निगाह जाती है, लंबा और बिलकुल सीधा है। 

बीच के एक ओर उूंचे चट्टानी टीले पर स्थित मुख्य जमीन है और दूसरी और लंबा उथला समुद्र है जिसमें आप काफी अंदर तक आराम से जा के समुद्री पानी में नहाने का मजा ले सकते हैं।

उूंची चट्टानी वाली मुख्य भूमि पर ही पूरा वर्कला बसा हुआ है और वहां पर सैंकड़ों की संख्या में होटल, रेस्टोरेंट, होम स्टे, अतिथि गृह इत्यादि बने हुये हैं। हमें ऐसा लगा कि हनीमून वाले जोड़ों के लिये ये बिलकुल अच्छी जगह है जहां कम से कम एक रात तो रूका ही जा सकता है।


View from Varkala Beach


वर्कला बीच पर हमें भारतीयों के मुकाबले विदेशी सैलानी ज्यादा दिखे। भारत के समुद्री बीचों का मजा भारतीयों से ज्यादा विदेशी ही लेते हैं। 

सुंदरता में विदेशी सागर तटों को मात देता  है केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम का  वर्कला बीच।

वरकला बीच पर आनंद की कई मनोरंजक गतिविधियों जैसे सूरज स्नान, नाव की सवारी, सर्फिंग और आयुर्वेदिक मालिश की सुविधा आराम से मिल जाती है। 

वर्कला बीच से ही लगे हुये  हैं 'पापनासम'  और 'कप्पिल' बीच, समय निकाल कर आप वहां भी जा सकते है।




 वर्कला बीच पर हमारी गतिविधियां


त्रिवेंद्रम से  वर्कला बीच हम लगभग 1.30 (डेढ़) घंटे में पहुंच गये। रास्ते में हमने आईटी इंडस्ट्री के लिये बनाया गया आधुनिक टैक्नो पार्क देखा। यहां पर बहुत सारे उत्तर भारतीय तकनीकि इंजीनियर काम कर रहे हैं।

पहले इसी टैक्नो पार्क के सामने स्थित सरवणा भवन शाकाहारी रेस्त्ररां (Restaurant) में हमने दोपहर का खाना (लंच) खाया और त्रिवेंद्रम टैक्नो पार्क के सामने खड़े होकर सेल्फी लेकर चल पड़े वरकला समुद्र तट की और।

जब हमारी टैक्सी वरकला पर समुद्र किनारे उूंचे टीले पर स्थित पार्किंग पर पहुचे तो वहां से वर्कला बीच का पानी धूप की वजह से सुनहरा चमक रहा था। उस वक्त सूरज ढलान पर था और उसकी सुनहरी आभा से वर्कला का सफेद रेत वाला समंदर तट चमक रहा था।

 कुछ देर वहां से सुंदर नजारा देख कर हम लोगों ने नीचे बीच पर जाने की शुरूआत की।


रास्ते में हमने बच्चों के लिये समुद्र में नहाने के लिये कुछ कपड़ों को खरीदने के लिये दुकानों में सामान देखना शुरू किया। एक दुकान में हमें कुछ अच्छा सामान देख कर रुक कर आपस में बात करना शुरु किया तो दुकान में अपने छोटे बच्चे के साथ बैठी महिला ने शुद्ध उत्तर भारतीय हिंदी में हमसे पूछना शुरू कर दिया कि हम क्या खरीदना चाह रहे हैं और कैसा चाहते हैं। 

उससे बात करते करते पता चला कि उसका पूरा परिवार वहां रह रहा है और वो लोग अक्टूबर से मार्च के दौरान पर्यटन सीजन में दुकान किराये पर लकर वहां पर पर्यटकों को बने बनाये कपड़ों को बेचने का काम करते हैं। वो लोग राजस्थान से थे। वाकई लोग किस किस तरह का और कहां कहां पर अपना व्यवसाय करते हैं। 

वर्कला बीच पर हमने जम के समुद्र के साफ पानी में बच्चों के साथ नहाने का और पानी में मस्ती करने का आनंद लिया। पानी में ही नहाते नहाते वहां के बहुत ही सुंदर सूर्यास्त के दृश्य को देखा और साथ ही साथ हमने जम कर फोटोग्राफी भी की।

Varkala Beach Sunset


भारत के समुद्र तटों पर अभी अच्छी मूलभूत सुविधाओं की कमी है जैसे कि समुंदर के नमकीन पानी में नहा कर जब निकलते हैं तो आपके लिये साफ ताजे नहाने के पानी की व्यवस्था नहीं होती है। वर्कला बीच पर आश्चर्यजनक रूप से चट्टानी पहाड़ियों में से प्राकृतिक रूप से झरने हैं, जिसमें आप अपने को साफ कर सकते हैं। 

हम लोगों ने भी ऐसे ही एक प्राकृतिक झरने में नहा कर अपने को साफ किया और कपड़े बदल कर वर्कला बीच की अपनी यात्रा पूरी की। लोगों से पूछने पर पता चला कि ये झरने पूरे साल भर पानी देते हैं।

वर्कला के सागर किनारे खाने-पीने के कई अच्छे ठिकाने हैं, जहां ठंडी हवा के झोंकों के बीच डिनर किया जा सकता है। हम ने भी ऐसे ही एक रेस्टोरेंट में अपना डिनर किया और वापस अपने त्रवेंद्रम स्थित होटल के लिये  अपनी टैक्सी जो कि पार्किंग में हमारी प्रतीक्षा कर रही थी के द्वारा चल पड़े। 

वर्कला बीच की हमारी यात्रा यादों मे हमेशा रहेगी।

Manisha शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

ट्रैवलिंग यात्रा सफर पर्यटन सफर शेर-शायरी मुहावरे गाने और वाक्य



ट्रैवलिंग यात्रा सफर सैर शेर-शायरी मुहावरे वाक्य



यूं आजकल पर्यटन ट्रैवलिंग का शौक काफी बढ़ गया है। हर किसी को दुनिया घूमने का शौक़ नहीं होता, पर जिन्हें होता है वो ही जानते हैं कि जगह जगह घूमना क्या होता है। घमुक्कड़ ही पर्यटन के लिये यात्रा की असली क़ीमत समझते हैं।  घूमने-फिरने से हमें जो भी मिलता है वो पढ़ने लिखने या फिर क़िताबें पढ़ कर नहीं पा सकते। 

चाहे धार्मिक कारण हो, चाहे ज्ञान की उत्कंठा हो, व्यापार के लिये हो या फिर पर्यटन के लिये ही यात्रा हो, अनंत काल से मनुष्य यात्रा कर ही रहा है। अलग अलग भाषाओं में पर्यटन के कारण जन मानस में कुछ बाते, वाक्य, मुहावरे, कवितायें, गाने, शेर-शायरी लोगों के दिलो दिमाग में बैठ गई हैं।  

इसी घुमक्कड़ी, पर्यटन, ट्रैवलिंग और सफर पर आधारित कुछ बातें, वाक्य, शेर-ओ-शायरी, फिल्म गाने और संवाद इत्यादि का हिंदी भाषा में संकलन हम यहां आपके लिए लेकर आएं है जो आपको काफी पसंद आएगा, ऐसी उम्मीद है। Travelling Tourism Sher Shayari Status Quotes Songs in Hindi. आप अपनी टिप्पणी के माध्यम से पर्यटन के अपने पसंद की ऐसी ही लाइनें, गाने वगैरह साझा कर सकते हैं।



 ट्रैवलिंग और टूरिज्म से संबंधित  शेर-शायरी, मुहावरे, कहावतें, गाने, वाक्य, Status and Quotes का ये संकलन अपने आप में पूर्ण संकलन नहीं है। जैसे जैसे नई बाते पता लगती जायेंगी यहां पर समय समय पर अद्यतन (Update) किया जाता रहेगा। 

देखें - पर्यटन और घूमने फिरने पर आधारित और ब्लॉग पोस्ट

पर्यटन से संबंधित शब्द/Words


  • यात्रा (Yatra) – To Travel
  • यात्री (Yatri) – Traveller
  • पर्यटक (ParyaTaka) – Tourist
  • पर्यटन ( ParyaTan) – Tourism
  • पथिक (Pathik) – That on the road
  • प्रवासी (Pravasi) – Living in another country
  • सफर (Safar) - यात्रा To Travel
  • मुसाफिर (MusaFir) - यात्री Traveller
  • घूमना (GhumNa) – यात्रा To Travel
  • फिरना (FirNa) – To Travel
  • घुमक्कड़ (Ghumakkar) - मुसाफिर/यात्री Traveller
  • घुमक्कड़ी (Ghumakkari) - यात्रा To Travel
  • भ्रमण (Bhramarh) - यात्रा To Travel 


