कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं कंपनियां Corona Mask become Brand Tool for Fashion Companies
Fashion houses have turned Coronavirus face masks as branding tools and made them power billboards for brand logos.
कोरोना की महामारी के बीच कोरोना वायरस से बचने के लिये चेहरे पर हमेशा एक मास्क या हिंदी में कहें तो आवरण या नकाब को लगाने का सरकार की ओर से लोगों को निर्देश है।
लोगबाग भी इस कोरोना की गंभीरता को समझ रहे हैं और जब भी घर से बाहर निकल रहे हैं तो चेहरे पर मास्क लगा कर जा रहे हैं।
जैसा कि हमारे प्रधान मंत्री जी ने भी कहा था कि विपदा में भी संभावना देखनी चाहिये, लगता है इस बात को दुनिया भर की फैशन कंपनियों ने समझ लिया है और चेहरे पर लगाने वाले मास्क को ही अपना ब्रांड प्रसिद्ध करने का जरिया बना लिया है।
लगभग हर बड़ी फैशन एक्सेसरीज़ सामान बनाने वाली कंपनी इस समय चेहरे पर लगाने वाले मास्क बना रही हैं।
इन नकाबों पर वो अपने लोगो (Logo) को इस तरह से लगा रही हैं कि वो मास्क पर खास तौर पर चमके।
इस तरह से फैशन कंपनियां अदृश्य रुप से अपनी बांड वैल्यू या ब्रांड ताकत बढ़ा रही हैं।
भारत में बड़ी कंपनियों के ब्रांडेड सामान को खरीद कर प्रयोग करने वालों की तादात अच्छी खासी है। भारत में ब्रांड अपनी हैसियत दिखाने का एक मौका है। लोग अपने आप को समाज में स्थापित हुआ दिखाने के लिये बड़े ब्रांड का सामान लेकर उस को दिखाने में पड़े रहते हैं।
बड़ी अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कंपनियां इस बात को जानती और पहचानती हैं इसलिये उन्होंने कोरोना की महामारी के दौरान मास्क लगाने के मौके को अपनी ब्रांड इमेज बढ़ाने के रुप में लिया है।
भारत की लगभग हर फैशन और कपड़े बनाने बनाने वाली कंपनी इस समय मास्क बना रही है।
लोगों के लिये भी कोरोना मास्क एक मौका लेकर आया है जब कि वो ब्रांडेड मास्क लगा कर अपनी माली हालत और हैसियत का प्रदर्शन कर सकते हैं। भारत के लोगों मे ब्रांडेड सामान को लेकर जबर्दस्त आकर्षण है।
सामने वाले व्यक्ति की पहली निगाह आपके चेहरे पर ही जाती है जो कि उसकी आंखों के ठीक सामने ही होता है। ऐसे में स्वाभाविक है कि वो आपके मास्क को और उस पर लगे ब्रांड के लोगो (Logo) के देख ले।
भारत में अगर आप देखें तो प्रसिद्ध कंपनी लेवि (Levis), गिरोडानो (Girodano), वाइल्डक्राफ्ट (Wildcraft), पूमा (Puma), आदीदास (Adidas), बनाना रिपब्लिक (Banana Republic), एसेल वर्ल्ड (Essel World), निनोश्काइंडिया (NinoshkaIndia) जैसी बड़ी नामी गिरामी और अन्य छोटी बड़ी लगभग सभी फैशन, पोषाक और परिधान बनाने वाली कंपनियां इस मैदान में उतर चुकी हैं।
ब्रांड की प्रसिद्धि के अलावा मुनाफा भी इस मास्क बनाने के धंधे में उतरने का एक कारण है। मास्क बहुत ही कम लागत में बन जाता है और कंपनियां तो अपने बचे हुये कपड़े से ही मास्क बना देती हैं।
फैशन कंपनियों के मास्क 150 रूपये से लेकर 500 रूपये तक में मिल रहे हैं जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस कदर मुनाफे का धंधा है मास्क बनाना।
नकली सामान बनाने वाले भी बड़ी कंपनियों के मास्क की नकल बाजार में ले आये हैं।
मास्क नकली हो या असली, फैशन कंपनियों के ब्रांड की पहचान तो कोरोना काल में चेहरे का मास्क से बढ़ ही रही है। इसलिये कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं फैशन कंपनियां।
फैशन कंपनियों के मास्क 150 रूपये से लेकर 500 रूपये तक में मिल रहे हैं जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस कदर मुनाफे का धंधा है मास्क बनाना।
नकली सामान बनाने वाले भी बड़ी कंपनियों के मास्क की नकल बाजार में ले आये हैं।
मास्क नकली हो या असली, फैशन कंपनियों के ब्रांड की पहचान तो कोरोना काल में चेहरे का मास्क से बढ़ ही रही है। इसलिये कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं फैशन कंपनियां।
कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं कंपनियां
Manisha
रविवार, 21 जून 2020
कोरोना काल में बहुत कुछ बदलेगा - स्वचालित नल लगाने होंगे
आपके मैं एक उदाहरण से बताना चाहूंगी कि कोरोना के समय और इसके बाद कैसे हम लोगों की दुनिया छोटी छोटी बातों में बदल जायेगी।
हमारी सोसाइटी के क्लब में कुछ समय पहले तक जब कि कोरोना का कोई नाम भी नहीं जानता था तब इस क्लब के वाश रुम (सार्वजनिक शौचालय) में एक पूर्ण स्वचालित नल लगा था जिसके आगे हाथ करने से पानी लगभग एक मिनट तक अपने आप निकलता रहता था।
वो अच्छा चल रहा था पर कुछ दिनों के बाद उसके संवेदक (सेंसर) में कुछ खराबी आ गई और इन नलों ने काम करना बंद कर दिया।
तो इन के स्थान पर जो नये नल लगाये गये वो स्वचालित तो थे पर ऐसे थे कि पहले उन्हें दबाना पड़ता है और फिर उसमें से आने वाला पानी लगभग एक मिनट बाद बंद हो जाता है। इस व्यवस्था से भी किसी को कोई परेशानी नहीं थी और सब ठीक चल रहा था।
लेकिन अब मार्च के महीने में होली के आस पास से जब लोग कोरोना वायरस को लगकर जागरूक होने लगे और लोगों को यह हिदायत सरकार द्वारा दी गई कि उन्हें अपने हाथों को बार बार साबुन से धोना है और वो भी बीस सेकंड तक।
अब इस नल पर अगर आप अपना हाथ धोने को लिये आते हैं तो पहली बात तो ये कि आपको इस नल को छूकर चलाना पड़ेगा, दूसरी बात जब आप हाथ गीला करके 20 सेकन्ड तक अपना हाथ साबुन से रगड़ते रहते हैं तब तक नल का स्वचालिच संवेदक उसको बंद कर देता है और फिर साबुन को हाथ से हटाने के लिये पानी के लिये नल को फिर से छू कर चलाना पड़ता है।
इस कोरोना काल में वैसे ही हर कोई कुछ भी छूने से डर रहा है वहां पर नल वो भी सार्वजनिक शौचागार में तो बिलकुल ही अस्पृश्य बन जाता है।
अब लोग फिर से वहां पर पूर्ण स्वचालित नल की मांग कर रहे हैं।
ये तो मैंने एक उदाहरण दिया है। ऐसे कितनी ही जगह इस बात की आवश्यकता महसूस की जा रही होगी।
मैंने अब इस बात को महसुस किया है कि कोरोना काल के बाद स्वचालित वस्तुऔं और मशीनों की मांग ज्यादा बढ़ेगी और लोग अपने को सुरक्षित रखने के क्रम में किसी वस्तु या व्यक्ति को छूने से परहेज कर रहे हैं और शायद करते भी रहेंगे।
कोरोना काल में बहुत कुछ बदलेगा - स्वचालित नल लगाने होंगे
Manisha
शनिवार, 20 जून 2020
घिसी पिटी भारतीय नीतियां जिनसे भारत को घाटा हो रहा है
जब से भारत ने अंग्रेजों से स्वाधीनता प्राप्त करी है तब से ही हम भारत के लोग एक ऐसी काल्पनिक दुनिया की सोच में रहते हैं जहं पर सब कुछ अच्छा होता है और सारे देश और वहां के लोग सीधे और सच्चे होते हैं। इन्हीं ख्यालों में हमने कुछ नीतियां और जुमले बनाये हुये हैं और समय समय पर उनकी बात करते रहते हैं।
आजादी के बाद से दुनिया कहां से कहां पहुंच गई पर हम अभी भी इन्हीं नीतियों और जुमलों के जाल में फंसे हुये हैं। एक-आधा नीति को शायद हमने छोड़ा होगा या नई कोई नीति बनाई होगी वर्ना तो बस पुराने रिकार्ड की तरह हम हमेशा वही बातें दोहराते रहते हैं।
घिसी पिटी नीतियां और जुमले
आइये आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ घिसी पिटी नीतियां और जुमले जो भारत में चलती हैं -
- हम दुनिया के जिम्मेदार लोकतांत्रिक देश हैं - जब आप पिट गये और कोई कार्रवाई न करने का बहाना है
- वसुधैव कुटुंबकम - इस का फायदा उठा कर सब देशों के लोग अवैध तरीके से भारत में रह रहे हैं
- पंचशील और हिंदी-चीनी भाई भाई - ये बात तो 1962 में ही पिट गई
- गुट निरपेक्षता नीति - अब ये तो बिलकुल ही समाप्त होने को आई लेकिन हम अभी भी इसका जिक्र करते रहते हैं
- गुजराल डॉक्टरिन - पाकिस्तान हमेशा फायदा उठाता है
- पहले परमाणु हथियारों का प्रयोग न करने की नीति - तो क्या जब हमारे ऊपर कोई परमाणु बम गिर जायेगा तब हम प्रयोग करेंगे तो हमें उससे पहले भयानक नुकसान तो हो चुका होगा
- भारत ने आज तक किसी देश पर हमला नहीं किया - ये बात हम बार बार बताते हैं पर इसको भारत के दुश्मन भारत की कमजोरी समझते हैं
- भारत सब को साथ लेकर चलना चाहता है - अरे भाई सबको कभी साथ नहीं लिया जा सकता, पहले अपना फायदा देखो
- भारत समस्या का समाधान बातचीत और शांति से चाहता है - बातचीत और शांति से तो आजतक अपनी बढ़त को गंवाया ही है, बेहतर है एक-दो बार अशांति से भी समस्या समाधान निकालें
- पाकिस्तान की जनता तो शाति चाहती है पर वहां के शासक नहीं - अरे भाई जनता तो यहां से ही गई है न, जो कि साथ नहीं रहना चाहती थी, शासक तो राजनीतिक लोग होते हैं वो लोगों की नब्ज पहचानते हैं, अगर जनता भारत के साथ शांति से रहना चाहेगी तो कोई भी शासन में हो वो वाेट लेने के लिये जनता की बात को ही मानेगा। असल ये है कि पाकिस्तानी जनता ही भारत विरोधी है
- दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को एक साथ आना चाहिये - अगल अलग परिस्थितियों और भौगोलिक स्थिति के अनुसार सब देश निर्णय लेते हैं
- हम अहिंसा को मानने वाले देश हैं - यही तो सारी कमजोरी का कारण है
- आतमकवाद को कई धर्म नहीं है - बताइये? क्या सचमुच?