देखें - भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें

Travelling and Tourism Status in Hindi

पर्यटन/यात्रा/सफर की हिंदी कहावतें/वाक्य/विचार


  • किसी जगह के बारे में ज़िन्दगी भर सुनने से अच्छा है कि एक बार उसे जाकर खुद देख लो।
  • बहुत हो गया काम काज, चल यार कहीं घूम के आते हैं।
  • दुनिया एक किताब है, और जो यात्रा नही करते है वे केवल एक पन्ना पढ़ते है।  
  • जिन्दगी जीने का असली मजा यात्रा में ही हैं।  
  • हजारों मील की यात्रा भी एक कदम से शुरू होती है।
  • सत्य से पराजित होने के पूर्व झूठ आधी दुनिया की यात्रा कर लेता है।  
  • आपकी यात्रा सफल और सुखद हो।
  • वही सबसे तेज चलता है, जो अकेला चलता है। 
  • समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।
  • जिंदगी, जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या ख़ाक जिया करते हैं।
  • धीरे चलोगे तो बार बार मिलेंगे, नहीं तो हरिद्वार में मिलेंगे।
  • कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी।
  • मियाँ की दौड़ मस्जिद तक।
  • सफलता एक निरंतर यात्रा है न की एक मंजिल।
  • ख़ुशी एक सफर है, ना कि मंजिल।
  • हजार मील का सफर भी एक कदम से ही आरंभ होता है।
  • यात्रा के अंत तक पहुंचना अच्छा है, लेकिन अंत में वो यात्रा ही है जो मायने रखती है।
  • आओ संग में एक कहानी बनाते हैं, चलो कहीं घूम के आते हैं।
  • एक किताब पढ़ने से जितना सीखते हैं, उससे हजार गुना यात्रा करने से सीखते हैं।
  • इंसान के यात्रा करने के जुनून ने ही उसे चांद तक पहुंचा दिया।
  • आप खुशी को नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन यात्रा के लिये हवाई जहाज का टिकट खरीद सकते हैं, ये खुशी खरीदने के बराबर है।
  • सबसे अच्छी यात्रायें सबसे अच्छे प्यार की तरह होती हैं, जिसका वास्तव में अंत नहीं है।
  • सही मार्ग पर चलना यात्रा है और बिना लक्ष्य के गलत राह पर चलना भटकना है।
  • यात्रा हर कोई करता है पर कुछ लोग पूरी दुनिया की यात्रा करते हैं और कुछ लोग सिर्फ घर से ऑफिस तक ही यात्रा करते हैं।
  • हर किसी को दुनिया घूमने का शौक़ नहीं होता, पर जिन्हें होता है वो इसकी असली क़ीमत समझते हैं।
  • पहुंचने से अधिक जरूरी ठीक से या्त्रा करना है -- गौतम बुद्ध
  • यात्रा करने पर हम सबसे ज्यादा सीखते हैं।
  • सफ़र सिर्फ मंजिलों तक पहुंचने के लिए नहीं होते बल्कि उन तमाम जगहों से गुजरने के लिए भी होते हैं जो मंजिल के रास्ते में पड़ती हैं..! - ममता शर्मा
  • चरैवेति चरैवेति॥ (चलते रहो, चलते रहो) - एक संस्कृत वाक्य/विचार


पर्यटन पर हिंदी मुहावरे


  1. नौ सौ चूहे खाके बिल्ली हज को चली
  2. जैसा देश वैसा भेष
  3. अधर में लटकना या झूलना
  4. गधे के सिर से सींग की तरह गायब होना
  5. छूमंतर होना।
  6. उड़न छू होना
  7. कभी नाव गाडी पर, कभी गाडी नाव पर
  8. परमश्वर की माया, कहीं धूप, कहीं छाया
  9. बहती गंगा में हाथ धोना
  10. रफ़ू-चक्कर होना
  11. नौ दो ग्यारह हो जाना
  12. चम्पत होना
  13. ठहर-ठहर के चलिए, जब हो दूर पडाव
  14. देर आयद ,दुरुस्त आयद
  15. हरी झंडी दिखाना
  16. दूर के ढोल सुहावने (होते/लगते हैं)
  17. हवा से बातें करना
  18. आसमान पर चड़ना
  19. गंगा नहाना
  20. घाट घाट का पानी पीना
  21. लौट के बुद्धू घर को आये


बोलचाल के पर्यटन यात्रा शब्द


भारत के जनमानस में कुछ शब्द और बोल यात्रा से संबंधित इस तरह के बन गये हैं कि वो रोजाना की बोलचाल में बहुत ही ज्यादा प्रयोग होते हैं। इन सब बोल शब्दों को वाक्यों मे प्रयोग करके बोला जाता है और इन सबके मतलब को सब समझते है। जब आप यात्रा करते हुये भारत की जनता से घुले मिलेंगे तो आप को ये सब सुनाई देंगे। आइये देखें ऐसे ही 10 बोल -
  1.  मछली बाजार - सब अस्त व्यस्त होना (Unorganized)
  2. भेड़ चाल - बिना सोचे किसी की बात के मानना (Herd Mentality)
  3. कछुआ चाल - बहुत ही धीरे धीरे काम करना (Slow Motion)
  4. घोड़े की तरह भागना - बहुत तेज दौड़ना (Walk like a Horse)
  5. चंपत होना - भाग जाना या गायब हो जाना (To hide)
  6. पतली गली से निकल - चुपचाप निकल जाना (Exit Silently)


Travelling Yatra Tourism Status Quotes in Hindi


पर्यटन पर संस्कृत विचार/वाक्य


  • चरैवेति चरैवेति॥  - चलते रहो, चलते रहो
  • पर्यटन् पृथिवीं सर्वां, गुणान्वेषणतत्परः। - जो गुणों की खोज में तत्पर है,वे लोग सारी पृथिवी घुमते है।
  • हदये सुखसम्पत्तिः पदे पर्यटनं फलम्। - उनके मन में सुख, संपत्ती और पैरों में पर्यटन होता है।
  • यस्मिन्प्रचीर्णे च पुनश्चरन्ति; स वै श्रेष्ठो गच्छत यत्र कामः। - जो लोग सामनेआए हुए (मार्ग) पर चलते है, वह श्रेष्ठ होते है और उनको अभीष्ट प्राप्त होता है।
  • चरन्ति वसुधां कृत्स्नां वावदूका बहुश्रुताः। - बुद्धीमान् और वाक्-कुशल लोग, सारी पृथ्वी घुमते है।
  • चरन्मार्गान्विजानाति  - पथिक व्यक्ति को मार्ग पता चलता है।
  • आस्ते भग आसीनस्य, ऊध्वर्स्तिष्ठति तिष्ठतः। शेते निपद्यमानस्य, चराति चरतो भगः। - बैठे हुए मनुष्य का सौभाग्य बैठा रहता है, उठ कर खडे होने वाले व्यक्ति का सौभाग्य भी उठ कर खड़ा हो जाता है,लेटे हुए मनुष्य का सौभाग्य सोया रहता है, और चलने वाले व्यक्ति का सौभाग्य उसके साथ- साथ चल पड़ता है।
  • चरन् वै मधु विन्दति, चरन् स्वादुमुदुम्बरम्। सूयर्स्य पश्य श्रेमाणं, यो न तन्द्रयते चरन्। - जो सदा श्रमशील, गतिशील हैं, वो सदा मधुपान (शहद/ अमृत / परिश्रम का सुफल) करते हैं, कर्मयोगी को सदा श्रेष्ठ कर्म का श्रेष्ठ परिणाम मिलता है। देखो, सूर्य कितना, कर्मशील और सृजन शील है, पल भर भी जो दूसरों के कल्याण के लिये अपने श्रम से कभी विमुख नही हैं ।
  • अन्योन्यवीर्यनिकषाः पुरुषा भ्रमन्ति। - एक दुसरे की पहचान जो वीरता से करते है, वे लोग घुमते है।
  • दुःखं हन्तुं सुखं प्राप्तुं ते भ्रमन्ति मुधाम्बरे। - वे आकाश में मुग्ध रूप से, दुःख भुलने के लिये और सुख के प्राप्ति के लिये घूमते (उडते) है (हमारी तरह)।
  • हृदि श्रीर्मस्तके राज्य पादे पर्यटनं फलम्। - उनके मन में संपत्ति, सिर के उपर राज्य (का दायित्व) और पैरों में पर्यटन होता है।
  • योजनानां सहस्त्रं तु शनैर्गच्छेत् पिपीलिका।  - शनैः शनैः ही सही, सतत चलते रहने पर, चींटी जैसी छोटी सी जीव भी सहस्रों योजन की यात्रा पूरी कर लेती है।
  • यस्तु संचरते देशान् यस्तु सेवेत पण्डितान् ।
  • तस्य विस्तारिता बुद्धिस्तैलबिन्दुरिवाम्भसि ॥ - भिन्न देशों में यात्रा करने वाले और विद्वानों के साथ संबंध रखने वाले व्यक्ति की बुद्धि उसी तरह बढ़ती है, जैसे तेल की एक बूंद पानी में फैलती है।




ट्रैवलिंग पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म गाने


  1. ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना (फिल्म अंदाज - सुने/देखें)
  2. जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर कोई समझा नही कोई जाना नही (फिल्म सफर - सुने/देखें)
  3. मुसाफिर हूँ यारों, ना घर है ना ठिकाना, मुझे चलते जाना (फिल्म परिचय सुने/देखें)
  4. यूं ही चला चल राही, कितनी हसीन है ये दुनिया (फिल्म स्वदेस - देखें/सुनें)
  5. सुहाना सफर और ये मौसम हसीं (फिल्म मधुमती - देखें/सुनें)
  6. दुनिया की सैर कर लो (फिल्म  Around the World एराउंड द वर्ल्ड - देखें/सुनें)
  7. चला जाता हूँ किसी की धुन में धड़कते दिल के तराने लिए (फिल्म मेरे जीवन साथीदेखें/सुनें)
  8. वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहां, दम ले ले घड़ी भर (फिल्म गाइडदेखें/सुनें)
  9. हम हैं राही प्यार के... जो भी प्यार से हम उसी के हो लिये (फिल्म नौ दो ग्यारहदेखें/सुनें)
  10. क्या मौसम है, चल कहीं दूर निकल जायें (फिल्म दूसरा आदमी देखें/सुनें)
  11. चल सैर गुलशन की तुझको कराऊं (फिल्म चरणों की सौगन्ध देखें/सुनें)
  12. उड़ें, खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे (फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दुबारा देखें/सुनें)
  13. चलो ना, ढूंढे शहर नया, जहां मुस्कराहटे हैं बिखरी... (फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दुबारा देखें/सुनें)
  14. हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते (फिल्म जब वी मेट देखें/सुनें)
  15. किसी मंजर पर में रूका नहीं, कभी खुद से भी मैं मिला नहीं.. फिर से उड़ चला (फिल्म रॉकस्टार देखें/सुनें)
  16. धुआं छंटा खुला गगन मेरा, नयी डगर नया सफर मेरा...रूबरू (फिल्म रंग दे बसंती देखें/सुनें)
  17. धीरे चलना है मुश्किल जो जल्दी ही सही.. हम चले बहार में.. गुनगुनाती राहो में (फिल्म पीकू देखें/सुनें)
  18. आंखो मे सपने लिये, घर से हम चल तो दिये, जाने अब ये राहें ले जायेंगी कहां... तन्हा दिल.. (गायक शान देखें/सुनें)
  19. सफर.. कैसा है ये सफर, मंजिलों की न है कोई खबर (गायक भुवन बाम देखें/सुनें)
  20. ये हसीं वादियां ये खुला आसमां.. आ गये हम कहां... (फिल्म रोजा देखें/सुनें)
  21. यूं ही कट जाएगा सफर साथ चलने से,के मंजिल आयेगी नजर साथ चलने से  (फिल्म हम हैं राही प्यार के देखें/सुनें)
  22. जरा होले होले चलो मोरे साजना, हम भी पीछे हैं तुम्हारे (फिल्म सावन की घटा देखें/सुनें)
  23. मैं निकला गड्डी लेके, एक मोड़ आया (फिल्म गदर देखें/सुनें)
  24. घूमें बंजारे घूमें गलियां ये बेचारे (फिल्म फगली देखें/सुनें)
  25. ओ बन्देया, ढूंढ़े है क्या? राहें तेरी, हैं घर तेरा। चलना वहां खुद तक कहीं पहुंचे जहां (फिल्म नोटबुक देखें/सुनें)
  26. रूक जाना नहीं तू कहीं हार के, कांटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के। ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही।। (फिल्म इम्तिहान देखें/सुनें)
  27. चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला
    तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला

    हज़ारों मील लम्बे रास्ते तुझको बुलाते
    यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलाते
    है कौन सा वो इंसान यहाँ पे जिस ने दुख ना झेला
    चल अकेला ...
    - (फिल्म संबंध देखें/सुनें)
  28. निकले थे कहां जाने के लिये, पहुंचेंगे कहां, मालूम नहीं। अब अपने कदमों को, मंजिल का निशां मालूम नहीं।। (फिल्म बहू-बेगम देखें/सुनें)

और देखें - कुछ प्रसिद्ध हिंदी फिल्म सीन

पर्यटन पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म संवाद/वाक्य


  1. रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जायेगी - फिल्म वंस अपोन ए टाइम इन मुंबई
  2. 22 तक पढाई 25 तक नौकरी 26 पे छोकरी 30 पे बच्चे 60 पे रिटायरमेंट और फिर मौत का इंतज़ार… ऐसी घिसी-पिटी ज़िन्दगी थोड़े ही जीना चाहता हूँ - फिल्म ये जवानी है दीवानी
  3. मैं उड़ना चाहता हूं, दौड़ना चाहता हूं, गिरना भी चाहता हूं, बस रुकना नहीं चाहता - फिल्म ये जवानी है दीवानी
  4. एक ही शहर एक ही घर एक ही कमरे में, तू अपनी सारी लाइफ काट देगी? सोच कर डर नहीं लगता - फिल्म ये जवानी है दीवानी
  5. मुझे पहाड़ो में जाना है, फिर से हिमालय देखना है, बाइक राइड, सनराइज, बोनफायर जलाना है - फिल्म ये जवानी है दीवानी - फिल्म रॉकस्टार
  6. जहां से तुम मुझे लाये हो, मैं वहां वापस नहीं जाना चाहती, पर ये रास्ता बहुत अच्छा है, मैं चाहती हूं कि ये रास्ता कभी खतम न हो - फिल्म हाईवे
  7. शादी के बाद न, हम पहाड़ों में रहेंगे, मुझे पहाड़ बहुत पसंद हैं। रियली! - फिल्म जब वी मेट
  8. हम लोगों को हर साल एक ना एक बार गोवा जरूर आना चाहिये - फिल्म दिल चाहता है
  9. पिघले नीलम से बहता हुआ ये सामान, नीली  नीली सी खामोशियां, ना कहीं है जमीन ना कहीं आसमां, सरसराती हुई टहनियां, पट्टियां कह रही हैं कि बस एक तुम हो यहां - फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दोबारा
  10. दिन का पूरा फायदा उठाओ, मेरे दोस्त पहले इस दिन को पूरी तरह जियो फिर 40 के बारे में सोचना - फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दोबारा
  11. मुझे यहाँ से कही दूर ले चल हार्दिक मुझे एक ब्रेक चाहिए, हमें एक ब्रेक चाहिए - फिल्म गो गोवा गौन


और देखें - सदाबहार हिंदी फिल्म डॉयलाग

Travelling Safar Sher Shayari


सफर ट्रैवलिंग शेर-ओ-शायरी


ज़िदगी किसी के लिये एक सुहाना और किसी के लिये मुश्किल सफ़र है। हम ताउम्र जीवन के अंजाने रास्ते पर चलते रहते हैं। शायरों और कवियों/गीतकारों ने जिंदगी रे सफ़र को अपने ढंग से समझा है और अपनी शायरी व कविताओं में ढाला है। पेश है 'सफ़र' पर मशहूर शायरों के कुछ चुनिंदा शेर -

सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहाँ?
ज़िंदगी गर कुछ रही तो, नौजवानी फिर कहां?
- राहुल सांकृत्यायन

दुनिया-दुनिया सैर सफर थी शौक की राह तमाम हुई,
इस बस्ती में सुबह हुई थी, इस बस्ती में शाम हुई।।
- सज्जाद बाकर रिज्वी

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया

- मजरूह सुल्तानपुरी

जिनमें अकेले चलने के हौसले होते हैं
एक दिन उन्हीं के पीछे काफिले होते हैं

भीड़ का हिस्सा बनूं ये फितरत नहीं है मेरी 
मुझे आदत है अपने काफिले खुद बनाने की


मशहूर हो जाते हैं वो जिनकी हस्ती बदनाम होती है
कट जाती है जिंदगी सफ़र में अक्सर जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैं


किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
-अहमद फ़राज़

न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है
तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है

-निदा फ़ाज़ली

ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चल
कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल
- शाहीन ग़ाज़ीपुरी

मुझे ख़बर थी मेरा इन्तजार घर में रहा
ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा

-साक़ी फ़ारुक़ी

गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त,
हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त
-
जहांगीर ने कश्मीर के बारे में फारसी में कहा था -  अर्थात अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं पर है और सिर्फ यहीं पर है

सफर हो शाह का या काफिला फकीरों का
शजर मिजाज समझते हैं राहगीरों का


उम्र को हराना है तो शौक जिंदा रखिये,
घुटने चलें या न चलें मन उड़ता परिंदा रखिये

जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
काफिला साथ और सफर तन्हा 

- गुलजार

काफिले इस राह पर आते रहे जाते रहे
राहबर सब को मसाफत का सिला देता रहा
- कतील शिफाई

मजरूह काफिले की मिरे दास्तां ये है
रहबर ने मिल के लूट लिया राहजन का साथ
- मजरूह सुल्तानपुर

आंख रहजन नहीं तो फिर क्या है
लूट लेती है काफिला दिल का 
- जलील मानिकपुरी

हुजूम ऐसा कि राहें नजर नहीं आतीं
नसीब ऐसा कि अब तक तो काफिला न हुआ
- अहमद फराज

किन मंजिलों लुटे हैं मोहब्बत के काफिले
इंसां जमीं पे आज गरीब-उल-वतन सा है

मैं खुद भी शामिल नहीं सफर में
पर लोग कहते हैं, काफिला हूं मैं

- वसीम बरेवली

मुझ को चलने दो, अकेला है अभी मेरा सफर
रास्ता रोका गया तो काफिला हो जाउँगा
- वसीम बरेवली

खुशबू का काफिला ये बहारों का सिलसिला
पहुंचा है शहर तक तो मेरे घर भी आयेगा

- मंसूर उस्मानी

तुम्हारा क्या तुम्हें आसां बहुत रास्ते बदलना है
हमें हर एक मौसम काफिले के साथ चलना है
- जलील आली

आप इक और नींद ले लीजिये
काफिला कूच कर गया कब का

- जौन एलिया

मंजिलों से कह दो किसी और की हो जायें
के अब तुझे पाने की हसरत नहीं रही

मिलते गये हैं मोड़ हर मुकाम पर
बढ़ती गई हैं दूरियां मंजिल जगह जगह
- सूफी तबस्सुम

राह में उस की चलना है ऐश करा दें कदमों को
चलते जायें चलते जायें यानी खातिर-ख्वाह चलें 
- जौन एलिया

लीजिये क्यूं अहसान किसी काफिले क
सफर में जब तन्हा ही जाना पड़ता है

कुछ मेरे बाद और भी आयेंगे काफिले
काटे ये रास्ते से हटा लूं तो चैन लूं
- तसव्वुर किरतपुरी

वो जीवन में क्या आये, बदल गयी जिंदगी हमारी,
वरना सफ़र-ए-जिंदगी कट रही थी, धीरे-धीरे

दिल से मांगी जाए तो, हर दुआ में असर होता है
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है

घूमना है मुझे सारा जहां, तुम्हें अपने साथ ले कें,
बनानी हैं बहुत सी यादें, हाथों में तुम्हारा हाथ ले के

मंजिल बड़ी हो तो, सफ़र में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो, सबका वहम टूट जाता है

सफ़र-ए- जिंदगी का तू अकेला ही मुसाफिर है,
बेगाने हैं ये सब जो अपनापन जताते हैं,
छोड़ जाएँगे ये साथ इक दिन तेरा राहों में, 
वो जा आज खुद को तेरा हमसफ़र बताते हैं

इन अजनबी सी राहों में, जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,
बीत जाए पल भर में ये वक़्त, और हसीन सफ़र हो जाये


बीत जाएगा ये सफ़र भी दर्द की राहों का,
मिलेगा साथ जब खुशियों की बाहों का,
बढ़ाते रहना कदम, मत रुकना कभी,
होगा रुतबा तेरा जैसे शहंशाहों का

रहेंगे दर्द जिंदगी में, तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा?
निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को,
न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा?

मशहूर हो जाते हैं वो,
जिनकी हस्ती बदनाम होती है,
कट जाती है जीवन सफ़र में अक्सर,
जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैं

मुकम्मल होगा सफ़र एक दिन,
बस दिल में ताजा जज़्बात रखना,
तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन,
अपने काबू में हर हालत रखना


दिल से मांगी जाए तो,
हर दुआ में असर होता है,
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,
जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है

वो जीवन में क्या आये, बदल गयी जिंदगी हमारी,
वरना सफ़र-ए-जिंदगी कट रही थी, धीरे-धीरे


सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ...
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली

आओ संग में एक कहानी बनाते हैं,
चलो कहीं घूम के आते हैं!


ज़ख्म कहां कहां से मिले हैं, छोड़ इन बातों को,
ज़िंदगी तू तो बता, सफर और कितना बाकी है

डर हम को भी लगता है रास्ते के सन्नाटे से
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा 

- जावेद अख़्तर

है कोई जो बताए शब के मुसाफ़िरों को 
कितना सफ़र हुआ है कितना सफ़र रहा है
- शहरयार

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
-निदा फ़ाज़ल

सफर का एक नया सिलसिला बनाना है
अब आसमान तलक रास्ता बनाना है
तलाशने हैं अभी हम-सफर भी खोए हुए
कि मंजिलों से उधर रास्ता बनाना है
- शहबाज ख्वाजा

मिरे शौक-ए-सैर-ओ-सफर को अब नए
इक जहां की नुमूद कर
तिरे बहर ओ बर को तो रख दिया है कभी का
मैं ने खंगाल कर

- असलम महमूद

न जाने कैसा रिश्ता है रहगुजर का कदमों से
थक के बैठ जाऊं तो रास्ता बुलाता है
- शकील आजमी

मुसीबतें लाख आएंगी जिंदगी की राहों में,
रखना तू सबर,
मिल जाएगी तुझे मंजिल इक दिन
बस जारी रखना तू सफ़र।

उम्र बीत गयी लेकिन सफ़र ख़त्म न हुआ,
इन अजनबी सी राहों में जो खुद को ढूँढने निकला।

है नसीबों में सफ़र तो मैं कहीं भी, क्यूं रुकूं?
छोड़ के आया किनारे, बह सकूं जितना बहूं
दिन गुज़रते ही रहे, यूं ही बेमौसम
रास्ते थम जाये पर रुक न पायें हम
- फिल्म मलंग के गाने मलंग का एक मुखड़ा

कोई मंजिल नहीं बाकी है मुसाफिर के लिये
अब कहीं और नहीं जायेगा, घर जायेगा।
- असलम फारूखी

इस सफर में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई।

- राही मासूम रजा

घर से निकले हैं, हम सफर में हैं
कहिये मंजिल से इंतजार करे।

रास्ते कहां खत्म होते हैं, जिन्दगी के सफर में,
मंजिलें तो वही हैं जहां ख्वाहिशें थम जायें।


हज़ारों उलझनें राहों में ,और कोशिशें बेहिसाब ।
उसी का नाम हैं ज़िंदगी ,चलते रहिए जनाब।