- हम विश्व आध्यात्मिक गुरू हैं - हो सकता है कभी रहे हों या वास्तव में हों पर दुनिया तभी मानेगी जब हम आर्थिक और सामरिक तौर पर भी सशक्त हों
और भी कई ऐसी नीतियां और जुमले जिन्हें हम ढो रहे हैं।
अच्छा हो यदि हम इन रुमानी बातों से निकल कर ठोस धरातल पर होने वाले घटनाकृम को देख कर नीतियां बनायें और भारत देश को सशक्त बनायें।
घिसी पिटी भारतीय नीतियां जिनसे भारत को घाटा हो रहा है
Manisha
शुक्रवार, 19 जून 2020
भारत के राज्य और उनकी भाषायें
भारत में इस समय (जून 2020) 28 राज्य और 9 केन्द्र शासित राज्य हैं। भारत में नये राज्यों का गठन और विलय होता रहता है और इसके लिये भारत के संविधान में भी आवश्यक संशोधन किया जाता है। सबसे बड़ा जो राज्यों का पुनर्गठन 1956-57 में किया गया था वो खास तौर पर भाषाओं के आधार पर ही किया गया था और उसके कारण नये राज्य भारत में बने थे। बाद के वर्षों में भी ये प्रक्रिया जारी रही और नये राज्य बनते रहे।
राज्यों की भाषायें - विषय-सूची (Table of Content)
भारत का संविधान और भाषायें
भारत के संविधान में भारत संघ और उसके राज्यों की कोई आधिकृत भाषा नहीं बताई गई है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 तक भारत की अधिकृत भाषाओं के बारे में बात की गई है। भारत के संविधान में अनुच्छेद 343 के अनुसार पहले भारत की राजभाषा का दर्जा हिंदी को दिया गया था परंतु 1963 के संविधान संशोधन करके हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी को भी यह दर्जा दिया गया। >
संविधान के आठवें अध्याय में भारत की 22 भाषाओं को अधिसूचित किया गया है जो कि आधिकारिक तौर पर भारत की राजभाषायें हैं (साथ ही साथ अंग्रेजी भी है यानी कि कुल 23 हैं)।
भारत का संविधान राज्यों की आधिकारिक और शासकीय भाषाओं के बारे में मौन है लेकिन सभी राज्यों ने अपने अपने राज्य का प्रथम प्रमुख भाषा को अधिसूचित किया हुआ है। कई राज्यों ने तो दूसरी, तीसरी और चौथी भाषा तक को मान्यता दी हुई है।
भारत का राज्यों की अधिकारिक भाषायें
यहां पर हम भारत के समस्त राज्यों की जून 2020 तक की स्थिति के अनुसार भाषायों की सूची बना रहे हैं। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बारे में स्थिति साफ होनी बाकी है।
- पूर्ण राज्य
- आंध्र प्रदेश - तेलुगु
- अरुणाचल प्रदेश - हिंदी/अंग्रेजी
- असम - असमिया (तीन बाराक घाटी जिलों की भाषा बंगाली और बोडोलैंड काउंसिल क्षेत्र का भाषा बोडो है)
- बिहार - हिंदी
- छत्तीसगढ़ - हिंदी
- गुजरात - गुजराती
- हरियाणा - हिंदी
- हिमाचल प्रदेश - हिंदी
- झारखण्ड - हिंदी
- कर्नाटक - कन्नड़
- केरल - मलयालम
- मध्य प्रदेश - हिंदी
- महाराष्ट्र - मराठी
- गोवा - कोंकणी / मराठी
- मणिपुर - मणिपुरी
- मेघालय - हिंदी/अंग्रेजी
- मिजोरम - मिजो
- नागालैंड - हिंदी/अंग्रेजी
- त्रिपुरा - बंगाली
- ओडिशा - उड़िया
- पंजाब - पंजाबी
- राजस्थान - हिंदी
- तमिलनाडु - तमिल
- तेलंगाना - तेलुगु
- उत्तर प्रदेश - हिंदी
- उत्तराखण्ड - हिंदी
- पश्चिम बंगाल - बंगाली (दार्जिलिंग को छोढ़कर, दार्जिलिंग की भाषा - नेपाली/बंगाली, गोरखा क्षेत्र प्रशासन - नेपाली)
- सिक्किम - नेपाली/अंग्रेजी
- केन्द्र शासित राज्य
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह - हिंदी
- दिल्ली - हिंदी
- दादरा नागर हवेली - गुजराती
- दमन एवं दीव - गुजराती
- चंडीगढ़ - हिंदी/अंग्रेजी
- जम्मू एवं कश्मीर - उर्दू, कश्मारी, डोगरी एवं हिंदी
- पुड्डुचेरी - तमिल (माहै और यनम को छोढ़कर)
- लक्षद्वीप - मलयालम
- लद्दाख - लद्दाखी, तिब्बती, उर्दू, कश्मीरी, डोगरी एवं बाल्टी
भारत की 22 राजभाषायें
संविधान के आठवें अध्याय में अनुच्छेद 344(1) और 351 के अनुसार भारत की 22 भाषाओं को अधिसूचित किया गया है जो कि आधिकारिक तौर पर भारत की राजभाषायें हैं (साथ ही साथ अंग्रेजी भी है यानी कि कुल 23 हैं)। As per Articles 344(1) and 351 of the Indian Constitution, the eighth schedule includes the recognition of the following 22 languages:
- असमिया Assamese
- बंगाली Bengali
- बोडो Bodo
- डोगरी Dogri
- गुजराती Gujarati
- हिंदी Hindi
- कन्नड़ Kannada
- कश्मारी Kashmiri
- कोंकणी Konkani
- मैथली Maithili
- मलयालम Malayalam
- मणिपुरी Manipuri
- मराठी Marathi
- नेपाली Nepali
- उड़िया Odia
- पंजाबी Punjabi
- संस्कृत Sanskrit
- संथाली Santali
- सिंधी Sindhi
- तमिल Tamil
- तेलुगु Telugu
- उर्दू Urdu
- अंग्रेजी English - ये 22 अनुसूचित भाषाओं की सूची में नहीं है पर 1963 के संविधान संशोधन के अनुसार इसे हिंदी के साथ जोड़ा गया था। This is not in the list but it is used and inserted by constitutional amendment of 1963
भारत के राज्य और उनकी भाषायें
Manisha
शनिवार, 13 जून 2020
11 बॉलीवुड कलाकार जिन्होंने अपने नाम वाले गानों में काम किया Bollywood actors acted in songs with their names
बॉलीवुड फिल्म यानी कि हिंदी फिल्मों में गाने उनका महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। फिल्मों में काम करने वाले कलाकारों को फिल्मों में काम करने के दौरान गानों पर एक्टिंग करनी होती है।
हिंदी फिल्मों में कुछ गाने इस प्रकार बने हैं जिनमें फिल्मों के नामों का प्रयोग किया गया है। बहुत सारे गाने ऐसे बने हैं जिनमें फिल्मी कलाकारों का नाम इस्तेमाल किया गया है। पर कुछ ही गाने ऐसे बने हैं जिनमें जिन कलाकारों के नाम का प्रयोग किया गया है उन्हीं कलाकारों ने फिल्म में गाया भी है। यहां पर हम 11 ऐसे बॉलीवुड कलाकार के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने अपने नाम वाले गानों में काम किया।
Table of Content विषय सूची
ऐसे कई 11 गाने यहां प्रस्तुत है जिनमें बॉलीवुड कलाकारों नें अपने नाम वाले गानों में काम किया है।
1. अक्षय कुमार
अक्षय कुमार ने 1996 में आई बॉलीवुड फिल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' में एक ऐसे गाने में काम किया था जिसमें 'अक्षय कुमार' नाम का इस्तेमाल किया गया था। गाने की लाईन थी - 'न हम अमिताभ, न हम दिलीप कुमार, हम हैं सीधे सादे अक्षय अक्षय'
2. श्रीदेवी
भारत की अब तक की सबसे लोकप्रिय और सुंदर अभिनेत्री श्रीदेवी जो कि अब हमारे बीच नहीं हैं ने बॉलीवुड की हिंदी फिल्मों के कैरियर के अपने आरम्भिक दौर में ही अपने नाम के गाने पर काम कर लिया था क्योंकि उन की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही थी। सन 1985 में आई फिल्म 'सरफरोश' में जितेन्द्र श्रीदेवी को श्रीदेवी कह कर गाना गा रहे हैं और श्रीदेवी इसमें काम कर रही हैं।
3. किशोर कुमार
किशोर कुमार ने एक गाना ऐसा अपनी आवाज में गाया और अपने ऊपर ही फिल्माया जिसमें अपनी और इनकम टैक्स (आयकर विभाग) की हंसी भी उड़ाई। इस गाने को देखिये इसके लगभग अन्त में अपना नाम लेकर गाया है। ये फिल्म है 1970 में बनी 'आंसू और मुस्कान'।
4. ऋृषि कपूर और रीना रॉय
1983 में आई फिल्म 'नौकर बीबी का' में ऋृषि कपूर और रीना रॉय दोनों ने एक मेहमान रोल किया था और ये एक गाना अपने नाम वाला गाया था। ज्ञात रहे कि ऋृषि कपूर का घर का प्यार से पुकारा जाने वाला नाम 'चिंटू' था। हम सबके प्यारे ऋृषि कपूर जी का देहान्त इसी साल 30 अप्रैल 2020 को हो गया। ये गाना देख कर आप उनको याद कर सकते हैं। रीना रॉय जी ने भी इसी गाने में अपने नाम वाले गाने पर अभिनय किया था।
5. करीना कपूर
करीना कपूर इस जमाने की जानी मानी अभिनेत्री हैं। करीना कपूर का प्यार का नाम 'बेबो' है। 2009 में आई फिल्म 'कमबख्त इश्क' में करीना कपूर ने अपने इसी नाम बेबो वाले एक गाने को गाया था जो कि हर प्रकार से उनके ही ऊपर था।
6. बिपाशा बसु
बिपाशा बसु ने 2012 में प्रदर्शित फिल्म 'जोड़ी ब्रेकर्स' के लिये एक गाने के लिये अभिनय किया जिसमें नो अपना नाम बिपाशा बताते हुये नाच रही हैं। इस गाने में अपनी ही तारीफ करती हुई नजर आ रही हैं।
7. उर्मिला मतोंडकर
उर्मिला मतोंडकर ने सन 2000 में लोकप्रिय गोविंदा के साथ हीरोईन के रोल में 'कुंवारा' नाम की हिंदी फिल्म में काम किया था। इस फिल्म के एक गाने में गोविंदा उर्मिला मतोंडकर को उर्मिला उर्मिला कहते हुये गा रहे हैं और उर्मिला मतोंडकर अपने ही नाम वाले गाने पर अभिनय कर रही हैं।
8. कादर खान