हम लोग जाने कैसे मसाफिर हैं वरना यार
दो चार - ढोकरों में संभल जाना चाहिये।
- शकील आजमी

सफर में अब के अजब तजरबा निकल आया
भटक गया तो रास्ता निकल आया।
- राजेश रेड्डी

मंजिलें भी जिद्दी हैं, रास्ते भी जिद्दी हैं,
देखते हैं कल क्या हो, हौंसले भी जिद्दी हैं।


निकले थे कहां जाने के लिये, पहुंचेंगे कहां, मालूम नहीं।
अब अपने कदमों को, मंजिल का निशां मालूम नहीं।
- साहिर लुधियानवी

अदम की जो हकीकत है वो पूछो अहल-ए-हस्ती से
मुसाफिर को तो मंजिल का पता मंजिल से मिलता है।।

- दाग देहलवी

ये हम ही आ गये मुश्किले सफर मे,
बहुत आसां था मंजिल तक पहुंचना।
- संजू शब्दिता

हमने तमाम उम्र अकेले सफर किया
हम पर किसी खुदा की इनायत नहीं रही

- दुष्यंत कुमार

जुस्तुजू खोए हुओं की, उम्र भर करते रहे
चांद के हमराह हम, हर शब सफर करते रहे
- परवीन शाकिर

मकाम तक भी हम अपने पहुंच ही जायेंगे
खुदा तो दोस्त है दुश्मन हजार राह में हैं
थकें दो पांव तो चल सर के बल न ठहर 'आतिश'
गुल-ए-मुराद है मंजिल में खार राह में है

- हैदर अली आतिश

मंजिल मिलेगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं
- मिर्जा गालिब

ये आरजू थी कि हम उम्र के साथ साथ चलें
मगर वो शख्स वो रास्ता बदलता जाता है

- नोशी गिलानी

मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूं मगर,
सफर सफर है मेरा इंतजार मत करना...
- साहिल सहरी नैनीताली


जिन्दगी दी है तो जीने का हुनर भी देना,
पांव बख्शे हैं तो तौफीक-ए-सफर भी देना

- मेराज फैजाबादी


सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो
यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो
- निदा फाजली


ये आंसू ढूँड़ता है तेरा दामन
मुसाफिर, अपनी मंजिल जानता है

- असद भोपाली

मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूं मगर,
सफर सफर है मेरा इंतजार मत करना...
- साहिल सहरी नैनीताली


सैर ओ सफर करें जरा, सिलसिला गुमां चले,
हम तो चले, कहां चले, बात ये है, कहां चले..???

- जौन एलिया


सफर हया का पुर-लुफ्त है मगर ऐ दोस्त,
मुसीबतें भी उसी रहगुजर में रहती हैं... !!!
- मनीश शुक्ला


कभी दो चार कदमो का सफर तय नहीं हो पाता
कभी मालों से लम्बा फासला कुछ भी नहीं होता

- तरुणा मिश्रा


न थके हैं पांव कभी, न ही हिम्मत हारी है
मैंने देखे हैं दौर कई और आज भी सफर जारी है...


इतना आसान था क्या उसका सफर से जाना,
मेंने सोचा ही नहीं साथ में चलते चलते।



जिससे पैरों के निशां भी नहीं छोड़े पीछे
उस मुसाफिर का पता भी नहीं पूछा करते.. 
- गुलजार


घर में बेचैनी हो तो अगले सफर की सोचना
फिर सफर नाकाम हो जाये तो घर की सोचना।

- शुजा खावर


मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफर,
रास्ता रोका गया तो काफिला हो जाउँगा।
- वसीम बरेलवी


गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही
मुसाफिर की तरह,
यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं,
रुके रास्तों की तरह



हम-सफर चाहिये हुजूम नहीं,
इक मुसाफिर भी काफिला है मुझे
- अहमद फराज


दो चार रोज ही तो मैं मेरे शहर का था,
वरना तमाम उम्र तो मैं भी सफर का था।

जन्नत में भी कहां सुकून मिल सका मुझे,
ओहदे पे वहां भी कोई तेरे असर की था।


मंजिल पे पहुँचने की तुझे लाख दुआएं,
आनंद बस पड़ाव तेरी रहगुजर का था।। 

- आनन्द कुमार द्विवेदी


सोचा था तुझ से दूर निकल जायेंगे कहीं,
देखा तो हर मकाम तिरी रह गुजर में है।
- अज्ञात


भला वो लोग क्या जानें सफर की लज्जतों को,
जिन्हें मंजिल मिली हो ठोकरें खाने से पहले।

- अकील नोमानी


अन्दाज कुछ अलग ही मेरे सोचने का है,
मंजिल का सब को शौक मुझे रास्ते का है।
- जेबा_जौनपुरी


बाद में रास्ता मंजिल दोनो मिलते हैं,
पहले मीलों पैदल चलना होता है।

- ज्योति आजाद


गुजर जायेंगे तेरी गलियों से मुसाफिर की तरह,
बंद दरवाजों पर दस्तक देने की आदत न रही।

- नामालूम


गुफ्तुगू अच्छा लगी जौक-ए-नजर अच्छा लगा,
मुद्दतों के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा।
- अहमद फराज


जिन्दगी है इक सफर और जिंदगी की राह में,
जिन्दगी भी आए तो ठोकर लगानी चाहिये..।।

- राहत इन्दौरी


खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा,
अभी और उड़ान बाकी है,
जमीन नहीं है मंजिल मेरी,
अभी पूरा आसमान बाकी है।


आए ठहरे और रवाना हो गए,
जिंदगी क्या है, सफर की बात है।

- हैदर अली जाफरी


मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी,
किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
- बशीर बद्र


एक ही राह पर दो तरह के सफर,
आपने सैर की, हम भटकते रहे।

- जुबैर अली ताबिश


मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।
- मजरुह सल्तानपुरी


छोड़ देता वो अधूरा ही सफर,
देख लेता जो मुझे बस इक नजर

- सादिया सफदर सादी


सोचा था घर बनाकर बैठुंगा सुकून से,
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला मुझे।


मंजिल रही है सब की नजर में मगर यहां,
रस्ते हमेशा पाँव के नीचे दबे रहे।

- जावेद अहमज जावेद



हकीकत से तसव्वुर तक सफर मुझ में किया उस ने,
मगर मुझ तक नहीं पहँचा वो इतनी दूर चल कर भी।
- इम्तियाज खान


रात तो वक्त की पाबंद है,
ढल जायेगी .......
देखना ये है कि
चरागों का सफर कितना है .. ।



दो चार रोज ही मै तेरे शहर का था,
वरना तमाम उम्र तो मैं भी सफर का था,
जन्नत में भी कहाँ सुकून मिल सका मुझे,
ओहदे पे वहां भी कोई तेरे असर का था,
मंजिल पे पहुँचने की तुझे लाख दुआएं,
'आनंद' बस पड़ाव तेरी रहगुजर का था।
- आनंद कुमार द्विवेदी


रास्ते भर ऊब में डूबे रहे,
जब सफर में दिल लगा घर आ गया।
- शारिक कैफी


वो अक्सर राह में मिलता था मुझको,
सो मैं यूंहीं मुसाफिर हो गया था।
- शादाब जावेद 


इक मुसाफर का दिल दुखाया था,
अब मुसलसल (हमेशा) सफर में रहता हूं। 

- आदिल रशीद 


हम से पहले भी मुसाफिर कई गुजरे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।
- राहत इंदौरी   


हैरत है यहाँ जिनका कोई घर है न दर है,
वो पूछते फिरते हैं अभी कितना सफर है।
- सलमान सईद


और देखें -

प्यार की शायरी, जिन्दगी की शायरी और ट्रक ड्राइवरों की शेरो-शायरी

ट्रैवलिंग के ये शेर-शायरी, मुहावरे, गाने, वाक्य, विचार, Quotes, Status पढ़ कर यदि आपका ट्रिप पर जाने का मन कर रहा है, तो देरी किस बात की है, कार्यक्रम बनाओ, बैग पैक करो और घूमने निकल लो।

आप भी यदि कोई यात्रा से संबंधित विचार, वाक्य, शेर-ओ-शायरी यहां पर बताना चाहें तो आपका स्वागत है। बताइये कोई नयी बात जो यहां पर बढ़ाई जा सके।

Manisha रविवार, 9 अगस्त 2020

भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें


भारत के सभी राज्य और भारत सरकार सभी यह प्रयास कर रहे हैं उनके यहां पर्यटन का विकास हो जिससे लोगों को रोजगार मिले और आर्थिक तरक्की हो सके। इस दिशा में काम करते हुये भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय एवं विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभागों ने अपनी वेबसाइटों, विज्ञापनों इत्यादि में बहुत ही रोचक टैगलाइनें (Taglines) या नारे बनाकर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करके लुभाने की कोशिश की है।

ये नारे कहीं कहीं तो बहुत ही लोकप्रिय हो गये हैं जैसे कि गुजरात पर्यटन विभाग के ब्रांड अंबेसडर (Brand Ambassador) या उत्पाद दूत प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के द्वारा कहा गया नारा 'कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में ' बहुत ही प्रसिद्ध हुआ। एक और उदाहरण राजस्थान की टैग लाइन 'पधारो म्हारे देस' का है जो कि लोगों की जुबान पर चढ़ गया है।
भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें और नारे Indian Tourism department Taglines


पर्यटन विभागों की टैगलाइन्स की सूची


हमने यहां पर भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइन्स की लिस्ट यानी की सूची बनाने की कोशिश की है। हमें उम्मीद थी कि शायद भारत के राज्यों ने पर्यटन नारे हिंदी भाषा या संस्कृत भाषा में बनाये होंगे पर हमारा अंदाजा गलत निकला। अधिकांश पर्यटन टैगलाइन अंग्रेजी भाषा में हैं।

एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि अधिकांश राज्यों की पर्यटन विभागों की वेबसाइटों के हिंदी संस्करण नहीं हैं। आप हिंदी मे उस राज्य की पर्यटन जानकारी प्राप्त नहीं कर सकते।

खैर, यहां पर इनको यह सोच कर नजरअंदाज किया जा सकता है कि शायद भारत के राज्य विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते होगें। देसी पर्यटक के लिये शायद इन्हें लगता होगा कि ये लोग इतना खर्चा नहीं करते हैं तो इनको लुभाने की आवश्यकता ही क्या है?


अधिकांश राज्यों के पर्यटन विभागों द्वारा उनकी सार्वजनिक क्षेत्र की पर्यटन कंपनियों राज्य पर्यटन विकास निगम (State Tourism Development Corporation) के माध्यम से पर्यटकों को होटल बुकिंग, टैक्सी बुकिंग, खरीददारी आदि की सुविधाये प्रदान की जा रही हैं। अगर हमें किसी राज्य के इन पर्यटन विकास निगमों के भी टेगलाइन मिले तो इसी यहां सूची में शामिल किया गया है। जिन राज्यों के पर्यटन विभागों की कोई टैगलाइन हमको नहीं मिली उसको यहां पर खाली छोड़ दिया गया है। जब कभी ये राज्य अपना कोई पर्यटन नारा बनायेंगे तो उसे यहां अद्यतन (Update) किया जायेगा।

तो लीजिये देखिये मई 2021 तक अद्यतन की गई भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनों की लिस्ट -

  1. भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Tourism, GoI) - अतिथि देवो भव: (Incredible India! Atithi Devo Bhava)
  2. अंडमान एवं निकोबार (Andaman & Nicobar)  - Emerald. Blue. And You
  3. आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) - Everything Possible
    • Andhra Pradesh Tourism Development Corporation (APTDC) - The more you see it. The more you love it...
  4. अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)  - Gateway to Serenity
  5. आसाम (Assam) - Awesome Assam
  6. बिहार (Bihar) - Blissful Bihar
  7. चंडीगढ़ (Chandigarh) - The City Beautiful
  8. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)  - Full of Surprises
  9. दादरा - नागर हवेली और दमन एवं दीव  (Dadra Nagar Haveli and Daman & Diu)  - Small is Big
  10. गोवा (Goa)  - See More. Be More.
  11. गुजरात (Gujarat)  - कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में
  12. हरियाणा (Haryana) - Come, holiday with us!
  13. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh
  14. जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) - See J&K in a new light
    • Jammu & Kashmir Tourism Development Corporation (JKTDC) - Proud to serve you
  15. लद्दाख (Ladakh
  16. झारखण्ड (Jharkhand)  - Nature's hidden jewel
  17. कर्नाटक (Karnataka Tourism) - One State. Many Worlds
  18. केरल (Kerala) - God's own Country
  19. लक्षद्वीप (Lakshadweep
  20. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)  - The heart of Incredible India
  21. महाराष्ट्र (Maharashtra)  - Maharashtra Unlimited
  22. मणिपुर (Manipur
  23. मेघालय (Meghalaya)  - Check into Nature
  24. मिजोरम (Mizoram
  25. नागालैण्ड (Nagaland)  - Land of Festivals
  26. दिल्ली (Delhi
  27. ओडिशा (Odisha) - India's Best Kept Secret
  28. पुडुचेरी (Puducherry) - Peaceful Puducherry - Give time a break
  29. पंजाब (Punjab) - India begins here
  30. राजस्थान (Rajasthan) - पधारो म्हारे देस! The Incredible State of India
  31. सिक्किम (Sikkim) - Sikkim, where Nature smiles
  32. तमिलनाडु (Tamil Nadu) - Enchanting Tamil Nadu - Experience Yourself
  33. त्रिपुरा (Tripura)  - Tripura: Where Culture Meets Nature
  34. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) - यूपी नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा
  35. उत्तराखण्ड (Uttarakhand) - Simply Heaven
  36. पश्चिम बंगाल (West Bengal) - Experience Bengal - The Sweetest part of India

हिंदी भाषी राज्यों के पर्यटन नारे भी अंग्रेजी में हैं।

यहां नीचे 👇 कमेंट टिप्पणी कर के बताइये आपको किस राज्य का पर्यटन नारा सबसे अच्छा लगा।

Manisha शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

बीन बजा कर कमाने वाला


पिछले दिनों हम एक पहाड़ी पर्यटन स्थल पर परिवार सहित घूमने गये हुये थे। वहां के मुख्य बाजार में घूमते घूमते एक जगह पर हमने देखा कि एक व्यक्ति ने सपेरे वाली बीन बजानी शुरु कर दी और लोगों का मनोरंजन करने लगा। 

लोग बाग खुश होकर खुद ही कुछ न कुछ रुपये पैसे उसके आगे रखने लगे। हमें भी ये काफी अच्छा लगा और हमने उसका एक वीडियो भी अपने कैमरे से बना लिया। 

आप भी इसको सुनिये और आनन्द लीजिये।

  

Manisha मंगलवार, 18 अक्तूबर 2016

मसूरी की ऐतिहासिक इमारतें


उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित प्रसिद्ध हिल स्टेशन मसूरी की स्थापना अंग्रेजों (कैप्टन यंग) द्वारा 1827 में की गई थी। 

यह पहाड़ी शहर उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से 38 किलोमीटर दूर है। मसूरी में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं और यहां का मौसम गर्मियोंं नें सुहावना और सर्दियों में ठंडा रहता है, जिसकी वजह से यहां साल भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है, खास तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लोगों द्वारा क्योंकि ये दिल्ली से सिर्फ 285 किलोमीटर है।  

चूकि मसूरी को अंग्रेजों द्वारा अपने रहने के स्थान पर विकसित किया गया था, आज भी यहां उनकी बनाई हुई पुरानी इमारते शान से खड़ीं है। 

पिछले दिनों हम भी मसूरी की यात्रा पर परिवार सहित गये थे। वहीं पर कुछ ऐसी ही कुछ इमारतों की फोटो हमने खींची थी, तो मसूरी की मनोरम फोटो के साथ वहां कि कुछ ऐतिहासिक इमारतों को भी दखिये।

मसूरी का मनोरम विहंगम दृश्य
मसूरी का मनोरम विहंगम दृश्य

मसूरी का मनोरम विहंगम दृश्य - कंपनी गार्डन
मसूरी का मनोरम विहंगम दृश्य - कंपनी गार्डन


मसूरी का सेंट जार्ज कॉलेज
मसूरी का सेंट जार्ज कॉलेज


मसूरी का मेथोडिस्ट चर्च
मसूरी का मेथोडिस्ट चर्च


मसूरी का मेथोडिस्ट चर्च
मसूरी का मेथोडिस्ट चर्च

मसूरी का रेलवे रिजर्वेशन आरक्षण केंद्र
मसूरी का रेलवे रिजर्वेशन आरक्षण केंद्र



मसूरी में महाराजा कपूरथला का महल
मसूरी में महाराजा कपूरथला का महल


मसूरी की एक्सचेंज बिल्डिंग Exchange Building Mussoorie



मसूरी की एक्सचेंज बिल्डिंग The-Exchange-Mussoorie



मसूरी लाइब्रेरी
मसूरी लाइब्रेरी

Manisha सोमवार, 6 जून 2016

स्मार्ट ट्रैवलर कैसे बनें?