जी हां, आप ने ठीक पढ़ा, कादर खान पर भी एक ऐसा गाना गाया था जिसमें वो अपने को कादर खान के नाम से पुकार कर गा रहे थे। कादर खान ने अपना बॉलीवुड का कैरियर एक संवाद लेखक के तौर पर आरम्भ किया। फिर बाद में उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में भी कदम रखा और शुरूआत में विलेन या खलनायक के रोल में नजर आये। बाद में उन्होंने चरित्र भूमिकाओं और हास्य में भी हाथ अजमाया। एक जमाने में उनकी लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि वो 1980-90 लेकर 2000-2010 तक की अधिकांश फिल्मों में नजर आते थे। वर्ष 1991 में आई फिल्म 'प्यार का देवता' में उन्होंने एक गाना केवल अपने ऊपर कादर खान नाम के साथ गाया था।
9. सलमा आगा
सन 198 में आई फिल्म 'निकाह' से सुर्खियों में आई पाकिस्तानी कलाकार 'सलमा आगा' हिंदी फिल्मों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहीं। वो एक अभिनेत्री के साथ साथ एक गायिका भी थी। बहुत सारी फिल्मों में उन्होंने गाने गाये। लोकप्रियता का आलम ये था कि 1985 में उनको हीरोईन लेकर एक फिल्म सलमा बनी जिसमें वो हीरोईन थी। इस के अलावा 1986 में आई एक फिल्म 'आप के साथ' में सलमा आगा ने एक गाना गाया जिसके बोल थे 'मेरा नाम सलमा' और हालांकि इस गाने पर रति अग्निहोत्री ने अभिनय किया था पर सलमा आगा के गाये गाने 'मेरा नाम सलमा' पर उन्होने सलमा आगा के गेटअप और मेकअप में सलमा बन कर ही गाया था।
10. अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर
1983 में मनमोहन देसाई द्वारा बनाई और निर्देशित फिल्म 'कुली' में ही अमिताभ बच्चन को घातक चोट लगी थी और उनके करोड़ों चाहने वालों ने दुआयें की थी। ऐसे में अमिताभ की लोकप्रियता को भुनाने के लिये एक गाना उनके चाहने वालों द्वारा प्यार से कहे जाने वाले नाम 'लम्बू' के नाम से बनाया गया। इस गाने में ऋषि कपूर जो कि छोटे कद के हैं को 'टिंगू' कहा गया है और उन्होंने भी इस में काम किया है।
11. अमिताभ, रेखा, हेमा, जीनत इत्यादि कई कलाकार
1979 में आई बेहद लोकप्रिय फिल्म 'गोलमाल' जो कि अपनी हास्य कॉमेडी के प्रसिद्ध है और आज तक अमोल पालेकर के डबल रोल और उत्पल दत्त की की अदाकारी के लिये याद की जाती है। इस फिल्म के एक गाने 'एक दिन सपने में देखा सपना' में अमोल पालेकर उस जमाने के कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को नाम लेकर गा रहे हैं और इस गाने में इन सब कलाकारों ने काम भी किया है। गाने में अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, जीनत अमान, रेखा इत्यादि का नाम लिया गया है और इन सब को दिखाया भी गया है।
11 बॉलीवुड कलाकार जिन्होंने अपने नाम वाले गानों में काम किया
Manisha
शुक्रवार, 5 जून 2020
एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री रखने पर हमारे अनुभव
भारत में इस समय गर्मियों का मौसम है। अधिकांश जगहों पर दिन का तापमान 45-47 डिग्री के करीब चल रहा है। करीब-करीब हर घर में एसी (Air Conditioner - AC) का इस्तेमाल हो रहा है। गर्मियों से बचने के लिए लोग एयर कंडीशनर का सहारा ले रहे हैं।
आखिर लोग करें भी क्या जब इतनी गर्मी पड़ रही है। सब से बड़ी मुसीबत तो ये है कि कोरोना वायरस के चलते भारत में लॉकडाउन लगा हुआ है और लोगों को घरों मे ही रहना है।
ऐसे में देश में बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि घर-ऑफिस में एसी का आदर्श तापमान कितना रखा जाए, इसकी जानकारी भी लोगों को कम ही होती है इसीलिए अब भारत सरकार ने इसको लेकर एक नियम बना कर एयर कंडीशनर (एसी) के लिए तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री नियत कर दिया है।
सरकार के अनुसार अगर इससे देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट सालाना बिजली की बचत होगी साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाला ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने इस संदर्भ में एक अध्ययन कराया था और एयर कंडीशनर में तापमान 24 डिग्री सेल्सियस निर्धारित करने की सिफारिश की थी। इस दिशा में शुरुआत करते हुए हवाईअड्डा, होटल, शापिंग मॉल समेत सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और विनिर्माताओं को परामर्श जारी किया गया है।
विनिर्माताओं को एयर कंडीशन में 24 डिग्री सेल्सियस तापमान निर्धारित करने का सुझाव दिया गया। साथ ही उस पर लेबल लगाकर ग्राहकों को यह बताने को कहा गया है कि उनके पैसे की बचत और बेहतर स्वास्थ्य के नजरिए से कितना तापमान नियत करना बेहतर है. यह तापमान 24 से 26 डिग्री के दायरे में होगा।
इस अधिसूचना के द्वारा बीईई स्टार-लेबलिंग कार्यक्रम के दायरे में आने वाले सभी रूम एयर कंडीशनरों के लिए 24 डिग्री सेल्सियस डिफॉल्ट सेटिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।
इस से कमरे के एयर कंडीशनरों (एसी) का डिफॉल्ट (अपने आप में तय) तापमान अब 24 डिग्री सेल्सियस होगा। इसका मतलब है कि कमरे का तापमान 24 डिग्री रखने के हिसाब से ही एसी चलेगा। हां, व्यक्ति जरूरत के हिसाब से इसे ऊपर नीचे कर सकता है। फिलहाल एसी का डिफाल्ट तापमान 18 डिग्री सेल्सियस है।
एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री करने का क्या फायदा होगा?
लेकिन असल सवाल है कि ऐसा करने से हासिल क्या होगा? क्या वाकई एसी के तापमान से बिजली की खपत निर्धारित होती है?
दरअसल ऊर्जा मंत्रालय का सुझाव था कि 'एसी पर 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ाने से 6% एनर्जी बचती है। न्यूनतम तापमान को 21 डिग्री के बजाय 24 डिग्री पर सेट करने से 18% एनर्जी बचेगी।'
भारत के ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक कमरे में तापमान कम पर रखने के लिए कम्प्रेसर ज़्यादा काम करेगा। 24 से 18 डिग्री पर सेट करने के पर एसी का तापमान कम करने से कंप्रेसर को ज्यादा लंबे समय तक काम करना पड़ता है। अगर एसी के तापमान को 25 डिग्री के बजाए 18 डिग्री पर कर दिया जाता है तो बिजली की खपत भी बढ़ जाती है। एसी का तापमान 24 डिग्री पर रखने से बिजली की बचत भी होगी और आपकी सुविधा में भी कोई कमी नहीं आएगी।
किसी कमरे या जगह का तापमान 18 डिग्री करने के लिए एसी को लगातार काफी देर तक काम करते रहना पड़ता है। इससे एयर कंडीशनर की सेहत पर खराब असर के साथ बिजली की खपत भी ज्यादा होती है.
सबसे खास बात ये है कि इससे वहां मौजूद व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। दरअसल एसी कमरे में मौजूद नमी को सोखता है। इसलिए इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी त्वचा पर पड़ता है। ऊपर से यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने वाले प्राकृतिक तंत्र को प्रभावित करता है।
कई देशों में एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री करने के नियम पहले से लागू है
जापान और अमेरिका जैसे देशों ने एयर कंडीशनर के प्रदर्शन के लिए पहले ही इस तरह के नियम बना दिए हैं। जापान में एसी का डिफाल्ट तापमान 28 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, अमेरिका में कुछ शहरों में एसी का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से कम पर नहीं चलाने की सीमा तय है।
हार्वर्ड के मुताबिक 23.3 और 25.6 डिग्री सेल्सियस और लंदन स्कूल इकनॉमिक्स के मुताबिक तापमान 24 डिग्री होना चाहिए।
एयर कंडीशनर को लेकर हमारे अनुभव
एयर कंडीशनर (एसी) का प्रयोग हम भी कई सालों से कर रहे हैं। हमारे अनुभव कुछ हद तक सरकार के साथ हैं और कई मामलों में सरकार से उलट हैं।
सबसे पहले जब हम ने अपने घर पर एसी लगवाया था तब हम सबसे ऊपर के तल वाले घर पर रहते थे। यकीन मानिये 40-45 डिग्री के तापमान के समय छत इतनी गर्म हो जाती थी कि अधिकांश समय हमको अपना एयर कंडीशनर 18-20 डिग्री पर चलाना पड़ता था।
दूसरी बात ये देखी कि अलग-अलग कंपनियों के समान एयर कंडीशनर (जैसे कि 1.5 या 2.0 टन) भी समान ठंडक नहीं करते हैं जिससे अलग-अलग तापमान पर एसी चलाने पड़ते हैं। एयर कंडीशनर की बनावट का भी असर होता है, कोई एसी 2 कोईल वाला होता है कोई 3 कोईल वाला। इससे भी एयर कंडीशनर की ठंड़ पर असर पड़ता है।
तो अगर किसी का घर एक मंजिल का है या फिर कोई किसी बिल्डिंग में इस तरह की छत वाली सबसे ऊपरी मंजिल पर रहता है तो उसके लिये तो सरकार का इस तरह 24 डिग्री वाला एयर कंडीशनर ज्यादा काम नहीं आयेगा। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिये।
तीसरी बात जो हमने देखी वो ये थी कि जबसे सरकार मे एसी में स्टार श्रेणी मूल्यांकन (* रेटिंग) किया है तो हमने भी एक कमरे के लिये एक 5 स्टार श्रेणी का एसा खरीद लिया। लेकिन हमने पाया कि इस तरह के एसी कम ठंडा करते हैं। शायद इनको बनाया ही बिजली बचाने के लिये है।
चौथी बात ये कि हमारे अनुभव में खिड़की वाले एयर कंडीशनर की तुलना में दीवार पर लगने वाले स्प्लिट एसी (Split AC) ज्यादा ठंडा करते हैं। भले ही दोनो की समान क्षमता हो (1.5 Ton or 2.0 Ton).