गर्मियों का मौसम है और बच्चों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। 
स्मार्ट ट्रैवलर कैसे बनें?

जब से भारत में औसत आय में बढ़ोतरी हुई है और
विभिन्न वेबसाइटों द्वारा ऑनलाइन होटल और रेल या हवाई यात्रा बुक करने की सुविधा हुई है, भारत में पर्यटन को जबर्दस्त बढ़ावा मिला है। 

भारतीय अब अधिक यात्रायें करने लगे हैंं। ऐसे में स्वाभाविक है कि गर्मियों की इन छुट्टियों में लोग कहीं न कहीं घूमने का कार्यक्रम बना ही रहे होंगे। 

लेकिन घूमनें का कार्यक्रम बनाने के लिये कई बातों का ध्यान रख कर आप  स्मार्ट ट्रैवलर बन सकते हैं।  


स्मार्ट ट्रैवलर बनने के लिये प्रमुख रूप से इन बातों का  ध्यान रखें : 
  • पहले से ही रेल या हवाई यात्रा और होटल को बुक करें -  पहले से आरक्षण कराने से आपको पैसे की भी बचत होगी और यात्रा में किसी प्रकार की परेशानी भी नहीं होगी। 
  • कम सामान पैक करें -  अगर आप ज्यादा समान ले जा सकते हैं तो ठीक है, पर कम सामान ही ले जाना बेहतर है। आपको कोशिश ये करनी चाहिये कि सामान आधा और धन दुगना लेकर यात्रा करें। दूसरी जगह पर कुछ सामान खरीद पर कुछ नया किया जा सकता है। आजकल शॉपिंग भी यात्राओं का जरुरी भाग है।    
  • स्लीप मास्क और ईयर प्लग रखें -  ये खास तौर पर हवाई जहाज, रेल या आपके होटल के कमरे में काम आ सकते हैं।  
  • सूटकेस का आदर्श उपयोग करें -  कपड़ों को को तह करके रखने के बजाय लपेट कर रखें। मोजे और अंडरवियर इत्यादि को जूतों के अंदर रखा जा सकता है। कोई भी जगह खाली न छोड़ें।  
  • एक शॉल रखें -  यह हवाई जहाज, रेल या फिर शाम को घूमते समय में आपको हल्की ठंड से बचाने में काम आ सकता है। सामान में रखने में भी हल्का होता है और कम जगह घेरता है।  
  • बैग रखें - किचन में सेैडविच रखने वाल छोटा लिफाफा और अन्य प्रकार के कई छोटे छोटे बैगआपकी यात्रा का कुछ सामान रखने में काम आ सकते हैं। इनको किसी भी बैग में रखा जा सकता है। जूते और गंदे कपड़े इत्यादि भी इन्हीं प्रकार के बैगों में रखे जा सकते हैं।   
  • हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से खाने का समान न खरीदकर अपना खाने का सामान लेकर जायें -  आप अपने पैसे को इस प्रकार बचा सकते हैं और साथ ही साथ अगर रेल या हवाई जहाज के देर से चलने की स्थिति में ये खाना का सामान आपके काम आ सकता है।
  • सामान को अलग अलग पैक में रखें - अगर आप यात्रा में एक से अधिक शहरों में जा रहे हों तो सामान को अलग अलग इस प्रकार पैक करें कि आप को अलग अलग शहरों में सामान एक ही पैक में मिल जाये और आप को सारा सामान ऊपर नीचे न करना पड़े और कई बार पैकिंग न करनी पड़े।  साथ ही अगर आप दो या अधिक लोग जा रहे हैं तो सामान को एक दूसरे के सामान के साथ साझा कर सकते हैं इससे अगर कोई बैंग खो जाये तो आपका कुछ सामान दूसरे के बैग में मिल जायेगा।    
  • कई पोर्ट वाला एक्सटेंन्शन यूएसबी और बिजली का बोर्ड लेकर चलें अपने मोबाइल, टैबलेट और कैमरा के लिये कई पोर्ट वाला एक्सटेंन्शन य़ूएसबी और बिजली का बोर्ड लेकर चलें। ये तो आजकल के डिजिटल जीवन में तो सबसे आवश्यक है। इसके अलावा अगर हो सके तो अतिरिक्त बैटरी और डाटा कार्ड भी रखें।   
  • घर छोड़ने से पहले अपने कागजातों की फोटोकॉपी करें - अगर आप विदेश में जा रहें हैं तो अपने पासपोर्ट की दो फोटोकॉपी  करके रख लें। इसमें से एक कॉपी हमेशा अपने पास रखें।
  • पुराना सामान वहीं छोड़े - अपने पुराने टी-शर्ट, अंडरवीयर, मोजे और इसी तरह की छोड़ने लायक पुरानी वस्तुओं को पहनने के बाद उसी जगह पर अगर आप छोड़ कर आयेंगे तो एक तो पुराने पहनने वाले कपड़ों से छुटकारा पायेंगे साथ ही साथ आपके बैग का वजन भी कम हो जायेगा। 
तो सोचना क्या? ऊपर लिखी बातों पर अमल करें और अपनी यात्री की तैयारी करें और स्मार्ट ट्रैवलर बनें।

Manisha मंगलवार, 31 मई 2016

कालका–शिमला खिलौना ट्रेन यात्रा


हाल ही हम लोग अपने परिवार के साथ शिमला की यात्रा पर गये थे, जिसके लिये हमने कालका से शिमला के लिये सुबह चलने वाली शिवालिक डीलक्स में आरक्षण कराया था। 94 किलोमीटर की खूबसूरत नजारों से भरपूर यात्रा लगभग 5 घंटे ले लेती है। इसका किराय अभी 280 रुपये प्रति वयस्क यात्री है तथा इसमें स्वागत चाय, अखबार तथा नाश्ता दिया जाता है। इस ट्रेन के कुछ चित्र देखिये (क्लिक करके आप बड़े रुप में देख सकते हैं)

Kalka Shimla Toy Train

Kalka Shimla Toy Train

Kalka Shimla Toy Train

Koti Station - Kalka Shimla Toy Train

Koti - Kalka Shimla Toy Train

Barog - Kalka Shimla Toy Train

Kalka Shimla Toy Train

Kanda Ghat - Kalka Shimla Toy Train

Tunnel - Kalka Shimla Toy Train

Tara Devi - Kalka Shimla Toy Train


Tara Devi Station - Kalka Shimla Toy Train

Tara Devi - Kalka Shimla Toy Train

Shimla Station - Kalka Shimla Toy Train

Manisha रविवार, 1 अगस्त 2010

भारतीय होटल व्यवसाय या इंडस्ट्री पर्यटन सीजन में दाम बढ़ा देते हैं


पिछले साल के अंत और इस साल की शुरुआत के लिये हम लोग कुछ पर्यटन स्थलों पर परिवार के साथ घूमने के लिये गये थे जहां पर नये साल का हमने स्वागत किया और अभी हम लोग छुट्टियां मना कर लौटे हैं। 

Indian Hotel Industry भारतीय होटल व्यवसाय

इन छुट्टियों के दौरान घूमते वक्त हमने देखा कि क्रिसमस के आसपास लगातार छुट्टियों की वजह से काफी भीड़ थी और ऐसा लग रहा था कि अधिकांश लोग घूमने निकले हुये हैं। 

खैर जिस बात ने मुझ सबसे ज्यादा हैरान और परेशान किया किया कि अधिकांध होटलों और गेस्ट हाउसों में कमरे उपलब्ध नहीं थे और उपलब्ध कमरों को काफी ज्यादा दाम बढ़ा कर उठाया जा रहा था, वो भी अहसान जता कर।

हमने देखा कि कई परिवारों का घूमने का बजट इस वजह से बिगड़ गया और लोग अपना कार्यक्रम अधूरा छोड़ कर चले गये। कई होटल वालों को हमने पर्यटकों से बेरुखी से व्यवहार करते भी देखा। 

लोगों का कहना था कि पहले के वर्षों में साल के इसी समय इस तरह से कभी भी होटलों में कमरो की उपलब्धता की समस्या कभी नहीं रही फिर पता नहीं इस बार क्यों ऐसा है? 