आखिरी बात ये कि बाद में हमने एक बहुमंजिली इमारत में अपना घर ले लिया और वहां हमारा घर बीच की मंजिलों पर है। यहां पर एसी 25 डिग्री में भी काफी ठंडा कर देता है। ऐसी बहुमंजिली इमारतों में भारत सरकार का 24 डिग्री तापमान वाला एसी कामयाब रहेगा।
अत: सरकार को सब प्रकार के घरों को ध्यान में रखकर इस नियम को बनाना चाहिये था। वैसे कुल मिलाकर बिजली बचाने की बात तो ठीक है।
एयरकंडीशनर का 24 डिग्री तापमान और हमारे अनुभव
Manisha
शुक्रवार, 29 मई 2020
कोरोना जोक्स चुटकुले
चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस महामारी का रूप ले चुका है। भारत में भी इससे पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकार सतर्क है, इससे लड़ रही है। भारत में 25 मार्च से पूर्ण रुप से लॉकडाउन या ताला बन्दी लागू कर दिया गया है। साथ ही सरकार ने सभी लोगों को हिदायत दी है कि बेहद जरूरी न होने पर वे घर से बाहर न जायें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को पैनडेमिक यानी महामारी घोषित कर दिया है। महामारी का नाम आधिकारिक रूप से उस बीमारी को दिया जाता है जो एक ही समय में दुनिया के अलग-अलग देशों में फैल रही हो।
Corona Jokes - कोरोना चुटकुले |
भारत में भी कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। 20 मई (इस पोस्ट को लिखे जाने तक) कोरोना वायरस (Covid-19) से दुनियाभर में 3 लाख से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 50 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। भारत में भी यहां कुल 106000 से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है जिसमें से 3300 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।
कोरोना जोक्स
जब से भारत में कोरोना को लेकर चीन से खबरें आनी शुरु हुई तब से ही भारत में इसको लेकर सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप (WhatsApp) पर कोरोना के बारे में तरह तरह की बातों का चर्चा होने लगी।
हम भारतीय आदत से ही उत्सव प्रिय होते हैं, हमने इस कोरोना आपदा में भी घर में रहते हुये इस पर विभिन्न प्रकार के चुटकुले जोक्स का आदान प्रदान शुरु कर दिया जो कि लॉकडाउन के प्रारम्भ होने के बाद और तेज हो गया। कई चुटकुलों पर तो लोगों नें टिक-टॉक (Tik Tok) पर वीडियो भी बना डाले जो कि और भी ज्यादा वितरित किये गये और लोगों के मनोरंजन का साधन बन गये।
कोरोना की जानकारी के बाद बने चुटकुले
जब भारत में लोगों को चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के प्रसार के बारे में पता चला तब से ही लोगो नें कोरोना से संबंधित जानकारी और चुटकुले प्रसारित करना शुरु कर दिया था। कुछ उसी समय के मशहुर चुटकुले ये हैं-
Teacher : What is the full form of COVID19?
Student : China Organized Virus in December 2019!!
😀😀😀😀
आज हम लेटे हुए हनुमान मंदिर गयेन ...
पण्डितजी से बोला:
बहुत डर लगी रहा है Corona virus से
पंडितजी बोले: अपन हाथ आगे बढाओ
आखी मूंदे हाथ बढ़ा दीन।
हाथ में चरणामृत मिला, पी गयेन
पंडितजी से बोला, बहुत कड़वा है
पंडितजी बोले: #Hand Sanitizer रहा बे , पी काहे गए !!🤣🤣😜😜
कोरोना घरवाली जैसा है शुरू मे लगता था कन्ट्रोल करलेंगे फिर पता चला कि इसके साथ तो अब एडजस्ट ही करना होगा 😃😃😂😂
बड़ी तन्हा सी बेपरवाह गुज़र रही थी ज़िंदगी ग़ालिब
अब ये आलम है कि एक छींक भी आ जाये तो दुनिया ग़ौर से देखती है
कोरोना, नमस्कार करवा रहा है।
कोरोना, लोगो को शाकाहारी बना रहा है।
कोरोना लोगो को अपने घरों कि चार दिवारी में रह कर meditate करने को मजबूर कर रहा है ।
कोरोना, मृत लोगो को दफ़नाने की जगह अग्नि संस्कार करवा रहा है।
अब तो confirm है कोरोना virus RSS का Agent है !!!
😜😂🤣😆
14 फरवरी (वैलेंटाइन दिन) पर सात (7) प्रकार के कोरोनो वायरस होंगे -
1. कोरोनो
2. और कोरोना (करोना)
3. बस कोरोनो (करोना) 4. मत कोरोनो (करोना) 5. धीरे से कोरोनो (करोना) 6. जोर से कोरोनो (करोना) 7. एक बार और कोरोनो (करोना) 🤐😂
कौन जानता था...??
केजरीवाल की खाँसी
एक दिन इस देश की
राष्ट्रीय caller tune
बन जाएगी...!!
😂😂😂😂😂
Bollywood is already planning a blockbuster...Here is the outline of a new Bollywood movie in production:
Shah Rukh Khan is a college student (!) whose girlfriend is touring in China. She gets infected with coronavirus and has been quarantined in a high security hospital in China. When the hero hears this, he consults a local baba, who gives a special medicine, which is nothing but 'Hindustan ki mitti (soil of India). The hero now faces several hurdles while trying to deliver this medicine to his sweetheart, like breaching the border as there is travel restriction, extreme security at the hospital and a villain trying to sabotage the mission by replacing the medicine with 'Pakistan ki mitti'. How the hero accomplishes his mission is rest of the story.
The title of the movie is: CORONA PYAR HAI !! 🤣😂😃
"करोना" तो बिना करे ही मार रहा है.. इससे तो अच्छा AIDS था जो "करने" के बाद मारता था : शशी थरूर 😂😝
Life is difficult now a days
Go outside and you are afraid of "Virus Corona" 😷😷
Stay at office and you are afraid of "Target Carona" 🎯🎯
Stay at home and you are afraid of "Yeh Carona, Woh Carona" 😄😆
करीना और कोरोना में क्या अंतर है .
सैफ करीना की चपेट में है
और कोरोना की चपेट में कोई सेफ नही है 😂😂
Breaking news
कोरोना ने मज़ाक समझकर बिहार और यूपी वालों से लिया पंगा
संक्रमित हथेली पर खैनी रगड़ने से वायरस की दम घुटकर मौत!!😂😂
एक पत्नी द्वारा बड़ा ही उच्च
विचार दिया गया है
बार बार खाली साबुन से
हाथ धोने से अच्छा तो
दो ~ दो बर्तन भी साथ
में धो दिया करो
😎कोरोनावाइरस से बचाव के लिये दो कली लहसुन और कच्चा प्याज सुबह शाम खाएं
......हालांकि इससे ...होना जाना कुछ भी नहीं है ..परंतु....
मुँह की दुर्गंध के कारण सभी के बीच ...सुरक्षित दूरी बनी रहेगी
😂🤣😆😃
The whole of Italy in lockdown and people maintaining a safe distance from Italians.
Scindia took it quite seriously!!😂😂😂
बड़ी तन्हा-सी बेपरवाह
गुजर रही थी जिंदगी ग़ालिब !
अब ये आलम है कि...
एक छींक भी आ जाये
तो दुनिया गौर से देखती है...!!
#Corona Virus🤣😜
दुनिया चिल्ला रही हैं कोरोना वायरस कोरोना वायरस💥 , और इन्द्र देव को सुनाई दें रह हैं करो ना बारिश , करो ना बारिश 💦💦 और इन्द्र देव ईमानदारी से लगे हुए हैं🌧🌧
I am beginning to suspect a woman invented this Corona virus because:
1. Mostly men die.
2. football matches cancelled.
3. Sports events cancelled.
4. Bars & pubs closed.
5. No socializing in public
6. You have to stay at home with your wife for 24/7!!!
😅
पप्पू भिया ने टीवी पर सुना कि बाहर जाते समय मास्क और हैंड ग्लव्स पहनकर जाना ही सफीसिएंट है... "
उसने ऐसा ही किया
लेकिन जब बाहर गया तो देखा कि,
लोग मास्क और ग्लव्स के साथ साथ पैंट शर्ट भी पहने हुए थे
झूठे टीवी वाले...😡
😂😭😨😢🤷🏼♀
कल मैं कोरोना की जांच कराने गया,
डाक्टर बोला 1500/- लगेंगे..
मैं तो डाक्टर के मुँह पे खांस के आ गया !!
अब जाँच वो कराएगा, वो ठीक तो मैं भी ठीक.
मैं क्यों पैसे लगांऊ 😃🤣
भले ही भाड़ में जाए
लेकिन भीड़भाड़ में नहीं
😷
जनहित में जारी 🙏😃🤣
धमकी भरी सावधानी
एक दिन अपने घर पर बैठे रहना .....नहीं तो....
13 दिन तक लोग बैठने आएंगे!
एकांत is better than
देहांत...😂😂
Choice is yours..😜
कोरना हाथ मिलाने से फैलता है....
नज़रे मिलाने से नहीं.
डॉ शशि थरूर (स्त्री रोग विशेषज्ञ)
है न पते की बात😜😜😜
Corona bhi confuse ho gaya.. saala hum bimari hai ya tyohar😂😂
जीवन मे आप कितने भी positive क्यों ना हों ,परंतू , वर्तमान मे आप की रिपोर्ट Negative आना बहुत जरूरी है।।।
- संत कोरोना दास वुहान वाले
आप के पास तीन चॉइस है👇
A 🏠 घर में रहना
B 🏥 हॉस्पिटल में रहना
C ⚰️ फोटो फ्रेम में रहना
चॉइस आपकी है!
सब कुछ मोदी जी नहीं करेंगे
Ajkal aisa lag raha hai BIGBOSS ke ghar mein rah rahe hain. Khana limited hai. Bahar ja nahi sakte. Bahar wala andar aa nahi sakta. Kaam khud kar rahe.
Modi ji 5 baje thali bajane ka task bhi de rahe hain.
😂😂Ghar me ladai bhi utni hi chal rahi hain bas broadcast nahi ho rahi 😆
Quote of the year/century:
Dear God,
Could we please uninstall 2020 and re-install it???? It has a virus!!
बाहर मत निकलिए। लठ्ठ सेनेटाइज किये जा रहे है।😄
एक मुद्दत से आरज़ू थी
फुरसत की ...
मिली , तो इस शर्त पे कि
किसी से ना मिलो ..!!😊🙏🙏
वक़्त वक़्त की बात है साहब
पहले "करो ना" सुनकर खड़ा हो जाता था
अब "करोना" सुनकर फट जाती है ll
😜🤣
एक मित्र ने बताया कि यदि Alcohol, 60% से ज्यादा Strength वाली हो तभी कोरोना वायरस मर सकता है...