खैर होटल वालों द्वारा इस प्रकार सरेआम पर्यटकों को लूटने से मैंने ये सोचा कि अगर ये लोग सीजन के नाम पर इस तरह बहुत ज्याद दाम बढ़ा सकते हैं तो फिर अन्य लोगों द्वारा भी इन होटल वालों से इसी सीजन के दौरान अलग तरह के दाम लेने चाहिये मसलन बिजली विभाग, जलकर, सीवर, आय कर, बिक्री कर इत्यादि को भी सीजन के रेट बढ़ा कर इस तरह से इनसे वसूलना चाहिये अन्यथा पहले से ही सरकार को पक्का कराना चाहिये कि सीजन में क्या रेट लिये जायेंगे और बाद में क्या रेट लिये जायेंगे। वर्ना पर्यटक इसी प्रकार लुटते रहेंगे।

Manisha गुरुवार, 7 जनवरी 2010
पिछले कुछ दिनों की यात्रा के बाद हम लोग वापस अपने घर  आ गये हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ आदि की यात्रा हम लोगों ने की। काफी थकाने वाली और कई प्रकार के नये अनुभवों वाली रही ये यात्रा। समय मिलने पर इनके बारे में लिखना होगा।

Manisha बुधवार, 17 जून 2009

अधिकांश ट्रैवल साइटें चोरी की सामग्री से चल रही हैं


कल हम लोगों नें बच्चों की गरमियों को दौरान कुछ पर्यटन स्थलों को भ्रमण के लिये इंटरनेट पर विभिन्न ट्रैवल साइटों से उन स्थानों के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की । 

ऐसे में गूगल के माध्यम से किसी भी स्थान को खोजने पर आने वाली अधिकांश वेबसाइटों पर वही-वही जानकारी मिली। 

यहां तक की हर शब्द और वाक्य  सब वही के वही । 

ऐसा लगता ही गूगल ऐडसेंस का फायदा लेने के लोगों ने पर्यटन वेबसाइटें  खोल रखी हैं और इधर-उधर से जानकारी चुराकर साइट तैयार करके बना दी गई हैं । 

1-2 साइटों को छोड़कर किसी भी साइट से कोई नई बात पता नहीं लगी । किसी पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं है। 

बस पर्यटन ब्लॉग ही हैं जिन पर कुछ अलग सी जानकारी है वर्ना अधिकांश ट्रैवल बेवसाइटें किसी भी स्थान की जानकारी के लिये चोरी की सामग्री से चल रही हैं। 

इस को देखने के लिये आप गूगल में किसी भी स्थान को खोजने को कोशिश करिये और प्रथम 10 परिणामों को ब्राउजर में खोलकर देखिये, दस में से आठ में आप को एक जैसी बात लिखी मिलेगी।

Manisha सोमवार, 18 मई 2009

आदिवासियों का वेलेंटाइन डे भगोरिया


पश्चिम मध्य प्रदेश के आदिवासी जनजातीय युवक युवतियों का वेलेंटाइन डे (प्रणय पर्व) भगोरिया 25 फरवरी को शुरू हो रहा है। आदिवासी अंचल झाबुआ और खारगौन जिलों में परंपरागत रूप से मनाए जाने वाले इस रंगीन पर्व में स्थालीय भील और भीलाला लोगों के युवक और युवतियां बड़े उत्साह के साथ शामिल होते हैं। 


Bhagoria आदिवासियों का वेलेंटाइन डे भगोरिया


इस मेले के प्रति विदेशियों में भी खासा आकर्षण है। भारत भ्रमण के दौरान वे भगोरिया मेलों में बड़ी तादाद में शामिल होते हैं। भगोरिया हाट में आने वाले आदिवासी युवक-युवती एक दूसरे को पसंद करने के बाद भागकर विवाह कर लेते हैं। इस भाग जाने की वजह से ही इसको भगोरिया कहते हैं

परंपरा के अनुसार अगर किसी लड़के को कोई लड़की पसंद आ जाती है तो वो उस लड़की के गालों पर गुलाल लगाकर अपनी चाहत का इजहार कर देता है। अगर लड़की को भी लड़का पसंद होता है तो वो भी लड़के को गुलाल लगा देती है। 

इसके बाद ये लोग वहां से भाग जाते हैं। इसके बाद आदिवासी समाज इनको पति-पत्नि का दर्जा दे देता है।

इस भगोरिया को फसल पकने और होली की खुशी का भी प्रतीक माना जाता है। साल भर अलग-अलग स्थानों पर काम धंधा करने वाले आदिवासी भगोरिया पर्व पर अपने अपने घरों पर लौट आते हैं और गिले शिकवे भुलाकर मौज मस्ती के साथ इस पर्व को मनाते हैं। 

यह पर्व होली से पहले मनाया जाता है। बदलते जमाने के साथ भगोरिया पर भी आधुनिक संस्कृति का प्रभाव पड़ा है। आदिवासियों के पहनावे में बदलाव आया है तथा वाद्य यंत्रों ढोल और मृदंग का स्थान इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों ने ले लिया है। झाबुआ, धार और खरगोन जिलों प्रमुख हैं जहां भगोरिया पर्व मनाया जाता है। इन जिलों के कई जिलो के गांवों में भगोरिया हाट लगते हैं।

कड़ियां:

Manisha शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2007

राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन की सैर


भारत के राष्ट्रपति के निवास राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन को आम जनता के लिये खोल दिया गया है। मुगल गार्डन में स्थित स्परिचुअल गार्डन, हर्बल गार्डन एवं बैयोडाइवर्सिटी पार्क आदि को भी जनता के दर्शनार्थ खोला गया है। 

Mughal Garden Delhi मुगल गार्डन


आम जनता के लिये मुगल गार्डन  फरवरी से लेकर मार्च तक सुबह 10.30 बजे से अपरान्ह 4.30 बजे तक खुला रहता है। सोमवार को साप्ताहिक बंद है।

मुगल गार्डन को सर एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था। इस के डिजाइन की पेरणा उन्हें ताजमहल के बगीचों और जम्मू और कश्मीर के खूबसूरत मुगलिया बागों से मिली थी।

मुगल गार्डन 15 एकड़ में फैला हुआ है। मुगल गार्डन के तीन भाग हैं। पहले भाग में आयताकार गार्डन है जो कि राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत से लगा हुआ है। इस गार्डन में चार कोने हैं जिसके हर ओर टैरेस गार्डन है। 

यहां के सेन्ट्रल लॉन में राष्ट्रपति द्वारा कई पार्टीयों का आयोजन किया जा चुका है। दूसरा है लोन्ग गार्डन यानी लंबा बाग, इसी के साथ है तीसरा बाग सर्क्युलर गार्डन या गोल बाग। 

लंबे वाले बाग में गुलाब का बेहतरीन किस्में हैं। यह बाग इस बार का मुख्य आकर्षण है। गोल वाले बाग में एक फुव्वारा लगा है।

मुगल गार्डन में 128 प्रकार के गुलाबों के फूल लगे हैं। अभी हाल ही में मुगल गार्डन में तीन नये फुव्वारे लगाये गये हैं। ये संगीतमय फुव्वारे हैं जो कि शहनाई और वंदेमातरम की धुनों पर घूमते हैं।

इस रविवार को मैं अपने परिवार के साथ मुगल गार्डन घूम कर आई हूं, यह एक बहुत ही अविस्मरणीय अनुभव रहा। अगर आपने अभी तक मुगल गार्डन नहीं देखा तो यह एक सुनहरी मौका है, 18 मार्च तक आप प्रोग्राम बना सकते हैं। मुगल गार्डन आपको हमेशा याद रहेगा।

 मुगल गार्डन के बारे में और यहां पर जानें।

Manisha सोमवार, 19 फ़रवरी 2007