बाजार में सिर्फ 42.8% वाली मिलती है... वायरस इसके सेवन से नहीं मरेगा.
फिर दिमाग में आया कि, मरे या न मरे... साला घायल तो हो ही जायेगा. 😂😅
Big Breaking.
गुटके की दुकान बन्द होने के बाद
पहली बार मुँह से बोला कानपुर का युवक
घरवाले समझते थे गूंगा।😑
कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के बाद बने चुटकुले
🙏🏻🌹अर्ज किया है
क्या करें और कहां जाऐं,
यह तो अभी 21 दिन का रोना है,
😭😭
घर में बैठी है शेरनी, बाहर कोरोना है.
😂😭😜😉🥴
मन को वश में करना सीख रही हूँ आजकल😍
शिमला जाने का मन होता है तो शिमला मिर्च बना लेती हूँ
मसूरी जाने का मन होता है तो मसूर की दाल.... 😛
और उधमपुर जाने का मन होता है तो घर मे उधम मचा देती हूं
😝😝😝😝😜😜😜😜😜😜😜
और चंडीगढ़ जाने का मन करता है तो घर में ही चंडी का रूप धर लेती हूं। ⚔
एक पत्नी 😂😂😁
Meanwhile in Lahore,
a terrorist blows up his own house, after the Pakistan Government issued a 'Work From Home' advisory to it's citizens..!
😉😂🤣😅
बीवी की
- शॉपिंग बन्द
- मॉल जाना बंद
- फ़िल्म की फरमाइश बन्द
- आउटिंग की फरमाइस बन्द
- बाहर खाना बंद
- और सबसे बड़ी बात की मुँह पर मास्क का ताला लगाये फिरने से
दिन भर की चिक चिक बन्द।
वाह रे कोरोना तुम भी क्या कमाल की चीज हो,
तुमने वो कर दिखाया जो अच्छे अच्छे ना कर सके।
🤪🤪🤪🤪🤪🤪🤪🤪
अगर किसी को बैठने मे तकलिफ हो रही हो तो समझ जाना
.
.
.
.
.
भाई करफ्यू देखने गया था.. 👶🏻
😎😝😂🤣
न दिन पता चल रहा है, न रात
न sunday, न monday
न मार्च, न अप्रैल ......
इन सब से अब मैं ऊपर उठ गया हूँ ...
हे प्रभु, क्या मुझे मोक्ष प्राप्त हो गया है 😊😊😊
एक बार कोरोना का लॉक डाउन खत्म हो जाये, फिर 7 दिन छुट्टी लेकर चैन की नींद सोऊंगा !
😆😴
Curfew में पुलिस से कूटे हुऐ लोगो ने कहा है कि मारने के बाद उनको रसीद दी जाए ताकि अगले चौक पर उसे दिखा कर पुनः पीटने से बच सके😁😄😆
=======
Simplicity of Msg
जो 21 दिन घर रहेगा
वही 2021 की जनगणना में रहेगा
कैसी चल रही है lockdown में जिंदगी ?
🤔
.
.
.
.
एकदम मस्त 👌🏻, तेरी भाभी मारने दौड़ती है तो बाहर भाग जाता हूं फिर पुलिस मारने दौड़ती है तो घर में आ जाता हूँ! 😂
सबसे ज्यादा sms तो LIC वाले कर रहे है
प्रिय ग्राहक घर पर ही रहे और स्वस्थ रहे ,
(वरना हम किस किस के चुकाएंगे)😛😛😂😂
अगर लॉक डाउन लंबा चला तो
Sunday अपनी इज़्ज़त खो देगा
😂😂
पीछले 10 दिनों में मैंने इतना सो लिया है,कि अब सपने भी रिपीट हो रहे है..
😂😂😀😀😛😛
कल दिन में बीवी की अलमारी में कपड़े ज़माने पर पता चला कि...
उसके पास 243 साड़ीयाँ और 156 सूट है....
पूरा दिन लग गया गिनने में
कीड़े पड़ेंगे चीनियों तुमको
एक दुखी पति की कलम से😭😷😥
जो काम सालो से बंगाली बाबा न कर सके उसे मोदी जी ने कर दिखया।
शराब, तम्बाकू, गांजा, गुटखा,सौतन, छुड़वाइये मात्र 21 दिनों मे।
😎
14 अप्रैल के बाद
एक सप्ताह की छुट्टी लेकर आराम करुगा,
थक गया हूँ सो सो कर......!!!!😤😩
😄😆😂🤣😇
अखबार में आज का "राशिफल" देखा..
लिखा था "यात्रा का योग है.."
ये अखबार वाले भी हड्डियां तुड़वाने पर तुले हैं...
🤣🤣🤣😂
किचन में से पैगाम आया है,खाने की और चाय की उतनी ही मांग करें जितनी बर्तन धोने की क्षमता हो
😀
कहानी घर घर की
कल तक जो कहते थे कि
मरने की फुर्सत नही है ....
वो आज फुर्सत में बैठकर
सोच रहे है कि जीना कैसे है ......
दो-दो चार-चार लठ उन पंडितों
को भी जरूर पेलो जिन्होनें भविष्य में झांक कर इन दिनों
में विवाह के शुभमुहूर्त निकाले थे
🙄😜
ध्यान रखिये
२१ दिन के बाद सरकार पुरुषों से गोल रोटी बनवा कर देखेगी,जो बना पायेंगे वही वाहर जा पायेंगे वर्ना १४ दिन और quarantin
🤣😂
जब तक दुनिया Covid19 का इलाज खोजेगी
तब तक चीन Covid19 PRO लांच कर देगा!
😜😜🤣
बड़े चले थे चाइना का मार्केट बंद कराने, चीनी सामानों का बहिष्कार करो,चीनी फटाखे/पिचकारियाँ मत खरीदो-याद है कि भूल गये?😷😷
साले चाइना ने हमारा क्या पूरे विश्व ही का मार्केट बन्द करा दिया. 😄😄😷
और आखिर में ऐसा लगता है सारी जवाबदारी मेरे अकेले की ही है,तुम भी तो गोल रोटियां बनाना सीखो,नहीं तो अगले 14 !! हां समझ गये न।
We asked one question to a group of people.
"Whom would you love to see first, after 21 days of lockdown?"
80% of wives said "Maid".
😊😊
100% of husbands also said the same
😛😅😂
।।😀😀।।
चीन वालों,
तुम्हारा सत्यानाश हो सालों
4 आदमियों के बीच
उठने बैठने लायक,
नहीं छोडा,,
😀🤣😀
#अमीर विदेश यात्राओं से लौटकर कोरोना बाबा का प्रसाद पूरे देश मे बांट चुके हैंl
#गरीब मजदूर पैदल ही कोरोना बाबा का प्रसाद लेकर गांव की ओर रवाना हो चुका हैl
एक बेचारा #मध्यम_वर्ग ही है जो अनुशासित नागरिक की तरह घर मे #lockdown TV-मोबाइल पर ये सारा तमाशा देख रहा हैl🤒🤕🤔
जितना अधिक घर में बैठोगे,उतनी ही जल्दी दारू और बार खुल जायेंगे।
😂😂😛😛
बस,अब इससे ज्यादा मोटिवेशन मैं नहीं दे सकता ..
😉😉
पति के राशिफल में लिखा था,
"ऊँचाइयाँ छूने का योग है" 😍
सुबह से पंखे और जाले साफ कर रहे है ....
😕😒😫😥☹️
अगर लॉक डाउन लंबा चला तो
Sunday अपनी इज़्ज़त खो देगा...
😄😄😄
*इतिहास में यह पहली बार होगा *
काम सेठ व सेठानी करेगी
*और पगार नौकरानी को मिलेगी। *
🤣🤪🤣🤪🤣
पड़ोसन ने अभी हिम्मत दी
करोना हाथ मिलाने से फैलता है
नज़रें मिलाने से नहीं 🤔
🥴💃🏽
दुनिया में जितने वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन ढूंढ रहे हैं उससे ज्यादा तो इंडिया में लोग रजनीगंधा ढूंढ रहे हैं। 😱😇😷
टॉर्च जला कर पड़ोसन की तरफ ना dekhna ..
खुद के घर में आग लग जायेगी !
पिछले 14/15 दिन से
एक बात आपको
समझ आयी होगी,
"Urgent" जैसा
कुछ होता ही नहीं..!!
सुप्रभात🙏
WHO ने COVID19 के जारी किए
भारत के चौंकाने वाले आंकड़े पूरी दुनिया देख कर रह गई दंग😳😳😳😳😳
संक्रमित 2902
ठीक हुए 183
मृत्यु 68 और
चूतड़ों पर सूजन- 14,53,742
😂😂😂😂😂😂😂🤣😂🤣
कोरोना जोक्स चुटकुले
Manisha
बुधवार, 20 मई 2020
ऑनलाइन मनोरंजन में ही हिंदी सुपरहिट है
भारत में हिंदी की जो स्थिति है वो किसी से छुपी नहीं है। भारत के रोजगार बाजार से हिंदी लगभग गायब हो चुकी है। सरकारी क्षेत्र में भी कुछ विशेष प्रकार की जैसे कि राजभाषा विभाग में अनुवादक या हिंदी अधिकारी एवं हिंदी के अध्यापक इत्यादि की ही नौकरियां ऐसी हैं जो कि हिंदी भाषा के आधार पर आप पा सकते हैं अन्यथा सब जगह अंग्रेजी का ही बोलबाला है।
यहां तक की ऑनलाइन जगत में कमाई कर के हिंदी ब्लॉगरों के लिये डॉट कॉम लाइफ स्टाइल अभी संभव नहीं है। हिंदी के ब्लॉगरों के लिये कमाई ज्यादा है ही नहीं।
निजी क्षेत्र में तो ऐसा लगता है कि उन्हें पता ही नहीं है कि हिंदी भी कोई भाषा है। केवल अपना माल बेचने के लिये विज्ञापन में जरुर हिंदी का प्रयोग करते हैं। सभी साक्षात्कार और सूचना आदान-प्रदान के अंग्रेजी में ही होता है।
निजी क्षेत्र में तो ऐसा लगता है कि उन्हें पता ही नहीं है कि हिंदी भी कोई भाषा है। केवल अपना माल बेचने के लिये विज्ञापन में जरुर हिंदी का प्रयोग करते हैं। सभी साक्षात्कार और सूचना आदान-प्रदान के अंग्रेजी में ही होता है।
कभी आप किसी कंपनी के कॉल सेंटर को फोन करिये, तो आप पायेंगे कि 1 नंबर पर भाषा का चयन हमेशा अंग्रेजी ही होगा, हिंदी तो 2 नंबर पर या तीसरे नंबर पर चुनने को मिलेगी।
ऐसे समय में सिर्फ फिल्में, टीवी सीरियल, गाने और इंटरनेट आधारित ऑनलाइन मनोरंजन के साधनों पर ही हिंदी न केवल चल रही है बल्कि सुपरहिट भी है। हिंदी फिल्मों की वजह से कम से कम दुनिया के एक बड़े हिस्से में हिंदी समझ ली जाती है। लिखने पढ़ने में तो भारत मे ही हिंदी की स्थिति खराब है।
जब से भारत में इंटरनेट की गति बढ़ी है और वो सस्ता भी हुआ है तब से ऑनलाइन मनोरंजन के साधनों जैसे यूट्यूब (YouTube), हॉटस्टार (Hotstar), नेटफ्लिक्स (Netflix), जी-5 (ZEE 5), एमएस प्लेयर (MX Player), वूट (Voot), अमेजॉन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) इत्यादि की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। इन सब में भी हिंदी के ही कार्यक्रम सब से ज्यादा पसंद करे जाते हैं। मनोरंजन सब को अपनी ही भाषा में चाहिये।
अब एक रिसर्च क्षोध के अनुसार इस बारे में दिलचस्प डाटा जारी किया है। इस क्षोध के अुनसार ऑनलाइन मनोरंजन में हिंदी ही सुपरहिट है। बड़े शहरों में तो हिंदी के साथ साथ फिर भी अंग्रेजी व अन्य भाषायों के कार्यक्रम देखे जाते हैं पर दूसरो टीयर-2 व टीयर-3 एवं कस्बों में हिंदी भाषा में ही मनोर्ंजन देखा जाता है। नीचे दी गई चित्र को क्लिक कर के पढ़े और बतायें की सहमत हैं या नहीं।
ऐसे समय में सिर्फ फिल्में, टीवी सीरियल, गाने और इंटरनेट आधारित ऑनलाइन मनोरंजन के साधनों पर ही हिंदी न केवल चल रही है बल्कि सुपरहिट भी है। हिंदी फिल्मों की वजह से कम से कम दुनिया के एक बड़े हिस्से में हिंदी समझ ली जाती है। लिखने पढ़ने में तो भारत मे ही हिंदी की स्थिति खराब है।
आपने अक्सर हिंदी के समाचार पत्रों और हिंदी के समाचार चैनलों पर हिंदी के शब्दों की गलत वर्तनी (Spelling) को देखा होगा या फिर धड़ल्ले से हिंदी के आसान शब्दों के होते हुये भी अंग्रेजी के शब्जों का प्रयोग होते देखा होगा।
गलत हिंदी को लोग सामान्य मान कर चलते हैं। हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों को दोयम दर्जे के समाचार और कार्यक्रम परोसे जाते हैं। आप देखेंगे कि अंग्रेजी और हिंदी के अखबार और पत्रिकायों के स्तर में बहुत विरोधाभास है।
जब से भारत में इंटरनेट की गति बढ़ी है और वो सस्ता भी हुआ है तब से ऑनलाइन मनोरंजन के साधनों जैसे यूट्यूब (YouTube), हॉटस्टार (Hotstar), नेटफ्लिक्स (Netflix), जी-5 (ZEE 5), एमएस प्लेयर (MX Player), वूट (Voot), अमेजॉन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) इत्यादि की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। इन सब में भी हिंदी के ही कार्यक्रम सब से ज्यादा पसंद करे जाते हैं। मनोरंजन सब को अपनी ही भाषा में चाहिये।
अब एक रिसर्च क्षोध के अनुसार इस बारे में दिलचस्प डाटा जारी किया है। इस क्षोध के अुनसार ऑनलाइन मनोरंजन में हिंदी ही सुपरहिट है। बड़े शहरों में तो हिंदी के साथ साथ फिर भी अंग्रेजी व अन्य भाषायों के कार्यक्रम देखे जाते हैं पर दूसरो टीयर-2 व टीयर-3 एवं कस्बों में हिंदी भाषा में ही मनोर्ंजन देखा जाता है। नीचे दी गई चित्र को क्लिक कर के पढ़े और बतायें की सहमत हैं या नहीं।
ऑनलाइन मनोरंजन में ही हिंदी सुपरहिट है
Manisha
मंगलवार, 5 मई 2020
आयकर विभाग ने भेजा आयकर विवरणी भरने का आग्रह
आज सुबह जब अपनी ई-मेल खोली तो सुखद आश्चर्य हुआ ये देख कर कि भारत के आयकर विभाग ने सभी आयकर दाताओं से इस आग्रह की ई-मेल भेजी है कि हम सब आयकर दाता 31 जुलाई 2022 से पहले वित्तीय वर्ष 2021-22 का आयकर विवरण (Income Tax Return) भर दें।
वैसे, आम तौर पर आयकर विवरण भरने की अन्तिम तिथि हर वर्ष की 31 जुलाई ही रहती है।
भारत का आयकर विभाग अब अग्र सक्रिय (Pro Active) हो गया है।
आयकर विभाग ने भेजा आयकर विवरणी भरने का आग्रह
Manisha
मंगलवार, 23 जुलाई 2019
चुनाव मतगणना के बाद की बहानेबाजी
हर लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद मतगणना होनी है और जाहिर सी बात है कि कोई न कोई राजनैतिक पार्टी जीतेगी और किसी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ेगा। चुनावों के नतीजों के बाद उनका राजनीतिज्ञ, राजनैतिक पार्टियां, विश्लेषक व जनता अपने अपने हिसाब से व्याख्या करेंगे।
ऐसे में मतगणना के बाद प्राप्त परिणामों पर जब पक्के राजनीतिबाजों से जब इनकी व्याख्या करने को कहा जाता है कई तरह की बातें ये लोग कहते हैं। देखिये कैसी-कैसी बाते करते हैं :
चुनाव मतगणना के बाद की बहानेबाजियां
Manisha
शुक्रवार, 15 मार्च 2019
भारत में बढ़ रहा है जंगल
ऐसे समय जब भारत में पर्यावरण को लेकर चिंताये जताई जा रही हैं, प्रदूषण से भारत के तमाम शहरों खास कर दिल्ली इत्यादी में बुरा हाल है, सरकार से लेकर आदालतों तक प्रदूषण कम करने के अनेक उपाय किये जा रहें हैं तब एक ऐसी खबर आई है जो कि एक सुखद ठंडी हवा का झोंका लेकर आयी है और वो ये है कि भारत में वन क्षेत्र बढ़ रहा है।
समाचार के अनुसार नासा ने अंतरिक्ष से फोटो खींचकर जो अध्ययन किया उसके अनुसार भारत में पहले से ज्यादा वन क्षेत्र हैं और भारत तथा चीन दो देश मिलकर दुनिया में वन क्षेत्र बढ़ाने में अग्रणी भुमिका अदा कर रहे हैं और 20 साल पहले की तुलना में दुनिया ज्यादा रही भरी हुई है।
भारत में बढ़ रहा है जंगल
Manisha
रविवार, 17 फ़रवरी 2019
आरक्षण अभी और कई तरीकों से लागू होगा
जिस तरह से सरकार अपने खर्चे कम न करके जनता पर और बोझा डालने के लिये नये नये कर (टैक्स) लगाने के तरीके ढूंढ़ती रहता है उसी तरह से राजनैतिक पार्टियां और नेता लोग अपना वोट बैंक बनाने के लिये नये नये वर्गों को आरक्षण का रास्ता दिखाते रहते हैं। और इसी क्रम में संविधान में वर्णित आरक्षण को और कई तरीकों से लागू करने के तरीके ढूंढ कर लोगो को लुभाते रहते हैं।
देश में जरुरत अच्छी काम करने वाली सरकारों की है क्यों कि अगर सरकारें अच्छा काम करें तो सभी वर्गों का भला होगा और कोई भी ये नहीं कहेगा कि मुझे मौका नहीं मिला। लेकिन अपनी नाकामियों को छिपाने और नये नये वोट बैंक बनाने के चक्कर में राजनैतिक दल आरक्षण के नये नये जुमले उछालते रहते हैं ताकि लोगों को ये लगे कि राजनैतिक दल उनका कितना भला चाहते हैं।
ये दल गरीब, मुस्लिम, पिछड़े, एससी-एसटी, युवा कई तरह के आरक्षण की मांग करते रहते हैं लेकिन अपनी बनाई हुई सरकारों द्वारा कुछ भी ऐसा नहीं करते हैं जिससे की आरक्षण की नौबत ही न आये।
मुझे महिला आरक्षण के पास होने की तो खुशी है लेकिन मुझे आने वाले समय की तस्वीर दिख रही है कि अभी आरक्षण की ये बात बहुत आगे तक जायेगी। देखिये कैसे अभी आरक्षण होगा -
यानी सब प्रकार के आरक्षण के बाद युवा के लिये आरक्षण, बुजुर्गों के लिये आरक्षण इत्यादि की मांग उठाई जायेगी और अपने आप को इनका हितैषी बताया जायेगा।
- महिलाओं के लिये लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद राज्यसभा में भी आरक्षण की मांग तो अभी से उठने लगी है।
- महिलाओं के लिये लोकसभा और राज्यों की विधानसभायों में 33 प्रतिशत आरक्षण में से भी पिछड़े, दलित और मुस्लिमों को आरक्षण की मांग कई दल कर रहे हैं।
- इसके बाद शिक्षा में महिलाओं के लिये आरक्षण की मांग उठेगी।
- इसके बाद सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिये आरक्षण की मांग उठेगी।
- मुस्लिमों के लिये रंगनाथ मिश्र आयोग ने आरक्षण देने की बात कही है और इस पर भाजपा को छोड़कर सभी दल तैयार हैं। देश की राजनीति को देखते हुये ये मांग सबसे पहले पूरी होगी।
- अनूसुचित जति और जनजाति के आरक्षण में परिवर्तित मुस्लिमों और ईसाइयों को आरक्षण देने की मांग पिछले कुछ समय से हो रही है।
- समय समय पर न्याय पालिका में आरक्षण देने की वकालत की जा रही है।
- निजी संस्थानों (प्राइवोट सेक्टर) में आरक्षण के लिये काफी समय से प्रयास किये जा रहे हैं और सरकार इसके लिये प्रयत्नशील है।
- हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट नें पंचायतों में युवा के नाम पर एक नये प्रकार का आरक्षण देने पर रोक लगाई है।
यानी सब प्रकार के आरक्षण के बाद युवा के लिये आरक्षण, बुजुर्गों के लिये आरक्षण इत्यादि की मांग उठाई जायेगी और अपने आप को इनका हितैषी बताया जायेगा।
आरक्षण से सभी लोग प्रभावित होते हैं। लेकिन जिस वर्ग को मिल जाता है वो आरक्षण के पक्ष में बाते करने
लगता है और इसको अपना हक बताने लगता है भले ही ये माना जाता हो कि आरक्षण कुछ समय के लिये देना है।
दरअसल वास्तविकता में आरक्षण असली जरुरतमंद को नहीं मिल रहा है, इसका फायदा वही लोग उठा रहे हैं जो कि पहले से ही आगे हैं।
वास्तव में भारत में दो ही वर्ग हैं संपन्न एवम गरीब और पिछड़े, जिसमें संपन्न वर्ग गरीबों-पिछड़ों को आगे लाने के नाम पर अपने लोगों को फायदा पहूंचा रहे हैं।
सोचने वाली बात है कि अगर देश में सरकारें अपना काम अच्छे से करें तो ये बात ही क्यों आये कि कुछ वर्ग पिछड़ गये हैं।
संपादन - 1
जैसी कि ऊपर आशंका व्यक्त की गई थी, हाल ही में कई प्रकार का आरक्षण लागू हुआ है और कई अन्य प्रकार के आरक्षण के लिये या तो लोग संघर्षरत हैं या फिर सरकारें ही प्रयास कर रहीं हैं।
महाराष्ट्र में मराठों से लिये 18 प्रतिशत का आरक्षण सरकारी नौकरियों में किया गया है। भारत सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में बकायदा भारतीय संविधान में संशोधन करके सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में 10 प्रतिशत का आरक्षण आर्थिक तौर से कमजोर (Economically Weaker Section - EWS) वर्गों को दिया गया है।
आप देखते जाइये किसी न किसी प्रकार से पूरा 100 प्रतिशत किसी न किसी को आरक्षण दिया जायेगा। कुछ हिस्सा सब को मिलेगा इसलिये कोई विरोध नहीं करेगा।
आरक्षण अभी और कई तरीकों से लागू होगा
Manisha
गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019
हिंदी आबू धाबी कोर्ट मे तीसरी भाषा बनी
सभी हिंदी प्रेमियों के लिये ये गर्व की बात है कि हमारी प्यारी हिंदी भाषा अब आबू धाबी के कोर्ट में तीसरी आधिकारिक भाषा बन गई है। वहां पर बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जो कि लगभग 30 प्रतिशत के आसपास है।
हिंदी आबू धाबी कोर्ट मे तीसरी भाषा बनी
Manisha
सोमवार, 11 फ़रवरी 2019
सोशल मीडिया पर हिंदी के नये शब्द बन रहे हैं
सोशल मीडिया जो कि खुद भी एक नया हिंदी का शब्द बन गया है क्योंकि हिंदी में इसे ही अपना लिया लगता है। इंटरनेट पर हिंदी की विषय सामग्री वैसे ही कम है, अब हिंदी के अधिकांश ब्लॉगर और लिखने वाले फेसबुक और ट्विटर पर चले गये हैं क्योंकि वहां पर तुरंत पढ़ने वाले मिलते हैं।
सोशल मीडिया का प्रयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और बढ़ते जा रहे हैं उस पर हिंदी में लिखने वाले।
ये नये हिंदी वाले अधिकांश भावना प्रधान होते हैं, और भावना में ही वो अपनी बात भावनाओं में बह कर ही करते हैं।
इसी कारण से अपनी बात कहने के लिये नये नये शब्दों को बना रहे हैं।
वैसे भी किसी भाषा का विकास नये नये शब़्दों के निरंतर सृजन से ही होता है।
इधर जब से देश में मोदी और केजरीवाल का प्रभाव बढ़ा है तब से उनके समर्थक और विरोधी सोशल मीडिया पर कुछ ज्यादा ही सक्रिय होकर अजीब अजीब से नये शब्द बना कर लिख रहे हैं।
वामी, कांगी, आपिया, अपोला, आपटर्ड, भक्त, अंधभक्त, शांतिदूत, शांतिप्रिय, सूतिया, चादरमोद, लकड़बग्घा, शर्मनिरपेक्ष, अंडोला, अंडभक्त, लिबरांडू इत्यादि कुछ शब्द हैं जो कि सोशल मीडिया पर ईजाद किये गये हैं।
इधर कुछ राजनीतिक और प्रसिद्ध लोगों के लिये भी सोशल माडिया पर कुछ नाम बन गये हैं, लगभग हर वो व्यक्ति जो कि सोशल माडिया पर है वो इन शब्दों को पढ़ कर उससे संबंधित राजनैतिक व्यक्ति को समझ लेगा।
दिल्ली का घूंघरु सेठ, घूंघरु सेठ, फेंकू, पप्पू, पिंकी, भूरी काकी, छोटा पेंग्यूइन इस तरह की उपाधियों के कुछ उदाहरण हैं।
इसके अलावा भी कुछ अन्य शब्द हैं जो नये बने हैं। आप भी इन शब्दों का सोशल मीडिया पर आनन्द लीजिये।
सोशल मीडिया पर हिंदी के नये शब्द बन रहे हैं
Manisha
सोमवार, 2 अक्टूबर 2017
हिंदी ब्लॉगिंग दिवस की शुभकामना
जून 2006 में जब यह हिंदी ब्लॉगिंग के लिये जब यह ब्लॉग (हिंदी ब्लागरों ने ब्लॉग को चिठ्ठा नाम दिया है, जो कि अच्छा है) शुरू किया था तब नाम के ही कुछ हिन्दी ब्लॉग थे, पर हिन्दी चिठ्ठाकारी जारी रही और फली फूली भी पर फेसबुक के आने के बाद हिंदी ब्लॉगिंग के अधिकांश चिठ्ठाकार और साथ ही साथ नये ब्लॉगर भी फेसबुक पर स्थानांतरित हो गये। फेसबुक पर आज हिंदी ब्लॉगिंग न केवल जीवित है बल्कि बहुत फल फूल रही है।
बहरहाल फेसबुक के अलावा स्वतंत्र रुप से हिंदी के स्थापित चिठ्ठे अब कम ही रह गये हैं और जो बच गये हैं और चल रहे है वो भी बस चल रहे हें, ऐसे में आज के अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स डे पर सभी हिंदी ब्लॉगरों को शुभकामनायें।
देखें - हिंदी के ऊपर हमारे बहुत सारे ब्लॉग पोस्ट
#हिंदी_ब्लॉगिंग
हिंदी ब्लॉगिंग दिवस की शुभकामना #हिंदी_ब्लॉगिंग
Manisha
शनिवार, 1 जुलाई 2017
सुरक्षित बैंकिंग कैसे करें?
आजकल हम आये दिन अखबारों में पढ़ते हैं कि फलां के बैंक से इतने रुपये निकल गये या फिर फलां के पास एक फोन आया कि उनका एटीएम कार्ड रद्द कर दिया गया है और इसको दुबारा जारी करने के लिये उनके पास जो भी लोगिन और पासवर्ड है वो बता दें और इसके अलावा यदि कोई ओटीपी कोड (OTP) आपके मोबाइल में आये तो वो भी बता दीजिये।
बहुत सारे लोग इन सब में घपलों में फंस कर अपना मेहनत से कमाया हुआ धन गंवा बैठते हैं और बाद में परेशान होते हैं। पुलिस भी इस तरह के मामलों में ज्यादा कुछ नहीं कर पाती है।
आपकी सावधानी और जागरुकता ही आपको सुरक्षित कर सकती है।
अत: बैंकिंग करते समय आपको नीचे बताई गई सावधानियां रखनी चाहिये।
अत: बैंकिंग करते समय आपको नीचे बताई गई सावधानियां रखनी चाहिये।
इससे आप पूर्णतया सुरक्षित तो नहीं हो सकते पर काफी हद तक बचाव कर पाने में सक्षम हो जायेंगे।
सुरक्षित बैंकिंग के उपाय
- किसी से भी अपनी निजी और संवेदनशील जानकारी को साझा मत कीजिये जैसे कि बैंक की यूजर पहचान, कूटशब्द इत्यादि (User ID, Password, OTP, URN, Debit Card Grid values)
- किसी भी ऐसी वेबसाइट जो कि HTTPS प्रोटोकोल शिष्टाचार के बिना चल रही हो वहां पर अपनी खुफिया और निजी जानकारी को साझा न करें और न ही को रुपयों का लेन देन न करें।
- आपके बैंक पर किये गये लेन देन का ब्यौरा देने वाली सुविधायें जैसे कि ईमेल और एसएसएस (SMS) के लिये पंजीकरण करा कर रखें।
- अपने बैंकिंग लेन देन को समय समय पर ध्यान देते रहें।
- अपने मोबाइल और कंप्यूटर पर एक अच्छा एन्टी-वायरस (Anti-Virus) स्थापित कर के रखें।
- डाउनलोग करी हुई किसी भी फाइल को पहले वायरस न हो इसके लिये जांच लेना चाहिये ।
- अपने बैंक खाते के किसी भी अनधिकृत लेन देन को तरंत अपने बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र की जानकारी में लाना चाहिये ताकि वो छानबीन कर सकें।
सुरक्षित बैंकिंग कैसे करें?
Manisha
शुक्रवार, 17 मार्च 2017
बीन बजा कर कमाने वाला
पिछले दिनों हम एक पहाड़ी पर्यटन स्थल पर परिवार सहित घूमने गये हुये थे। वहां के मुख्य बाजार में घूमते घूमते एक जगह पर हमने देखा कि एक व्यक्ति ने सपेरे वाली बीन बजानी शुरु कर दी और लोगों का मनोरंजन करने लगा।
लोग बाग खुश होकर खुद ही कुछ न कुछ रुपये पैसे उसके आगे रखने लगे। हमें भी ये काफी अच्छा लगा और हमने उसका एक वीडियो भी अपने कैमरे से बना लिया।
आप भी इसको सुनिये और आनन्द लीजिये।
बीन बजा कर कमाने वाला
Manisha
मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016
काला धन आय घोषणा योजना 2016 और नकद रकम की समस्या
सरकार बार बार कह रही है कि इसकी अंतिम तिथि आगे नहीं बढ़ायी जायेगी और लोगों को इसका फायदा उठा कर अपने काले धन को सफेद धन में परिवर्तित कर लेना चाहिये। 30 सितम्बर के बाद सरकार सख्त कार्यवाही करेगी जिसके लिये लोग खुद जिम्मेदार होंगे।
इस आय घोषणा योजना 2016 की घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल 2016 के आम बजट में की थी। इस खिड़की के तहत घोषित काले धन पर टैक्स, पेनाल्टी और सेस के रूप में 45 फीसद रकम चुकाकर लोग बेदाग बाहर आ सकते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अफसरों को काला धन रखने वालों को इस स्कीम के तहत आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया है।
साथ ही कहा है कि अपनी घरेलू काली कमाई उजागर करने वालों को आश्वस्त किया जाए कि उनकी गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी।
ये सब योजना तो ठीक है लेकिन सरकार को ये भी देखना चाहिये कि काला धन क्यों पैदा होता है?
काले धन का एक प्रकार तो अपराध से कमाया गया पैसा है जिसके बारे में तो सरकार सख्त कार्यवाही करनी ही चाहिये। लेकिन जो अपनी आय छुपा कर कर बचाते हैं वो वास्तविक रुप से ही काला धन कहलाता है, काले धन से आशय भी यही होता है कि कर बचा कर पैसा रखना।
काला धन पैदा होने का कारण
तो काला धन पैदा होने का कारण एक तो ये है कि टैक्स की दरें भारत में बहुत ज्यादा है और नये नये प्रकार के टैक्स लगाने के तरीके ढूंढ़े जा रहे हैं।
इससे परेशान होकर जो लोग आय छुपा सकते हैं वो काफी हद तक छुपा कर टैक्स देने से बचते हैं। सरकार ज्यादा कमाने वालों पर ज्यादा टैक्स तो लगा देती है पर इस ज्यादा कमाने के लिये जो उसने अपने जीवन में मेंहनत की होती है उसका कोई ध्यान नहीं रखा जाता है।
निकम्मे और अकर्मण्य लोगोें को सरकार राहत देती है और मेहनत करने वालोें पर टैक्स लगाया जाता है। इसके अलावा जो टैक्स दे रहा है उसी को और दूहने को सरकारें और प्रयत्न करती रहती हैं।
तरह तरह के नोटिस टैक्स देने वालों को ही दिये जाते हैं और जो नहीं देते उनको कोई नोटिस नहीं देता, इस कारण भी लोग कहते हैं कि कर न देना ही अच्छा है। अत: सरकार को अगर टैक्स का पालन कराना है तो टैक्स दर कम होना चाहिये और टैक्स प्रशासन आसान होना चाहिये।
अब मैं बताती हूं कि नकद रकम लोग क्यों रखना चाहते हैं। हमारा अनुभव ऐसा है कि बैंक में रखे पैसे या चेक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के प्रयोग के मुकाबले जो लोग नकद रकम खर्च करते हैं वो फायदे में रहते हैं।
नकद रकम का फायदा
अब मैं बताती हूं कि नकद रकम लोग क्यों रखना चाहते हैं। हमारा अनुभव ऐसा है कि बैंक में रखे पैसे या चेक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के प्रयोग के मुकाबले जो लोग नकद रकम खर्च करते हैं वो फायदे में रहते हैं।
हमारे अनुभव तो इसी ओर इशारा करते हैं -
इसी तरह के रोजाना की जिन्दगी में कई उदाहरण हैं जिसकी वजह से लोग नकद रकम की ओर खिंचते हैं। सरकार को इस बारें में सोचने की जरुरत है। काला धन तब तक नहीं रुक सकता जब तक सफेद धन को रखनें में फायदे ज्यादा हों। अभी तो काले धन वालों को ही फायदा हैं। सरकार और समाज को समझने की जरुरत कि काला धन क्यों पैदा हो रहा है।
- अगर आप किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रानिक सामान को डेबिट या क्रेडिट कार्ड से खरीदने जायें को आप पर 2 प्रतिशत का बैंकिंग अधिभार लगा दिया जाता है, नकद में कोई समस्या नहीं है।
- अधिकांश बैंकों नें आपके डेबिट कार्ड के खर्च की प्रति दिन की सीमा 50 हजार और नकद निकालने की सीमा 25 हजार से 35 हजार रुपये तक निश्चित की हुई है, यानी की आप अपने पैसे को अपने हिसाब से खर्च भी नहीं कर सकते, नकद कितना भी खर्च करिये।
- इस सीमा की वजह से बड़ी खरीद में आप न चाह कर भी नकद रकम निकाल कर खर्च करते हैं जिसका फायदा उठा कर दुकानदार उस को आय में न दिखा कर काले धन में बदल देते हैं।
- इसी सीमा की वजह से हम को कई बार दो-तीन दिनों तक रोजाना रूपये निकाल कर ही कोई बड़ी रकम का समान खरीदा।
- मान लीजिये आपको 1 लाख रूपये का टीवी और होम थियेटर या कोई लैपटॉप खरीदना है और आपके बैंक में पर्याप्त रकम भी है और चाहते हैं कि जब भी आप इलेक्ट्रानिक की दुकान में जाकर सामान खरीदें तो नकद न ले जाना पड़े तो आपके पास कोई उपाय नहीं है, अगर बैंक चैक देंगे तो जब उसके द्वारा जब रकम दुकानदार के खाते में चली जायेगी तब वो आप सामान ले पायेंग यानी की दो-तीन दिन के बाद, अगर दूसरे शहर में हुये तो कोई विकल्प ही नहीं है चेक पेमेंट में कई दिन लगते हैं। अब डेबिट कार्ड के द्वारा आप पेमेंट कर नहीं सकते क्योंकि उसकी सीमा 25 या 35 हजार ही होगी। बचा क्रेडिट कार्ड, अगर इसकी भी सीमा अगर 1 लाख के उपर हुई तब ही आप पेमेंट कर पायेंगे। इसके अलावा 2 प्रतिशत का बैंक प्रतिभार अलग। यानी कि आप को हार झक मारकर नकद पैसा ले जाना ही उचित लगेगा। समझ में नहीं आता कि हमारे ही पैसे पर कई सीमा बैंक द्वारा क्यों लगाई गई है।
- कई बार हमें शहर के बड़े हस्पताल में अपने घर के या आस पडोस के किसी मिलने वाले को इलाज के लिये भर्ती कराना पड़ा जहां पर अस्पताल द्वारा पहले रकम जमा कराने को कहा गया जो कि लाखों में थी। अब आप सोच सकते हैं कि अगर आपके बैंक में रकम जमा भी हो तो भी आप केवल नकद द्वारा ही जमा करा सकते हैं यानी कि काला धन वालों को फायदा और सफेद धन वालों को नुकसान।
- एक अन्य कम आय वाले रिश्तेदार के बच्चों की शादी में हम लोग कुछ मदद करना चाहते तो हम लोगों ने टेंट और खाने के खर्चे को अपने उपर ले लिया जो कि लाखों में था। जब हमने पेमेंट के लिये बोला तो उसने कहा कि आपको नकद देना होगा, अगर डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड से दोगे तो सर्विस टैक्स देना होगा। यानी कि हमें नकद रकम देने में ही फायदा था, सर्विस टैक्स की रकम में तो हमें दूल्हा-दुल्हन कोई अन्य उपहार दे सकते थे। इन ही सब कारणों से लोग टैक्स चोरी करते हैं।
इसी तरह के रोजाना की जिन्दगी में कई उदाहरण हैं जिसकी वजह से लोग नकद रकम की ओर खिंचते हैं। सरकार को इस बारें में सोचने की जरुरत है। काला धन तब तक नहीं रुक सकता जब तक सफेद धन को रखनें में फायदे ज्यादा हों। अभी तो काले धन वालों को ही फायदा हैं। सरकार और समाज को समझने की जरुरत कि काला धन क्यों पैदा हो रहा है।
काला धन और नकद रकम पर हमारे अनुभव
Manisha
रविवार, 25 सितंबर 2016
रिटायरमेंट के लिए 47% भारतीय नहीं कर रहे बचत?
इस रिपोर्ट को ऑनलाइन सर्वे के आधार पर इपसोस मोरी ने तैयार किया। यह सर्वे सितंबर और अक्टूबर 2015 में किया गया। इसमें 17 देशों के 18,207 लोगों की प्रतिक्रिया ली गई। इन देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, मिस्र, फ्रांस, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, मेक्सिको, सिंगापुर, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।
रिपोर्ट में चिंताजनक पहलू यह है कि भारत में जिन 44 फीसद लोगों ने भविष्य के लिए बचत शुरू की थी, उन्होंने उसे रोक दिया है या ऐसा कर पाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। करीब 80 फीसद ने सेवानिवृत्त होने से पहले मित्रों और परिवार से सलाह ली। जबकि 82 फीसद को रिटायरमेंट के बाद इनकी सलाह मिली।
केवल 40 फीसद सेवानिवृत्त होने से पहले और 53 फीसद सेवानिवृत्त होने के बाद पेशेवरों से सलाह प्राप्त करते हैं। इनमें वित्तीय सलाहकार, सरकारी एजेंसी, इंश्योरेंस ब्रोकर्स सहित अन्य शामिल हैं।
रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा की अहमियत बढ़ जाती है। मेरे विचार में इस तरह की रिपोर्टस किसी न किसी उद्देश्य से प्रकाशित की जाती हैं। खास कर जब किसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी की कोई उत्पाद भारत में लांच होने वाला हो।
रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा की अहमियत बढ़ जाती है। मेरे विचार में इस तरह की रिपोर्टस किसी न किसी उद्देश्य से प्रकाशित की जाती हैं। खास कर जब किसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी की कोई उत्पाद भारत में लांच होने वाला हो।
भारत में सामाजिक सुरक्षा नाम मात्र की है और जो कुछ है भी वो भी केवल सरकारी क्षेत्र के कर्मियों और संगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिये ही है। तो अगर इन क्षेत्रों के कर्मियों को अगर रिटायरमेंट के बाद पेंशन और प्रोविडेंट फंड अगर मिल रहा है तो वे क्यों बचत करेंगे? दूसरी ओर असंगठित क्षेत्र के कर्मियों का तो कोई रिटायरमेंट होता ही नहीं है तो उनकी बचत कहां होगी।
दरअसल भारत के लोगों को पहले से ही पता है कि किसी के भरोसे नहीं रहा जा सकता। अपने काम करने के वर्षों के दौरान लोग बाग अपना पैसा सोने और अन्य वस्तुओं में निवेश करते चलते हैं।
दरअसल भारत के लोगों को पहले से ही पता है कि किसी के भरोसे नहीं रहा जा सकता। अपने काम करने के वर्षों के दौरान लोग बाग अपना पैसा सोने और अन्य वस्तुओं में निवेश करते चलते हैं।
दूसरी ओर सामाजिक ढांचा इस प्रकार बनाया गया है कि लोगो के बुढापे में उनके पुत्र उनका ध्यान रखते हैं। भारत में लोग कम पैसे में भी आराम से दिन काट लेते हैं।
अब ये सब बाते तो इन रिपोर्ट प्रकाशित करने वालों को नहीं पता, इसलिये वो ये कहते हैं कि भारतीय रिटायरमेंट के बाद के लिये बचत नहीं करते, वास्तविकता कुछ और ही है।
अब ये सब बाते तो इन रिपोर्ट प्रकाशित करने वालों को नहीं पता, इसलिये वो ये कहते हैं कि भारतीय रिटायरमेंट के बाद के लिये बचत नहीं करते, वास्तविकता कुछ और ही है।
क्या सचमुच रिटायरमेंट के लिए भारतीय नहीं कर रहे बचत?
Manisha
मंगलवार, 16 अगस्त 2016